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आज तक मैंने अन्तर्वासना पर अनगिनत कहानियां पढ़ी हैं। इसमें कुछ बहुत अच्छी लगीं और कुछ बनावटी भी लगीं.. पर मजेदार लगीं। इन कामुक और सच्ची कहानियों को पढ़ कर मुझे भी लग रहा है कि क्यों न मैं अपनी कहानी भी आपसे यहाँ शेयर करूँ।
मेरा नाम विचित्र कुमार है.. मैं राजकोट (गुजरात) से हूँ। मेरी उम्र 28 साल है.. हाइट 5’10” है। सब लोग यहाँ अपने लौड़े की साइज़ लिखते हैं.. जो मैं नहीं लिखने वाला हूँ। पर यह कह सकता हूँ कि मेरा हथियार चाहे जितनी भी अनुभवी औरत हो.. या जवान लौंडिया हो.. उसे एक बार तो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ चीखने पर मजबूर कर सकता है.. मतलब मेरा हथियार इतना लंबा और मोटा तो है ही। मेरा यह अभिमान कैसे चकनाचूर हुआ, यह आपको इस कहानी में पढ़ने को मिलेगा।
बात आज से 3 साल पहले की है, मेरी पढ़ाई चल रही थी, मैं बीकॉम कर रहा था। सब कुछ ठीक चल रहा था, मेरे पास 2 माल भी थे.. एक कॉलेज में और एक मेरे पीजी रूम के पड़ोस में था।
क्योंकि क्या कॉलेज तो दोपहर तक ही होता है.. बाद में बोर होना पड़ता था.. इसलिए पड़ोस में भी एक आइटम पटा ली थी। पड़ोस वाली मस्त थी.. और उसके साथ चुदाई भी कभी कभार होती थी।
पर कॉलेज वाली के साथ तो क्या बताऊँ यार.. जब चाहो वो तब चुदने को तैयार रहती थी.. क्योंकि वो साली एक नंबर की चुदक़्कड़ थी। उससे जब भी बोलो कि मुझे इच्छा हुई है.. तो तभी वो बोलती- चलो हो जाए।
मेरी लाइफ इसी तरह चल रही थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
मेरी असली कहानी अब शुरू हो रही है दोस्तो जो कि काफ़ी ऊँचाईयों तक पहुँची और फिर सब एक बुलबुले की तरह क्रॅश हो गया। ये सब कैसे हुआ.. लो आप खुद ही पढ़ लीजिए।
मैं अपनी फिटनेस के बारे बहुत गंभीर रहता था.. इसलिए रोज़ सुबह साढ़े छह बजे मैं जॉगिंग के लिए जाया करता था। एक दिन हुआ यूँ कि मैं रोज की तरह जॉगिंग कर रहा था.. तो एक औरत ने मुझे आवाज़ लगाई- सुनिए..!
मैं रुका और देखा तो एक औरत आवाज दे रही थी, वो तकरीबन 25 साल की होगी, उसकी माँग भरी हुई थी तो मैं समझ गया कि वो शादीशुदा है। मैंने भी जवाब दिया- जी कहिए? तो उसने पूछा- आप कितने टाइम से यहाँ जॉगिंग कर रहे हैं? मैंने कहा- कई महीनों से.. पर आप को क्या काम है?
तो वो हँसने लगी- अरे यार दिन नहीं पूछ रही हूँ.. आज और अभी का पूछ रही हूँ कि आप आज यहाँ कितनी मिनटों से यहाँ जॉगिंग कर रहे हो? तो मैंने कहा- आपको काम क्या है.. ये तो बताओ? उस पर वो औरत बोली- आपके पास मोबाइल है? तो मैंने कहा- हाँ क्यों?
वो बोली- मुझे सिर्फ़ दो मिनट के लिए दे दो। मैं कुछ नहीं बोला.. वो बोली- डरो मत.. मैं कोई चोर नहीं हूँ और आप मेरे साथ भी चल सकते हो.. क्योंकि मेरा मोबाइल यहीं कहीं गिर गया है। अगर आप मुझे अपना मोबाइल दे सकें.. तो मैं अपने मोबाइल पर कॉल करूँगी.. तो रिंग बजेगी.. जिससे मुझे ढूँढने में आसानी होगी। अब मैं हँसने लगा- क्या आप भी..
मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसे दे दिया। वो बेंच पर से उठी और नंबर डायल करने के बाद कान पर रख के चलने लगी। मैं थोड़ी देर तो बैठा रहा.. पर बाद में ख़याल आया कि इतनी जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
वो करीब 50-60 कदम ही चली होगी कि शायद उसका मोबाइल मिल गया मुझे ऐसा लग रहा था.. क्योंकि वो झाड़ी के पास कुछ ढूँढ रही थी।
मैं थोड़ा दूर खड़ा देखता रहा.. तभी वो आई और मेरी तरफ देखकर हँसते-हँसते मेरा मोबाइल देकर चली गई। तभी मेरी नज़र उसके मोबाइल पर पड़ी।
वो बहुत ही महँगा फोन था.. लेकिन मुझे उसके कपड़े सामान्य क्लास वाले लगे लेकिन मोबाइल देखने के बाद ये तो तय हो गया था कि वो एक पैसे वाले खानदान से है।
अब मैं उसे पीछे से देख रहा था और सोच रहा था कि कितनी सिंपल है यार। पर तभी मुझे ख़याल आया कि साली ने ‘थैंक्स’ तक नहीं बोला.. क्या यार वो पैसे वाली तो होगी.. पर तहजीब कहाँ गई?
मैंने मन ही मन में दो-तीन गालियां दीं और बोला- भाड़ में जाए साली, चूतिया टाइप की है।
मैं अपने रूम पर पहुँचा और नहा कर कॉलेज चला गया। पूरा दिन ऐसे ही फ़ालतू सा निकल गया।
करीब रात के 8 बज रहे होंगे कि मेरे मोबाइल पर एक कॉल आई.. कोई अननोन नंबर था। मैंने उठाया तो कोई लड़की ‘हैलो..’ बोल रही थी और तो मैंने पूछा- कौन? वो बोली- मैं पूनम..
तो मैंने पूछा- कौन पूनम.. मैं तो किसी पूनम को जानता नहीं हूँ.. आप कौन सी पूनम हैं.. और मेरा नंबर किसने दिया? क्या मेरा मज़ाक उड़ाने के फोन किया।
पूनम बोली- आप मुझे जानते हो। मैंने कहा- क्या? तो वो बोली- हाँ डियर.. तुम मुझे जानते हो और अगर मैं कहूँ कि मैं तुम्हारा यहाँ एक कॉफी शॉप पर तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ तो? मैंने पूछा- कौन सा कॉफ़ी शॉप?
उसने एड्रेस दिया.. मैंने अपनी बाइक निकाली और बताए पते पर चल दिया। कॉफ़ी शॉप के अन्दर जाते ही मैं ढूँढने लगा कि कौन है यार।
पर तभी पीछे से आवाज़ आई- सर.. तो मैं मुड़ा तो वेटर था और वो बोला- आपको मैडम ने ऊपर बुलाया है.. उसने दिशा बताई कि यहाँ से जाइए।
अब तो मैं भी उतावला हुए जा रहा था कि साली अपने को इतनी ज़्यादा लाइन देने वाला कौन पैदा हो गया है। मैं लगभग दौड़ता हुआ सीढ़ियाँ चढ़ गया और सीधा अन्दर केबिन में गया तो उसे देखा तो ठिठक गया ये तो सुबह वाला माल था।
मैं बोला- आप..? ओ माय गॉड.. आप विश्वास नहीं करोगे ये सुबह वाली वही सिम्पल सी दिखने वाली औरत थी.. जिसे मैंने अपना मोबाइल दो मिनट यूज़ करने के लिए दिया था। अभी तो क्या मस्त माल लग रही थी यार.. वो पिंक कलर की साड़ी में थी और क्या पटाखा माल लग रही थी साली!
वो मुझे देख कर उठी और उसने पहले मेरे साथ हाथ मिलाया और बोली- हाय.. आई एम पूनम! तो मैंने भी कहा- मैं विचित्र.. वो हँसने लगी.. तो मैंने पूछा- क्यों क्या हुआ? वो बोली- कुछ नहीं.. आपका नाम सुनकर हँसी आ रही है। मैंने कहा- ओके हँसो।
मैं थोड़ा सीरियस हो गया तो वो भी रुक गई और बोली- सॉरी.. मैं तो मज़ाक कर रही थी। मैंने कहा- इट्स ओके.. वो बोली- देखिए मैंने आपको स्पेशियली ‘थैंक्स..’ कहने के लिए यहाँ बुलाया है।
फिर पूनम ने कोफ़ी आर्डर की और हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे। कॉफ़ी पीते हुए बात ही बात में पता चला कि उसकी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है और वो बहुत पैसे वाली है।
मैंने भी कुछ अपनी बातें उसके साथ शेयर की.. पर न ज़ाने क्यों हम दोनों इतने घुल-मिल गए कि वक़्त का पता ही नहीं चला। तभी पूनम बोली- ओह माय गॉड.. साढ़े नौ बज गए.. आज तो मैं गई। उसने बोला- चलो चलते हैं मीत.. तो मैंने कहा- कौन मीत? वो बोली- तुम.. और मैं तुम्हें आज से मीत ही बोलूँगी.. क्योंकि मुझे तुम्हारा नाम कुछ पसंद नहीं आया.. ओके!
वो चलने लगी तो मैंने कहा- थोड़ी देर बैठो ना। पूनम बोली- सॉरी मीत.. पर मेरी सास बहुत ही खडूस है.. और वो तो देरी होने पर मुझे मार ही डालेगी।
इतना कहकर वो बाहर नीचे की तरफ चलने लगी.. तो मैं उसके पीछे चल दिया। बाहर जाते ही मैंने देखा तो वो एक फ़ोर व्हीलर के पास जा रही थी। क्या गाड़ी थी यार.. एकदम सुपर… अब मुझे पूरा यकीन हो गया कि यह तो बहुत ही अमीर है.. तभी मैं दौड़कर उसके पास गया और तब तक वो गाड़ी मैं बैठ चुकी थी..
तो मैंने विंडो ग्लास पर ‘ठक.. ठक..’ की.. तो उसने ग्लास खोला और बोली- यस मिस्टर? मैंने कहा- क्या हम दुबारा मिलेंगे? पूनम बोली- किसलिए? मेरे पास उसके इस सवाल का उत्तर नहीं था.. तो बस मैं मुंडी नीचे करके खड़ा रहा।
वो बोली- देखो मीत.. मुझे लगा कि मैंने तुम्हें सुबह ‘थैंक्स..’ नहीं कहा तो तुम्हें बुला कर ‘थैंक्स..’ बोल दूँ.. इसीलिए तुम्हें बुलाया था.. ओके.. बस हो गया। अब तुम दुबारा क्यों मिलना हो.. ये भी बता दो?
मैं अब भी चुप था।
वो थोड़ी गरम हो गई और बोली- दुबारा क्यों मिलना है.. मेरे साथ फ्लर्ट करोगे और मेरा उपयोग करोगे.. हाँ.. देख बेटा मैं कोई ऐसी-वैसी नहीं हूँ.. ओके, संभाल ज़रा अपने आपको.. समझा कुछ?
और इतना बोल कर वो फट से चली गई।
अब मुझे थोड़ा दुख होने लगा कि ये मैंने क्या कर दिया.. जो नहीं पूछना चाहिए था.. वो पूछ लिया। क्या यार.. और मन ही मन में मैं अपने आपको गालियां देने लगा।
यार इतना अच्छा मौका चला गया.. पर अब मुझे कहीं चैन नहीं पड़ रहा था। अब मुझे कैसे भी करके पूनम से बात करनी थी। मैं दूसरे दिन तो डर के मारे वाक पर नहीं जा सका.. क्योंकि मुझे लगा वो शायद मुझे देखते ही गाली देने लगेगी तो मेरी फजीहत हो जाएगी.. कल भी गरम हो गई थी। इसलिए मैंने सुबह घूमने जाना छोड़ दिया।
ऐसे ही 8 दिन बीत गए.. पर ना तो वो आई.. ना कुछ उसके समाचार मिले। अब मैं पूरा पागल हो चुका था कि क्या करूँ.. क्या ना करूँ। मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके एक दिन रात को पूनम को मैसेज किया और लिखा- सॉरी..
तो उसका उत्तर आया- मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है.. फिर से मैंने मैसेज किया- प्लीज़.. उसका उत्तर आया- देखो.. अब अगर तुमने मैसेज किया तो मैं पुलिस को तुम्हारा नंबर दे दूँगी।
अब मैं बहुत डर गया कि रहने दे यार साली लफड़ा कर सकती है।
आप सोच रहे होंगे कि इस कहानी में होना क्या है.. पर दोस्तो, यह मेरा सच्चा अनुभव है और इसके अगले भाग में आपको पता लगेगा कि मेरे साथ वास्तव में क्या हुआ था।
आप मुझे मेल कर सकते हैं। [email protected] कहानी जारी है।
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