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दोस्तो.. मुझे उम्मीद है कि आप सभी ने सविता भाभी के मिस इंडिया बनने के पहले भाग को उनकी चित्रकथा के माध्यम से पूरा देखा भी होगा और मजा भी लिया होगा।
मिस इंडिया बनने के कुछ कारण भी थे जो कि आपने इस चित्रकथा के माध्यम से जाने होंगे।
अब मिस इंडिया बनने की राह पर सविता भाभी ने प्रतियोगिता के जज पुरानी फिल्मों के अभिनेता जीत कुमार को अपने रूपजाल में फंसा कर इस प्रतियोगिता को जीतने का मन बना लिया था।
प्रतियोगिता की शुरूआत हो चुकी थी और अब सविता भाभी खुद को प्रस्तुत करने के लिए मेकअप आदि करते हुए सोच रही थीं कि आज प्रतियोगिता का दिन है और मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है.. सच में मैं बड़ी उत्साहित हूँ।
तभी जीत कुमार ने सविता भाभी के पास आते हुए कहा- हैलो सविता.. तुम प्रतियोगिता के लिए तैयार हो? ‘जी हाँ मैं बहुत उत्साहित हूँ जीत..’ ये कहते हुए सविता भाभी ने जीत का लौड़ा सहला दिया साथ ही जीत से कहा- और मुझे लगता है कि मैं जीत भी जाऊँगी।
सविता भाभी के द्वारा लौड़ा सहलाए जाने से जीत कुमार एक बार फिर से गनगना गया।
अभी खेल कुछ और करवट लेता कि तभी प्रतियोगिता की प्रबंधक आ गई।
‘लड़कियों.. तैयार हो जाओ.. शो शुरू होने वाला है.. और जीत सर.. बाकी के जज आपका इन्तजार कर रहे हैं।’
सभी जाने को तैयार होने लगे और जीत कुमार बाहर को जाने लगा।
तभी प्रबंधक कृतिका ने उस अक्खड़ मिजाज की लड़की स्मिता से कहा- स्मिता जल्दी करो.. पहले तुम्हारी बारी है। स्मिता ने अपने रूखे अंदाज में जबाव दिया- मैं तैयार हूँ।
बाहर रैंप पर शो का आगाज करते हुए उद्घोषिका ने घोषणा की- सम्मानित दर्शकों.. मिसेज बरगांव सौन्दर्य प्रतियोगिता में आप सभी का स्वागत है.. तो शो शुरू करते हैं।
शो की शुरुआत हो गई और प्रतियोगियों ने आना शुरू कर दिया।
पहले स्मिता कुलकर्णी अपनी मदमस्त जवानी के जलवे बिखेरते हुए आई.. सविता भाभी के आने की आवाज दी गई।
‘सविता पटेल..’ ‘रूपाली मेनन..’
एक के बाद एक प्रतियोगियों ने अपनी जवानी के जलवे बिखेरे और पुनः सविता भाभी के आने की घोषणा हुई।
‘और एक बार फिर सौन्दर्य मूर्ति सविता..’
इस बार सविता ने जो ड्रेस पहनी थी उसमें तो सविता ने मानो अपने रूप यौवन का दरिया ही बहा दिया था।
उनके उठे हुए मम्मों की उन्मुक्त छटा को देख कर एक जज तो अपनी आँखें गड़ाए ही रह गया।
कैमरामैन धड़ाधड़ फ़्लैश चमकाए जा रहे थे।
तभी सविता भाभी ने अपनी नजरों से उस जज की कामुक निगाहों को पढ़ते हुए अपने मन में सोचा कि ये तो मुझे आँखों से ही नंगा कर रहा है। मुझे लगता है यही जज मेरे ज्यादा काम का लगता है।
कुछ ही देर में प्रतियोगिता के प्रदर्शन करने के पहले दौर का समय खत्म होने की घोषणा हुई।
उद्घोषिका ने कहा- अब मैं आप सभी का आज की इस प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि से परिचय करना चाहूँगी। ये हैं हमारे मुख्य अतिथि और प्रधान प्रायोजक ध्यानचंद टेक्सटाइल्स के मालिक के सुपुत्र श्री राकेश ध्यानचंद.. इनका स्वागत कीजिए।
इधर कार्यक्रम चल रहा था और उधर सविता भाभी अपने साथ अन्य प्रतियोगियों के साथ ड्रेसिंग रूम में थीं।
एक प्रतियोगी ने खुद की ड्रेस की तारीफ़ करते हुए कहा- सच में मैं इस ड्रेस में कितनी उत्तेजक लग रही थी.. बिल्कुल असली मॉडल लग रही थी।
इस पर उस तुनकमिजाजी स्मिता की टिप्पणी आई- हुंह.. तुम असली मॉडल तब लगोगी जब तुम कुछ जीतोगी.. मुझे तो लगता है कि इस प्रतियोगिता का मुकुट मेरा हो चुका है।
उसकी दंभ भरी बात सुन कर सविता भाभी सोचने लगीं कि कैसी कुत्ती चीज है ये.. मेरे ख्याल से जीत कुमार मेरे साथ हैं तो बस इसे हारने के लिए यही काफी है। फिर भी मुझे अपनी जीत पक्की करने के लिए सभी तीनों जजों के साथ सोना चाहिए।
इसी सोच विचार के साथ सविता भाभी गहरे सोच में डूब गईं और उनके साथ सेक्स का वो आनन्ददायक स्वप्न भी चलने लगा.. जिसमें वे कैरोला नाम की उस महिला जज के साथ बिस्तर में पहुँच गई थीं। फिर कैरोला के लेस्बो करने के बाद राकेश ने भी सविता भाभी से अपना लौड़ा चुसवाया.. इसी क्रम में जीत कुमार भी अपना लण्ड हिलाते हुए सविता भाभी की चूत चोदने के लिए आ गए।
यह सब इतना उत्तेजक सपना था कि जिन पाठकों ने सविता भाभी की चित्रकथा देखी होगी.. वो सविता भाभी के इतने कामुक सपने के चित्रों के माध्यम से खुद अपने लण्ड और चूत को हिलाए या घुसवाए बिना नहीं रह सकेंगे।
अभी सविता भाभी यही सब सोच कर अपनी चुदास को मिटा रही थीं कि तभी किसी ने आवाज दी- सविता किन सपनों में डूबी हो दूसरा राउंड शुरू होने वाला है।
सौन्दर्य प्रतियोगिता चलती रही और आपस में सभी प्रतियोगियों की बहस और बातचीत भी चलती रही कि कौन विजयी होगा।
इस सबके उपरान्त सविता भाभी अपने लिए आवंटित एक कमरे में बैठी थीं कि तभी जीत कुमार अपने साथ राकेश को लेकर उस कमरे के दरवाजे के पास आए और दस्तक दी।
कमरे के अन्दर आकर जीत कुमार ने सविता भाभी से राकेश का परिचय करवाते हुए कहा- मुझे बताया गया था कि तुम यहाँ बैठी हो तो मैं अपने साथ देखो किसे तुमसे मिलवाने लाया हूँ। ये राकेश कुमार हैं खुद भी ये एक उभरते हुए मॉडल हैं। तुम इनसे बात करो, मुझे अंकों के मिलान के लिए जाना होगा।
सविता भाभी राकेश को देखते ही समझ गईं कि ये वही जज है.. जो उनके मम्मों को कामुकता से देख रहा था।
‘हैलो.. राकेश जी लगता है आप कम बोलते हैं..’ सविता भाभी ने कहा। ‘आप बहुत खूबसूरत हैं.. जीत ने मुझे आपके बारे में काफी कुछ बताया है।
उसकी बात को सुनकर सविता भाभी सोचने लगीं कि ऊह्ह.. साले जीत ने कहीं इसको ये तो नहीं बता दिया कि उसने मुझे रास्ते में चोदा था।
उधर राकेश ने सविता भाभी के सेक्सी जिस्म की तारीफ़ करते हुए उनके जिस्म पर हाथ फेरना आरम्भ कर दिया था।
‘आपको तो मॉडल होना चाहिए.. आपका सेक्सी जिस्म कितना चिकना और गरम है।’ ये कहते हुए राकेश ने सविता भाभी के मम्मों पर हाथ रख दिया। ‘ओह्ह.. ये आप क्या कर रहे हैं?’ ‘शर्माओ मत.. मुझे जीत ने तुम्हारे बारे में सब कुछ बता दिया है कि उसने कैसे तुम्हें रास्ते में चोदा था।’
सविता भाभी सोचने लगीं कि ओह्ह.. उस हरामी ने इसको सब बता दिया।
उधर राकेश ने सविता भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और इसके बाद राकेश ने सविता भाभी को कैसे चोदा तथा राकेश के साथ ही जीत ने भी सविता भाभी की चूत कैसे बजाई..
ये सब आपको चित्रकथा के माध्यम से इतना अधिक उत्तेजित कर देगा कि आप भी एक बार सविता भाभी के सुन्दर और कामुक जिस्म के कायल हो जाएंगे।
आपका स्वागत है।
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