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हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अभिषेक है, मैं नागपुर से हूँ और एक नामचीन कंपनी में एच आर हूँ। आज मैं आप सबके सामने अपनी रियल लाइफ की घटना लेकर आया हूँ। ये सत्य घटना होने की वजह से थोड़ी लंबी है.. पर बड़ी रसीली है।
यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोस की आंटी जया और उनके पति रवि (दोनों नाम बदले हुए) की है।
जया आंटी और अंकल पिछले 6 साल से हमारे पड़ोसी हैं.. उनके और हमारे फैमिली के अच्छे रिश्ते हैं। उनका हमारे घर में आना-जाना हमेशा लगा रहता है। अंकल की ज्वेलरी की शॉप है।
मेरा हमेशा से जया आंटी पर क्रश था.. लेकिन कुछ करने से डरता था। वो भी मुझे बेटे की तरह प्यार करती थीं। दुर्भाग्य से शादी के 6 साल बाद, अब तक उन्हें कोई बेबी नहीं हुआ।
उनके आने के कुछ दिन बाद ही मैं पढ़ाई के लिए हैदराबाद चला गया.. और 5 साल बाद लौटा। क्योंकि मैं उस दिन रात को आया था.. इसलिए आस-पड़ोस में किसी को पता नहीं था। दूसरे दिन मैं दोस्तो से मिलने के निकल गया।
आते वक़्त मैं बारडी मार्केट होते हुए आ रहा था.. तो मेरी नज़र एक खूबसूरत आंटी पर पड़ी। उनका फिगर 38सी-30-38 की थी। बड़े-बड़े मम्मे और इतनी सेक्सी गाण्ड थी कि देखता ही रह गया।
जब वो रास्ते पर चल रही थीं तो उनके पीछे वाले हिस्से में चूतड़ों के आकार को देख कर मेरे पैन्ट में धीरे-धीरे गर्मी होने लगी। लेकिन जब मैंने गौर से देखा तो वो हमारी पड़ोसन आंटी जया थीं।
मैंने उन्हें देखकर स्माइल दी.. पहले तो उनके चेहरे पर हैरानी दिखी। मैं समझ गया कि उन्होंने मुझे पहचाना नहीं.. क्योंकि मैं पहले बहुत ही दुबला हुआ करता था.. लेकिन जिम में बहुत मेहनत करके थोड़ी देह बना ली है।
मैं सीधा उनकी तरफ़ चला गया.. जिससे वो थोड़ी घबरा गईं क्यूंकि उनके पति पीछे ही थे।
मैंने उन दोनों को नमस्ते करके बताया कि मैं अभिषेक हूँ.. उनके पड़ोसी का बेटा.. तो वो दोनों मुझे देख कर सर्प्राइज़ हुए और बहुत खुश हुए।
अंकल ने मुझे शाम को चाय पर बुलाया और मैंने हामी भर दी।
शाम को मैं तैयार होकर उनके घर चला गया। अंकल और आंटी ने मुझे वेलकम किया.. मैं और अंकल बैठकर बात करने लगे। तभी अंकल को किसी का फोन आया और वो उठकर गैलरी में चले गए।
इतने में आंटी चाय लेकर आईं। क्या ग़ज़ब की बला लग रही थीं वो.. लाल रंग की सेमी ट्रांसपेरेंट साड़ी पहने हुई थीं और उस पर लो नेक ब्लाउज बहुत ही कामुकता बिखेर रहा था।
यह सब देखके मेरे पैन्ट में हलचल शुरू हो गई, मेरी नज़र तो उनके मम्मों पर से हट ही नहीं रही थी जो उन्होंने भी नोटिस कर लिया था।
वो मेरे पास आकर जैसे ही वो चाय देने झुकीं.. उनका पल्लू कंधे से सरक गया और उनके पूरे मम्मे मेरे सामने खुल गए। मेरा मन तो कर रहा था अभी ब्लाउज खोल कर उनके मम्मों को चूस-चूस के लाल कर दूँ लेकिन उतने में ही अंकल आ गए।
आंटी ने अपना पल्लू ठीक किया, वे मुझे चाय देकर किचन में चली गईं। मैं यहाँ से भी किचन में उन्हें पूरा क्लियर देख सकता था।
वहाँ से उन्होंने मेरे पैन्ट में बन रहे उभार को देख कर नॉटी सी स्माइल दी। मैंने अपने दूसरे पैर से उसे छुपाने की कोशिश की.. तो वो हँस पड़ीं।
हम तीनों ने कुछ देर बात की.. फिर मैं घर चला गया।
अगले दिन शनिवार होने की वजह से मेरी छुट्टी थी तो मैं सुबह उठ कर जिम गया और जब घर आया तो देखा आंटी घर के बाहर रंगोली बना रही थीं। मैंने उन्हें ‘गुड-मॉर्निंग’ कहा और अन्दर चला गया।
थोड़ी देर में आंटी मेरे घर पर आईं और सीधे किचन में चली गईं। थोड़ी देर बाद मेरी मॉम ने मुझे किचन में बुलाया और कहा- आंटी को कंप्यूटर चलाना सीखना है।
मैंने ‘हाँ’ कर दी और मैंने कहा- मैं आपको शनिवार और रविवार 12 बजे से सिखा दिया करूँगा। वो मान गईं और थैंक्स बोल कर चली गईं।
मैं तैयार होकर उनके घर पर गया और डोरबेल बजाई, आंटी ने दरवाजा खोला। मैं तो उन्हें देखता ही रह गया आज तो उन्होंने येल्लो कलर की ट्रांसपेरेंट साड़ी पहनी थी.. उस पर मैचिंग का लो-नेक ब्लाउज पहना हुआ था। ब्लाउज को देखकर मैं समझ गया कि आज आंटी ने पुशअप ब्रा पहनी हुई है।
उनके मम्मे तो मानो अब ब्लाउज के बाहर उछलने को बेकरार थे.. मानो कह रहे हों अब आओ भी और हमें दबाकर हमारा सारा रस चूस लो। उनकी साड़ी उनकी नाभि के नीचे बँधी थी। उनकी नाभि को देख कर तो मेरा बुरा हाल हुआ जा रहा था।
मेरे टाइट जीन्स में से भी मेरा टेंट दिख रहा था.. जो आंटी ने देख लिया, आंटी ने पूछा- क्या देख रहे हो? मैंने कहा- कुछ नहीं।
उन्होंने एक नॉटी स्माइल देकर अन्दर आने को कहा। हम दोनों अन्दर आकर बैठ गए।
हॉल में ही उनका कंप्यूटर रखा था। मैंने जाकर उसे स्टार्ट किया और उन्हें बेसिक सिखाने लगा।
वो बिल्कुल मेरे बाजू में सट कर बैठ गईं। जब मैं उन्हें स्क्रीन के कोई आप्शन के बारे में बताता तो वो मेरे और करीब आ जातीं। उनके मम्मे अब मेरे हाथों को टच कर रहे थे।
उनकी गहरी सांसों को मैं महसूस कर रहा था। बीच-बीच में वो अपना वो हाथ मेरे हाथ पर रख देती थीं.. जिस हाथ से वो माउस पकड़े थीं। अचानक उन्होंने अपना हाथ मेरी जाँघों पर रख दिया और कहने लगीं- इसकी भी एक्सरसाइज करते हो? मैंने कहा- हाँ..
उस दिन मैंने ‘लेग-वर्क आउट’ किया था। मैंने जल्दी से अपना बेसिक ख़त्म किया और जाने लगा.. तो उन्होंने मुझे रोक लिया और कहने लगीं- थोड़ी देर से चले जाना.. मैं भी घर पर अकेली बोर हो रही हूँ.. कुछ बातें करते हैं।
हम दोनों सोफे पर साथ में बैठ गए और बातें करने लगे। हमारी बातों में पिछले 5 साल मैंने कैसे निकाले, घर से बाहर पढ़ाई, एजुकेशन वगैरह।
धीरे-धीरे वो मुझसे और फ्रेंड्ली होने लगीं और मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगीं।
मैंने बता दिया कि मेरा दो साल पहले ब्रेकअप हो गया था.. तब से कोई गर्लफ्रेण्ड नहीं है।
उनके चेहरे पर खुशी साफ नज़र आ रही थी। उन्होंने पूछा- सेक्स किया या नहीं? मैंने भी कह दिया- हाँ.. लेकिन वो दो साल पहले किया था। फिर मैंने पूछा- आपकी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है?
तो वो थोड़ी उदास हो गईं.. मैं समझ गया, मैंने आंटी से पूछा- आंटी कोई प्राब्लम है.. मुझे बताइए मैं आपकी पूरी हेल्प करूँगा। उन्होंने बताया- शादी के 6 महीने बाद से मेरे पति का एक्सिडेंट हो गया था जिससे उनके पेनिस के नीचे वाले बॉल्स पर चोट लग गई और स्पर्म बनना छूट गया था और अभी उनका खड़ा भी नहीं होता है। तब से हम दोनों के बीच में सेक्स नहीं होता है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है.. कि क्या करूँ। परिवार के लोग भी अभी तरह-तरह की बातें करने लगे हैं.. सब कहते हैं मुझमें ही कमी है। लेकिन कोई मानने को तैयार ही नहीं है कि एक्सिडेंट के बाद उनमें कमी आ चुकी है। परिवार की लेडीज मुझे बांझ कहती हैं.. जब बाहर कहीं बच्चों को खेलता हुआ देखती हूँ तो मेरा भी मन करता है कि मेरा भी भी बेबी हो.. जो मुझे माँ कहे। मैं तुम्हारे अंकल से कहती हूँ कि टेस्ट ट्यूब बेबी कर लेते हैं तो वो ये नहीं चाहते कि उनके सेक्स प्राब्लम के बारे में सबके पता चले।
यह कहकर वो फूट-फूट कर रोने लगीं। मैंने उन्हें गले से लगा लिया और शांत कराने की कोशिश की।
उनका यह दुख मुझसे देखा नहीं गया.. तो मैंने उनसे कहा- आंटी, अगर आप चाहो तो सब ठीक हो सकता है। ये सुन कर वो मुझे अलग हुईं और पूछा- कैसे?
मैंने जवाब दिया- अगर आप और अंकल राज़ी हों.. तो आप दोनों को औलाद का सुख मिल सकता है और आपको बुरा-भला कहने वाले सभी का मुँह बंद हो सकता है। जैसे कि आपने कहा है कि अंकल डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते.. तो आप किसी भरोसे के आदमी के साथ सीक्रेट में एक दिन सम्बन्ध बनाकर प्रेग्नेंट हो सकती हो और वैसे भी अगर ऐसा करने से आपकी और आपके पति की समाज में इज़्ज़त बनी रह सकती है.. तो प्राब्लम ही क्या है।
वो मेरी बातों को बड़े गौर से सुन रही थीं क्योंकि मैं जानता था कि वो भी यही चाहती हैं। पर दोस्तो वो तो एक औरत हैं.. वो यह सब सीधे सीधे कैसे कह सकती हैं।
जब उन्होंने 5 मिनट तक कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया तो मैंने उन्हें ‘सॉरी’ कहा और उठकर जाने लगा। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर रोका और पूछा- पर इतने भरोसे का कौन है.. अगर किसी को पता चला तो हम कहीं के नहीं रहेंगे, क्या तुम मुझे प्रेग्नेंट कर सकते हो?
मैंने तुरंत ‘हाँ’ कर दी.. क्योंकि मैं उनकी मदद करना चाहता था। उन्होंने पूछा- क्या ये मुमकिन है?
मैंने बताया कि मैंने कैसे हमारे लैंड लॉर्ड की बहू को वन टाइम सेक्स से प्रेग्नेंट किया था और बाद में उन्हें लड़की हुई थी और बाद में मेरे लैंड लॉर्ड ने मुझसे 2 साल तक रेंट भी नहीं लिया था।
वो खुश होकर मेरे गले लग गईं और मुझे चूमने लगीं। मुझे लगा मानो कहीं अभी ही हम दोनों के बीच सेक्स ना शुरू हो जाए।
मैंने उन्हें रोक कर कहा- बस एक प्राब्लम है.. आपको अंकल से इस बारे में सीधे-सीधे बात करनी होगी.. क्योंकि मैं नहीं चाहता कि इस वजह से आप दोनों के रिश्ते में कोई दरार आए। आप उन्हें समझाइए कि ऐसा करने से उनकी ही इज़्ज़त बनी रहेगी और उनके और आपके बारे बुरा बोलने वालों के मुँह बंद हो जाएंगे।
यह सुन कर उन्होंने कहा- मैं आज ही तुम्हारे अंकल से बात करूँगी।
यह कह कर खुश होकर आंटी मेरे गले से लग गईं। उन्हें इतना खुश मैंने कभी नहीं देखा। हमने कुछ देर बात की फिर मैं घर चला आया। जाते वक़्त उन्हें मैंने अपना व्हाटसअप वाला नंबर दे दिया।
रात को करीब 11 बजे उनका मैसेज आया।
कहानी के अगले भाग में आपको पूरा किस्सा लिखता हूँ कि क्या हुआ। ये मेरी सच्ची कहानी है। कृपया आप अपने ईमेल मुझे जरूर भेजें।
[email protected] कहानी जारी है।
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