गर्लफ़्रेंड ने तुड़वा दी कमसिन नौकरानी की सील-1

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नमस्कार, मैं रवि काफी समय बाद हाज़िर हो रहा हूँ। मैं अपने किसी व्यक्तिगत काम की वजह से आपसे नहीं मिल पाया। दोस्तो, आपने मेरी कहानियों को बहुत पसंद किया और मुझे ढेर सारी ईमेल्स भी भेजीं.. काफी मेल्स अभी तक भी मिल रही हैं। सभी दोस्तों के प्यार का धन्यवाद।

मेरी कहानियाँ पढ़कर जो पाठिकाएं अपनी चूत में उंगली करती हैं और जो लड़के लंड हिलाते हैं.. उनके इमेल्स भी आ रहे थे कि मैं अब नई कहानी कब ला रहा हूँ।

सो अब आपके पास में कुछ नई कहानियां ला रहा हूँ। जो एक-एक करके आपके रिस्पांस के बाद आपको मिलेंगी। अगर कहानी अच्छी हुई तो भी.. और अगर न अच्छी लगे तो भी.. उसका विश्लेषण मुझे मेल में भेज देना।

अब ज्यादा बातें न करता हुआ मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।

यह कहानी है मेरी दोस्त नीलू की, जिसकी सहमति से मैं यहाँ लिख रहा हूँ।

नीलू मेरी ऑनलाइन दोस्त थी, वो हर रोज़ मुझसे सेक्स चैट करती थी, परन्तु धीरे-धीरे वो मेरी ख़ास दोस्त बन गई।

नीलू का अपना खुद का कारोबार है, उसकी आयु 28 साल की ही है। वो दिखने में बहुत ही सुन्दर और सेक्सी है। भले ही वो मैरिड है परन्तु उसकी चूत एकदम टाइट और फिगर फिट है। उसके पति कनाडा में रहते हैं। उसके घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है। कोई कमी है.. तो बस एक सेक्सी लंड की कमी है, जो अब मैंने पूरी कर दी है।

फिर हम कभी-कभी वक्त निकाल कर मिलते और खूब चुदाई करते और फन करते।

इस बार भी नीलू ने मुझे बताया- मैं इस शनिवार और रविवार को फ्री हूँ। अगर वक्त है तो तुम शनिवार रात को आ जाओ, हम रात को एन्जॉय करेंगे।

मैंने शनिवार को जाने का प्लान बनाया। मैं उसके कहे अनुसार रात को करीब 8 बजे उसके घर के सामने था। उसने मुझे नार्मल तरीके से नमस्ते की और गेट के अन्दर ले गई। उसने ब्लैक स्कर्ट और वाइट टॉप पहना था।

जैसे ही मैं ड्राइंग रूम में घुसा.. मैंने नीलू को अपनी गोद में उठा लिया और उसे किस करने लगा। वो भी साथ देती हुई मुझे किस कर रही थी। कुछ पल बाद वो नीचे उतरने के लिए छटपटाने लगी।

मैंने उसे छोड़ दिया, तभी वो मेन गेट लॉक करके आई और मुझे ड्राइंग रूम में ले गई।

अब वो बोली- ले जानू, अब कर ले जो मन करता है.. अब ये जान आपकी हुई। ये कहते हुए वो मेरी गोद में आ गई।

मैंने नीलू को गोद में उठाया और फिर से किस करते हुए उसके टॉप में हाथ डाल दिया। मैं साथ ही उसके होंठों को चूसता हुआ.. उसके कान तक किस भी कर रहा था, कभी होंठों को.. कभी कान.. कभी आँखें.. यानि सभी जगह पर कपड़ों के ऊपर से ही किस कर रहा था।

मेरी इस हरकत से नीलू थोड़ी गर्म हो गई थी। बोली- साले तड़पा दिया था.. कहाँ रहे इतनी देर। मैंने कहा- अब आ गया हूँ, अब कर देता हूँ तेरी तड़प दूर.. साली कुतिया..

इसी के साथ ही मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और ऊपर से उसका टॉप ऊपर करने लगा। उसने मेरा थोड़ा सहयोग किया और अपना टॉप अच्छे से ऊपर कर दिया।

उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, शायद उसने अपने मेरे लिए ऐसे खुले रखे हों। अब उसके दोनों कबूतर नंगे हो चुके थे। मैंने सबसे पहले दोनों मम्मों को किस किया ही था कि उसके मुँह से मजेदार सिसकारी निकली।

मैंने उसकी एक चूची को पकड़ कर दूसरी चूची को जोर से चूसने लगा। वो अब काफी गर्म हो चुकी थी।

मैंने कहा- साली मादरचोद, आज अच्छे से तेरी बहन चोदूंगा। नीलू बोली- साले.. मेरी बहन नहीं तू आज पहले मुझे चोद।

जैसे कि मेरे पुराने पाठकों को मालूम है कि हम सभी दोस्त, चुदाई में खुलकर गालियाँ देते हैं। इसी तरह नीलू भी गर्म हो रही थी। उसने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से पकड़ना शुरू किया।

वो मेरे लंड को ऊपर से पकड़ते हुए बोली- अरे मेरे यार का लंड आज तो काफी जोश में लग रहा है।

मैंने फिर उसे किस की और उसके एक मम्मे को काटता हुआ बोला- बहन की लौड़ी साली.. जब लंड की दीवानी रांड इसके नीचे पड़ी होगी.. तो अभी जोश में नहीं आएगा तो और कब आएगा साली।

मैंने उसे एक बार फिर खड़ा कर लिया अब मैंने उसका टॉप पूरी तरह से उतार दिया था।

वो बोली- साले न चाय न पानी.. आते ही सीधे मुझे पकड़ लिया। मैंने कहा- बहन की लौड़ी जिसे दूध मिले उसे चाय की क्या जरूरत.. पहले गाण्ड दिखा मादरचोदी।

उसने तुरंत आगे बढ़ कर अपना एक मम्मा मेरे मुँह में दे दिया और और अपनी गाण्ड को थोड़ा घुमाया, जिससे उसके चूतड़ आधे मेरी तरफ हो गए।

मैंने ऐसे ही ऊपर से उसके पूरे चूतड़ों पर अपना हाथ फेरा और उसका मम्मा छोड़ कर बोला- कुतिया तेरी तो गाण्ड भी काफी तड़प रही होगी।

उसने मुझे एक जोर से किस की और मेरे हाथों से छूट कर भाग गई। मैं देखता ही रह गया कि वो किचन में चली गई। कुछ ही देर में वो मेरे और अपने लिए दो कप चाय, स्नेक्स और पानी लेकर आई और बोली- पहले चाय ले लो फिर रात हमारी ही है।

मेरा स्वागत बढ़िया तरीके से हुआ था। मैं उसके साथ बैठ कर चाय पी रहा था और साथ में हमने कुछ घरेलू बातें की। उसके बाद वो मुझसे डिनर के बारे में बताने लगी।

‘डिनर दस बजे बनाऊँगी.. मैंने अपनी नौकरानी को बुलाया है, तब तक वो भी आ जाएगी।’ मैंने उससे कहा- यार आज तो रात हमारी है.. इसलिए नौकरानी को मना कर देती आने से। उसने कहा- नहीं यार.. मेरी नौकरानी हमारे 20 पुराने परिवारक विश्वासपात्र नौकरों के परिवार से ही है। असल में मेरे पति बहुत जोर कर रहे थे कि तुम अकेली मत रहो। इसी के चलते एक बार तो उन्होंने मेरी माँ को मेरे पास भेज दिया था.. वो यहाँ आकर रहने लगी थीं। उस हालत में मुझे तुमसे मिलने में भी दिक्कत आ सकती थी। सो उनके ज्यादा जोर देने पर अब मैंने इस नौकरानी को रख लिया। ये ईमानदार और अच्छी है। अब मेरे पति को भी ये है कि मेरे पास कोई है। मैंने अपनी नौकरानी को ऊपर का जो खाली बेडरूम था.. वो दे दिया, उसका घर यहीं पास में ही है। अब वो अपने घर से कुछ देर तक आएगी.. फिर खाना बनाएगी और फिर सोने चली जाएगी। तुम चलो चाय पिओ, फिर मस्ती करते हैं।

मैंने चाय खत्म की और बोला- चल कुतिया साली.. जो होगा सो बाद में देखा जाएगा.. पहले तेरा हुस्न देख लूँ एक बार.. आ जा दिखा अपना जलवा मादरचोद.. ये सुनते ही नीलू मेरे पास आई और बोली- ले अब देख ले अपनी रांड का हुस्न साले ठरकी।

मैंने नीलू के मम्मों को एक बार ट्रक के हॉर्न जैसे दबाया और अपने हाथ से उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए किस करने लगा। मैंने नीलू की पैंटी के अन्दर हाथ डालकर एक उंगली से उसकी चूत के दाने को टच किया।

वहाँ मुझे काफी गीलापन महसूस हुआ, तो मैंने कहा- कुतिया साली.. तुम तो पहले ही काफी पिघलने लगी हो, तेरी जवानी को अब मैं और पिघलाता हूँ मादरचोदी।

उसने एक कामुक सिसकी सी भरी और अपनी दोनों बाजू से मेरे बदन से लिपटाते हुए बोली- तो पिघला न साले.. ये जवानी अब तेरी जवानी से मिक्स होने को तड़प रही है।

मैंने तुरंत उसकी पैंटी को थोड़ा और नीचे किया तो वो सिसकते हुए बोली- साले मुझे अल्फ नंगी किए जा रहा है और खुद एक कपड़ा भी नहीं हटाया अभी तक.. तू भी तो दिखा अपनी जवानी का जलवा.. कमीने।

मैंने उसे छोड़ा तो नीलू ने तुरंत मेरी पैन्ट की हुक खोल कर उसे बाहर निकाल दिया। साथ ही मैंने अपनी शर्ट उतार कर एक साइड फैंक दी। इसके बाद मैंने अपनी बनियान तक उतार दी। अब मेरे शरीर पर केवल अंडरविअर ही बचा था।

मैंने नीलू को पकड़ा और इस बार चूंकि मैं नीलू को अल्फ नंगी कर चुका था।सो अब मैं नीलू के कानों को चूसते हुए नीचे की तरफ चाटते हुए जाने लगा। इससे नीलू बहुत तड़पने लगी थी।

मैं उसकी गर्दन, मम्मे, मम्मों की साइड और बैक, उसकी पीठ को अच्छी तरह चाट रहा था। मेरे हाथ उसकी चूत के ऊपर मालिश सी भी कर रहे थे।

फिर मैंने नीलू को घुमाया और उसकी पीठ को चाटते हुए उसके नीचे तक आने लगा। मैं बड़ी कामुकता से उसकी बांहों को.. जांघों को.. उसकी बगलें.. सभी जगह चूस रहा था, जिससे नीलू मचलने लगी थी।

वो बोली- उफ़.. अंह.. आपका यही अंदाज़ मेरी जान निकाल लेता है राजा..उन्ह..

नीलू का एक हाथ मेरे लंड पर चलने लगा था। मैंने उसे फिर घुमाया और उसके सामने नाभि और उसके नीचे का भाग चूसने लगा। नाभि से अब मैं धीरे-धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ रहा था। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और अब मैं उसकी चूत के बहुत करीब था। मैं उसके ऊपर आ गया और हम दोनों 69 पोजीशन में हो गए।

मैंने जैसे ही उसकी चूत को अपनी जीभ से टच किया.. तो वो बहुत मस्त सिस्कारियां भरने लगी और उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया।

मैं लगातार उसकी चूत को चूसे जा रहा था। मैं उसके दाने से लेकर अन्दर तक चाट रहा था। उसकी चूत में अन्दर तक उंगली भी डाल देता और कभी-कभी जीभ भी अन्दर डाल रहा था। वो मेरे लंड को जड़ तक मुँह में लेकर बेझिझक होकर चूस रही थी। मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ चुका था।

मैंने उसे तड़पाने के लिए उसकी चूत में उंगली डाल दी और उसके दाने को अपने दांतों में लेकर चूसने लगा और कभी-कभी दाने पर जीभ फेरता.. तो वो बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगती थी।

उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी। मैंने भी उसको एक बार वहीं पर झाड़ने का फैसला कर लिया था।

दोस्तों चुदाई का सही मजा जब ही आता है.. जब एक बार की उत्तेजना बाहर ही झड़ जाए।

इसके आगे चुदाई का मस्त खेल होने वाला है तो आप सभी से गुजारिश है कि इस मस्त चुदाई की कहानी को अपना पूरा समर्थन दीजिएगा।

आपके मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected] कहानी जारी है।

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