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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मैं रोमा.. फिर से एक कहानी लेकर आई हूँ। माफ़ कीजिएगा दोस्तो.. इस बार बहुत दिनों बाद मैं कहानी लिख रही हूँ। आप सभी ने मेरी कहानियां पढ़ी हैं और उन कहानियों को बहुत पसंद भी किया है.. उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया।
आज की मेरी कहानी एक मैरिड कपल के साथ की है।
अभी कुछ टाइम पहले मेरी फेसबुक की आईडी ब्लॉक हो गई थी.. जिसके कारण मुझे अब नई फेसबुक की आईडी बनानी पड़ी। इस नई फेसबुक आईडी में मेरे पास एक मैरिड कपल की रिक्वेस्ट आई.. जिनका नाम तुषार और तन्वी था। जब उनकी रिक्वेस्ट आई तो मैंने उनकी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर ली और हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया।
उन्होंने अपने बारे में बताया कि वो शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। एक 10 साल का और एक 6 साल का है। तुषार एक जिम ट्रेनर है, उनका अपना खुद का एक जिम है। उन्होंने मुझे अपनी उम्र तुषार 35 और तन्वी की उम्र 31 साल की बताई।
कुछ ही दिनों में मेरी उनसे दोस्ती बहुत ही अच्छी हो गई। वो दोनों बहुत ही ओपन माइंडेड थे, हम खूब चुदाई की बातें करने लगे। एक दूसरे से कभी-कभी हम रात में फ़ोन सेक्स भी करने लगे, तुषार मुझे फ़ोन पर जम कर चुदाई की बातें करते हुए चोदता.. जिसमें मुझे बहुत मजा आता था।
फिर एक दिन तुषार का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे मिलने के लिए बोला। पहले तो मैंने साफ मना कर दिया क्योंकि हम सभी एक ही सिटी के थे। पर उनके बार-बार रिक्वेस्ट करने पर मैंने भी सोची कि एक बार मिलने में क्या हर्ज है, मैंने ‘हाँ’ कर दी।
अगले दिन हम एक मॉल के रेस्टोरेंट में मिले। तुषार और तन्वी अपने दोनों बच्चों के साथ आए थे। तन्वी ने मुझे अपनी एक सहेली बता कर अपने बच्चों से मिलवाया।
तुषार दिखने में बहुत ही कामुक था.. उसका गठीला बदन देख कर तो मेरा उससे चुदने का मन करने लगा था। तन्वी भी काफी सुन्दर थी।
रेस्टोरेंट में कॉफ़ी पीने के बाद हमने थोड़ा वक्त मॉल घूम कर बिताया, फिर तुषार ने कहा- चलो हम तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देते हैं। मैंने उन्हें मना कर दिया- नहीं.. मैं खुद चली जाऊँगी।
मैं उनसे विदा लेकर अपने घर आ गई।
तुषार और तन्वी से मिलने के बाद तो मेरी तुषार से चुदवाने के इच्छा बढ़ती ही जा रही थी और मेरे लिए ये एक नया एक्सपीरियंस था.. क्योंकि वो एक मैरिड कपल थे.. जिसमें उसकी वाइफ भी शामिल थी। शायद उधर तुषार का भी यही हाल था। तुषार और तन्वी ने मुझे बताया कि उन्होंने काफी कपल स्वैप किया है.. उन्हें इस तरीके से सेक्स करना बहुत पसंद है।
अब तो तुषार लगभग रोज रात में मुझ से फ़ोन सेक्स करने लगे और कहते- रोमा, तुम्हें रियल में चोदने का बहुत मन है।
एक दिन तुषार ने बोला- चलो न.. रियल चुदाई का प्लान बनाते हैं.. बहुत हो गया ये फ़ोन सेक्स.. अब इसमें मजा नहीं आता। अब तो तुम्हें रियल में चोदने का बहुत मन है। मुझे अब दो चूत एक साथ चोदने का बहुत मन है। हमने कपल स्वैप तो बहुत किया है.. पर मैंने कभी दो चूत एक साथ नहीं चोदी हैं। मेरी ये इच्छा तुम पूरी कर दो रोमा।
चूंकि मेरा भी अब चुदाई का बहुत मन था.. तो मैंने भी ‘हाँ’ कर दी। तो तुषार ने अगले सन्डे मिलने के बात कही और उसी मॉल में मिलने के लिए कहा।
उनके साथ उनके बच्चे एक प्रॉब्लम थी। तुषार ने मुझे बताया- हम उसी मॉल में मिलेंगे, तुम और तन्वी कुछ शॉपिंग कर लेना.. तब तक मैं अपने बच्चों को अपने एक रिलेटिव एक घर छोड़ कर आ जाऊँगा।
अगले सन्डे मैं तैयार हो कर मॉल पहुँच गई। फिर तुषार और तन्वी भी आ गए। तन्वी और मैं मॉल में चले गए और तुषार अपने बच्चों को छोड़ने अपने रिलेटिव के पास चले गए।
मॉल में मैंने तन्वी से पूछा- हम यहाँ मॉल में क्या करेंगे? तन्वी ने कहा- शॉपिंग..
वो मुझे एक अंडरगारमेंट की शॉप में लेकर गई। तन्वी ने मुझे बताया कि वो जब भी किसी के साथ स्वैप करते है तो सामने वाले को ब्रा-पैंटी गिफ्ट करते हैं। आज मैं तुम्हें यहाँ से एक सेक्सी ब्रा-पैंटी दिलाऊँगी.. जिसे तुम आज पहनोगी और जिसे देख कर तुषार खुश हो जाएगा।
फिर तन्वी ने मुझे बहुत ही सेक्सी और थोड़ी ट्रांसपेरेंट ब्लैक कलर की ब्रा-पैंटी दिलाई और उसने भी अपने लिए एक रेड कलर की ब्रा-पैंटी ले ली।
कुछ ही देर बाद तुषार का भी कॉल गया। उसने कहा- वो बच्चों को छोड़ आया है.. और मॉल के बाहर खड़ा है।
हम दोनों मॉल से निकल कर बाहर आए तो तन्वी ने मुझे कार की अगली सीट पर बैठने के लिए कहा। मैं आगे बैठ गई अब हम उनके घर की तरफ जाने लगे। मेरे मन में एक अजीब से हलचल हो रही थी। तभी तुषार ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा, मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी।
फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और उठा कर उसे अपने लंड के ऊपर रख कर बोलने लगा- देखो रोमा तुम्हें अपने पास देख कर ये खड़ा होने लगा है। मैंने तुषार से कहा- अपने लंड को बोलो कि कुछ टाइम इन्तजार करे और अभी गाड़ी चलाने में ध्यान दो.. घर पहुँच कर आपके लंड को पूरे मजे मिलेंगे।
कुछ देर बाद हम घर पहुँच गए। उनका घर एक अपार्टमेंट की बिल्डिंग में थर्डफ्लोर पर था। घर पहुँच कर तन्वी ने तुषार से कहा- तुम यहीं लिविंगरूम में बैठो.. मैं और रोमा तैयार हो कर आते हैं।
तन्वी मुझे अपने कमरे में लेकर गई। उसने मुझे मेरी ब्रा-पैंटी वाला पैकिट दिया और बोली- लो पहन लो इसे।
मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी, तब तन्वी बोली- अब अगर तुम इतना शर्माओगी तो चुदवाओगी कैसे?
इतना कह कर तन्वी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और नई ब्रा-पैंटी पहनने लगी। उसे देख कर मैंने भी अपने कपड़े उतारे और नई ब्रा-पैंटी पहन ली।
तभी तुषार की आवाज आई- कितना टाइम लगेगा? तो तन्वी ने कहा- सब्र करो.. सब्र का फल मीठा होगा।
तन्वी ने मुझे देखा और कहा- रोमा तुम बहुत ही सेक्सी लग रही हो.. पर अगर अभी से तुषार को तुम्हारे चूचे और चूत दिख गई तो क्या फायदा.. इस ब्रा-पैंटी का मतलब होगा।
क्योंकि वो ब्रा-पैंटी एकदम ट्रांसपेरेंट थी। तब तन्वी ने मुझे एक सेक्सी सी नाइटी दी और कहा- इसे भी पहन लो।
मैंने वो नाइटी भी पहन ली। जब तन्वी और मैं तैयार हो कर बाहर आए.. तो मैंने देखा कि तुषार सोफे पर सिर्फ अंडरवियर पहने बैठा था और उसके कपड़े टेबल पर पड़े थे।
तुषार ने वाइट कलर की जॉकी की अंडरवियर पहनी थी। हमें देख कर उसने अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए कहा- आओ रानियो.. मेरे पास आ जाओ।
मैं और तन्वी भी सोफे पर बैठ गए। इससे पहले तुषार मेरे साथ कुछ करता, तन्वी ने कहा- रोमा तुम पहले चुदवाने चाहती हो या चुदाई देखना चाहती हो? मैंने तो कहा- मुझे तो पहले चुदाई देखनी है।
अब तन्वी ने अपने होंठ तुषार के होंठ पर रख दिए और उसे चुम्बन करने लगी.. पर तुषार की नजरें तो मेरे ऊपर ही थीं। कुछ देर तक उनकी चूमा-चाटी चलती रही, फिर तुषार ने अपना हाथ मेरी कमर में डाल कर मुझे अपनी तरफ खींचा। तो तन्वी ने कहा- रोमा तुषार का लंड देखना चाहोगी।
मैंने अपना सर ‘हाँ’ में हिलाया.. तो तन्वी ने तुषार की अंडरवियर को कुछ नीचे करते हुए लंड को बाहर निकाला जो कि एकदम खड़ा हो चुका था। तुषार का लंड देख कर मेरी आँखों में एक चमक आ गई, उसका लंड बहुत ही जोरदार था, काफी मोटा और लंबा था। एक तो उसका शरीर इतना गठीला था ऊपर से लंड भी जोरदार था। लंड देख कर तो मुझे मजा ही आ गया।
तन्वी ने लंड बाहर निकाल कर मुझे दिखाया और उसे चूसने लगी। तब तुषार ने मुझे ओर अपनी तरफ खींच और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर मुझे चुम्बन करने लगा। नीचे तन्वी तुषार का लंड चूस रही थी और इधर तुषार मेरा साथ चूमा-चाटी कर रहा था।
तुषार मेरी नाइटी उतारने लगा और मेरे मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। उधर तन्वी भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और तुषार मेरे मम्मों को दबा रहा था। मैं भी अब गर्म होने लगी थी।
तन्वी उठी और उसने अपनी ब्रा-पैंटी उतार दी और मुझे तुषार का लंड चूसने का इशारा किया।
मैं सोफे से उठ कर नीचे घुटनों के बल बैठ गई और अपना मुँह तुषार के लंड के पास ले ही जा रही थी कि तुषार ने मेरा सर पकड़ कर इस तरह दबाया कि उसका पूरा लंड मेरे मुँह में घुस गया। मैं भी मजे से लंड चूसने लगी।
अब तन्वी सोफे पर चढ़ी और तुषार के मुँह पर उसने अपनी चूत को लगा दिया। तुषार तन्वी की चूत चूसने लगा और मैं तुषार का लंड चूस रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चुसाई चलती रही।
मेरा अब मुँह लंड चूसते-चूसते दुखने लगा था, मैंने लंड मुँह से निकाला और थक कर सोफे पर जा कर बैठ गई।
तन्वी ने कहा- मेरी चूत बहुत ज्यादा गर्म हो गई है जान.. अब इसकी चुदाई करो.. पहले मुझे चोद दो.. फिर तुम आराम से रोमा की चुदाई करना। जब तक तुम दोनों चुदाई करोगे.. तब तक मैं खाने का इंतजाम कर लूँगी।
यह कहते हुए तन्वी जल्दी से सोफे पर घोड़ी बन गई और तुषार ने तन्वी की गांड पर एक जोर का थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उसकी चूत में लगा कर डालने लगा।
तन्वी चिल्लाने लगी- आह्ह.. और जोर से मारो.. पूरा घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में.. आह्ह्ह.. आअह्ह.. उई माँ मर गई.. आअह्ह..
अब तुषार भी पूरे जोश में आ चुका था, उसने तन्वी के बाल पकड़ लिए और जोर-जोर से धक्के मारने लगा ‘ले मेरी रंडी और जोर से ले आअह्ह.. आअह्ह.. मजा आ रहा है मेरी रांड को?’
तन्वी बोली- हाँ.. बहुत मजा आ रहा है.. आअह्ह.. मैं सोफे पर बैठी उनकी चुदाई देख रही थी।
कुछ देर उनकी चुदाई ऐसे ही चलती रही, फिर तन्वी ने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ जान.. तुषार ने कहा- मैं भी झड़ने वाला हूँ मेरी रंडी..
कुछ ही देर में दोनों झड़ गए, तुषार थक कर सोफे पर बैठ गया, तन्वी भी थक गई थी। फिर वो उठी और बोली- मैं नहा कर आती हूँ।
अब सोफे के एक कोने में तुषार बैठा था और दूसरे कोने में मैं बैठी हुई थी। तुषार का लंड सिकुड़ कर छोटा हो चुका था और वो हाँफ रहा था। कोई 5 मिनट तक तो हम ऐसे ही बैठे रहे, फिर मैंने तुषार से कहा- मैं तुम्हारे लिए पानी लेकर आती हूँ।
मैं उठ कर किचन में गई और पानी लेने लगी।
तभी तुषार किचन में आ गया और उसने पीछे से मुझे अपनी बांहों में भर लिया। फिर उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मुझसे कुछ कदम पीछे हट गया और कहने लगा- मुझे अपने जवानी तो दिखाओ मेरी जान।
वो मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगा, मैं अभी भी ब्रा-पैंटी पहने हुई थी, उसने मुझसे कहा- मेरी जान उतार दो इन्हें। मैंने तुषार से कहा- आप ही अपने हाथों से उतार दो।
उसने पहले मेरी ब्रा के हुक खोले और मेरे चूचे को अपने मुँह में ले लिया। फिर धीरे-धीरे दूध से खिसकते हुए नीचे आने लगा और अब उसने अपने दाँतों से मेरी पैंटी को पकड़ लिया और उसे दाँत से खींच कर ही नीचे करने लगा। जब मेरी पैंटी उतर गई तो उसने अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और मेरी चूत चूसने लगा।
मैं जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी- आह्ह.. आअह्ह्ह्ह.. और जोर से चूसो.. आह्ह.. खा जाओ मेरी चूत आह्ह..
फिर तुषार ने मुझे अपनी गोद में उठाया और किचन के प्लेटफॉर्म पर बिठा दिया और मेरे दोनों पैर फैला दिए। वो फिर से मेरी चूत का रसपान करने लगा।
इतने में तन्वी भी किचन में आ गई और कहने लगी- तुम्हें घर में और कोई जगह नहीं मिली.. जो तुम किचन में कर रहे हो।
तब मैंने तुषार को हटाने की कोशिश की, पर वो नहीं माना, उसने तन्वी से कहा- तुम अपना काम करो और हमने अपना काम करने दो। तन्वी ने भी कुछ नहीं कहा और वो खाना बनाने लगी।
इधर तुषार अभी भी मेरी चूत चूसे जा रहा था और मैं मस्ती में चिल्लाए जा रही थी।
अब तुषार का लंड भी अच्छे से खड़ा हो गया था। उसने मुझे नीचे उतारा और मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैंने कहा- यार यहाँ कैसे घोड़ी बनूँ?
तो उसने मेरा एक पैर उठा कर किचन की पट्टी पर रख दिया और मुझे प्लेटफॉर्म पर ही झुका दिया। फिर उसने धीरे से अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू किया। तुषार के लंड ने जैसे-जैसे मेरी चूत में जाना शुरू किया.. मेरी भी कामुक चीखें निकलने लगीं।
अब तुषार का पूरा लंड मेरी चूत में समा चुका था। फिर तुषार ने जोर-जोर से धक्के लगाने चालू किए और एक हाथ से मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगा। मैं जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी ‘आह्ह.. ओइह्ह..चोदो तुषार.. और जोर से चोदो मुझे.. आह्ह.. आह्ह.. ओह्ह.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो..’
‘हाँ मेरी रंडी.. मैं आज तेरी चूत का भोसड़ा ही बनाऊंगा.. ले साली बहन की लौड़ी मादरचोदी.. ले और जोर से खा.. आज तो तुझे इतना चोदूँगा कि तू अपनी जिंदगी की सारी चुदाई भूल जाएगी.. ले और साली छिनाल.. ले..’
मैं इस पोजिशन में अब थक चुकी थी मेरा पैर दर्द करने लगा था। यह बात मैंने तुषार से बोली तो उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल लिया और अपनी गोद में उठा लिया। उसने तन्वी से कहा- तुम खाना बना कर टेबल पर लगाओ.. तब तक हम कमरे में चुदाई करते हैं।
तुषार मुझे अपनी गोद में उठाए हुए बेडरूम में ले आया और मुझे बिस्तर पर बैठा कर मुझसे लंड चूसने को कहा।
मैं चूत रस से भीगा हुआ उसका लंड चूसने लगी। कुछ देर लंड चूसने के बाद उसने मुझे फिर से गोद में उठाया और बाथरूम में लेकर आ गया।
अब हम दोनों शावर के नीचे खड़े होकर चुम्मा-चाटी करने लगे। फिर तुषार ने मुझे वहीं बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया और फिर से मेरी चूत में लंड डाल दिया।
वो जोर-जोर से एक बार फिर मेरी चुदाई करने लगा, मैं भी मजे से चुदाई के मजे ले रही थी। तुषार ने कहा- रोमा डार्लिंग.. मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने कहा- प्लीज़ मेरी चूत में मत निकलना। उसने कहा- फिर कहाँ निकलूँ मेरी रंडी? मैंने कहा- मेरे मुँह में निकाल दो।
तो उसने जल्दी से अपना लंड मेरी चूत से निकाला और लंड को मेरे मुँह पर रख कर सारा पानी निकाल दिया।
हम दोनों बुरी तरह थक चुके थे, हमने साथ में शावर लिया और नंगे ही बाहर आ गए। तब तक तन्वी ने खाना टेबल पर लगा दिया था, तुषार और मैं तो नंगे ही थे.. पर तन्वी ने नाइटी पहनी हुई थी।
तुषार ने तन्वी से नाइटी उतार देने को कहा.. तो तन्वी ने भी नाइटी उतार दी। हम तीनों साथ में खाना खाया।
खाने के बाद हमारी चुदाई के दो राउंड और हुए।
तो यह थी दोस्तो, मेरी आज की कहानी… उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को पसंद आई होगी। आप लोगों को कैसी लगी.. बताइएगा जरूर। [email protected] नई फेसबुक आईडी[email protected]
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