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आज इस अन्तर्वासना के मंच के ज़रिए मैं अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ। पहले अपने बारे में बता दूँ.. मेरा नाम रॉनित है। मैं 24 साल का हूँ.. और सूरत गुजरात में रहता हूँ। यह कहानी मेरी खूबसूरत चाची अनिता के बारे में है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है इसलिए अगर कोई भूल हो जाए.. तो प्लीज़ नज़रअंदाज कर देना।
यह घटना तीन साल पहले की है। मेरी फैमिली ने उस वक़्त सूरत में ही नए फ्लैट में शिफ्ट किया था। इस अपार्टमेंट की खूबी यह थी कि एक फ्लोर पर सिर्फ़ दो फ्लैट थे। हमारे सामने वाला फ्लैट मेरे चाचाजी लिया था। चाचाजी मेरे पापा के सगे छोटे भाई हैं और 18-20 साल पहले भरूच जॉब के लिए शिफ्ट कर गए थे। चाचाजी ने अब भरूच से सूरत वापिस शिफ्ट किया था। चाचा के परिवार में चाची अनिता और उनका 13 साल का बेटा था। चाची की उम्र उस टाइम 36 साल के करीब रही होगी।
मैं अपने कॉलेज के तीसरे साल में पढ़ाई कर रहा था। मेरे अपने कॉलेज में वैसे तो एक से बढ़ कर एक ब्यूटीफुल लड़कियां थीं.. पर जब से मैंने अनिता चाची को देखा.. तो जाना कि वो सब लड़कियां तो चाची के सामने पानी भरती थीं।
अनिता चाची इस उम्र में भी हॉट लगती थीं। कोई देखे तो यकीन भी ना करे कि उनका तेरह साल का लड़का भी हो सकता है। मैं तो उनको देखते ही उन पर लट्टू हो गया था।
मैं आपके सामने अनिता चाची का हुस्न लिखूँ.. तो वो एक साधारण भारतीय नारी हैं। जैसा कि पहले भी लिखा है कि उनकी उम्र 36 साल है। उनकी स्किन गोरे रंग की है। हाइट करीब 5.2 फीट की होगी। उनकी आँखें बहुत ही क्यूट और बड़ी-बड़ी थीं। उनके मम्मे थोड़े से आम के आकार के.. उठी हुई चौंच वाले थे.. और उनका कप साइज़ बड़ी कटोरी जितना होगा। उनके होंठ भी बड़े सेक्सी थे.. जिसमें नीचे वाला होंठ थोड़ा बड़ा था, जो मानो किस करने के लिए ही बना हो। उनके बाल मध्यम लंबाई के थे.. कूल्हे एकदम सही साइज़ और शेप के थे। उनकी लचकती हुई कमर 28 इंच के करीब होगी। चाची का चेहरा बहुत ही क्यूट है और चेहरे की चमक भी टीनेजर्स लौंडियों जैसी थी। उनको हमेशा गुजराती स्टाइल में साड़ी पहनना पसंद है। जब वो रात को नाइट गाउन पहनती हैं तब तो मानो कहर ढाती हैं। वो बहुत सेक्सी और हॉट हैं।
हमारे और चाचाजी के फैमिली रिलेशन अच्छे थे, हम एक-दूसरे के घर अक्सर आया-जाया करते थे, हमारे एक-दूसरे के घर डिनर भी होते थे। मैं चाची को कभी-कभी घूरता रहता। मेरी नज़र कभी अचानक उनकी मम्मों की दरार.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उसकी नाभि.. या फिर उनके पर्फेक्ट कूल्हे पर पड़ जाती.. तो मैं उनके ख़यालों में खो जाता।
एक दिन मेरा नसीब चमक गया। उस दिन हमारे घर केबल का प्राब्लम था.. तो मैं अनिता चाची के घर टीवी देखने के लिए चला गया.. क्योंकि उनके घर डिश टीवी लगी है। मैं उनके घर हॉल में बैठ कर टीवी देख रहा था। उस टाइम घर पे सिर्फ़ अनिता चाची थीं.. क्योंकि चाचाजी ऑफिस गए हुए थे और कज़िन स्कूल में था।
उस टाइम अनिता चाची अन्दर के रूम की साफ़-सफाई कर रही थीं। मैं अपने टीवी प्रोग्राम में व्यस्त था। तभी अन्दर से अनिता चाची की आवाज़ आई.. तो मैं उठ कर अन्दर गया। मैंने देखा कि वो झाडू लेकर खड़ी थीं, उन्होंने अपनी साड़ी फोल्ड करके अपनी कमर में बाँध रखी थी। उनकी टांगें घुटनों से ऊपर तक दिख रही थी।
चाची ने स्टोर के ऊपरी माले में सफाई करनी थी इसलिए उन्होंने मुझे स्टूल को पकड़ने के लिए बुलाया था। स्टूल करीब 3 फीट का था।
वो स्टूल के ऊपर चढ़ गई, मैं स्टूल को पकड़ कर नीचे खड़ा था।
मैंने जब ऊपर देखा तो अनिता चाची की गोरी जाँघ साफ़ दिख रही थीं। उनकी लाल कलर की छोटे फूलों वाली पैन्टी भी साफ़ दिख रही थी। मैं उसी वक़्त काफ़ी उत्तेज़ित हो गया, मुझ पर चुदास बहुत जोरों से सवार हो गई थी, मुझे होश ही नहीं रहा.. मैं उत्तेजना में आकर उनकी पिंडली को चूमने लगा, मेरे हाथ अनिता चाची की जाँघ को रगड़ने लगे। पता नहीं उत्तेजना में मैं क्या कर रहा था.. पर जो भी हो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
उतने में अनिता चाची नीचे उतर आईं। मैं उनको किस करने लगा, मैंने उनकी छाती को किस किया, गर्दन को किस किया, कानों को किस किया, गालों को भी किस किया। मैं पागलों की तरह यह सब कर रहा था।
अनिता चाची भी अचानक से हुए मेरे इस बर्ताव को समझ नहीं पाईं, वो भी भावना में बहने लगी थीं। मैं उनको होंठों पर किस करने लगा.. तो उन्होंने भी अच्छा जवाब दिया, उन्होंने अपने होंठ खोल दिए। अब हम दोनों ही एक-दूसरे के होंठ को चूस रहे थे।
तभी अचानक अनिता चाची को न जाने क्या हुआ.. पता नहीं, उन्होंने मुझे धक्का देकर के किस करना छोड़ दिया।
वो बोलीं- यह ठीक नहीं है.. प्लीज़ तुम चले जाओ और यह सब भूल जाओ।
मैं एकदम से घबरा गया, एक पल के लिए मुझे भी यह ग़लत लगा लेकिन जैसे ही वो चलने लगीं.. तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया। उनके चिकने पेट पर एक हाथ रख कर सहलाने लगा और दूसरा हाथ उनके मम्मों पर रख कर दबाने लगा।
इसी के साथ ही मैं उनकी गर्दन को किस करता जा रहा था। अनिता चाची वापस से पिघल गईं और खुद भी बेताबी से मुझे किस करने लगीं।
मैं उनको अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया और उनकी साड़ी निकाल दी, वो पूरी तरह उत्तेजना से काँप रही थीं, उनके मन में दो किस्म के विचार आ रहे थे, वो उत्तेजित भी थीं.. पर बार-बार बोलती भी जा रही थीं- यह ठीक नहीं है.. हमें यह नहीं करना चाहिए।
चाची ये सब बोल तो रही थीं.. पर पूरी तरह से विरोध भी नहीं कर रही थीं।
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी, वो अपने ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया, वो अभी भी काँप रही थीं। मैं उनके गालों को किस करते हुए फिर से उनकी गर्दन को चूमने लगा। इसके बाद जैसे ही मैंने उनके पेट पर अपनी जीभ को फिराई.. उनका पेट बहुत जोर से थिरकने लगा। अब अनिता चाची उठ कर जैसे ही बोलने जा रही थीं कि यह ग़लत है.. तभी मैंने उनके पेट की नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उनके मुँह से एक कामोत्तेजक सीत्कार निकली- आमम्मह.. अयाया.. यह ठीक नहीं है..
अभी मैं उनकी नाभि को चूस ही रहा था.. कि वो बोलीं- उउम्म्म्म र..रोनित.. प्लीज़ इसस्स.. अया.. छोड़ दो.. चले जाओ..
मैं उनकी सिसकारियाँ सुन कर बहुत ही उत्तेजित हो चुका था।
अनिता चाची की सांसें काफ़ी भारी हो गई थीं। मैं अब उनके ब्लाउज से चूचों की दरार को ऊपर से ही चूसता हुआ गर्दन को चूसते हुए.. उनके गालों को चूमने लगा, मैं अपने होंठ उनके होंठों के पास ले गया.. तो वो मुझे किस के लिए खींचने लगीं।
मैं उनके होंठों पर टूट पड़ा.. और बड़े ज़ोरों से उनके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा, उन्होंने भी अपना मुँह खोल दिया और हमारी जीभ आपस में मिल गईं, हम एक-दूसरे की जीभ को मस्ती से चूसने लगे, एक-दूसरे की लार को पीते हुए गरम होने लगे.. ये काफ़ी कामुक और लंबा चुम्बन था।
किस खत्म होने के बाद मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए। उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। बाद में उन्होंने बताया कि वो अक्सर घर में ब्रा नहीं पहनती हैं।
अब उनके मम्मे नंगे हो गए थे। उनके मम्मे ब्लाउज के पहने होने पर छोटे दिखते थे.. पर ये तो बहुत बड़े थे। मैं उनके एक मम्मे को चूसने लगा और दूसरे दूध को मसलने लगा। उनके मम्मे बहुत ही नर्म थे.. जैसे कोई रुई के गोले हों।
उनके मम्मों को चूसने में जन्नत का मज़ा आ रहा था, मैं बारी-बारी से उनके दोनों मम्मों को चूसने लगा और उन्हें मसलने लगा।
जब मैं अनिता चाची के निप्पलों को चूसने लगा.. तो उनकी सिसकारियां बढ़ने लगीं।
मैं उनके निप्पलों को होंठों से दबा कर ज़ोर से चूसने लगा तो उनकी प्रतिक्रिया स्वरूप आहें बहुत तीव्रता से निकलने लगीं ‘सस्शहशह.. आआहह.. आआ.. स्शहस्स्स..’
चूचे चूसने के कारण उनके निप्पल खड़े हो गए थे, खड़े निप्पल काफ़ी सेक्सी लग रहे थे। उनके मम्मों से बहुत देर तक खेलने बाद मैंने उनके सपाट चिकने पेट को चूसते हुए उनके पेटीकोट की डोरी खोल दी और एक ही झटके से उसे निकाल कर फेंक दिया।
अब वो सिर्फ़ एक लाल पैन्टी और खुले हुए ब्लाउज में बिस्तर पर कांपते हुए और भारी साँसें लेते हुए अपने मादक बदन के साथ लेटी हुई थीं।
अभी भी वो बोल रही थीं- रोनित यह ठीक नहीं है.. प्लीज़ चले जाओ।
अनीता चाची की आवाज को सुन कर एक बार मुझे फिर लगा कि ‘केएलपीडी’ न हो जाए।
अगले भाग में मैं आगे की घटना को लिखूँगा.. आप सभी के मेल का स्वागत है।
[email protected] कहानी जारी है।
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