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हाय.. मेरा नाम राजेश है। मैं 22 साल का 5 फुट 8 इंच हाइट का लड़का हूँ। मैं एक आईटी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
पिछले साल की बात है, मैं गर्मियों में अपने दोस्त के पास गाजियाबाद घूमने गया। मेरा दोस्त जॉब करता था.. तो मैं अकेला ही कमरे पर था। मुझे हैकिंग का शौक है.. इसीलिए मैं हमेशा अपने लैपटाप पर काम करता रहता हूँ।
मेर दोस्त के मकान-मालिक की लड़की प्रिया, जो कि कालेज के पहले साल में थी, साली.. बहुत सेक्सी थी, मस्त फ़िगर था, चलती थी तो कयामत ढा देती थी। उसने जवानी में नया-नया पैर रखा था, उसकी चूत का दाना कूदने लगा था। पर मैंने उसे ऐसी नज़र से कभी नहीं देखा था, मेरी बस उससे कभी-कभी बात हो जाती थी।
एक दिन मेरे दोस्त की ड्यूटी नाईट शिफ्ट में थी.. उस दिन वो शाम को मेरे कमरे में आई और कहने लगी- मुझे कम्प्यूटर सिखाओ। मैंने कहा- क्लास लगेगी, वो भी रात को। वो कहने लगी- ठीक है.. मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊँगी।
वो रात को मेरे कमरे में आई। मैंने उसे कम्प्यूटर ऑन करके दिया, उसको गाने चलाना, सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको फ़िल्म चलाना सिखा कर फोन पर बात करने बाहर चला गया।
उसने एक सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक कर दिया। उसने वो फ़िल्म एकदम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो उसने मेरी ओर देखा।
मैं अभी भी फ़ोन पर था, वो आराम से फ़िल्म देखने लगी। जैसे ही मैं अन्दर आया वो एकदम से लैपटाप बन्द करके चली गई। मुझे ये बात समझ में नहीं आई।
अगले दिन वो फिर उसी समय कमरे में आई, मस्त माल लग रही थी। मैं समझ गया आज तो कुछ मसला है। आते ही उसने पूछा- तुम्हें सबसे ज्यादा क्या पसन्द है? वो मुझ से सटकर बैठ गई। मैंने कहा- हैकिंग..
उसके पास बैठते ही मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था, मैं उसको बताते हुए छू रहा था। इस वक्त भी मैंने वो ही फ़िल्म वाला फ़ोल्डर खोल रखा था।
‘ये कौन सी फ़िल्म है?’ उसने एक मादक सी अंगड़ाई ली और वर्जिन नाम की फ़िल्म की तरफ़ इशारा किया। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी।
मैंने कहा- ये वर्जिन हैकिंग है। वो शरमा गई।
मैं तो कब से ऐसे अवसर की तलाश में था, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। उसने इस तरह अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की कि वो मेरी गोद में गिर पड़ी। मेरा मस्त कलंदर लौड़ा तो उसके मोटे-मोटे नितम्बों के बीच ठीक फूल कुमारी के छेद से लग गया। उसकी छम्मक-छल्लो के अन्दर सरसराहट सी होने लगी, उसका सारा शरीर झनझना उठा।
मैं उसे लिप किस करने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और चूसने लगा। यह मेरा पहला सेक्स था।
उसके बाद मैंने उसके एक दूध को पकड़ कर दबाया.. आह्ह.. इतना मजा आया कि क्या बोलूं।
उसके बाद मैं अपना हाथ जींस के ऊपर ही उसके चूत पर फेरने लगा, अब वो गरम होने लगी। मैंने सबसे पहले उसका टॉप उतारा.. अन्दर ब्रा थी, उसके बाद जींस उतारी, उसके बाद मैं उसे दबाने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी ‘अह..ह्ह्ह्ह.. ऊओअ.. राजेश बहुत मजा आ रहा है जान..’
फिर मैंने पैंटी उतारी और अपना अंडरवियर भी निकाल दिया। वो मेरा लंड देख कर खुश हो गई।
वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी, उसकी छोटी-छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थीं, मैंने पहली बार उसे नंगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा, वो मस्त होकर तड़फ़ रही थी, मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा ‘ऊई आह आआहह..’ वो मस्त हो रही थी।
उसके बाद मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाल दी। वो बोली- हाय.. मैं मर गई। उसके बाद मैं चूत में उंगली करने लगा, एक हाथ से उंगली कर रहा था और एक से उसकी मम्मों को दबा रहा था।
अब वो बोली- मुझे कुछ हो रहा है, जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ। मैंने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? ‘नहीं.. जल्दी करो!’
मैंने कहा- दर्द बहुत होगा.. झेल लोगी? वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाए, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोड़ना मत.. बस अब जल्दी करो… चोद डालो.. फ़ाड़ डालो मेरी चूत.. बस जल्दी करो।
अब वो पूरी तरह गर्म हो गई थी, मैंने उसकी बुर से उंगली निकाली और खड़ा हो गया। वो भी घुटनों के बल बैठ गई और मैं पोजीशन में आकर उसकी चूत चाटने लगा।
हम दोनों ही वर्जिन थे इसलिए किसी का गिरा नहीं था। फिर मैंने चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो थोड़ा सा लंड ही चूत के अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी- छोड़ दो, बस करो, मर जाऊँगी।
मैंने एक जोर से झटका मारा और मेरा लण्ड चूत की सील तोड़ते हुए अन्दर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके चुचूक चूसने लगा। अब वो मस्त हो रही थी, थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरू किए। वो भी मेरा साथ देने लगी थी, वो चूतड़ उठा-उठा कर चुद रही थी, अब हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था।
उसके बाद मैं लेट गया और वो अपनी चूत मेरे लंड पर सैट करके बैठ गई। अब मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा।
जब मैं झड़ने वाला था.. तो रुक गया और उसके बाद गोद में बिठा कर फिर से उसकी चूत मारने लगा, देर तक हमने चोदा-चोदी का खेल खेला, उसके बाद हम दोनों झड़ गए।
उसकी चूत की प्यास उस दिन ठंडी हो गई।
उसके दो दिन बाद मैं घर आ गया और मेरे दोस्त ने वो कमरा छोड़ दिया। तब से उस वर्जिन हैकिंग माल का मैं आज भी इन्तजार कर रहा हूँ।
कैसी लगी आपको मेरी यह पहली सच्ची कहानी। जरूर बताइएगा। [email protected]
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