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अब तक आपने पढ़ा.. नीलू और मैं मुख चोदन में मस्त और अस्त-व्यस्त थे। अब आगे..
वो मेरे लंड को जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगी थी, मेरे लंड के सभी तरफ वो अपनी जीभ को बहुत तेज-तेज अपनी जीभ चला रही थी.. जिससे मुझे भी काफी उत्तेजना महसूस हो रही थी।
मैंने अपने होंठों से फ्रेंच किस की तरह उसकी पूरी चूत को अपने मुँह में ले लिया, इससे नीलू बहुत उत्तेजित हो गई, मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल रखी थी। अब की बार नीलू सिसकारी भी भर रही थी।
उसके दोनों मम्मे मेरी जांघों के नीचे थे, वो भी दब कर मज़ा दे रहे थे इसलिए ज़ल्दी ही उसकी जवानी का चश्मा (झरना) फूट पड़ा और नीलू की चूत से उसकी जवानी का रस पिघल कर मेरे मुँह में आने लगा। वो काम आनन्द से सिसकारने लगी। मैंने उसका सारा रस अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
मैंने उसे और उत्तेजना देने के लिए उसके दाने पर भी लगातार जीभ से चुसाई जारी रखी। वो मादकता से सिसकार रही थी और मेरे लंड को अपने मुँह में बहुत तेज-तेज आगे-पीछे कर रही थी जिसे मैं भी ज्यादा बर्दाश्त न कर पाया और मेरे लौड़े ने अपनी धार सीधे उसके मुँह में छोड़ दी।
मेरे लंड की पहली धार जैसे ही उसके मुँह में गिरी.. तो उसने मेरे लंड को हर बार की तरह जोर से कस लिया और अपने मुँह में गिर रहे लंड रस का मज़ा लेने लगी। इधर नीचे से उसकी धार छोड़ रही चूत मेरे मुँह में थी और मैं भी उसकी चूत के रस को पिए जा रहा था।
करीब 2 मिनट तक हम ऐसे ही एक-दूसरे के रस को पीते रहे और एक-दूसरे के जिस्म को कस कर पकड़े रखा, उसकी टांगों को मैंने अपने हाथों में पकड़ा हुआ था। मेरी दोनों टांगों को भी नीलू ने अपने हाथों में ले रखा था।
अब वो मेरे लंड का सारा रस पी चुकी थी और मेरे टट्टों को भी चूसने लगी थी। कुछ पल बाद हम दोनों अलग हुए और एक-दूसरे को छोड़ा और एक-दूसरे को चूमते हुए और हँसते हुए छेड़ने लगे।
मैंने उससे कहा- क्यों साली.. कैसा रहा तेरे मर्द का पहला राउंड मेरी कुतिया? वो बोली- मादरचोद.. ये राउंड तो बढ़िया रहा.. बाकी रात को पता चलेगा.. चलो अब ज़ल्दी से कपड़े पहन लो.. शालू (उसकी नौकरानी का नाम शालू है) आने वाली होगी।
नीलू कपड़े पहन कर घर के काम में लग गई और मैं बाथरूम में नहाने चला गया।
जब तक मैं नहाकर बाहर आया.. तब तक शालू भी आ चुकी थी, नीलू और शालू दोनों किचन में काम कर रही थीं।
नीलू ने खाना लगवा दिया, मैं और नीलू एक साथ बैठकर खाना खाने लगे और शालू हमें खाना खिला रही थी। तभी बातों बातों में नीलू ने मुझे धीमे स्वर में बता दिया था- शालू को मैंने बता दिया है कि तुम हमारे रिश्तेदार हो.. इधर किसी काम आए थे.. तो मिलने चले आए। रात को कहीं बाहर रुकने वाले थे तो मैंने जोर देकर तुम्हें यहीं पर रुकवा लिया। नौकर होने की वजह से शालू ने कोई सवाल तो किया ही नहीं था।
हमने खाना ख़त्म किया और उन्होंने मुझे नीचे का दूसरा बेडरूम जो खाली पड़ा था, वो शालू से खुलवा दिया था.. मैं वहाँ चला गया। शालू अपना काम खत्म करके ऊपर चली गई थी। नीलू भी अब फ्री हो गई थी, नीलू दो गिलास दूध लेकर मेरे बेडरूम में आ गई और बोली- लो मेरे राजा.. अब हम दोनों फ्री हैं.. आप बैठ कर टीवी देखो.. मैं फ्रेश हो आऊँ और नहा आऊँ।
मैंने कहा- बाद में चली जाना। बोली- नहीं.. एक बार मुझे नहा लेने दो प्लीज़, बस मैं गई और अभी आई।
कहते हुए वो मेरे कमरे के ही बाथरूम में चली गई। मैं उतनी देर मैं टीवी पर न्यूज़ देखने लगा। वो कुछ देर बाद बाथरूम से बाहर निकली.. तो क्या कयामत ढा रही थी। बस ब्रा और पैंटी और एक जालीदार लॉन्ग नाईट गाउन जिसमें से उसकी लाल पैंटी और लाल जालीदार ब्रा साफ़ दिख रही थी।
उसने आते ही ट्रे में रखे दूध के गिलास के को आगे किया और मुझे पीने के लिए दिया, बोली- डार्लिंग ये बादाम किशमिश मिक्स दूध है.. पी लो.. तभी तो तुम्हारा दूध निकलेगा न!
हम दोनों हँसने लगे।
मैंने भी नहाने के बाद बस सादा सा जालीदार नाईट गाउन पहना था.. जो उतारना बहुत आसान था। उसके नीचे मैंने भी बस अंडरवियर ही पहना था।
मैं बेड के ऊपर आ गया और नीलू भी मेरे पास आ गई, हमने अपनी टांगों पर कम्बल डाल लिया और साथ बैठ कर दूध पीने लगे। मैंने नीलू को कहा- जानेमन, बहुत दिन हो गए.. तेरा ये मखमली बदन छुए हुए। वो तुरंत हँसते हुए बोली- अभी तो छुआ है। हम दोनों ऐसे ही हँसी-मज़ाक कर रहे थे।
फिर मैं नीलू के बदन को चूमने लगा और उसके बदन को फिर से हर जगह पर चूमते हुए मज़ा देने लगा, उसके होंठों से लेकर उसकी बांहों को मदभरे तरीके से चूम रहा था।
मैंने चूमने के साथ ही उसका नाईट गाउन उतार दिया था, वो मुझसे लिपटी पड़ी थी और मैं भी उसे बेतहाशा चूमे भी जा रहा था। नीलू भी सिस्कारती हुई मेरा साथ देने लगी थी। मैंने उसके शरीर से गाउन उतार कर दूर फेंक दिया था और उसके शरीर पर बस अब एक जालीदार ब्रा और पैंटी रह गई थी। मेरे जिस्म पर तो पहले से ही मैंने बस अंडरवियर पहना था।
मैं बोला- मादरचोद कुतिया… अब बोल कितना डर्टी कर दूँ तुझे.. ज्यादा शौक है न तुझे मेरे लौड़े को चूसने का.. तो ले इसे अपने मुँह में बहन की लौड़ी। कहते हुए मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।
नीलू भी सिसकार लेकर लंड को मुँह में लेती हुई बोली- हाँ कुत्ते कमीने कर आज कर दे मुझे हद से ज्यादा डर्टी.. जितना कर सकते हो.. चोद दे मेरी गांड तक.. पी ले मेरी जवानी का रस.. मेरे मम्मों और चूत से रस चाट ले बहन के लौड़े.. मेरे कुत्ते.. आह..
यह कहते हुए वो मेरा लौड़ा चूसने लगी, मैंने अपने दोनों हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे से ब्रा को दांतों में पकड़ कर उसके मुँह के ऊपर से लहराते हुए उसकी चूत को छुला कर साइड पर फैंक दी।
एक-एक किस दोनों मम्मों पर करके उसका एक मम्मा मुँह में लेकर चूसने लगा, फिर दूसरा मम्मा भी थोड़ी देर चूस कर नीचे उसकी पैंटी की तरफ मुँह ले गया। मैंने अपने होंठों से उसकी पैंटी को खोल कर दांतों से पैन्टी को उसकी टांगों से निकाल कर बिना हाथ लगाए उसकी चूत पर लहराने लगा।
फिर चूत के पास दोनों टांगों के बीच पैंटी को छोड़ कर चूत पर अपनी गर्म-गर्म साँसें छोड़ने लगा।
मेरी फीमेल पाठिकाएं जानती होंगी कि जब मर्द चुदाई से पहले खुल कर मज़ा दे-दे कर तड़पा-तड़पा कर ऐसा चुदाई वाला गर्म रोमांस करे.. तो उन्हें चुदाई से भी ज्यादा मज़ा आता है और इस हरकत से चूत पानी-पानी होने को आतुर हो जाती है।
अब फिर से नीलू की चूत पानी-पानी थी और वो बहुत तड़प रही थी, नीलू ने कामुकता से सिसकते हुए कहा- उन्ह.. आह.. सीसी यार अब करो न.. मैंने उसे तड़पाते हुए कहा- क्या करूँ साली..
तो वो थोड़ा चिढ़ कर और वासना में आकर बोली- अपनी नंगी चुदक्कड़ रांड को चोद दे.. कमीने कुत्ते.. तेरी कुतिया तेरे सामने नंगी पड़ी है बहन के लौड़े.. और तू है कि इसे तरसा रहा है… अब चोद दे मेरी चूत को माँ के लौड़े.. चोद इस फुद्दी को कमीने..
मैंने अब उसकी गांड में एक उंगली डाली और बोला- साली मादरचोद कमीनी कुतिया.. आज तेरी गांड भी फटेगी.. तू देख अभी बिठाता हूँ तुझे अपने लौड़े पर।
मेरा लंड जो उसने अपने मुँह से निकाल दिया था.. पूरा उठान पर था और चोदने के लिए खड़ा था।
मैंने जाँघों तक फंसा अपना अंडरवियर उतार दिया था। उसकी दोनों टांगों को ऊपर उठाया और पीछे से हो कर उसकी चूत को दो उंगलियों से खोल कर देखना चाहा। मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला और देखा, देखते ही मैंने कहा- बहन की लौड़ी.. तेरी इस जवान चूत में अभी डालता हूँ अपना लौड़ा.. ले मेरी कुतिया.. गांड उठा अपनी..
मैंने अब भी उसकी चूत में लौड़ा डालने से पहले जीभ डाल दी और उसे और उत्तेजित कर दिया। मेरी इस हरकत से नीलू बोली- उफ़ आह.. साले कुत्ते.. तू तो लंड डालने वाला था.. अब फिर जीभ का डाल दी कमीने.. लंड डाल.. नहीं तो मैं पेशाब कर दूंगी, तेरी जीभ पर कुत्ते।
मैंने तुरंत कहा- कर तो.. बहन की लौड़ी.. कर पेशाब.. देखूं तुझे.. मेरी जीभ यहीं है कुतिया.. ले कर सू सू.. मेरी रांड.. आह.. यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! मैंने उसकी चूत को जीभ से तेज-तेज थोड़ा रगड़ा और फिर अपने लंड को आगे बढ़ा दिया और बोला- बहनचोद, अब गांड नीचे मत करना.. अब तेरी जवानी को मेरा लौड़ा मिलने वाला है कुतिया।
नीलू ने गांड उठा कर इशारा किया कि अब देर मत करो। मैंने तुरंत उसकी चूत के मुँह पर लंड रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया.. जिससे मेरा लंड उसकी चूत के मुँह पर फिट हो गया।
अब मैंने साथ ही एक जोरदार झटका लगाया.. जिससे मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। अब मैंने साथ ही दो-तीन झटके और लगाए और अपना लंड जड़ तक उसकी चूत में उतार दिया।
नीलू सिसकने लगी थी, उसकी मादक सीत्कारें निकलना लगातार जारी थीं, अन्दर घुसे हुए लंड का स्वागत वो गांड उठा-उठा कर कर रही थी।
मैंने आगे हाथ बढ़ा कर उसके दोनों चूचियों को पकड़ा और पीछे से मजेदार झटके लगाने लगा। नीलू मज़े से सरोबार होकर सिसकारियाँ भर रही थी।
वो कह रही थी- उ..ई.. आ..ह.. सी सी सी.. उई चोद.. भैन के लंड.. चोद ऐसे ही.. चोद.. मेरी बच्चेदानी तक ठोक भोसड़ी के.. चोद दो आह.. उई मेरी बहन चोद.. दे.. लौड़े.. साले कमीने चोद.. आह हाँ ऐसे ही.. मर्द बन कर पेलता रह.. मेरे कुत्ते.. साले चोद.. आह उई..
वो ऐसी चुदासी सीत्कारें भर रही थी कि मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी गांड में एक उंगली डाल दी। उसकी गांड में उंगली जाने का मतलब तो आप समझ ही गए होंगे।
तो चलिए जल्दी से अपने ईमेल भेजिएगा और मैं आपको आगे की कहानी में लिखता हूँ कि चुदाई के खेल में क्या और कैसे हुआ। [email protected] कहानी जारी है।
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