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अब तक आपने पढ़ा.. मैंने विभा को पटा लिया था और उसकी सहेली के घर उसकी चुदाई की तैयारी हो गई थी। अब आगे..
थोड़ी देर तक मैं और विभा चुप ही रहे, फिर उसने ही चुप्पी तोड़ी और कहा- चलो अब दिखाओ वो चीज़? पर मैंने भी थोड़ा नाटक करते हुए उसे कहा- मैं तो दिखा दूँगा.. लेकिन मेरी शर्त तो याद है न? उसने ‘हाँ’ में सर हिलाया।
मैंने धीरे से अपनी पैंट की ज़िप खोली और बटन खोल कर पैंट नीचे सरका दी। अब मैंने उससे कहा- अगर तुम देखना चाहती हो.. तो मेरा कच्छा खुद अपने हाथों से उतार दो।
पहले तो शर्माई लेकिन फिर आगे बढ़ कर मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई और एक ही झटके में उसने मेरी चड्डी उतार दी। मेरा लौड़ा तो पहले से तन्नाया था.. चड्डी उतारते ही सीधे उसके मुँह को जा लगा। विभा ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और बोली- बाप रे इतना बड़ा..!
फिर उसने पूछा- इसमें ऐसा क्या है जो लड़कियां इसकी दीवानी होती हैं? मैंने बताया- अगर तुम इसे मुँह में ले कर चूसोगी तो और भी मज़ा आएगा तुम्हें और मालूम भी हो जाएगा कि इसके लिए दीवानगी की क्या वजह होती है।
धीरे से उसने मेरे लंड को चूमा और चमड़ी को पीछे करके मुँह में भर लिया। मेरे मुँह से एक लम्बी ‘आआह्हह्ह..’ निकल गई।
पहले तो वो धीरे-धीरे चूस रही थी लेकिन बाद में अपनी रफ़्तार बढ़ा दी। कुछ देर के लिए तो लगा कि वो पहले भी लंड चूस चुकी होगी क्योंकि वो बड़े मजे से लंड चूसे जा रही थी और मैं बस आहें भरता रहा।
मेरे लंड को वो बुरी तरह चूस रही थी और कुछ ही देर में मुझे लगा कि मैं छूटने वाला हूँ.. तो मैंने उसे बताया लेकिन फिर भी उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया। उसने भी बड़े मजे से मेरा सारा पानी चाट लिया और फिर लंड को भी चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
वो बोली- भैया, य सचमुच बहुत ही अच्छा है। मैं बोला- अब पता चला कि लड़कियां क्यों इसे चाहती हैं?
उसने ‘हाँ’ में सर हिलाया.. फिर वो बाथरूम में जाकर मुँह धो आई और मेरे बगल में लेट गई। कुछ देर के लिए हम दोनों बिस्तर पर यूँ ही लेटे रहे।, फिर मैंने उसे शर्त की याद दिलाई तो उसने पूछा- क्या चाहिए तुम्हें?
मैंने कहा- मैं तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ। इस पर वो शर्मा गई और कहा- मुझे शर्म आती है.. तुम खुद ही देख लो।
मैं उसे चूमने लगा.. वो पहले से ही काफी गर्म थी.. लेकिन मैं और गर्म करना चाहता था इसलिए मैं उसे चूमते हुए ही उसके टॉप के ऊपर से उसके 32 साइज़ के मम्मों को पहले सहलाने लगा फिर जोर-जोर से दबाने लगा।
वो जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी और कुछ बड़बड़ाने लगी.. पर मैं तो अपनी ही धुन में था, मैंने उसे बिस्तर पर ही खड़ा किया और उसकी जीन्स को उतार दिया, फिर उसकी चिकनी सांवली जांघों को चूमने चाटने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी नीले रंग की पैंटी भी उतार दी और अब वो मेरे सामने नीचे से बिल्कुल नंगी थी, उसकी चूत एकदम चिकनी थी.. बिना बालों वाली.. जैसे मुझे पसंद है।
लेकिन ऐसे लग रहा था कि जैसे उसने आज सवेरे ही झांटें साफ़ की हों.. पर मैं कुछ नहीं बोला।
फिर मैंने उसकी जांघों को फिर से चूमना और चाटना शुरू कर दिया और उसकी बुर के आस-पास भी जीभ घुमाने लगा लेकिन मैंने उसकी बुर को छुआ भी नहीं और यह सब हम बिस्तर पर खड़े होकर ही कर रहे थे, मैं उसकी टांगों के बीच बैठा हुआ था।
जब काफी देर तक मैंने उसकी बुर नहीं चाटी.. तो वो तिलमिला उठी और मुझे गाली दे पड़ी- साले बहनचोद.. कुत्ते मेरी चूत क्या तेरा बाप आएगा चाटने के लिए? यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसके मुँह से ऐसी गाली सुन कर तो मैं सकते में आ गया कि मैं जिसे मासूम समझ रहा था वो तो बहुत कमीनी निकली। लेकिन मैं अपना काम करता रहा और फिर उसकी बुर को पूरी की पूरी अपने मुँह में ले कर चूसने लगा और चाटने भी लगा।
जैसे-जैसे मैं अपनी जुबान से उसकी बुर चोदने लगा.. वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और अपनी बुर को मेरे मुँह पर दबाने लगी। आखिरकार वो बहुत जोर से चिल्लाई ‘आआहहह.. माँ.. मैं गईईई..’
बहुत ही जोर से वो मेरे मुँह में झड़ गई और इस दौरान वो खड़ी ही थी तो जैसे ही वो झड़ी सीधे बिस्तर पर गिर गई और अपनी सांसों को काबू में करने की कोशिश करने लगी।
उतने में मैं फिर उसकी बुर चाट कर उसका सारा पानी पी गया और आस-पास की जांघें भी साफ़ कर दीं।
फिर उसने मुझे चूम लिया और अपनी बुर चाटने के लिए मुझे धन्यवाद दिया।
अब विभा मेरी बगल में लेटी हुई थी। उसकी बुर ने मेरे लंड में फिर से तनाव पैदा कर दिया था। सो हम फिर से चुम्मा-चाटी करने लगे और हम दोनों फिर से गर्म होने लगे।
हम दोनों चूमते-चूमते 69 की अवस्था में आ गए। अब मैं उसकी बुर और वो मेरा लंड चूस रही थी। वो बोली- प्रेम, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता.. प्लीज मुझे पेल दो।
मैंने भी उसे और तड़पाना उचित नहीं समझा और वैसे भी मेरे लंड महाराज आपे से बाहर थे.. सो मैंने उसे सीधे लिटाया और उसकी मुलायम गांड के नीचे एक तकिया रखा ताकि उसकी चिकनी चूत ऊपर की ओर हो सके।
अपने लंड पर मैंने थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा उसकी चूत पर मल दिया। अब मैंने लंड को निशाने पर लगाया और धक्का लगा दिया.. लेकिन लंड फिसल कर उसकी गांड की दरार में घुस गया ऐसा दो-तीन बार हुआ.. फिर उसी ने अपने हाथ से लंड को बुर पर रखा और धक्का मारने को कहा।
इस बार मैंने बड़ी बेरहमी से जोर का झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर तक घुस गया।
लेकिन इस हड़बड़ाहट में मैं उसका मुँह बंद करना भूल गया और नतीजतन वो बहुत ही बुरी तरह चीख पड़ी।
उसकी चीख सुन कर राखी भागती हुई अन्दर आ गई और वो मुझे डाँटते हुए बोली- मादरचोद.. जरा धीरे से चोद न उसे.. साले मुफ्त में फ़ुद्दी मिली तो क्या उसे मार ही डालेगा क्या?
मैंने उससे ‘सॉरी’ कहा और फिर थोड़ी देर रुक कर विभा की चूचियां चूसने लगा। अब तो राखी भी उसके मुँह के पास आ कर उसे चूमने लगी।
ये देखकर मैंने फिर से झटका मारा लेकिन इस बार थोड़ा आराम से। फिर धीरे-धीरे मैंने अपना लंड विभा की नाजुक बुर में उतार दिया और फिर थोड़ी देर और रुका और तब राखी उठ कर सामने रखी कुर्सी पर बैठ गई।
मैंने उससे जाने को बोला.. तो उसने ये कह कर जाने से इंकार कर दिया- कहीं तुम जोश में आकर विभा को जोर से ना चोद दो और उसे कोई दिक्कत न हो जाए.. मैं यहीं रह कर तुम्हें टोक तो दूँगी।
मैंने भी कुछ नहीं कहा और मेरी प्यारी विभा को धीरे-धीरे चोदने लगा। कुछ मिनट के बाद वो कुछ शांत हुई और नीचे से अपनी गांड उचका कर मुझे चोदने का इशारा किया।
मैं उसे पहले तो धीरे-धीरे.. फिर तेजी से चोदने लगा और वो बड़ी ही कामुक आवाजें निकालने लगी ‘ओहह.. बहुऊओत मज़ाआअ आए रहा है.. जान.. चोदो मुझे.. और जोर से चोदो.. फाड़ देओ.. मेरी इस बुर को.. अह्ह्ह्ह.. साले रंडी की तरह चोदऊद रे.. चोद ऊओहोह्ह.. बड़ा मज़ा दे रहा तेरा लंड.. उउफ्फ..’
उसकी मादक आवाजों से मुझे और भी जोश आ रहा था। कुछ मिनट उसे उसी तरह चोदने के बाद उसने मुझे नीचे लेटने को कहा और वो खुद मेरे खून से सने लौड़े पर बैठ कर उछल-कूद करने लगी और मेरा पूरा का पूरा लंड लपालप अन्दर लेने लगी।
विभा की चुदाई के दौरान मैं राखी को भूल ही गया था। जब मैंने उसकी ओर देखा.. तो वो अपने गाउन को ऊपर करके अपनी बुर को उंगली से चोदने में मशगूल थी, उसके चेहरे के हाव-भाव से पता चल रहा था कि वो झड़ने के करीब है।
दोस्तो, मजा आ रहा है न.. इसके आगे क्या हुआ.. इसको अगले भाग में लिखूंगा.. आप प्लीज़ मेल करते रहिए।
[email protected] कहानी जारी है।
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