पड़ोसन लड़की मेरे कमरे में आकर चूत चुदवा गई

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अन्तर्वासना के प्रिय पाठको,

अब आपकी साईट अन्तर्वासना का यू आर एल यानी वेब एड्रेस बदल गया है, अब आप https://www.antarvasnax.com/ पर हिन्दी सेक्स कहानियाँ पढ़ सकते हैं.

पहले वाले वेब एड्रेस से कुछ पाठक साईट को खोल नहीं पा रहे थे लेकिन अब यह नया वेब एड्रेस सबके लिए खुला है!

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धन्यवाद!

गुरुजी

अब कहानी का मज़ा लें।

मेरा नाम प्रेम है और मैं 20 साल का हूँ। मेरा लंड लंबा और मोटा है और ये एकदम सच है। ये मेरी पहली कहानी है.. सच्ची कहानी है.. अगर मुझसे कोई भूल हो जाए तो माफ़ कर दीजिएगा।

मैंने अपनी पड़ोसन पिंकी को चोदा था.. यह कहानी उसी बात को लेकर है।

पिंकी का परिचय करवा दूँ, वो दिखने में सांवली और खूबसूरत है। उसका कद 5 फिट 5 इंच का होगा। फ़िगर 32-26-34 का है.. जो कि मेरा नापा हुआ है।

एक दिन तेज बारिश हो रही थी, मैं अपने घर जा रहा था। तभी मैंने देखा वो बाहर खड़ी भीग रही थी। क्या लग रही थी.. बिल्कुल अपने नाम की तरह.. पिंकी।

उसने सफ़ेद रंग का टॉप और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी।

उसका टॉप पारदर्शक होने की वजह से उसकी ब्लैक कलर की ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। जिसे देख कर मेरा लंड सख्त हो गया।

शायद उसने मेरा खड़ा लंड देख लिया और एक सेक्सी मुस्कुराहट दी। मैंने सोच लिया कि अब इसको तो मैं चोद कर ही रहूँगा।

एक दिन मुझे मौका मिला, मैं घर पर अकेला था.. सब लोग बाहर गए हुए थे, मैं घर पर बैठे-बैठे टी.वी. देख रहा था। तभी वो आई, उसके साथ उसकी माँ भी आई थी।

मैंने उसकी माँ को आदर से स्वागत करते हुए कहा- आइए आंटी! उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हारी माँ नहीं हैं घर पर.. कहाँ गई हैं? मैंने कहा- वो तो बाजार गई हैं।

आंटी ने कहा- ठीक है आएं.. तो कहना कि हम लोग एक हफ़्ते के लिए शादी में जा रहे हैं.. पिंकी के एग्जाम होने से वो हमारे साथ नहीं आ सकती। इसलिए वो अपनी बहन के साथ घर पर ही रहेगी। बाकी की बात मैं उनसे फोन पर कर लूँगी।

अब मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। उसी दिन रात को मैं उनके घर खाना देने गया.. तो वो और उसकी बहन दोनों पढ़ाई कर रही थीं।

मैं उनको खाना देकर वापस आ गया और ऊपर अपने कमरे में चला गया।

करीब साढ़े नौ बजे दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने पिंकी खड़ी थी। वो छत के रास्ते से मेरे कमरे तक आई थी.. और नाइट सूट में क्या माल लग रही थी यार..!

उसे देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया और पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा। मैंने कहा- बोलो क्या काम है? उसने कहा- मुझे इंग्लिश के विषय में तुम्हारी मदद चाहिए। मैंने कहा- ठीक है।

उसने कहा- क्या ठीक है.. इधर खड़े-खड़े मदद करोगे क्या.. अन्दर भी बुलाओगे? मैंने मजाक करते हुए कह दिया- क्या हुआ?

तो वो मुझे धक्का देते हुए अन्दर आ गई और मैंने धीरे से दरवाजा बंद कर दिया। अब मैं उसके साथ बिस्तर पर बैठ गया और उसको इंग्लिश के चैप्टर को समझाने लगा। तभी मेरी माँ ने मुझे आवाज दी और मैं नीचे चला गया।

माँ का काम निपटा कर में वापस आया तो देखा कि वो मेरे कंप्यूटर में ब्लू-फ़िल्म देख रही थी।

मैं चुपके से उसको देखता रहा वो एक हाथ से अपने स्तन को और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी, साथ ही मादक सिसकारियां भर रही थी।

तभी उसने मेरी तरफ़ देखा.. तो उसकी नजरें वासना भरी थीं। मैं समझ गया कि आज सुहागरात होकर रहेगी।

मैं उसके नजदीक गया और पूछा- क्या तुम्हें सेक्सी मूवी देखना पसंद हैं? उसने शरमाते हुए कहा- हाँ.. तो मैंने कहा- जो अभी तू कर रही थी.. अगर तुम चाहो तो मैं कर दूँ?

उसने कुछ नहीं कहा.. पर मैं उसकी मूक सहमति को समझ गया।

मैंने धीरे से उसके होंठ पर उंगली घुमाई और फ़िर उसके एक मम्मे को दबाने लगा।

मैंने उसके होंठों को अपने होंठ से मिला दिया उसे किस करने लगा। धीरे-धीरे मैंने उसका नाइट सूट उतार दिया, अब वो मेरे सामने सफ़ेद रंग की ब्रा और लोअर में थी।

मैंने वो भी उतार दिया.. जिससे वो पूरी नंगी हो गई और शर्म के मारे उसने रजाई ओढ़ ली।

मैंने भी अपना टी-शर्ट ओर पैन्ट उतार दिया, मेरा मोटा लौड़ा खड़ा देख कर वो शर्मा रही थी। मैंने कहा- शर्माओ मत.. इसे प्यार करो।

उसने मेरा लंड अपने हाथों में लेकर सहलाया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। कुछ ही मिनट में उसने मेरा सारा पानी निकाल दिया पर उसने मेरे लंड को छोड़ा नहीं और चूस-चूस कर दुबारा खड़ा कर दिया।

मैंने भी उसकी चूत को चूसने को कहा.. तो उसने मना कर दिया। मैंने कहा- अपने दूध तो चूसने दो। उसने कहा- दूध चूस लो.. पर चूत नहीं..

मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और अगले ही पल उसके बड़े-बड़े मम्मे मेरे सामने नंगे थे। मैं उसके मम्मे चूसने लगा और अपना दूसरा हाथ उसकी चूत में डालने लगा।

थोड़ी देर में वो गर्म हो गई, मैंने उसकी लोअर उतार दिया। अब मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया और निशाना लगाने लगा।

जैसे ही मैंने उसकी चूत में लंड डालना चाहा.. वो अन्दर घुसने की बजाए बाजू में फ़िसल जाता था।

मैंने उससे कहा- तुम्हारी चूत बहुत कसी हुई है.. मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा है। उसने कहा- मैं अभी तक कुंवारी हूँ बहनचोद..

उसके मुँह से गाली सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया और एक जोर का झटका मार दिया.. जिससे मेरा 2 इंच लौड़ा चूत के अन्दर घुस गया।

उसको काफी दर्द हुआ और उसकी आंख से आंसू भी आने लगे। थोड़ा रुकते हुए मैंने दूसरा धक्का मारा.. इस बार मेरा काफी अन्दर घुस गया.. जिससे उसकी चूत से खून निकलने लगा। मैं उसे इसी तरह हल्के-हल्के धक्के मारने लगा।

वो मुझे गालियाँ दिए जा रही थी- मार भोसड़ी के.. फाड़ दे मेरी चूत को.. आह्ह.. बना दे मेरी चूत का भोसड़ा.. बना ले मुझे अपनी रखैल.. मार.. मार.. और जोर से.. पेल.. और मार भोसड़ी के..

अबकी बार मैंने उसकी चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया। अब मैं भी उसे गालियां देने लगा- साली रांड.. ये मेरा लंड नहीं हथौड़ा है.. बहन की लौड़ी बहुत शौक है ना.. अब ले ले चूत में मादरचोदी..

मैं उसे ब्लू पिक्चरों की तरह चोदता रहा- ये ले बहनचोद.. चुदवाने चली थी। वो- डाल दे प्रेम.. घुसा दे पूरा लंड.. मैं तुझसे बहुत प्यार करती हूँ कमीने! वो सेक्सी ‘आहें..’ भरने लगी- आह.. आह.. अम्म ओह.. यस फक मी..

थोड़ी देर में वो झड़ गई.. पर मैं अभी तक नहीं झड़ा था। उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड अब आराम से अन्दर आ-जा रहा था।

मेरा भी अब पानी निकलने वाला था, मैंने उससे कहा- कहाँ डालूँ? तो उसने कहा- मुझे पीना है।

मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में डाल दिया और उसके ऊपर ढेर हो गया।

दोस्तो.. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताइएगा। [email protected]

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