स्कूल में गर्लफ्रेण्ड और मैडम की चूत चुदाई

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हाय… मेरा नाम राहुल भोंसले है, मैं मुंबई से हूँ।

यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है। मेरे लंड का आकार औसत से बड़ा है और ये एकदम भुजंग काला लौड़ा है।

स्कूल टाइम में मैं एक लड़की को पसंद करता था, उसका नाम कोमल था। वो 18 साल की अल्हड़ जवान मस्त लौंडिया थी, दिखने में मस्त गोरी और उसका फिगर बड़ा ही नशीला था।

उसकी गाण्ड तो मानो कि मेरे लौड़े से चुदने के लिए ही बनाई गई हो।

मैं उसे प्यार करता था.. वो भी मुझसे प्यार करती थी। पर हम दोनों ने कभी इज़हार नहीं किया था।

एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ किया.. तो वो बिना कुछ कहे शर्मा कर भाग गई।

ऐसे ही दो दिन निकल गए। मैं उसे बहुत मिस कर रहा था।

तीसरे दिन स्कूल छूटने पर जब पूरा स्कूल खाली हो गया तो मैंने कोमल को पकड़ लिया। मैंने उससे पूछा- बताओ ना बेबी.. तेरा उत्तर क्या है? मुझे ऐसे क्यों तड़पा रही हो।

फिर भी उसका कोई जबाव नहीं आया।

मैंने उसकी कमर में हाथ डालकर अपने नजदीक खींचकर उसको ज़ोर से हग कर लिया। उसने मुझसे छूटने की अनथक कोशिश की।

मैं उसके होंठों पर अपने होंठों को टिका कर चूमने लगा। पहले तो मेरे चुम्बन का कोई उत्तर नहीं दे रही थी.. लेकिन एक मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।

थोड़ी देर बाद कोमल ने मुझे दूर धकलते हुए बोला- प्लीज राहुल छोड़ो ना मुझे.. कोई आ ज़ाएगा प्लीज। ‘नहीं बेबी.. पहले तुम अपना जबाव बताओ.. तभी मैं छोड़ूँगा।’ ‘प्लीज राहुल.. ऐसा मत करो ना..’

मैंने जबाव में उसके पूरे बदन पर हाथ घुमाना शुरू कर दिया।

बाद में मैंने उसके मम्मों पर हाथ फेरते हुए कहा- बेबी.. बोलो ना.. डू यू लव मी.. ऑर नॉट..? उसका दुपट्टा निकाल कर उसके मम्मों को मस्ती से दबाते हुए मैं उसके जबाव की प्रतीक्षा करने लगा।

वो- प्लीज राहुल.. आअहह.. प्लीज ना करो.. छोड़ो न.. आअहह दर्द हो रहा है।

मैं उसको किस किए जा रहा था। मैंने उसका टॉप ऊपर उठा कर उसकी कमर को सहलाया। हाय.. क्या गोरी चिट्टी मस्त कमर थी।

बाद में मैंने उसका टॉप पूरा निकाल कर एक तरफ रख दिया और उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।

वो ‘ऊओ राहुल उउम्म्म्म.. प्लीज छोड़ दो ना.. कोई आ ज़ाएगा.. प्लीज़..’ कहती जा रही थी।

मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और मैं मस्त होता जा रहा था। तभी मैंने फिर उससे पूछा- बोल बेबी मुझसे प्यार करती हो.. या नहीं? वो अब भी कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने एक ही झटके में उसका पजामा और पैन्टी एक साथ निकाल कर उसे नंगा कर दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत मस्त पानी छोड़ रही थी।

मैंने अपनी पैन्ट निकाल कर लंड उसके हाथ में दे दिया। वो काम के नशे में मस्त हो गई थी।

इतने में वहाँ हमारी स्कूल टीचर आ गईं और उन्होंने हम लोगों को इस हालत में देख लिया, वो चिल्ला कर बोलीं- यह क्या चल रहा है.. तुम दोनों अभी के अभी स्टाफ रूम में आओ।

वो गुस्सा करते हुए वापस चली गईं और हम अपने कपड़े पहन कर उनके पीछे-पीछे जाने लगे।

हम दोनों डर-डर कर स्टाफ रूम में जा रहे थे। उधर पहुँचते ही मेम हम दोनों को देखने लगीं। वहाँ सिर्फ़ वो अकेली ही थीं।

मैं भी कोमल के साथ शांत खड़ा था। निशा मेम बोलीं- अभी तुम लोग कुछ बोलोगे या तुम्हारे घर पर कॉल करूँ?

हम दोनों डर गए और डर के मारे मिस को ‘सॉरी सॉरी..’ बोलने लगे।

इतने में मेम मेरे पास आकर सेक्सी नजरों से मेरे लंड और मुझे देखते हुए अपने होंठों पर जीभ फिराने लगीं.. और मेरे लंड को मेरी पैन्ट के ऊपर से पकड़ते हुए बोलीं- क्या तुम्हारा ये बहुत उछल रहा है.. आज इसकी क्लास लेती हूँ.. देखती हूँ कि कितना दम है इसमें।

उन्होंने एक ही झटके में मेरी पैन्ट की ज़िप खोल दी। मैंने भी सेक्सी स्माइल दी और आगे बढ़ते हुए उनके बाल पकड़ कर उनके होंठों का चुम्बन लेने लगा।

वो एक पागल कुतिया की तरह मुझे किस किए जा रही थीं ‘उउम्म्म्मा.. अहहुउऊम्म्..’

हम दोनों एक-दूसरे की जीभ को मस्त तरीके से चूस रहे थे और मेरी गर्ल-फ्रेण्ड कोमल उधर खड़ी-खड़ी ये सब देख रही थी।

मैं निशा मेम के मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा और उनके निप्पलों को हाथ से निचोड़ने लगा।

उतने में निशा मेम ने कोमल को भी अपने नजदीक खींच लिया और बोलीं- क्यों री कुतिया.. उधर तो बड़ी मस्त होकर इससे चुद रही थी.. अभी क्या सिर्फ़ दूर ही खड़ी रहेगी?

उन्होंने कोमल को जबरन नीचे बैठा कर मेरा लौड़ा उसके मुँह में घुसेड़ दिया।

मैंने मेम को ऊपर से पूरी तरह से नंगी कर दिया था और उनके मम्मों को चूस रह था। वो कोमल के बाल पकड़कर मेरे लंड को उसके मुँह में घुसाए जा रही थीं ‘इय्याअ.. यायेयहह.. क्या मजा आ रहा था एकदम मस्त..’

मैंने मेम की साड़ी पूरी खोल दी और उनकी पैन्टी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा। वो मस्त होकर सीत्कार करने लगीं ‘यगयाहह.. राहुल.. उउउम्म्मह.. ऐसा कभी मेरे पति ने भी नहीं किया है.. आह्ह.. वो तो साला सिर्फ़ चोद-चाद कर छोड़ देता है.. आह्ह.. ऐसा मजा उसने मुझे कभी नहीं दिया.. य्याहह..’

मैं कोमल को ऊपर उठा कर उसे किस करने लगा और निशा मेम को मेरा लंड चूसने बिठा दिया।

मस्त यार.. मैं उनके बाल पकड़ कर पूरा लंड उनके मुँह में पेल रहा था, वो मस्त आवाजें निकाल रही थीं।

फिर मेम ने कुछ मिनट मेरा लौड़ा चूसने के बाद मुँह हटाया तो मैंने उन्हें खड़ा कर दिया और उन्हें टेबल पर चित्त लिटा दिया।

अब मैं उनकी चूत चाटने लगा। बाद में मैंने कोमल को भी उनके साथ लिटा कर दोनों की चूत एक साथ चाटने लगा। मेम मस्त होकर कहने लगीं- याहह.. माय डिअर राहुल.. फक मी उऊयया..

अब तो कोमल भी मस्ती से ‘उउम्म्म्म.. आअहह.. प्लीज़ फक मी टू.. उउम..’ कहने लगी थी।

मैं उन दोनों की चूत में एक-एक उंगली डालकर उनको ‘फिंगर फक’ का मजा दे रहा था। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

उतने में मेम बोलीं- दो उंगलियां डालो राहुल.. मैंने मेम की चूत में दो और फिर 3 उंगलियां डालकर उन्हें फुल मस्ती से चोदने लगा।

वो अपनी चूत को ऊपर करते हुए छूटने लगीं और मेरी कोमल बेचारी तो दर्द के मारे चिल्ला रही थी क्योंकि उसका फर्स्ट टाइम था।

फिर मैंने मेम से बोला- मेम मुझे पहले कोमल को चोदना है.. प्लीज़।

कोमल मेरे पास घबराई हुई नजरों से देख रही थी।

मेम आँख मारते हुए बोलीं- चलेगा.. पेल दे उसे.. तोड़ दे इसकी सील.. मैं देखती हूँ.. कि कैसी उछलती है ये!

मैंने झट से कोमल को पूरा फैला दिया और उसकी चूत में मेम ने अपने पर्स से क्रीम निकाल कर लगा दी। कुछ क्रीम मैम ने मेरे लंड पर भी लगा दी, मैं उसकी चूत को लौड़े से रगड़ने लगा।

वो डर रही थी.. और निशा मेम पीछे से मेरे लंड को सहला रही थीं।

उन्होंने मेरा लंड कोमल की चूत के छेद पर रख दिया।

मैंने कोमल को किस करते हुए एक ज़ोर का झटका लगा दिया.. कोमल एकदम ज़ोर से चीख पड़ी। पर उसकी कोई आवाज़ नहीं निकली। मैंने आज उस पर कोई रहम ना खाते हुए और एक झटका मार दिया। मेरा पूरा लम्बा लंड उसकी चूत की जड़ तक घुसता चला गया। वो झटपटा रही थी और मेम वो देखकर हँस रही थीं। मैं कोमल के मम्मों को दबाकर उसे किस कर रहा था।

मैं बेरहमी से कोमल को चोदता जा रहा था, वो बेहोश सी पड़ी हुई थी। मेम ने पानी लाकर उसके मुँह पर छींटे मारे तब उसे कुछ होश आया।

अब वो रोने लगी- प्लीज राहुल.. प्लीज आअहह.. उउज्ज्झहह.. निकालो ना इसे.. बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने उसकी एक ना सुनी.. और उसे चोदता रहा। कुछ पलों बाद उसे भी मजा आने लगा।

अब वो भी मुझे अपनी चूत को कस कर मुझे हग करते हुए अपनी चूत उठा-उठा कर चुदवाने लगी।

कुछ मिनट में ही वो एक बार झड़ गई वहीं मेम अपनी चूत में उंगली डाल कर मेरा नाम लेते हुए छूट रही थीं।

अब मैंने कोमल को बाजू में करके निशा मेम को अपने लौड़े के नीचे ले लिया और उनको चोदना चालू कर दिया।

मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेम की चूत के अन्दर घुसा दिया। वो भी छटपटा कर चिल्ला पड़ीं और बोलीं- साले कुत्ते.. जरा धीरे डाल ना.. आअझहह उउऊहह..

मैंने उनकी भी एक ना सुनी और यूं ही उनको चोदता रहा। कुछ देर में वो भी मस्ती से चूतड़ उठाते हुए मेरे लौड़े से चुद रही थीं।

फिर डॉगी स्टाइल में बना कर मैंने उनको चोदा.. इसके बाद वो भी मेरे लंड पर बैठ कर मेरे लौड़े कि सवारी का मजा लेने लगीं।

बाद में काफी देर बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया।

वो भी झड़ते हुए बोलीं- राहुल मुझे तेरे इस मस्त लौड़े से ही एक बच्चा चाहिए.. तू ही है मस्त लौड़े वाला पक्का चुदक्कड़ जवान लौंडा.. कोमल तू बहुत खुशनसीब है.. जो तुझे राहुल जैसा चोदने वाला मिला है।

इसके बाद हम तीनों किस करके वहाँ से निकल आए।

ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी.. कैसी लगी मुझे इमेल कीजिएगा।

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