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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा एक बार फिर नमस्कार। मैं 23 वर्षीय रितेश शर्मा ताज नगरी आगरा का रहने वाला आपके लिए कोटा की कमसिन कली का अगला भाग लेकर आपके सामने हाजिर हूँ।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने और मेरी कोटा की फेसबुक फ्रैंड साक्षी गोयल (परिवर्तित नाम) ने रात भर होटल में चुदाई के बाद बाथरूम और सिनेमा हॉल में चुदाई की। इसके बाद हम होटल वापिस लौट आये।
अब आगे-
होटल आते ही हम बेड पर लेट गए, पूरे दिन घूमने और मौजमस्ती से बहुत थक गए थे। कुछ समय बाद आराम करने के बाद हमने खाना मंगाया, खाया।
इसके बाद मैंने साक्षी से आगे का प्लान पूछा क्योंकि हमारे पास केवल आज की ही रात बाकी थी क्योंकि कल सुबह मुझे काम करके घर वापिस जाना था।
मैंने मोबाइल पर ब्लू फ़िल्म चालू कर दी उसमे एक लड़का एक लड़की की गांड मार रहा था। जब मैंने साक्षी से इसके बारे में पूछा तो उसने कहा- इसमें तो बहुत दर्द होगा?! मैं भी पीछे से गांड मरवाना चाहती हूँ पर अगर दर्द नहीं हो तो मैं तैयार हूँ। मैंने कहा- चलो कोशिश करते हैं।
दोस्तो, साक्षी से मिलने के बाद एक बाद को पक्की थी साक्षी एक दिलेर और मस्तमौला लड़की थी। किसी लड़की की गांड मारना इतना आसान नहीं होता जितना कहानियों में या ब्लू फ़िल्म में देखने को मिलता है।
इसके लिए लड़की के पिछवाड़े को तैयार करना पड़ता है जिसमें कम से दस दिन लग जाते हैं। चलो कहानी पर आता हूँ।
मैंने साक्षी से कहा- मैं 15 मिनट में अभी नीचे से आता हूँ। मैं होटल से बाहर गया और एक दुकान से दो मोमबत्ती एक दो रुपये वाली और शायद एक दस रुपये की आती है, वो लेकर आया साथ में अयुर क्रीम लेकर आया।
अब मैं साक्षी की गांड मारने को तैयार था किन्तु उससे पहले में उसे बहुत गर्म करना चाहता था।
सबसे पहले मैंने साक्षी के सारे कपड़े एक-एक करके उसके बदन से अलग कर दिए और मैं भी पूरा नंगा हो गया।
अब मैंने साक्षी को किस करना शुरू कर दिया, पहले गालों पर, फिर होंटों पर, फिर गर्दन पर… इसके बाद मैंने उसके पूरे शरीर पर चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथों से उसके बूब्स सहलाने लगा।
फिर कुछ देर बाद अपनी दो उंगलियों से उसकी चूत चोदने लगा। वो एकदम मस्त हो गई और मुँह से सिसकारियाँ लेने लगी।
अब मैंने क्रीम निकाली, उसकी गाण्ड के छेद में क्रीम लगाई और उंगली उसकी गाण्ड में डाल दी। क्रीम की चिकनाहट से मेरी उंगली आराम से उसकी चूत जा रही थी।
अब मैंने छोटी वाली मोमबत्ती निकाली और उस पर क्रीम लगाई।
मैं अपनी उन महिला मित्रों को सलाह देना चाहूँगा जो अपनी चूत में उंगली और अन्य कोई चीज़ डाल कर खुद को शांत करती हैं। अगर वो प्लास्टिक का लण्ड नहीं खरीद सकती तो उसके बाद सबसे बेहतर उपाय है मोमबत्ती… मोमबत्ती एक सुरक्षित उपकरण हैं खुद को शांत करने का!
अब मैंने वो मोमबत्ती उसकी गाण्ड में डाल दी, साक्षी उसे बिना दर्द के अंदर ले गई। मैं पाँच मिनट तक उसे उसकी गांड में आगे पीछे करता रहा।
अब उसकी गाण्ड थोड़ी खुल गई थी, अब मैंने बड़ी वाली मोमम्बत्ती निकाली, उस पर अच्छे से क्रीम लगाई और कुछ क्रीम उसकी गांड पर लगाई।
जैसे ही मैंने उसे साक्षी की गांड में डालने की कोशिश की, साक्षी दर्द से उछल पड़ी। मैंने दोबारा कोशिश की और उसे थोड़ा सा साक्षी की गाण्ड में फंसा दिया।
साक्षी को दर्द होने लगा।
मुझे ये सब बुरा लग रहा था, मैंने साक्षी से ये सब बंद करने का कहा पर साक्षी ने कहा- होने दो थोड़ा दर्द… आज तो कोशिश करके ही छोड़ेंगे।
उसके बाद मैंने मोमम्बत्ती को उसकी गांड में फंसे रहने दिया। पाँच मिनट के बाद मैं उसे आगे पीछे करने लगा।
उसे भी दर्द के साथ मज़ा आ रहा था पर मुझे ये सब ज्यादा अच्छा नहीं लग रहा था। आखिर में कुछ देर तक मोमबत्ती करने के बाद मैंने उसे निकाल लिया।
इसके बाद मैंने उसे बेड पर घोड़ी बनने को बोला। अब मैंने उसकी गांड पर और अपने लण्ड पर अच्छे से क्रीम लगाई।
इसके बाद मैंने अपना लण्ड उसकी गांड के मुहाने पर लगा दिया।
पहली और दूसरी कोशिश में मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में जाने में नाकामयाब रहा। किंतु तीसरी कोशिश में मेरे लण्ड का टोपा उसकी गाण्ड में फंस गया।
साक्षी को बहुत दर्द हुआ किन्तु उसने मेरे को लण्ड निकालने से मना कर दिया। कुछ देर रुकने के बाद मैंने अगला झटका दिया और मेरा आधा लण्ड उसकी गांड में घुस गया।
मैं पुनः कुछ देर रुका और अब मैंने उतना ही लंड आगे पीछे करना चालू कर दिया।
मुझे उसकी टाइट गांड मारने में मज़ा आ रहा था, उसे भी अपनी गांड मरवाने में दर्द के साथ मज़ा आ रहा था।
अभी मैं आधे लण्ड से ही उसकी गाण्ड मार रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने अपना पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में घुसा दिया।
अब शुरू हो गई हमारी घमासान गांड चुदाई… अब वो भी मेरा साथ अपनी गांड को आगे पीछे करने के देने लगी। जहाँ मुझे उसकी टाइट गाण्ड मारने को मिल रही थी वहीं उसे भी गांड मरवाते हुए मीठा दर्द हो रहा था।
कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और झड़ गया। उसके बाद हमने थोड़ा आराम किया।
फिर मैंने उसकी एक बार फिर गांड मारी।
इस प्रकार मैंने रात भर कई बार साक्षी की गांड और चूत की जमकर चुदाई की। हम कब सो गए पता ही नहीं चला।
सुबह जब मेरी आँख खुली तो देखा कमरे में कई कन्डोम बिखरे पड़े थे।
दोस्तो, यह थी मेरी और मेरी फेसबुक दोस्त साक्षी की चुदाई की कहानी।
इस कोटा के दौरे से मुझे साक्षी जैसी अच्छी दोस्त मिली जिसके साथ की मस्ती को मैं कभी नहीं भूलूँगा। धन्यवाद।
आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया से जरूर अवगत कराये [email protected] मुझे आप फेसबुक पर भी इसी आईडी से सर्च कर सकते हैं।
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