This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
यह हिन्दी सेक्स कहानी मेरी एक प्रशंसिका द्वारा इस निवेदन के साथ प्रेषित की गई कि उसकी आइडेंटिटी यानि पहचान गुप्त रखते हुए उसकी अपनी आपबीती को मैं कहानी के रूप में प्रकाशित कर के पढ़ने वाले को यह बता सकूँ कि कोई भी नारी खराब नहीं पैदा होती है।
हालात, पेट या पेट से नीचे की भूख (अपनी, दूसरों की या) अथवा जरूरत के मुताबिक समय का बहाव भी उससे कुछ से कुछ करवा लेते हैं। बाद में ही वह घटना (खुशी या शायद अफसोस) सिर्फ एक याद बन जाती है।
कहानी की नायिका को हम शालू का नाम देते हैं जो कि कलकत्ता की पली, बढ़ी, 45 वर्षीया, विधवा, इंजीनियर महिला है जिसका नौकरी और समाज में एक अच्छा रुतबा है।
परिवार के नाम पर एक जवान गजेटेड अफसर बेटी रेवा है जिसके साथ वह पार्क स्ट्रीट के आसपास किसी बिल्डिंग के 14वें फ्लोर पर रहती है।
शालू के पति भी इंजीनियर थे, पर 4 साल पहले, एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। वे बहुत, नाम, शोहरत और पैसा छोड़ कर गए थे। वे बहुत हंसमुख, बातूनी और सेक्सी इंसान थे तो लगभग हमेशा ही शालू को, या किसी को भी, चोदने के लिए उनका लंड तैयार रहता था।
धीरे धीरे शालू भी बहुत चुदक्कड़ हो गई और कुछ खास दोस्तों के ग्रुप में सभी स्वाद बदलने के लिए एक दूसरे की बीवियों को चोदते रहते थे।
कुल मिला कर, शालू एक तथाकथित हाई क्लास सोसाइटी से है।
शालू को पति के जिंदा रहते ही, पति को कंपनी देने के लिहाज से, पति के साथ ही सिगरेट/ शराब पीने की लत लग गई थी।
पति की मृत्यु के 7 महीने के बाद ही शालू की बेटी रेवा भी पीसीएस अफसर बन गई और उसे ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया।
रेवा और उसकी माँ में इतनी ज्यादा समानता थी कि, चाहे वह, रूप, रंग, हाइट या फिर उनकी सेक्सी बॉडी ही क्यों न हो, उन दोनों को, पहली नज़र में, हर एक देखने वाला सगी बहन ही समझता था।
रेवा ने अक्सर अपने माँ-बाप को सिगरेट/शराब पीते (छिप कर, चोदते और चुदते भी) देखा था, तो उसकी भी जवानी कसमसाने लगी थी। स्कूल से ही सहेलियों के साथ सेक्स की बातें, ब्लू-फिल्म देखने का शौक लग गया था। बाकी कसर, पीसीएस की ट्रेनिंग में, उसकी रूममेट नीलांजना ने पूरी कर दी।
बेटी रेवा के ट्रेनिंग पर जाने के बाद अकेला घर बहुत सूना-सूना लगता था इस वजह से माँ बेटी अपना ज्यादातर समय एक दूसरी के साथ फोन पर बात करके गुजारती थी।
बेटी के बाहर जाने की वजह से वो दोनों ही हर बात आपस में शेयर कर लेते थे जैसा की माँ-बेटी में होता रहता है, सिवाय चुदाई की बातों के।
एक दिन रेवा ने माँ से फोन पर कहा कि अब उसे गजटेड अफसर होने के नाते अपने को बड़ा और मैच्योर समझना पड़ता है इसलिए भले ही हमारा रिश्ता माँ-बेटी का हो पर अब हम सहेलियों की तरह बात-व्यवहार करेंगी।
उसके बाद से उनमें कुछ ज्यादा ही अंतरंगता सी हो गई थी। यहाँ तक कि दोनों ही एक दूसरे को अपने लिए एक साथी ढूंढने के लिए कहती रहती थीं।
बातों-बातों में उसने अपनी रूम-मेट के बारे में, उसके अच्छे व्यवहार और उसके साथ एक दिन सिगरेट शराब का साथ करने के बारे में भी बता दिया था, बस सेक्स वाली बात छुपा गई।
पूजा त्यौहारों की छुट्टियों में शालू की बेटी रेवा, जब ट्रेनिंग से पहली बार घर आई तो दोनों ही बहुत प्यार से और बहुत चिपक कर एक दूसरे के गले मिली, जैसे बरसों की बिछड़ी हुई हों।
फिर उसने माँ को अपने बाहों में लेकर प्यार किया, बैठाया और अपनी लाई हुई गिफ्ट्स उनको दी और माँ का वही रटा रटाया लेक्चर सुना कि ‘केनो एतो गुलों जिनिस कीने आनली’ यानि क्यों इतना सारा सामान खरीद कर लाई वगैरह वगैरह।
चूँकि माँ बेटी छह महीने के बाद मिली थीं तो नाश्ते के बाद भी बहुत देर तक उनकी बात-चीत चलती रही।
इसी बीच रेवा फिर चाय बना कर लाई और गुजरे छः महीने का सारा अपडेट लेने के लिए और माँ के साथ लेटने के लिए उनके बेड पर दोनों लेट कर फिर बतियाने लगी।
माँ ने ट्रेनिंग / हास्टल / बाकी कलीग्स, फ्रेंड्स और रूम-मेट आदि के बारे में जानकारी ली वगैरह वगैरह!
फिर माँ ने नीलांजना, रेवा की रूम-मेट, के बारे में विस्तार से जानना चाहा तो उसने बताया कि नीलांजना दी शादीशुदा हैं, व्यव्हार में बहुत कुछ आपकी ही कापी हैं, उम्र में 5 साल बड़ी और एक बच्चे की माँ है, देखने और व्यव्हार में सख्त, पर बहुत केयरिंग लेडी हैं।
बस रात में अपने कमरे में सिगरेट, शराब और सेक्सी ड्रेसेस पहनने की बहुत शौकीन थी और रेवा से सेक्स की बात करना उसे बहुत अच्छा लगता था।
तो माँ ने कहा- मैं उसके तुम्हारे बीच की हर, छोटी हो या बड़ी, बात जानना चाहती हूँ, तुम बेझिझक हर बात, चाहे वह सेक्स से सम्बंधित ही क्यों न हो, मुझे बताओ।
आखिर माँ माँ ही होती है उसको अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली व्यव्हार भी करना चाहिए और हर जानकारी भी रखनी चाहिए ताकि की हर बात की सही सलाह दी जा सके… और तभी बच्चे भी बिना छुपाए माँ से सब शेयर भी कर लेते हैं।
तो रेवा ने बताया: जब मैंने उससे पूछा- नीलांजना दी, क्यों मुझको सेक्साइट करती रहती हैं? तो वो बोली- रेवा, मैं तुमको अपनी पत्नी मानती हूँ, इसीलिए ऐसा बिहेव करती हूँ। और तुम भी सिगरेट/शराब में मेरा, यानि अपने पति का साथ दिया करो। फिर दो दिन बाद यानि फ्राइडे रात उसने मेरी टेबल पर शराब की बोतल, नमकीन काजू और सिगरेट का पैकेट रखा और मना करने के बावजूद मुझे एक जाम बना कर दिया और एक खुद लिया एवं दोनों के लिए सिगरेट सुलगाई। मुझे को तो 2 पेग पीने के बाद सुरूर आने लगा और मैंने नीलांजना को बाहों में भर कर किस कर लिया। नीलांजना रोज की पीने वाली और खेली खाई लड़की थी, वह समझ गई कि अब मैं किसी भी काम के लिए मना नहीं करूँगी तो उसने मुझे प्यार करके मेरा बहुत भड़कीला मेकअप करके, अपनी सबसे सेक्सी ड्रेस पहना कर कहा कि आज हम सुहागरात मनाएंगे।
यह बात सुनने के बाद रेवा की माँ चुपचाप उठ कर ड्राइंग रूम में गईं और वहाँ से लाईटर और सिगरेट का पैकेट उठा लाई और बिस्तर पर बैठ कर अपनी सिगरेट सुलगाई और फिर एक सिगरेट रेवा की तरफ बढ़ाई।
रेवा के मना करने पर बोलीं- अब तू बड़ी, समझदार और मैच्योर हो गई है और हम वैसे भी माँ-बेटी कम सहेली ज्यादा हैं, इसलिए तू मेरे साथ एन्जॉय कर सकती है, डोंट वरी! और हाँ, नीलांजना की बात चालू रख! तुम्हारे बीच में जैसे भी शब्दों का आदान-प्रदान हुआ हो उनको बदलना नहीं, बल्कि यह समझ कि तुम दोनों के बीच में हुई हर चीज का वीडियो तुम मुझे दिखा रही हो! ओके?
‘हर शब्द?’ रेवा ने माँ से पूछा। ‘हाँ हाँ, हर शब्द, as raw as it is in its own glory!’ ‘पर फिर आप किसी बात का बुरा मत मानिएगा और न ही मेरी किसी भी हरकत के लिए नाराज होइएगा, प्रोमिस कीजिए?’ ‘हाँ हाँ, प्रोमिस… जब मैं ही सुनाने को कह रही हूँ तो फिर तू मुझे अपनी सहेली समझ कर सुना, डोंट ट्रीट मी एज मदर, ओ. के.!’
तो इस बात पर रेवा ने सोचा कि चलो अब माँ के साथ सेक्स में ज्यादा बहाने नहीं बनाने पड़ेंगे और उसने डिसाइड कर लिया कि, अब माँ को मजा आ रहा है तो आज, माँ को भी चूस चूस कर उनकी प्यास बुझा ही दी जाए।
फिर तो उसने नमक-मिर्च लगा कर कहानी को और चटपटी बनाते हुए माँ की गोद में सर रख कर सुनाना शुरू किया।
उसके बाद नीलांजना ने मुझे अपनी बाहों में भर कर बहुत देर तक जबर्दस्त किस किया और काफी देर तक मेरी जीभ भी चूसती रही और जब महसूस किया की अब मैं गीली हो गई हूँ और न कहने की मुझमें शक्ति नहीं रही तब उसने धीरे धीरे अपने और मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
दोनों एक दूसरे की बाहों में ही नंगी नंगी लेटी शराब और सिगरेट की चुस्की लेती रहीं, किस करती रही और चूचियों को मसलती चूसती रहीं। शारीरिक सेक्स सुख एंजॉय करने का यह मेरा पहला चांस था इसीलिए मुझे मज़ा भी आ रहा था और डर भी रही थी लेकिन चूंकि वहाँ किसी के डिस्टर्ब करने का कोई डर या मौका नहीं था इसीलिए मैंने नीलांजना की तरह ही 69 की पोजीशन में एक दूसरे की बुर की भी खूब चुसाई की और दांतों से कुतरने/कुतरवाने का मजा लिया।
फिर नीलांजना ने वाईब्रेटर और स्ट्रेप वाला डिल्डो निकाल कर उसे मेरी चूत में डाल कर ऑन कर दिया। मेरी सिसकारियाँ, वाइब्रेटर का एक खास स्टाइल से अंदर-बाहर होना… इसका आनन्द ही कुछ और था। और फिर वही सब जब मैंने नीलांजना के साथ किया तो सचमुच मैंने नीलांजना को अपनी माँ समझ कर और खुद को अपने पापा की जगह रख कर, स्ट्रेप वाले डिल्डो को अपनी कमर में फिट कर नीलांजना (अपनी माँ के रूप में देखते हुए) की खूब चुदाई की। फिर दोनों थक कर सो गईं।
इस पर माँ खूब जोर से हंसी और बोलीं- वाह वाह मेरी सोना, तूने फैंटेसी में अपनी माँ की ही चुदाई कर डाली। कहाँ से सीखा ये सब? तू ब्लू फिल्म देखती थी? बोल ना? ‘नहीं माँ… मुझे शर्म आती है।
‘अच्छा, तुझे शर्म आती है? ट्रेनिंग में जाने के बाद इन कुछ महीनों में तू कितनी बदल गई है और कितनी सेक्सी हो गई है दुष्ट लड़की? अब तो तुझे पहले यही बताना पड़ेगा।’ ‘नहीं माँ, प्लीज, मुझे शर्म आती है।’ ‘न, तोके बोलतेय होबे!’ ‘ठीक है ठीक है, रेगे जाबे न तो?’ ‘न, कोथा दीलम!’
“तो रेवा ने माँ की गोद में मुँह छिपा कर शर्माते हुए कहा- कुछ अपनी स्कूल, कालेज की सहेलियों के साथ सीखा है और कुछ पापा के समय आप लोगों की वीक-एंड पार्टियाँ देख कर सीखा है।
‘क्याऽऽऽ…? शालू लगभग जोर से चीख पड़ी, उसका मुंह आश्चर्य से खुला ही रह गया और उसने जोर से एक धौल अपनी बेटी की पीठ पर जमा दिया- बोल बोल… कब और कैसे? ‘छोड़ो न माँ, अब इन बातों का क्या लाभ? तुमने पूछा, मैंने सच सच बता दिया क्योंकि तुमने पहले ही कहा था कि हम सहेलियों की तरह हैं और तुम सब सच सच जानना चाहती हो!’
और यह कहते हुए उसने माँ को बाँहों में भर लिया और उसके होठों को अपने होठों से सील कर दिया। शालू इसके लिए तैयार नहीं थी, वह अकबका गई, जब तक वह कुछ समझ पाती, रेवा ने उसकी जीभ को भी चूसना शुरू कर दिया और शालू को लगभग असहाय कर दिया।
अब शालू ने रेवा को जोर से पीछे को धक्का देकर अलग किया और लगभग हांफते हुए कई बार रेवा को पीट दिया, फिर रेवा से कहा- I am sorry, I was really not prepared for these disclouser. Plz Sona, don’t get mad on your mother. I am extremely sorry for my instant reaction!
‘न… न… माँ, इट्स ओ.के. इफ यू किस मी बैक!’
शालू ने उसको प्यार से अपनी बाँहों में भर लिया और उसका सब गुबार निकल गया।
रेवा ने माँ से कहा- माँ क्या मैं एक सिगरेट ले सकती हूँ? दो सुलगाने की जगह हम दोनों एक से ही काम चला लेंगे। माँ ने पैकेट रेवा को दे दिया और रेवा ने सुलगा कर ढेर सारा धुआँ नाक से बाहर किया।
फिर रेवा ने बताया कि किस तरह रात की बातों को याद करके उसने फिर नीलांजना की बुर को चाटना शुरू कर दिया और सोचने लगी कि अब अपनी माँ को भी सेक्सी ड्रेस में चोदेगी। क्योंकि वो जानती थी कि बाबा के मरने के बाद से माँ ने किसी से चुदवाया नहीं है।
और यही सोच कर रेवा ने छुट्टियाँ शुरू होने पर घर आने से पहले मां बेटी के मनोरंजन के लिए कुछ सामान खरीद लिया।
‘किछू खाबे कि? थाक, अमि निए आश्ची’ अर्थात रेवा ने माँ से पूछा- कुछ खाएँगी क्या? रुकिए, मैं ला रही हूँ पर पहले कुछ बियर का भी स्वाद चख लिया जाए! और यह कह कर गाउन पहने पहने अपने कमरे में गई और 2 गिलास में बियर में व्हिस्की मिला कर लाई और माँ को दिया।
माँ ने पूछा- ये क्या है? तो उसने कहा- पूजा का गिफ्ट आपके लिए लाई थी पर महसूस कर रही हूँ कि आपको इसकी अभी ही जरूरत है, प्लीज एक सांस में खत्म कर दीजिए।
माँ ने कुछ आश्चर्य मिश्रित गुस्से से देखा और बोलीं- लगता है तू बहुत बिगड़ती जा रही है।
रेवा ने कहा- माँ, वहाँ पार्टी आदि में ये सब करना सिखाया जाता है। खैर, चलो हम दोनों बाथ टब में बैठ कर कुछ देर खाएगी, पिएंगी बातें करते करते फिर नहाएंगी। आओ न…
रेवा तो सोच चुकी थी कि आज मैं माँ को, नीलांजना बन कर, चोदूँगी और इसीलिए ड्रिंक में कुछ और भी मिला कर ले आई थी। इसीलिए बाथरूम में भी जाकर सेटिंग की, डिलडो और स्ट्रेप छिपा कर रख दिए और बाथटब में बेदिंग-साल्ट आदि डालकर फोम तैयार ही किया था कि तब तक माँ दोनों गिलास लेकर वहीं आ गईं और पूछने लगीं- इतनी देर से तू कहाँ थी और क्या कर रही थी?
रेवा ने देखा कि शायद बहुत दिन के बाद पीने के कारण माँ की आँखों में न केवल सुरूर छा रहा था बल्कि कुछ कुछ जबान भी लडखड़ा रही थी। यही तो रेवा चाहती थी ताकि अपना और माँ का सेक्स का भी रिश्ता कायम कर सके।
रेवा ने उन्हें बताया कि उसने उनके लिए बाथटब सेट किया और उनको बुलाने ही आ रही थी।
रेवा ने माँ से जानबूझ कर पूछा- आपका गिलास खाली क्यों है, ड्रिंक फेंक दिया क्या? उन्होंने जवाब दिया- ड्रिंक ख़त्म कर दिया। तो रेवा ने कहा- आप को देख कर लगता नहीं है कि आपने पिया है। चलिए, आप टब में बैठिए, मैं बोतल यहीं ले आती हूँ।
उनके मना करने पर भी रेवा बियर की बोतल में एक नशे की टैबलेट और व्हिस्की लेकर आ गई। माँ वाकई सुरूर में थीं सो रेवा ने चुपके से उनके ग्लास में ड्रिंक डाल कर उन्हें बाँहों में लेकर ग्लास उनके मुंह से लगा दिया और एक बड़ा पैग पिला दिया।
उन्होंने बुरा सा मुंह बनाते हुए बनावटी नाराजगी दिखाई और पूछा ‘तोर गिलास कोथाय’ यानि तेरा ग्लास कहाँ है? तो रेवा ने कहा- मैं अब गिलास से नहीं आपके मुंह से पिऊँगी। आप एक घूंट अपने मुंह में भर कर अपने होठों को मेरे होंठों से चिपका कर मुझे पिलाओ।
उन्होंने डांटते हुए उसे ‘दुर, दुष्टों मेय” (हट दुष्ट लड़की) कहा पर रेवा की जिद और उनके सुरूर की वजह से रेवा ने उनके मुंह में फिर ग्लास से एक बड़ा सा घूंट भर दिया और फ़ौरन ही उनके होंठों को लिपलॉक कर दिया और बहुत देर तक उनके सर को पकड़ कर होठों को चूसती रही।
उनके मुंह से थोड़ी सी व्हिस्की का स्वाद रेवा ने चखा पर रेवा का मकसद तो उनको सेक्साइट करना था और रेवा उसमें कामयाब भी हो गई। उन्होंने गूंऽऽ… गाँऽऽ… की आवाज निकलते हुए रेवा को अपने से दूर हटाने का बहुत प्रयास किया पर उनको नशा अधिक होने की वजह से इस आपा-धापी में उनसे रेवा का गाउन जरूर उतर गया और रेवा नंगी हो गई। रेवा को नंगी देख कर जब उन्होंने सॉरी कहा तो रेवा ने कहा- न, सॉरी से काम नहीं चलेगा, हिसाब बराबर का होना चाहिए!
और यह कहते हुए रेवा ने उनका गाउन खोल कर उनको भी नंगी कर दिया। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं! अब माँ-बेटी दोनों के ही गाउन सामने से बिल्कुल खुले हुए थे।
रेवा ने फिर से माँ को बाँहों में भर कर किस करते हुए उनके निप्पलों पर उंगलियाँ फेरना शुरू किया। माँ ने भी उसे कस कर जकड़ लिया, उनके गले से अजीब सी आवाज निकल रही थी, वो अपने आप को रेवा से छुड़ा भी रही थीं और उसे किस भी कर रही थीं, चिपका भी रहीं थीं।
कुल मिला कर अब शराब उन पर सवारी कर रही थी।
रेवा ने भी माँ को अपनी बाँहों में भर कर खूब किस किया और अपना हाथ उनकी गांड पर फेरा। सच उनके बहुत ही बड़े चूतड़ थे। उन्होंने भी अपने हाथों को रेवा की चूचियों पर फेरा और कस के दबा कर मुस्कुराईं- अम्म्म… ख़ूब बोडो होए गेछे न! और यह कह कर उन्होंने रेवा के कपड़े उतरने शुरू कर दिए, रेवा ने भी उनको नंगी कर दिया।
रेवा ने अपनी आँखें बंद कर लीं और उनके मम्मों को चूसने लगीं.. मज़े लेने लगी। इतनी सेक्सी रेवा ने अपने आप को कभी फील नहीं किया था।
माँ भी अपनी जीभ से रेवा की चूचियों की बगल से सहलाने लगीं.. फिर उन पर जीभ फिराने लगीं।
रेवा की साँसें तेज होने के कारण चूचियां ऊपर-नीचे हो रही थीं, उनके रेवा से भी बड़े थे और उनके तने हुए निप्पल अकड़े हुए दिख रहे थे। तभी धीरे से रेवा अपना हाथ उनकी चूत पर फेरने लगीं.. उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं.. और मज़े लूटते हुए मादक सिसकारियाँ लेने लगीं।
रेवा अपनी दो उँगलियों से उनकी चूत सहलाने लगी और मजे लेने लगी। दोनों ऐसे ही बहुत देर तक एक दूसरे की वासना की आग को अपनी जीभों और ऊँगली से शान्त कर निढाल हो कर एक दूसरी से चिपक कर बाथटब में लेट गई।
रेवा ने कुछ देर बाद एक सिगरेट सुलगा कर जोरदार कश लिया फिर उसे माँ के होंठों से लगा दिया ताकि वो भी फ्रेश फील करें।
उसके बाद हम दोनों, एक दूसरी को नहलाकर तौलिए से पोंछ कर, नंगी नंगी ही डाइनिंग रूम में आ गई। अपने होशोहवास में शायद पहली बार इस तरह से दोनों एक दूसरी के साथ नंगी थी पर इसका भी अपना अलग मजा था।
इसमें शर्म नहीं थी बल्कि एक दूसरे के लिए प्यार और लगाव था। दोनों ही एक दूसरी से एक मित्र की तरह निश्छल व्यव्हार कर रही थी। बाबा की डेथ के बाद आज पहली बार माँ को उन्मुक्त रूप से हँसते आनंदित होते देख रही थी रेवा!
अब तक दोनों को ही बहुत भूख लग गई थी तो ड्रिंक्स के साथ ही बात करते करते शालू ने लंच सर्व किया और दोनों ने खा भी लिया।
अब शालू ने कहा- हम लोग कुछ पहन लेती हैं क्योंकि काम वाली के आने का समय हो रहा है। दोनों ने मैक्सी पहन ली और फिर बिस्तर पर आकर एक साथ लेट गई।
माँ ने रेवा से पूछा- तेरी दोस्त सिर्फ नीलांजना ही है या कोई और, या लड़का, भी है? तो रेवा ने बताया- नीलांजना से दोस्ती की वजह से न तो अभी तक किसी लड़के की हिम्मत पड़ी और न ही मुझे कोई इतना अपीलिंग महसूस हुआ. लेकिन अब अगर कोई भी मेरी लाइफ में, भले ही वह वन नाइट स्टेंड ही क्यों न हो, आया तो मैं आपको बता दूंगी।
तभी काम वाली भी आ गई और रेवा देख कर बहुत खुश हुई। एक दूसरे के हाल-चाल लिए और फिर वो बोली कि बर्तन साफ करके वो आकर बैठ कर बात करेगी। और किचन में चली गई।
थोड़ी देर के बाद काम निबटा कर वो अच्छी सी कॉफी बना कर लाई क्योंकि रेवा हमेशा उससे काफी की फरमाइश किया करती थी। कुछ देर बाद वो अपने घर चली गई और मां बेटी फिर बातों में मशगूल हो गई।
तभी शालू को याद आया कि कामवाली के जाने के बाद मेनगेट खुला पड़ा है, जब तक माँ मेनगेट बंद करके आती उतनी देर में रेवा अपना मेकप बैग, सी. डी., डिलडो ले आई और टॉवल से ढक कर, नंगी होकर सिगरेट सुलगा कर लेट गई।
शालू रेवा को नंगी सिगरेट पीते देख कर मुस्कुराने लगी। रेवा ने माँ से कहा- प्लीज ये सी.डी. प्लेयर में लगा कर स्टार्ट कर कर दीजिए ना!
माँ जब प्लेयर स्टार्ट कर के रेवा के पास आई और उसकी सिगरेट ले कर अपने होंठों से लगाई तो उसने माँ से कहा- कपड़े उतार कर लेटिए न मेरे पास! और उनको अपनी बाँहों में लेकर चूम लिया।
यह एक माँ बेटी के लेस्बियन सेक्स की एक बहुत ही जबरदस्त सेक्सी वीडियो था जिसमें माँ का अपनी जवान बेटी के प्रति आकर्षण सेक्स में कब बदल गया उन दोनों को ही पता न चल सका, बस उन दोनों में बेहद प्यार हो गया।
शालू ने जब उस सीन को देखा जिसमें सोती हुई बेटी की टांगों के बीच में फिल्म वाली माँ घुटनों के ऊपर अपनी जीभ से चाटते हुए बहुत धीरे धीरे बुर के दोनों होंठों को अलग करके अपनी जीभ अन्दर करती है, तो शालू का मुंह खुला ही रह गया और उसकी उंगलियाँ रेवा की बुर के अन्दर बाहर होने लगी।
शालू को रेवा ने एक और सिगरेट सुलगा कर उसके होंठों से लगाई और वो बेख्याली में उसके कश लेने लगी और मुस्करा कर रेवा की तरफ देखा.. तो उसकी आँखें सुर्ख होती हुई नज़र आईं।
नीचे को झुक कर हिम्मत करते हुए रेवा ने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और एक चुम्मा ले लिया। माँ मुस्कराई और बोली- लगता है कि तुझे भी इनकी तरह ही मज़ा करने का शौक चढ़ रहा है?
रेवा आहिस्ता आहिस्ता उनकी नंगी जाँघों पर हाथ फेरते हुए उसके गालों को चूमते हुए बोली- हाँ.. तो क्या हर्ज है इसमें.. यह सब तो लड़कियां करती ही हैं ना?
माँ के सिर के बालों में हाथ फेरते हुए रेवा ने झुक कर माँ के होंठों को चूमा और उसकी निचले होंठ को अपने दाँतों की गिरफ्त में लेते हुए आहिस्ता आहिस्ता काटने लगी.. तो ‘इसस्स.. स्स्स्स्स.. स्स्स्स्स…’ की आवाज़ के साथ ही माँ की आँखें भी बंद हो गईं।
एक हाथ से माँ के सिर को कंट्रोल करते हुए उसके होंठों को चूसते हुए.. रेवा उसके नंगे गोरे पेट को सहलाते हुए अपना हाथ ऊपर को उसकी नंगी चूचियों की तरफ ले जाने लगी। माँ की साँसें तेज हो रही थीं और उसकी साँसों के साथ उसकी चूचियों भी ऊपर-नीचे हो रही थीं।
जैसे ही रेवा के हाथों ने माँ की नंगी चूचियों को अपनी गिरफ्त में लिया.. तो उनका सीना एकदम से ऊपर को उठ गया। रेवा फ़ौरन समझ गई कि माँ मस्ती में है, उसने बिल्कुल आहिस्ता आहिस्ता उसके एक निप्पल को अपनी उंगली और अँगूठे के दरम्यान लेकर दबाना और सहलाना शुरू कर दिया।
माँ के मुँह से हल्की हल्की सिसकारियाँ निकलने लगी थीं। बारी-बारी से रेवा उसके दोनों छोटे-छोटे अंगूरों जैसे निप्पलों को सहला रही थी और साथ-साथ होंठों को भी चूम रही थी। उसकी आँखें बिल्कुल बंद थीं.. बस उसके मुँह से गहरी-गहरी साँसें फूट रही थीं।
आहिस्ता आहिस्ता मैंने अपनी ज़ुबान को उसके होंठों के दरम्यान में धकेल दिया। अब मेरी ज़ुबान उसके होंठों को अन्दर से चाटने लगी और उसकी दाँतों से टकरा रही थी।
आहिस्ता आहिस्ता उसके दाँतों ने मेरी ज़ुबान को अन्दर आने की इजाज़त दी और अगले ही पल मेरी ज़ुबान उसकी ज़ुबान से टकराने लगी.. साथ ही उसने अपने होंठों को बंद किया और मेरी ज़ुबान को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी।
रेवा हाथ उसकी जाँघों, नंगी कमर और जिस्म पर रेंग रहा था… उसे लग रहा था कि कुछ ही देर में ही बिना चुदे ही माँ बाबा के मरने के बाद, पहली बार स्खलित होने के मुकाम तक पहुँच जाने वाली है।
रेवा भी यही चाह रही थी कि अभी उसकी चूत को ना टच करे.. और ऐसे ही उसकी चूत का पहला पानी निकाल दे। रेवा के हाथ उसकी नंगी जाँघों पर, उसकी चूत के इर्द-गिर्द रेंग रहे थे.. लेकिन उसकी चूत को टच नहीं कर रहे थे।
शालू से जब बर्दाश्त ना हो पाया तो उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रखा और उसे दबाने लगी.. साथ ही रेवा ने भी उसके निप्पलों पर अपने होंठों का दबाव बढ़ा दिया। बल्कि अबमैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से हौले-हौले काटने भी लगी थी।
तेज-तेज साँसों के साथ माँ के मुँह से तेज-तेज सिसकारियाँ भी निकल रही थीं.. जो पूरे कमरे ही क्या.. पूरे घर में गूँज रही थीं। फिर कुछ ही देर में उसके जिस्म ने जैसे ज़ोरदार झटका सा खाया, चेहरे के हाव-भाव, आवाज भी बदल गई और पूरे का पूरा जिस्म अकड़ गया।
रेवा ने उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ भींच लिया और थोड़ी ही देर में ही उसका जिस्म रेवा बाँहों की गिरफ्त में बिल्कुल ढीला हो गया।
रेवा ने आहिस्ता आहिस्ता उसे चूमते हुए उसे रिलेक्स करना शुरू कर दिया, अपनी नज़र उसकी चूत पर डाली.. तो उसके पानी पर नजर पड़ी, फिर रेवा ने अपना मुँह लगा कर खूब जोर जोर से माँ का सारा पानी पी लिया. माँ के जिस्म में बेचैनी सी बढ़ती गई। जब खुद पर कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल हो गया तब पता नहीं क्या क्या बकते हुए माँ ने बहुत सारा पानी मेरे मुंह में ही निकाल दिया।
कुछ देर बाद माँ ने आँखें खोलीं और रेवा अपनी उंगलियों को चाटते हुए देख कर बोली- क्या कर रही है यह? रेवा मुस्कराई और उसकी चूत के पानी से चमकती हुई अपनी उंगलियाँ उसके चेहरे के पास ले जाती हुई बोली- देखो, बहुत दिनों के बाद तुम्हारी चूत ने पानी छोड़ा है.. उसे ही टेस्ट कर रही हूँ।
यह बात सुन कर शालू के चेहरे पर शर्मीली सी मुस्कराहट फैल गई और उसने दोबारा से अपनी आँखें बंद कर लीं। रेवा ने भी आहिस्ता आहिस्ता उसी गीली उंगली से उसके होंठों को सहलाना शुरू कर दिया और माँ को, खुद उसकी, अपनी चूत का पानी टेस्ट करवाने लगी।
कुछ देर के लिए रेवा और उसकी माँ शालू इसी तरह से निढाल हालत में लेटी रही। रेवा की चूत की प्यास अभी तक नहीं बुझ पाई थी.. लेकिन उसने खुद पर कंट्रोल कर लिया हुआ था और.. शायद वो भी एक ही बार में तमाम हदों को क्रॉस ना कर पाती इसलिए रेवा बड़े ही आराम से अपनी बाँहों में लिए हुए उसके जिस्म को सहलाती रही। वो भी आँखें बंद करके मेरी बाँहों में पड़ी रही और दोनों कब सो गए कुछ पता ही नहीं चला।
रात दो बजे के करीब रेवा लगा कि जैसे नीलांजना दी उसकी टांगों के बीच में बैठ कर कुछ गुदगुदी कर रही हैं, उसकी नींद खुल गई तो उसने देखा कि टेबल पर शराब का गिलास रखा है और माँ शराब की चुस्की, सिगरेट के कश के साथ रेवा की चूत का रसपान कर रही हैं। अगर उठ जाती तो निश्चित माँ शर्मा कर हट जाती इसलिए रेवा ने चुपचाप, सिर्फ माँ को प्रोत्साहित करने के लिए, जैसा रेवा प्लान ही बना कर आई थी, अपनी तरफ से कोई हरक़त नहीं की और बस सोने का बहाना करती रही।
लेकिन झड़ने के समय बेहतरीन चुसाई के बाद ही दोनों माँ बेटी झड़ी और दोनों के बीच में एक नई और बहुत ही अच्छी दोस्ती शुरू हो गई।
अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स कहानी के कद्रदानो, यह पेशकश आपको कैसी लगी, कृपया अपनी बेबाक राय और सुझाव भेजिएगा। आपका अपना पीटर [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000