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नंगी भाभी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक बार भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया. जब मैं गया तो वे बाथरूम में थी. मैं बाथरूम में कैसे पहुंचा और वहां क्या क्या हुआ?
फ्रेंड्स, मैं यश … मेरी नंगी भाभी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग होली में छू ली भाभी की चोली में आपने पढ़ा कि मैं अपनी पड़ोसन मोना भाभी के साथ बाथरूम में था और उनके होंठों का रस पीते हुए उनकी चुत को रगड़ रहा था.
अब आगे नंगी भाभी सेक्स स्टोरी:
आज मुझे भाभी ने फिर से प्रीत भाभी की याद दिला दी थी. सच में क्या मस्त माल लग रही थीं.
इस वक्त मोना भाभी ब्रा पैंटी में ऐसी लग रही थीं जैसे कोई अप्सरा हो. एकदम दूध सा गोरा-चिट्टा मखमल जैसा बदन, भरे हुए चुचे ब्रा से बाहर आने को आतुर हो रहे थे और नीचे उनकी कोमल कोमल चिकनी टांगें मेरे लंड की मां चोदने को उतारू थीं.
ऊपर से भाभी एकदम गीली थीं, जो कि भाभी के हुस्न को चार चांद लगा रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं एकदम से भाभी की गर्दन और सीने पर किस करने लगा. मोना भाभी और भी जोर से खुल कर सिसकारियां लेने लगीं- ऊऊहह ऊह्ह!
कुछ ही देर में भाभी काफी गर्म हो चुकी थीं. भाभी को कितना मजा आ रहा था ये साफ़ पता चल रहा था.
मोना भाभी ने अपना हाथ मेरे लोअर के ऊपर से ही लंड को सहला दिया. मैं अभी लोअर उतारने की सोच ही रहा था कि अगले ही पल भाभी ने मेरे लोअर के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को निकाल लिया. वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगीं.
मैंने भी भाभी की ब्रा उतार दी. मोना भाभी के चुचे जैसे इसी आज़ादी के लिए बेताब हो रहे थे. आज मुझे दूसरी बार भाभी के इतने गोरे-चिट्टे चुचों के खुले दर्शन हो रहे थे.
पहली बार में लगभग आधे दिख सके थे, मगर आज तो मानो लंका में आग लग गई थी. घर में भी कोई नहीं था जो रोक-टोक करता.
मैंने अगले ही पल भाभी की गर्दन पर जोर जोर से चूमना चालू कर दिया. साथ ही अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा.
इससे मोना भाभी और भी गर्म हो गई और सेक्सी आवाजें भरने लगीं- ओहह हहह … अअ अहहह!
कुछ ही देर ऐसे करने के बाद मैंने मोना भाभी की पैंटी को भी उतार दिया और साथ मैंने अपनी लोअर टी-शर्ट और अंडरवियर को भी उतार दिया.
हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे थे.
भाभी का इतना सेक्सी बदन देख कर मुझे अपने आप पर काबू करना बहुत मुश्किल हो रहा था. पर पता नहीं कैसे रोक सका अपने आपको.
मेरी नीचे नजर गई, तो भाभी की चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत एकदम गुलाबी सी थी. मेरा मन किया कि अभी चुत को खा जाऊं.
इस बार मैं अपने आपको सम्भाल नहीं पाया और एक झटके में नीचे बैठ कर मोना भाभी की टांगों को खोल दिया. भाभी की टांगें क्या खुलीं … जन्नत आ दरवाजा लपलप करता हुआ सामने आ गया. मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ से दाना चाट लिया.
जैसे ही भाभी की चूत पर मेरा मुँह लगा, भाभी की सिसकारी निकल गई.
मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से भाभी की टांगों को पकड़ा और उनकी पिघलती चूत की फांकों के बीचे में जीभ रगड़ दी. इससे भाभी मस्ता गईं और उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.
मैंने उसी वक्त उनकी टांगों को छोड़ा और चुत की दोनों पुत्तियों को पकड़ कर अगल अलग तरफ खींच लिया. इससे भाभी की चूत का छेद बड़े आराम से देखा जा सकता था. अन्दर का गुलाबी रंगत लिए हुए गुफा का दृश्य दिखने लगा था.
मैंने भाभी की चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाना शुरू किया तो भाभी की कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वो मेरे बालों को सहला रही थीं और आह आह कर रही थीं.
मैं भाभी की चूत के दाने को कभी कभी जब अपने होंठों में दबा कर खींचता तो भाभी गांड आगे करके उछल सी पड़तीं.
मैंने पूरे मनोयोग से भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. साथ ही अपनी दो उंगलियों से दाने को भी जोर जोर से मींजने लगा. मेरी इस हरकत से तो भाभी पागलों की तरह आवाजें लेने लगीं.
मुझे भाभी की चूत की गर्माहट साफ़ महसूस हो रही थी.
मैं कुछ देर चुत चाटने के बाद वापस खड़ा हुआ और उनके चुचों को बारी बारी से मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. एक हाथ से एक चुचे को दबाता और दूसरे को चूसता. इसी के साथ खाली हाथ से अगले ही पल उनकी चुत को भी जोर जोर से रगड़ने लगता.
इधर भाभी भी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़े हुए आगे पीछे किए जा रही थीं.
जब मैं भाभी की चूत को तेज तेज मसलने लगा तो वो भी मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगीं.
कुछ ही देर में हम दोनों शांत हो गए और नहा कर बिना कपड़ों के ही भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उनके रूम में ले जाने लगा.
आज मुझे अपना सपना पूरा करना था. मैं उनको दुल्हन बना कर चोदना चाहता था.
मैंने रुकते हुए कहा- भाभी, आप एक काम करोगी? मना मत करना. भाभी बोलीं- क्या काम … और रुक क्यों गए?
मैंने भाभी को अपनी गोद में लिए हुए था. तो उनको चूम कर उनके रूम में ले गया. रूम में ले जाकर मैंने भाभी को बेड पर बैठा दिया.
अब मैंने कहा- भाभी मेरी एक ख्वाहिश है … जो सिर्फ आप ही पूरी कर सकती हो. मोना भाभी बोलीं- अब बोलोगे भी कि क्या ख्वाहिश है.
मैंने कहा कि मुझे आपको भाभी के रूप में नहीं. बल्कि आपको दुल्हन बना कर प्यार करना है. भाभी बोलीं- ठीक है, तुम ये तौलिया पहन कर नीचे चले जाओ. जब मैं आवाज लगाऊं … तब आना. मैंने कहा- ठीक है.
मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा भाभी ने कहा था. मैं नीचे चला गया.
करीब 20 से 25 मिनट हुए होंगे कि मोना भाभी ने आवाज लगा दी- यश ऊपर आ जाओ.
मैं जैसे ही ऊपर गया, तो दरवाजा लगा हुआ था. मैंने दरवाजा खोला तो मोना भाभी बेड पर बैठी हुई थीं और उन्होंने अपनी शादी का लहंगा चोली पहना हुआ था. चुनरी से घूंघट डाल रखा था.
मैंने जल्दी से दरवाजे को बंद किया और मोना भाभी के पास जाकर बैठ गया. मैंने मोना भाभी के घूंघट को अपने दोनों हाथों से ऊपर किया और उन्हें निहारा.
भाभी इतनी सुंदर लग रही थीं कि मेरे पास उनकी खूबसूरती को बयान करने के लिए कोई शब्द ही नहीं है.
मोना भाभी ने लाल रंग की चोली और लहंगा पहना हुआ था. उन्होंने होंठों को भी लाल किया हुआ था और एक छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी. आंखों में लाइनर लगाया हुआ था. इसके अतिरिक्त और कोई मेकअप नहीं किया हुआ था. भाभी एकदम सिंपल सी, पर लाखों में एक लग रही थीं.
मुझे तो ये कोई सपना सा लग रहा था. मैंने मोना भाभी के चेहरे को अपने एक हाथ को ऊपर किया. भाभी मुझे देख रही थीं.
मैंने कहा- भाभी, सच में आप कितनी सुंदर लग रही हो. मोना भाभी बोलीं- भाभी नहीं … सिर्फ मोना कहो. मैंने कहा- ठीक है मेरी जान!
मैंने मोना भाभी के हाथों को अपने हाथों में लिया और उसको धन्यवाद बोला.
अब मैंने एक हाथ भाभी के गाल पर रखा और उनके रसीले लाल होंठों का रस पीने लगा. मोना भाभी भी अब मेरा साथ देने में कोई संकोच नहीं कर रही थीं.
कुछ ही देर में मैंने भाभी को लेटा दिया और उनके ऊपर आकर कभी उनके गालों को चूमता, तो कभी उनकी गर्दन को जोर जोर से चूसता चूमता, जिससे मोना भाभी को भी बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं अब अपने आपे में ही नहीं था. मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था … बस मुझे मोना भाभी ही दिख रही थीं. बौराया सा मैं भाभी के ऊपर चढ़ा हुआ कभी उनके होंठों को चूमता चूसता तो कभी उसके कानों के पीछे अपनी जीभ से सहलाने लगता, तो कभी उनकी गर्दन को जीभ से चाटते हुए गीला कर रहा था.
ये सब करते हुए भाभी एकदम मस्त हो गई थीं. उन्होंने नीचे हाथ करके मेरा लंड पकड़ लिया था जिससे लंड एकदम टाइट हो गया था.
मेरा लंड मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत को दबा रहा था. साथ ही साथ मेरे दोनों हाथ कभी भाभी के चुचों को ब्लाउज़ के ऊपर से सहलाते, तो कभी उनकी कमर को मसलने लगते, जिससे मोना भाभी के ऊपर बहुत मस्ती छाने लगी.
भाभी की मादक आवाजें आने लगीं- आह यश … मेरी जान आज तुमने ये क्या कर दिया … मुझे अभी तक सूरज ने भी ऐसा प्यार नहीं किया है.
ये कहते हुए मोना भाभी मेरे बालों को अपने दोनों हाथों को सहला रही थीं. उनकी मस्ती के मारे आंखें बंद हो रही थीं.
मैंने अब भाभी के ब्लाउज़ के ऊपर से ही उनके चुचों को मुँह में दबा कर चुभलाना शुरू कर दिया था. कभी कभी उनके निप्पल को ब्लाउज़ के ऊपर से ही पकड़ कर खींच लेता, तो मोना भाभी एकदम से सिसक उठतीं.
फिर मैंने अपने हाथ को धीरे से नीचे ले जाते हुए भाभी के पेट को जैसे ही सहलाया, मोना भाभी आह करते हुए हल्की सी ऊपर को हो गईं. अगले ही पल मैंने एक हाथ को मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी चूत पर रख दिया और चुत को सहलाने लगा.
उनकी टांगें ऐसे भिंच गईं, जैसे वो अपनी चुत को मुझसे छिपाना चाह रही हों. ऊपर मैंने एक हाथ से उनके एक चुचे को पकड़ कर हॉर्न जैसे दबा दिया. साथ ही मेरे होंठ भाभी के होंठों पर कस गए और मैं उनके कोमल होंठों का रस भी चूसने लगा.
इस वक्त तो मैं क्या बताऊं दोस्तो, हम दोनों को ही इतना मजा आ रहा था कि हम दोनों जन्नत का मजा ले रहे थे.
अभी तो ये खेल हमारे कपड़ों के ऊपर से ही हो रहा था. मोना भाभी सेक्स के मजे में मानो डूब गई थीं. उन्हें होश ही नहीं था कि वो किस लोक में विचर रही हैं.
मुझे इतना मजा जब बिना कपड़े उतारे आ रहा था, तो उनें नंगी करके जब मैं भाभी की चुत चुदाई करूंगा, तो क्या होगा.
मैंने मोना भाभी को मोड़ कर करवट दिला दी और उन्हें औंधा करके पेट के बल लेटा दिया; पीछे से उनके ब्लाउज़ को खोल दिया. उनकी नंगी हो चुकी पीठ को मैं चूमने ओर चाटने लगा.
मोना भाभी को इस सबसे काफी अच्छा लग रहा था; वो आंखें बंद किए मादक आवाजें भरते हुए मजा ले रही थीं.
अब मैंने अपनी तौलिया निकाल दी. तौलिया के नीचे मैंने कुछ नहीं पहना था. मेरा नंगा कड़क लंड भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में रगड़ने लगा था.
मैं नीचे लंड रगड़ रहा था और ऊपर उनके कानों को भी चूम रहा था.
मैंने जब मोना भाभी के ब्लाउज़ को खोला था, तो देखा था कि भाभी ने ब्रा भी पहनी हुई थी. उनकी रेशमी ब्रा लाल रंग की थी.
मैं उसकी पीठ को चूमते हुए नीचे आता जा रहा था. मैं लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड को चूमता हुआ, उनकी जांघों पर हाथ फेर रहा था. इसी तरह भाभी के कटि प्रदेश से चूमता हुआ नीचे आ गया.
नीचे आकर मैंने एक हाथ से मोना भाभी के लहंगे को ऊपर कर दिया. मोना भाभी ने अन्दर लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
मैं देर न करते हुए भाभी की टांगों को चूमते हुए फिर से को ऊपर आने लगा. इस बार मेरे हाथ से उनका लहंगा भी ऊपर आता जा रहा था.
मैं ऊपर को आकर अपने दोनों हाथों से उनके मस्त चूतड़ों को मसलने लगा.
मोना भाभी मेरी इन सब हरकतों से काफी आनन्दित लग रही थीं, इसलिए वो अपने आंखें बंद किए हुए आने वाले पलों का इंतजार कर रही थीं.
भाभी मेरी सारी हरकतों को अपने जीवन में अब तक का सबसे बढ़िया समागम महसूस कर रही थीं. वो कहे जा रही थीं- आह जानू … तुमने मुझे ये क्या कर दिया … अह … करते रहो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है यश आह.
उनकी इन बातों से मैं और भी अधिक जोश में आता जा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने भाभी को सीधा खड़ा होने का कहा.
भाभी खड़ी हो गईं. मोना भाभी अभी सिर्फ लहंगे और पैंटी में थीं. वो मेरी आंखों में वासना से देखते हुए मेरे अगले कदम का बेसब्री से इंतजार करते दिख रही थीं. वो ज्यादा कुछ बोल नहीं रही थी, बस वो आज सब हरकतों को दिल से फील कर रही थीं.
मित्रो, भाभी के साथ देवर सुहागसेज पर सेक्स के मजे ले रहा था. इस सेक्स कहानी में आपको मजा आ रहा होगा. आपको मुठ मारनी हो मार लो क्योंकि नंगी भाभी सेक्स स्टोरी के अगले हिस्से में आपको फिर से लंड खड़ा करके भाभी की चुदाई की कहानी का मजा लेना है.
आप सब मुझे मेल करते रहें. आपका यश हॉट शॉट [email protected]
नंगी भाभी सेक्स स्टोरी का अगला भाग: नयी नवेली पड़ोसन भाभी को चोदने की लालसा- 4
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