This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले तमाम पाठकों को मेरा सलाम।
दोस्तो.. यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर… यह कहानी कम और हक़ीकत ज़्यादा है। चूंकि मैं पहली बार लिख रहा हूँ तो कुछ ग़लतियां भी हो सकती है।
मेरा नाम रोहन (बदला हुआ नाम) है। मैं 22 साल का एक हट्टा-कट्टा नौजवान हूँ। मैं एक चाल में रहता हूँ। चाल में करीब एक दर्जन मकान है।
मेरे मकान से एक घर दूर रिहाना नाम की एक लड़की अपने अम्मी और अब्बा के साथ रहती है। उसका रंग एकदम गोरा-चिट्टा है, वो हमेशा काजल से भरे हुए नयनों वाली करीब 20 साल की कमाल की कमसिन जवान लड़की है।
हमारी चाल में वहाँ अलग अलग धर्म मानने वाले परिवार हैं लेकिन हमने कभी भी उनको अलग नहीं समझा। इसी वजह से मेरे और रिहाना के परिवार के साथ अच्छे ताल्लुकात हैं।
रिहाना कॉलेज से डिग्री की पढ़ाई कर रही थी।
वैसे मेरा आमना-सामना तो कई बार उससे हुआ है.. पर मैं अपने शर्मीले स्वाभाव के चलते उससे बात तक नहीं कर पाता था। मैं तो स्कूल से ही रिहाना को पसंद करता था.. पर वो है कि मुझे घास भी नहीं डालती थी।
रिहाना और कंचन जो कि मेरी ही चाल में रहती है.. दोनों पक्की सहेलियां हैं, दोनों साथ-साथ में ही कॉलेज जाया करती हैं।
मैं रोज़ सुबह कॉलेज जाया करता और करीब 12 बजे तक कॉलेज से वापस आ जाता था।
रिहाना भी सुबह ही कॉलेज जाया करती है। चूंकि हम दोनों एक ही चाल में रहते हैं तो चाल के मलिक ने सबके लिए कॉंमन बाथरूम और शौचालय बनवाया है। सुबह का कॉलेज होने की वजह से रिहाना कभी नहा कर नहीं जाती थी।
एक दिन की बात है.. दोपहर का एक बजा होगा, उस समय कम ही लोग बाथरूम की तरफ जाते हैं।
मैं उसी वक्त नहाने के लिए बाथरूम चला गया। जैसे ही मैंने बाथरूम के दरवाजे को हाथ लगाया, तो अन्दर से आवाज़ आई- कौन? मैंने कहा- मैं रोहन।
मेरे दरवाजे को धक्का देने की वजह से आधे से ज्यादा दरवाजा खुल गया था।
रिहाना हड़बड़ा कर बोली- क्या काम है? मैं कुछ बोल नहीं पाया, लेकिन आधा दरवाजा खुलने की वजह से जो मैंने देखा.. वो मेरे होश उड़ा देने वाला नजारा था।
रिहाना जो कि सिर्फ़ पैन्टी में थी.. वो अपना बदन छुपाने की कोशिश कर रही थी।
दोस्तो.. वो नज़ारा क्या नज़ारा था.. पहली बार मैंने किसी कुंवारी लड़की को.. वो भी सिर्फ़ पैन्टी में देखा था। उसे ऐसा देखकर मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गईं।
उसका वो गोरा-गोरा बदन.. उस पर लटकते हुए वो गोल-गोल मम्मे.. आह.. दोस्तो, मेरा तो लंड फटाक से खड़ा हो गया। उस वक्त मैं भी तौलिये में था, मेरे तौलिये के ऊपर एक बड़ा सा तम्बू सा बन गया।
उसकी भी नज़र शायद मेरे तौलिये की तरफ गई, फिर रिहाना ने शर्मा कर एक झटके से दरवाजा बंद कर दिया। फिर मैं वहाँ से दूसरे बाथरूम में चला गया।
मैं अपना हाल बता नहीं सकता दोस्तो.. अभी भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही था।
मैंने बाथरूम का दरवाजा बन्द किया और अपने लंड राजा को समझाने लगा। पर वो कहाँ मानने वाला था क्योंकि उसने भी तो पहली बार ही कुछ ऐसा नज़ारा देख लिया था।
मेरी कामवासना चरम सीमा पर थीम मैं रिहाना को सोच-सोच कर अपना लंड हिलाने लगा और कुछ ही पल में मेरे लंड से ढेर सारा माल निकल गया।
मैं एकदम से अकड़ गया.. वहाँ पहली बार मैंने रिहाना के नाम से मुठ मारी थी।
फिर किसी तरह नहाकर बाहर निकल आया, तब तक रिहाना भी नहा कर घर जा चुकी थी।
अब दूसरे दिन जब रिहाना कॉलेज के लिए जा रही थी.. तो उसकी नजरें मेरी नज़रों से भिड़ गईं। वो एकदम से शरमा कर एक सेक्सी सी मुस्कान देकर चली गई।
अब तो मेरे खुशी का ठिकाना ही नहीं था, जो लड़की मुझे कल तक देखती भी नहीं थी.. वो अचानक से मुस्कुराकर चली गई।
अब तो मैं रिहाना के पीछे और भी पागल हो गया। मैं सोचने लगा कि उसे अपना कैसे बनाऊँ और किस तरह उसे चोदने की तरकीब फिट करूँ।
कुछ दिनों तक यही चलता रहा, रिहाना मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगती। उसका यूं मुस्कुराना मेरे लिए किसी ग्रीन सिग्नल से कम नहीं था। अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई, शायद रिहाना भी मुझे पसंद करने लगी थी।
ऐसा एक दिन आ ही गया.. उस दिन दोपहर का वक्त था, मैंने रिहाना को बाथरूम की तरफ नहाने के लिए जाते देखा।
मेरी अब हिम्मत थोड़ी बढ़ चुकी थी, मैं भी रिहाना के जाने के बाद उसके पीछे-पीछे चल दिया।
शायद रिहाना ने मुझे आते हुए देख लिया था, इसी लिए वो बाथरूम के अन्दर से गुनगुना रही थी। आज मैंने जानबूझ कर बाथरूम के किवाड़ को धक्का दिया।
मैं अन्दर से जोश से भर चुका था इसी लिए रिहाना के बोलने से पहले ही मैं बोल उठा। ‘मैं रोहन..’ रिहाना ने दरवाजा खोलते हुआ पूछा- क्या काम है?
जैसे ही रिहाना ने आधा दरवाजा खोला, मैं पूरे ज़ोर के साथ दरवाजे को अन्दर की ओर धकेलता हुआ बाथरूम के अन्दर चला गया ओर अन्दर से दरवाजा बंद कर दिया।
रिहाना हड़बड़ाते हुई बोली- तुम्हें क्या चाहिए.. ऐसे अन्दर घुसने का क्या मतलब है?
रिहाना सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा ही पहनकर खड़ी थी, वो अपना बदन ढकने की अनचाही सी कोशिश करने लगी।
दूधिया रोशनी में क्या लग रही थी, उसके वो बड़े-बड़े मम्मे.. जो ब्रा के अन्दर से मुझे तक रहे थे।
शरीर गीला होने की वजह से वो और भी ठोस और बड़े दिखाई पड़ रहे थे।
जब मेरी नज़र नीचे की ओर गई.. तो पानी की वजह से पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत की दरार साफ-साफ नज़र आ रही थी।
मेरे लंड ने तो तौलिये में ही फुंफकार लगानी शुरू कर दी थी।
रिहाना कुछ और पूछ बैठती.. इसके पहले मैंने तपाक से अपने होंठों को रिहाना के होंठों से लगा दिया।
क्या मुलायम होंठ थे दोस्तो.. कुछ दो मिनट तक तो मैं उसके होंठों को चूमता ही रहा।
जो कुछ हुआ.. उसे देखकर रिहाना हड़बड़ा गई और बोली- हटो.. ये तुम क्या कर रहे हो रोहन.. मुझे छोड़ दो.. ये सब ग़लत है।
मैंने रिहाना से कहा- रिहाना आई लव यू.. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। रिहाना ने गुस्से से मेरी तरफ देखा और तड़ से बोल दिया- ये क्या बकवास है रोहन।
मेरा जितना भी जोश था.. वो धरा का धरा ही रह गया और मैं वहाँ से जाने लगा।
जैसे ही मैं दरवाजे की तरफ मुड़ा तो रिहाना ने मुझे पीछे से कस कर जकड़ लिया और कहने लगी- रोहन तुम तो नाराज़ हो गए। मैंने ऐसा तो नहीं ना कहा कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती।
ऐसा सुनते ही मैंने उसे पलट कर बांहों में ले लिया.. और कहने लगा- रिहाना, तुमने मुझे बहुत तड़पाया है।
मैं आगे और कुछ कहता.. इसके पहले रिहाना ने अपने होंठों को मेरे ज़लते हुए होंठों से लगा लिया और पागलों की तरह चूमने लगी। मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ बराबर लगी है।
दोस्तो मेरी तो किस्मत ही खुल गई।
उसके इस तरह चूमने से मेरे तनबदन में एक आग सी लग गई, अब मैं भी उसके होंठों को निचोड़ने लगा।
हम दोनों कई मिनट तक किस करते रहे, हम भूल चुके थे कि हम क्या कर रहे हैं, हम बस दीवानों की तरह एक-दूसरे के होंठों को चूम रहे थे।
अब तो मुझे पक्का यकीन हो चला था कि रिहाना आज मुझसे जी भर कर चुदवाना चाहती है।
इसके आगे उस देसी लड़की की चूत चुदाई के खेल का क्या हुआ वो मैं अगले भाग में लिखूंगा।
आपके कमेंट्स का मुझे इन्तजार रहेगा। [email protected] कहानी जारी है।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000