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दोस्तो, मैं वैभव डिकोस्टा झाँसी (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ। आप लोगों ने मेरी पहली कहानी संगीतकक्ष में देसी गर्ल की सिसकारियाँ पढ़ी, उसे सराहा, उसके लिए आप लोगों को बहुत बहुत धन्यवाद।
यह मेरी दूसरी कहानी है।
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मैं कई कई घंटे फेसबुक चलाता था तो ऐसे ही एक दिन मैंने एक दूसरे कॉलेज (फार्मेसी) की एक लड़की को रिक्वेस्ट भेजी। उसका नाम तनु (बदला हुआ) था, उसने एक्सेप्ट भी कर ली।
हम दोनों की बातें होने लगी, फेसबुक पे हम दोनों दिन रात बात करते रहते।
एक दिन मैंने उससे उसका नंबर मांगा तो उसने अपनी मम्मी के नंबर से मुझे कॉल किया और हमारी थोड़ी देर बात हुई। उसने कहा- प्लीज इस नंबर पे कॉल मत किया करो, यह उसकी माँ का नंबर है। तो मैंने कहा- ठीक है।
ऐसे ही दिन बीतने लगे, मुझे भी उसमें इंटरेस्ट आने लगा। कुछ दिन बाद मैं प्लेसमेंट के लिए आगरा गया। वहाँ मुझे दो दिन लग गए और मेरी उससे बात नहीं हो पाई।
जब मैं वापिस लौटा तो मैंने देखा कि उसके 26 मेसेज मेरे इनबॉक्स में पड़े थे। मैंने उसे हाय लिख कर भेजा तो उसने पूछा- इतने दिन कहाँ थे? मैंने उसे कहा- मैं आगरा गया था!
उसने कहा- बता कर नहीं जा सकते थे? मैंने कहा- क्यूँ तुम्हें क्या फर्क पड़ता है, तुम कौन सा मेरी गर्लफ्रेंड हो? तो उसने कहा- हूँ नहीं तो बना लो।
मैं भी इंटरेस्टेड था तो मैंने भी हाँ कर दी और फिर उसे एक सिम खरीद के दे दी जिससे हमारी रोज बातें होने लगी।
फिर एक दिन मैंने उससे सेक्स के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया। तो मैंने कहा- हम फ़ोन सेक्स तो कर सकते हैं? उसने कहा- ठीक है, लेकिन हम रियल सेक्स नहीं करेंगे।
मैंने सोचा कि अभी जो मिल रहा है, वही ठीक है।
मैंने शुरुआत.. मैं- तुम कहाँ हो अकेली हो या कोई और साथ है? तनु- नहीं, दीदी साथ में लेटी हैं।
मैं- ठीक है, अच्छा यह बताओ तुमने क्या पहना हुआ है? तनु- सलवार और कुरता! मैं- बस सलवार और कुरता और कुछ नहीं पहना है क्या? तनु- हाँ पहना है न! मैं- तो बताओ ना? तनु- मुझे शर्म आती है।
मैं- मेडिकल स्टूडेंट होकर शर्माती हो? और थोड़ा दबाव डालने पर वो मान गई।
तनु- ब्रा और पेंटी! मैं- किस रंग की? तनु- ब्रा सफ़ेद और पेंटी काली और तुमने क्या पहना है?
मैं- लोअर और बनियान सफ़ेद एंड नीली चड्डी। मैं- क्या मैं तुम्हारे माथे पर किस कर सकता हूँ? तनु- हाँ! मैं- आँखों पर, फिर तुम्हारे गालों पर फिर होंठों पर?
तनु- अह अह्ह हाँ करो किस तुम्हें जहाँ भी करनी हो! मैं- अब तुम्हारी गर्दन पर और अब उसके नीचे बूब्स पर… अब तुम्हारे हाथ कहाँ हैं? तनु- अह्ह आआ ह्ह्ह्ह हाँ कहीं नहीं मेरे पेट पर!
मैं- अब अपने हाथ अपने बूब्स पर रखो और सोचो मैं उन्हें दबा रहा हूँ। तनु- अह अह्ह ह्ह्ह… मुझे दर्द होता है।
मैं- प्लीज करो न… और हाँ, मैं तुम्हें होंठों पे किस कर रहा हूँ, कैसा लग रहा है? तनु- अच्छा लग रहा है… आःह्ह्ह अह्ह अह्ह्ह आह्ह और करो न मेरे बूब्स दबाओ कसके! मैं- अपने सारे कपड़े उतारो!
और अब उसकी सांसें गर्म होने लगी थी। तनु- ठीक है… लेकिन तुम भी अपने सारे कपड़े उतारो! मैं- अब तुम अपने बूब्स मसलो और एक उंगली अपनी चूत में डालो!
तनु- ठीक है… लेकिन मेरी चूत में उंगली जा नहीं रही है। तुम अपना लंड पकड़ के हिलाओ। मैं- थोड़ा जोर लगाओ, चली जायेगी और सोचो मैं तुम्हारी चूत में उंगली कर रहा हूँ। तनु- अह्ह्ह अह्ह्ह उई… और करो… और करो!
मैं- अब मैं अपना लंड डालूं क्या? तनु- हाँ डालो… फाड़ दो मेरी चूत को उहह्ह ह्ह अह्ह्हः उह्ह… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं- अब अपनी चूत में उंगलियों की रफ़्तार बढ़ा दो।
तनु- मैं जा रही हूँ… झड़ रही हूँ, अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह! मैं- मैं भी झड़ रहा हूँ… अह्ह्ह अह्ह्ह… तनु आई लव यू!
दोस्तो, तो यह थी हमारे पहले फ़ोन सेक्स की कहानी!
आपको मेरी हिन्दी सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें। [email protected]
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