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मैंने भाबी की चुदाई का मजा लिया. मैंने उसे एक ब्लू फिल्म भेज दी थी. उससे वो भी सेक्स के लिए मचलने लगी थी लेकिन खुल कर सामने नहीं आई.
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपका सूर्या. आपको अपनी पड़ोसन भाभी की चुत चुदाई की कहानी के पहले भाग पड़ोसन भाबी को चुदाई की वीडियो भेजी तो … में सुना रहा था कि भाभी ने मेरे प्रणय निवेदन से भरे हुए पत्र के जवाब में मुझे एक पत्र लिखते हुए डांट लगा दी थी. और मैं चुदाई का मजा नहीं ले पाया.
अब आगे चुदाई का मजा:
भाभी का ये पत्र पढ़ कर मैं एकदम से डर गया था और कुछ देर तक वहीं अपना सर पकड़े बैठा रहा.
फिर मुझे एक आवाज आई तो मैं बाहर आ गया. मैंने देखा तो भाभी जी बाथरूम में जा रही थीं.
बाथरूम में चले जाने के बाद मुझे पेशाब करने की आवाज आ रही थी. मैं चुपचाप वहीं पर भाभी जी को याद करने लगा कि भाभी बाथरूम में कैसे बैठी होंगी.
कुछ पल बाद पेशाब की आवाज आना बंद हो गई. मैंने सोचा कि अब भाभी बाहर आ जाएंगी.
मगर भाभी जी लगभग 15 मिनट अन्दर ही रहीं. मैं उनका इंतज़ार करता रहा.
लगभग 15 मिनट के बाद भाभी बाथरूम से बाहर आईं और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए मेरे घर की ओर जाने लगीं.
मैं अभी भी उधर ही डरकर बैठा हुआ था कि भाभी मेरे घर कि तरफ क्यों गई हैं. कहीं मेरी मम्मी से कुछ कहने तो नहीं गई हैं.
थोड़ी देर बाद मैं भी अपने घर आ गया.
मैंने देखा कि भाभी जी और मेरी मम्मी जी दोनों एक साथ बातचीत कर रही थीं. मुझे बहुत डर लग रहा था कि कहीं भाभी जी ने मेरी मम्मी को सब कुछ बता न दिया हो.
थोड़ी देर इंतजार करने बाद पता चला कि वे दोनों किसी और बारे में बातें कर रही थीं. मैं वहां से उठ कर खुशी खुशी अपने रूम में आ गया.
हालांकि अब मेरे ऊपर से भाभी को चोदने का नशा उतर गया था.
उस दिन के बाद से मैंने भाभी से बात करना बंद कर दिया और अपने रूम में ही दिन बिताने लगा.
पूरे 18 दिन के बाद मेरी प्यारी भाभी जी मेरी रूम में आईं और मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं.
मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा तो वो मुझे अपना मोबाइल देते हुए बोलीं- जरा देखो इसमें क्या हो गया है?
चूंकि मैं उनका हर काम कर देता था, तो आज भी मैंने सब कुछ भुला कर उनके मोबाइल को ठीक कर दिया.
तभी मैंने भाभी को एक लैटर दे दिया. वो लैटर लेकर कुछ नहीं बोलीं. उन्होंने उसे अपने ब्लाउज में रख लिया.
भाभी- सूर्या देखो न … फिर से मोबाइल में क्या हो गया? मैं- अब क्या हुआ भाभी जी मोबाइल को!
भाभी- जब मैं अपनी मां को इधर से कॉल करती हूँ तो कॉल तो चला जाता है … लेकिन उधर से कॉल ही नहीं आता है. मैं- मतलब उधर से कॉल नहीं लग रहा है? भाभी- हां … उधर से कॉल करने पर बिजी बताता है, जब कि मैं बिल्कुल भी बिजी नहीं होती हूँ.
मैं समझ गया था कि इस मोबाइल में क्या प्रॉब्लम है.
सैटिंग में जाकर मैंने भाभी के द्वारा गलती से ब्लॉक नम्बर लिस्ट को चैक किया तो वही समस्या निकली. मैंने फटाफट ठीक करके भाभी जी को मोबाइल दे दिया.
जब किसी का नंबर ब्लैकलिस्ट में एड हो जाता है, तो उधर से कॉल करने पर बिजी बताता है.
मैं- भाभी जी, लीजिए आपका मोबाइल ठीक हो गया. भाभी- थैंक्यू सो मच सूर्या.
मैंने धीमी आवाज में कहा- थैंक्यू सुनने से मेरा क्या फायदा होगा. भाभी- तो और क्या चाहिए तुम्हें!
मैं- उस दिन लैटर में लिख कर बताया तो था आपको.
भाभी ने मुस्कुराते हुए धीमी आवाज में कहा- अच्छा महाराज को अपनी परी को खुश करना है. मैं- बिल्कुल परी साहिबा … बस मुझे आपकी इजाजत की जरूरत है. लेकिन आपने तो मुझे उस दिन निराश ही कर दिया था.
भाभी- उस समय बाबूजी घर पर ही थे. मैं- तो क्या हो जाता, क्या मैं उसी समय चढ़ जाता!
मैंने जैसे ही ‘चढ़ जाता ..’ शब्द इस्तेमाल किया तो भाभी भी खुल गईं.
भाभी- अगर उसी दिन इजाजत दे दी होती तो तुम उसी दिन मेरी चुत और गांड दोनों फाड़ देते. मैं भाभी के मुँह से चुत गांड शब्द सुनकर एकदम बावला हो गया था.
मैंने कहा- भला ऐसा कैसे होता? भाभी- तुमको उस समय भूख लगी थी.
मैं- तो भूख लगने पर ही तो खाने की जरूरत होती है. वो सब तो ठीक ही था. भाभी- कुछ भी ठीक नहीं था. जब मुझे भूख नहीं लगी थी.
मैं- क्यों? भाभी- वो सब छोड़ो … जब से मुझे पता चला है कि तुम मुझे चोदना चाहते हो, तब से मेरे पूरे बदन में भी आग सी लगी हुई है.
मैं- तो आपने इतने दिन इंतजार क्यों किया? भाभी- मैं आना तो चाहती थी लेकिन आ ही नहीं पायी … सॉरी.
मैं- आगे का क्या प्लान है … क्या अभी सेक्स करें? भाभी- नहीं, अभी नहीं … सब लोग घर पर ही हैं. कोई न कोई हमें जरूर देख लेगा. कल मैं किसी सही समय पर आती हूँ.
मैं- ओके भाभी मुझे आपका इंतजार रहेगा.
मुझे अच्छी तरह से पता था कि भाभी जी कल किस समय आएंगी क्योंकि मेरे परिवार में मम्मी-पापा, एक बड़ा भाई, एक छोटी बहन सभी हैं.
मेरे पिताजी भी शहर में ही काम करते हैं और बड़े भाई एक टीचर हैं. मगर लॉकडाउन में सब यहीं हैं.
मम्मी और बहन घर के काम-काज में ही व्यस्त रहती हैं. शाम को मम्मी, बहन और सारे पड़ोसी मिलकर चार घंटे तक बातचीत गपशप करते रहते हैं.
मुझे समझ आ गया था कि शायद यही वो समय हो सकता था.
उधर भाभी के परिवार में एक बेटा, एक बेटी, मगर लॉकडाउन में पति शहर में फंस गए हैं. उनके बाबू जी बूढ़े हो चुके हैं तो उनका होना न होना बराबर ही है.
कल का कार्यक्रम तय हो गया था. मैं बहुत खुश था कि मैं अपनी प्यारी भाभी के साथ सेक्स करने जा रहा हूँ. शायद ऐसा खुशी मुझे रिज़ल्ट के दिन भी नहीं हुई थी. उस दिन मेरे अच्छे मार्क नहीं आए थे तो थोड़ी मायूसी थी.
दूसरे दिन हर रोज की तरह मैं जब सुबह उठा, तो आज भी मेरा लंड पूरा खड़ा था. मैंने लंड को सहलाया तो पाया कि ये आज तो कुछ ज़्यादा ही कड़क था. लंड काफी देर तक एकदम कच्चे केले की तरह खड़ा रहा.
लग रहा था कि रात को सपने में इसने भाभी की जमकर चुदाई की है. मुझे याद नहीं आ रहा था कि सपने में क्या क्या हुआ था.
कुछ सपने ही ऐसे होते हैं, जो याद रहते हैं. ये सत्य है कि सोकर उठने के लगभग 10 सेकंड के अन्दर 90% तक देखा हुआ हर सपना भूल जाता है.
वैसे तो सुबह हो या शाम, सोकर उठने के बाद मैं जीएफ की सोच सोच कर सेक्स वीडियो देखता और एक बार मुठ तो जरूर ही मारता हूँ. लेकिन आज तो मेरे पास जीएफ के साथ साथ भाभी का भी नशा चढ़ा हुआ था. इसीलिए आज मैंने 2 बार जोरदार मुठ मार ली थी.
उसी के साथ मेरी आंखें एक बार फिर से मुंद गईं और मैं गहरी नींद में चला गया. गहरी नींद में एक मीठा सा सपना आ गया.
मैं देख रहा था कि दिन ढलने के साथ साथ मैं बेकाबू होता जा रहा था. शायद वो पल आ गया था, जब मेरे रूम के सामने मुझे एक परी दिखायी देने वाली थी.
मैं अपने रूम के सामने उस जगह आ गया, जिधर से उस परी को दिखना था. मैंने देखा तो नशा फट गया … आह वो परी क्या माल लग रही थी. लग रहा था कि आज मेरी सुहागशाम होने को है.
मैंने परी को कमरे के अन्दर आने को कहा, लेकिन परी ने आने से इन्कार कर दिया. वो बोली- तुम आज जो चाहो वो मांग सकते हो.
मैं- परी … आज मुझे आप चाहिए. परी- मूर्ख … मैं कोई स्त्री नहीं हूँ, जो खुद को तुम्हें सौंप दूं!
मैं- परी जी, मेरा मतलब है कि मेरी भाभी जी भी बिल्कुल आपकी तरह दिखती हैं. बल्कि मेरी भाभी जी तो हॉट एंड सेक्सी हैं … लेकिन आप तो. परी ने मेरी बात काटते हुए कहा- शायद तुम भ्रम में जी रहे हो मूर्ख प्राणी. मैं सभी स्त्रियों से सुंदर, मादक और बहुत सेक्सी हूं. तुम मुझे नहीं जानते हो.
मैं- क्या सच में … मुझे तो ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है. परी- एक पल रुको, मैं अभी दिखाती हूँ कि मैं कितनी सेक्सी हूं.
ऐसा कह कर परी ने अपनी सारे कपड़े उतार दिए और सम्पूर्ण नग्न होकर मेरे कमरे के अन्दर आ गयी. वो मेरे एकदम करीब आकर मेरी आंखों में आंखें डालकर देख रही थी.
मैं तो उसके सम्मोहन में खो सा गया था … हॉट एंड सेक्सी किसे कहते हैं मुझे आज समझ आया था. क्या कमाल की माल लग रही थी वो.
मैंने परी से कहा- आप तो सच में महासेक्सी हैं. परी ने गर्व से अपने दूध मेरे सामने तानते हुए कहा- हम्म … अक्सर ऐसा ही होता है. जो दिखता है वो कभी नहीं होता है … और जो महसूस होता है, वही हमारी हकीकत होती है.
मैं- हह..हां … मेरा भी यही मानना है और मैं इसे अच्छी तरह से जानता भी हूं परी जी. मैं तुम्हारे सामने ऐसी हालत में हूं जैसे मेरे ऊपर आपके रूप का सम्मोहन हो गया हो.
मैं सच में उस परी को देखकर हक्का-बक्का हो गया था. मैंने बस हां में सिर हिला दिया.
तभी मेरी आंख खुल गई और वो जो मैं सपने में देख रहा था, मेरे सामने हकीकत बन कर आया गया था.
भाभी मेरे सामने एकदम नग्न खड़ी थीं और मुझे हिला कर जगा रही थीं.
मैंने अपने सामने भाभी को देखा तो वो मुझे सपने वाली परी जैसी ही लगीं.
अगले ही पल हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और मेरे और मेरी परी के बीच में वो सभी घटनाएं घटने लगीं, जो एक पति पत्नी के बीच होती हैं.
उस दिन के बाद से मैं और परी, जब भी मन करता … प्लान बना लेते और दोनों दिल खोल कर चुदाई का मजा ले लेते थे.
दोस्तो, आपको याद ही होगा पहली बार मैंने भाभी जी को एक लैटर दिया था.
उसमें मैंने लिखा था. हैलो भाभी जी, मुझे हमेशा से आपकी फिक्र होती रही है कि आप घर पर अकेली रहती हैं. आपको पति का सुख ही नहीं मिल पाता है. जिसके चलते कहीं आप कोई गलत कदम न उठा लें. मुझे आप बहुत पसंद हो और मैं आपको आपके पति की तरह सुख देना चाहता हूं. मतलब मैं आपके साथ संभोग करना चाहता हूँ. अगर आपको कोई प्रॉब्लम न हो, तो आप मेरे साथ चुदाई करके अपनी चुत की चुदाई की प्यास बुझा लीजिएगा. अगर आप मेरे साथ चुदाई करने को तैयार हों, तो मेरे लिए आप एक प्यारी सी परी बनकर चुदाई करोगी. अगर आपको ये बातें पसंद नहीं आई हों, तो मुझे क्षमा कर दीजिए. मैं इस बारे में फिर कभी भी बात नहीं करूंगा.
इस पत्र के बाद ही मेरी पड़ोसन भाभी परी बन कर मेरे साथ चुदाई करने लगी थीं.
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आप सभी को ये सेक्स कहानी पसंद आई होगी. बहुत हिम्मत से मैंने पहली बार चुदाई की कहानी लिख पाई है. मुझे नहीं पता है सेक्स स्टोरी में क्या क्या लिखा जाता है. इसलिए दस बार सोच कर लिखने की हिम्मत जुटा पाया हूँ.
मुझे आपके सलाह की जरूरत है. फिर ये भी जानना है कि ये चुदाई का मजा कहानी आप सभी को कैसी लगी. मुझे मेल भेज कर जरूर बताएं.
[email protected]
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