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नमस्कार मित्रो, मैं मल्लिका राय, जिसने कनाडा में मस्ती की थी।
यह बात तब की है जब मुझे दूसरी बार कनाडा से आये हुए 4-5 माह हो गए थे और काम इतना ज्यादा था कि दिन रात उसके लिए एक करना पड़ा।
लगभग ढाई महीने से मैं चुदी भी नहीं थी क्योंकि काम में इतनी व्यस्तता थी कि हम दोनों पति पत्नी इतना तक जाते थे कि खाना खाकर बिस्तर पर चिपक जाते और सो जाते, हम दोनों ही सम्भोग के लिये तड़प रहे थे पर थकान हम पर इतनी हावी हो जाती कि सिर्फ चूमा चाटी करके नंगे होकर सोते।
इसी तरह करीब दो सप्ताह और निकल गए। जब काम पूरा हुआ तो हम बहुत ही बहुत खुश हुये।
एक दिन हम दोनों ऑफिस में साथ में ही बैठे हुए थे तभी पतिदेव थोड़ा जल्दी घर चले गए, उन्होंने मुझे भी चलने के लिये कहा, पर मैंने कहा कि मुझे थोड़ा सा काम और करना है।
उसके बाद मैं काम करके घर चली गई।
रात को खाना खाकर थके हारे जब हम बैडरूम में गए तो पतिदेव ने तुरन्त ही मुझे नंगी कर दिया और मुझे बिस्तर पर लेटाकर चूमने चाटने लगे, मैं भी सारी थकान भूलकर उनका साथ देने लगी।
रात में उन्होंने मेरी तीन बार चुदाई की और नंगे ही सोये, सुबह भी मुझे जल्दी उठाकर 2 बार और चोद दिया। उस दिन छुट्टी थी, घर के सभी लोग बाहर गए हुए थे और शाम तक आने वाले थे पर पतिदेव नहीं गए और मुझे भी रोक लिया और कहा कि आज मुझे दिन भर चोदेंगे।
यह सुनकर मैंने ख़ुशी से उन्हें गले लगा लिया, पर उन्होंने दोनों बच्चों को भी भेज दिया।
उस दिन उन्होंने सुबह से शाम तक जब भी उनका मूड हुआ मुझे पूरे 10 बार चोदा और इस बार मैं बहुत ज्यादा थक चुकी थी, पर पता नहीं उन्होंने ऐसा क्या खाया था कि उन्होंने मुझे इतनी बार चोद दिया।
जब रात हुई तो उन्होंने फिर चुदाई के लिये बोल दिया, मैं बहुत हैरान हो गई थी कि आखिर ऐसा हुआ क्या जो इतनी बार चोदने के बाद और चोदने के लिए बोल रहे हैं।
मैं बहुत ज्यादा तक चुकी थी, अब मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि मैं और चुद जाऊँ।
पर उन्होंने सिर्फ एक बार मेरी गांड को चोदने के लिए कहा था, मैंने मना कर दिया पर बहुत मिन्नतें करने के बाद मैं राजी हो गई।
उन्होंने जबरदस्ती पूरे 4 बार मेरी गांड का भरता बना के रख दिया।
उस दिन उन्होंने मुझे सुबह से रात तक पूरे 14 बार चोदा था, बहुत आश्चर्य था, इतनी बार मुझे कैसे चोद दिया और बहुत सारी ख़ुशी भी थी, उस रात वो मेरे साथ नंगे ही सोये थे, पर मेरी हालत बहुत ही ज्यादा खस्ता हो गई थी।
सुबह जब उठने के बाद ब्रश करके आई तो मुझे गोदी में बैठा कर मेरे मम्मों को चूसने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, पर फिर भी मैंने उनके बालों को सहलाते हुए कहा कि कल दिन भर चोदकर सन्तुष्टि नहीं मिली, तो उन्होंने मेरे निप्पल को जोर से काट लिया और तुरन्त दूसरे निप्पल को दांतों में कसकर दबा लिया।
तभी फोन बजा और पतिदेव उसे रिसीव करने के लिये उठे, वो फोन मेरे लिये था, तो उन्होंने मुझे दे दिया और मुझे फिर से गोदी में बैठाकर फिर मेरा दूध पीने लगे। और मैं फोन पर बात करने लगी।
वो कॉल मेरी एक बहुत घनिष्ठ सहेली उर्वशी (बदला नाम) का था, मैं उससे बातें करने लगी, वो अब हमारे घर के पास ही रहने वाली थी, मैं उससे बात करती और पतिदेव मेरे निप्पल और मम्मों को काटने लगते, मुझे दोनों ही तरफ से मजा आ रहा था।
पर न तो मैं उससे बात करना छोड़ना चाहती थी, और न ही यह चाहती थी कि पतिदेव मुझे छोड़ें।
पर बातें करते हुए उसने बताया कि वो मुझसे मिलने आ रही है और मैं पतिदेव के साथ मस्ती करने लगी।
रात को फिर पतिदेव ने मेरी गांड का 4 बार भरता बना के रख दिया और मम्मों को भी बहुत बुरी तरह से काट दिया, इतना कि उन पर दूर से निशान अलग ही दिख रहे थे।
अगले दिन मैंने ऑफिस जाने से मना कर दिया था तो पतिदेव ने भी कुछ नहीं कहा क्योंकि उन्हें पता था कि मेरी सहेली आ रही है। जब मेरी सहेली उर्वशी आई तो हमने बहुत सारी बातें शेयर की।
मैं आपको उसके बारे में बता दूं कि वो भी मेरी ही उम्र ही है और रईस घर से है और उसका पति एक बहुत बड़ा उद्योगपति है और कई सारे बिजनेस हैं।
उसका पति भी मेरे पतिदेव की तरह कई सारी लड़कियों से सेक्स कर चुका है।
उसकी शादी मेरी शादी से 2 वर्ष पहले यानी 20 वर्ष की उम्र में ही कर दी थी। रंग उसका मुझसे थोड़ा कम गोरा, पर कामुक मुझसे ज्यादा है और फिगर भी मेरे ही जितना है। बस उसके मम्मे प्राकृतिक ही बड़े, तने हैं और मेरे सर्जरी से।
ज्यादातर लोगों के जीवन में कोई न कोई ऐसा मित्र तो होता ही जो बहुत ही घनिष्ठ हो, और जिससे हम हमारी सारी बातें शेयर करते हैं, उर्वशी भी ऐसी ही मेरी एक सहेली है, 3 बच्चों की माँ भी है।
जब मैंने उससे उसकी सेक्स जीवन के बारे में पूछा तो बताया कि उसका पति उसे बहुत बेरहमी से चोदता है।
जब मैंने उसे अपनी सेक्स कहानी बताई कि मैंने कैसे कनाडा में खूब सारे लंड खाये और कैसे कविता के साथ लेस्बियन सेक्स किया और पतिदेव के सामने नंगी हुई। तो यह सुनकर वो बहुत हंसी और थोड़ी कामुक हो गई और मैं भी!
मैंने उससे सीधी भाषा में कहा- लेस्बियन सेक्स करना है? तो उसने कहा- आज नहीं बाद में… मेरे (उर्वशी) घर ही करेंगे, मेरे पास डिल्डो भी है 5-6 तो मैंने भी हाँ में सर हिला दिया और उसे किस करने लगी।
चूमा चाटी तो हम एक दूसरे को कमसिन उम्र से ही कर रहे थे, इसलिए हमें कोई भी असहजता नहीं हुई क्योंकि उसके मम्मे उस समय मुझसे ज्यादा बड़े थे तो मैंने उसके मम्मे चूसने के लिये कहा पर अभी उसने मना कर दिया था तो मैंने जबरदस्ती उसका पल्लू हटाकर उसके ब्लाउज को ऊपर किया और मम्मों को चूसने लगी।
लगभग 5 मिनट तक मम्मों को चूसने के बाद हमें किसी के आने की आहट सुनाई दी, हम थोड़ा सम्भले और उर्वशी ने साड़ी को ठीक किया और तभी मेरे पतिदेव कमरे में आये।
उन्होंने कुछ नहीं कहा और लंच करके ऑफिस चले गए और हम शाम तक ऐसे ही बात करते रहे।
फिर कुछ दिनों बाद पतिदेव ने मुझे तबीयत और बहुत बेरहमी से चोद रहे थे तभी उर्वशी का फोन आया, उसने कहा कि कल वो घर पर अकेली है और उस दिन छुट्टी भी थी। मैंने उससे कहा- मैं अभी पतिदेव से चुद रही हूँ, कल आ जाऊँगी।
अगले दिन मैं पतिदेव से उसके घर जाने के लिये पूछने लगी, उन्होंने हाँ कह दिया और सुबह 10 बजे मुझे उसके घर पर छोड़ आये। उसने हमे अंदर बुलाया, चाय पिलाई, चाय पिलाने के बाद पतिदेव घर जाने के लिये निकले तो मैंने उन्हें शाम तक आने के लिये बोला। उनके जाते ही मैं उर्वशी से लिपटकर उसे किस करने लगी पर इस बार किस्सी मुझे थोड़ी अजीब लगी पर फिर भी बहुत मजा आ रहा था, वो भी मेरा साथ देने लगी।
किस करने के बाद जब हम अलग हुए तो उसने कहा कि उसे थोड़ा डर लग रहा है और बैचेनी हो रही है। पर मैंने उसे समझाया और वो मुझे उसके बेडरूम में ले गई और 3-4 नकली लंड निकाले और बताया कि ये उसके पतिदेव लेकर आये। इतना बोलकर पूरी नंगी हो गई उसके मम्मे उस समय मेरे मम्मों से भी बहुत बड़े और तने हुए थे। मैं भी पूरी नंगी हो गई, पर मेरे मम्मों पर रात की बेरहम चुदाई के समय दाँतों के निशान देखकर उसे हँसी आ गई। मैंने कुछ नहीं कहा और मुस्कुरा दी।
मैंने उसके बच्चों के बारे में पूछा तो बताया कि उन्हें भी उसके पति और सास ससुर के साथ ले गए हैं। बस इतना बोलकर मुझे फिर किस करने लगी और मैं भी जीभ से जीभ मिलाकर मजे लेने लगी ऐसे करते हुए मैंने उसे 69 की पोज़ में चूत चूसने के लिये कहा, और हम दोनों एक दूसरी की चूत चूसने लगी।
दोनों तरफ से बस उम्म्म उम्म्महम सीईईईई आअह्ह ह्हह्हह की आवाज निकल रही थी। तभी उसने चूत चूसते हुए मेरी गांड को जोर से दबा दिया और मेरी दर्द भरी सिसकारी निकल गई जो कि रात को पतिदेव के द्वारा बेरहम चुदाई से दर्द कर रही थी।
तभी उर्वशी हंसी और बोली- तेरी गांड का जीजाजी बहुत ही ज्यादा ध्यान रखते हैं। और चूत चूसने लगी तभी मैंने उसे पूछा- क्या तू मेरा योनि रस पी सकती है? तो उसने हाँ कह दिया, पर यह भी कहा कि तुझे भी मेरा रस पीना होगा।
बस इतना बोलकर हम फिर चूत चूसने लगीं, बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे की खुली हुई फांकों भी होंठ से दबा लेते। लगभग 10 मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और उर्वशी सारा रस गटक गई और लगभग 2 मिनट बाद उर्वशी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और मैंने भी सारा रस चाट लिया।
क्योंकि मैं लगभग हर बार पतिदेव का वीर्य पीती हूँ तो मुझे इसे पीने में कोई भी समस्या नहीं हुई।
थोड़ी देर बाद हम फिर एक दूसरे को किस करने लगीं। मैंने दोनों हाथ से उसके गाल पकड़कर किस कर रही थी और उर्वशी एक हाथ से मेरे निप्पल को मसल रही थी और एक हाथ से मेरी चूत को मसल रही थी।
मेरी सिसकारी बढ़ती जा रही थी और मजा भी, मैंने उसे किस करना नहीं रोका।
थोड़ी देर बाद जब हम हटे तो उर्वशी ने मुझे बिस्तर पर लेटाकर मेरे मम्मों को पहले तो चूसा और अचानक काटने लगी।
मैंने पूछा तो बोली- जीजाजी ने तो पहले से ही इनके 12 बजा रखे हैं, अब मैं काटूंगी तो कुछ नहीं होगा।
थोड़ी देर बाद मैं भी उसके निप्पल को हल्के काटकर उसके मम्मों को चूसने लगी, मम्मों को चूसने पर कुछ दूध भी निकल रहा था। कुछ देर तक दोनों ही एक दूसरे के मम्मों को चूसती रहीं। जब हम अलग हुए तो एक डिल्डो को मैंने मेरी कमर पर बाँधा और और कहा- अब इससे तेरा मुँह को चोदूंगी।
तो वो तुरन्त ही बिस्तर पर लेट गई और मैं उसके मुँह को चोदने लगी… पर मुझे इसमें मजा नहीं आ रहा था और ना ही उसे तो मैंने उसे कहा कि अब चुदाई के लिये तैयार हो जा!
वो तुरन्त ही कुतिया बन गई, जब को कुतिया बनी तो देखा कि उसके गांड का छेद खुला हुआ है। मैंने उससे पूछा कि पहले गांड में डालूँ या चूत में? उसने कहा- चूत में डाल पहले, बहुत आग लगी है!
मैंने भी ऐसा ही किया और उसकी चूत में नकली लंड को फंसाकर उसकी चूत चोदने लगी और 3-4 झटकों में ही लंड पूरा उसकी चूत में पहुंच गया।
मैं अब तेज झटके देने लगी, उर्वशी भी मजे से सिसकारी लेने लगी- आह्हह ह्हह आह्हह ह्हह्ह चोद और तेज चोद मेरी कुतिया रानी बहुत मजा आ रहा है, सीईईई आआह्ह्ह!
मैं उसे तब तक ऐसे ही चोदती रही जब तक कि वो झड़ नहीं गई। जब वो झड़ी तो पता नहीं क्यों मुझे उसकी गांड चोदने का मन भी हुआ, उसने भी बेझिझक होकर गांड चुदाई के लिये हाँ कर दी, और मैं उसकी गांड को चोदने लगी। लगभग 10 मिनट तक उसकी गांड में धक्के लगाये।
अब बारी उसकी थी, मैंने लंड को निकालकर अलग कर दिया, उसने कमर पर बाँध लिया, अब मेरी चूत चुदने की बारी थी। मैं कुतिया बनी हुई थी, उसने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया, मैं भी जोर सर आआह्हह्ह आआ आह्ह ह्हह्ह… और करर्र ओर्रर्रर्र आह्ह्ह आआअह्हह्ह ययईआआ चोद और तेज्जज्जज्ज आःह्ह्ह!
वो मेरे झड़ने तक मेरी चूत को चोदती रही। फ़िर उसने मेरी गांड के छेद पर लंड टिका दिया, मैंने कुछ नहीं कहा, तभी उसने लंड को छेद से हटाया और दोनों हाथों से एक साथ दोनों चूतड़ पर जोर से तमाचा दिया और गांड में 2 उंगली डाल दी।
मैं दर्द से कराहने लगी क्योंकि रात को पतिदेव ने मेरी गांड को बेरहमी जो चोद दिया था उसका दर्द अभी भी!
मैं दर्द से उसे गाली देने लगी और छोड़ने के लिये बोलने लगी।
वो हंसने लगी और लंड को गांड के छेद पर टिका गांड को चोदने लगी।
कुछ देर बाद उसने मुझे सीधा लेटाया और मेरे मम्मों को चूसने लगी, किस भी कर रही थी और मेरी दोनों टांगों को उसके कन्धे पर रखकर धक्के लगाने लगी।
थोड़ी ही देर में वो पूरी ताकत से धक्के लगाने लगी और मैं भी उछल उछल कर मजे लेने लगी- आअह्ह अह्हह आह्ह… ऐसे ही जोर जोर से चोद… आआह मज़ाआअ आआआ ररहाआआ आआअ मजा आ रहा है।
थोड़ी ही देर में मैं दूसरी बार झड़ गई। उर्वशी ने भी धक्के लगाना रोक दिया और वो हाँफ रही थी, मैंने उसे नीचे झुकाया और उसके मम्मों को चूसने लगी। मैंने बहुत देर तक उसके मम्मों को चूसा।
उसने लंड को मेरी चूत में ही फंसाये रखा था।
अब वो मेरे ऊपर आई और किस करने लगी। हम 10 मिनट ऐसे ही चिपक कर लेटी रहीं। अब वो मेरी चूत को चूसने चाटने लगी तो मैंने उसे फिर 69 की पोज़ में चूसने के लिये कहा।
बहुत देर तक हम 69 पोज़ में एक दूसरे की चूत को चाटती रहीं। मैंने फिर कमर पर लंड को बाँधा और उसकी दोनों टांगों को कमर पर रखकर उसकी चूत को चोदने लगी, वो भी उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी।
अचानक ही उसने मेरी कमर को कसकर जकड़ लिया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, वो थोड़ी शिथिल पड़ गई पर फिर भी मेरी कमर को जकड़े रखा।
जैसे ही मैं हटी तो वो खुद घोड़ी बन गई और इस आसन में चोदने के लिए कहा। मैं उसे इस आसन में चोदने लगी। चूत गीली होने से मुझे लंड को अंदर बाहर करने में कोई भी तकलीफ नहीं हो रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं उसकी गांड को चोदने लगी। थोड़ी देर मैं उसकी गांड को चोदती और थोड़ी देर उसकी चूत!
जब वो फिर झड़ गई तो वो मुझे भी ऐसे ही चोदने लगी।
अब हम दोनों थक चुके थे और समय भी 12:30 हो चुका था, हम दोनों साथ में नहाई, चाय पी और उसके बाद हम फिर बिस्तर पर लेटकर एक दूसरे को किस करने लगीं और पता नहीं कब एक दूसरे को बाहों में भरकर नंगी ही सो गई।
लगभग 2:30 बजे हमारी नींद खुली थोड़ी देर बाद हमने फिर एक और बार चुदाई की और फिर नहाईं।
फिर शाम को पतिदेव लेने आ गए।
उसके बाद हमें जब भी मौका मिला, हमने जी भरकर लेस्बियन सेक्स किया। हम दोनों जब भी साथ में होती है तो पूरी नंगी ही रहती हैं और चुदाई करती हैं। यह सिलसिला आज भी जारी है।
हमने ग्रुप में भी लेस्बियन सेक्स किया है। आज भी करने जा रही हूँ, और घर पर मैं अकेली हूँ और उर्वशी भी आ गई है। आज हम दोनों के पास पूरी रात है और दोनों ही घर घर में पूरी नंगी ही रहेंगी और चुदाई के बाद नंगी ही सोयेंगी।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी। उम्मीद है कि अच्छे कमेंट्स ही करेंगे। [email protected]
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