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हैलो साथियो, आप सभी के लिए सविता भाभी की रसीली कहानियों की नौवीं कड़ी पेश है.
पिछली कड़ी में आप सभी ने सविता भाभी के इन्टरव्यू की चित्रकथा को देखा होगा। आज की कड़ी उसी से आगे की कहानी है।
जब सविता भाभी की नौकरी पक्की हो गई.. तो उन्होंने अपने घर आकर अपने कमरे के शीशे के सामने ब्रा पैन्टी में खड़े होकर अपनी मदमस्त जवानी को निहारा और सोचा कि नई नौकरी के काम पर जाने से पहले कुछ नए कपड़े खरीद लेना चाहिए। इसी के साथ वो ऑफिस में हुए अपने साथ वाकिये के साथ-साथ अपनी सहेली शालिनी के बारे सोचने लगीं।
‘ये शालिनी भी कितनी बड़ी चुदक्कड़ है.. उसने पता नहीं कितने लंड खाए होंगे.. उसकी जवानी से टक्कर लेने के लिए मुझे यदि अपना सिक्का जमाना है तो मुझे कुछ मस्त और सेक्सी किस्म के ब्रा-पैन्टी के सैट खरीदने होंगे।
अभी सविता भाभी अधनंगी हालात में शीशे के सामने खुद को निहारते हुए सोच ही रही थीं कि उनका पर्सनल ठोकू ‘मनोज मालिश वाला’ बिंदास अन्दर आ गया और बोला- भाभी जी आपकी थोड़ी मालिश कर दूँ।
सविता भाभी ने अपने चूचों को सहलाया और मनोज के उठते हुए लौड़े को देख कर कहा- अभी नहीं मनोज.. अभी मुझे जरा बाजार जाना है।
मनोज कुछ नहीं बोला तो उन्होंने मनोज के लौड़े को हाथ से दबाते हुए कहा- चलो शायद बाजार से वापस आकर मालिश करवाऊँ।
अब सविता भाभी बाजार चली गईं।
उन्होंने एक शोरूम पर जाकर सेल्सगर्ल से बोला- मुझे कुछ ब्रा-पैन्टी लेनी हैं।
उधर ही एक सेल्समैन खड़ा था। वो सविता भाभी की खूबसूरत जवानी को देख कर मस्त हो गया और सोचने लगा कि ये तो कोई मस्त भाभी लग रही हैं।
उसने सेल्सगर्ल को हटाते हुए कहा- कोमल तुम बाक़ी के ग्राहकों को देखो.. मैं भाभी जी का ख्याल रखता हूँ।
तभी भाभी जी ने उस सेल्समैन को देखा तो वे उससे मुस्कुरा कर मिलीं।
सविता भाभी बोलीं- अरे वाह तुम इधर काम करते हो। सेल्समैन- हाँ भाभी जी मैं ही हूँ.. बताइए आज मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ।
सविता भाभी- हम्म.. मुझे कुछ बढ़िया से ब्रा-पैन्टी के सैट चाहिए.. जो बहुत ही उम्दा और कोमल हों.. तुम्हें तो पता ही है कि मुझे कैसे पसन्द आ सकते हैं।
‘हाँ भाभी जी मैं आपको एकदम नई किस्म के पारदर्शी सैट दिखाता हूँ.. नई उम्र की लड़कियां आजकल इन सैटों को बेहद पसंद कर रही हैं। उन्हें लगता है कि वो इसमें मस्त दिखेंगी।
इसके साथ ही उस सेल्समैन ने सविता भाभी को एक सैट दिया और कहा- भाभीजी इसको पहन कर देखिए.. ये आपके नाप का है। प्लीज़ उस तीसरे कमरे का इस्तेमाल कीजिएगा.. वो सबसे बड़ा है।
सविता भाभी ने ब्रा-पैन्टी का सैट लिया और उस तरफ चल दीं, जिधर के लिए उस सेल्समैन ने उनसे कहा था।
सेल्समैन को मालूम था कि उस कमरे में मालिक ने गुप्त कैमरा लगवाया हुआ है जिससे वो टीवी स्क्रीन पर कपड़े बदलती लड़कियों की नंगी जवानी का लुत्फ़ उठा सकें।
सेल्समैन उसी टीवी की तरफ देखने लगा।
कमरे में अन्दर सविता भाभी अपने कपड़े उतारते हुए सोचने लगीं- वो ठरकी बन्दा काफी दिलचस्पी दिखा रहा था। मुझे कपड़ों के ऊपर से ही ऐसे घूर रहा था जैसे मुझे ऊपर से खा जाएगा.. और अगर मुझे इस तरह से देख लेगा तो उसका तो लौड़ा एकदम से खड़ा ही हो जाएगा। मुझे भी ये सब कितना बढ़िया लगता है।
अब सविता भाभी ने लगभग नंगी होकर अपनी पूरी तरह से तनी हुई चूचियों को निहारा और फिर ब्रा को पहनने लगीं।
‘ये मेरी चूचियों पर एकदम फिट है और काफी मुलायम भी लग रही है.. एक तो इसी को ले लेती हूँ। कुछ और तरह की भी देखती हूँ..’ सविता भाभी आईने में देख कर मस्त होते हुए सोच रही थीं।
इसके बाद सविता भाभी ने कपड़े पहने और कमरे से बाहर आ गईं।
बाहर खड़ी सेल्सगर्ल ने सविता भाभी की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा- मैडम ये आपको पसन्द आया है न?
भाभी ने उसको कुछ और सैट लाने के कह कर दूसरी तरफ देखने लगीं। तभी उनकी निगाह उस तरफ पड़ी तो वे एकदम से चौंक उठीं।
‘ये नहीं हो सकता.. मैं क्या ये सब सच में देख रही हूँ।’
दरअसल सविता भाभी को उनका पुराना प्रेमी दिख गया था। सविता भाभी उसके साथ बिताए हुए पलों के बारे में सोचते हुए डूब सी गईं।
जब एक बार उनके ये प्रेमी उन्हें चोद रहा था और सविता भाभी ने उससे पूछा था- जान इस तरह हम लोग कब तक छुप-छुप कर मिलते रहेंगे? जिस पर उनके प्रेमी ने कहा था- बस जान कुछ महीने और.. मुझे नौकरी मिलते ही हम दोनों शादी कर लेंगे।
इसके बाद उसने सविता भाभी को होंठों पर चूमते हुए प्यार करना शुरू कर दिया था। सविता भाभी ने उससे पूछा- तुम मुझे प्यार करते हो न कामेश मेरी जान?
कामेश ने उनके अनावृत उरोजों के चूचुकों को चुभलाते हुए प्यार की पींगें बढ़ाना शुरू कर दी थीं।
अभी सविता भाभी अपनी उस रंगीन जिन्दगी के बारे में सोच ही रही थीं कि तभी कामेश ने उनको पुकारते हुए कहा- सविता.. ये तुम ही हो न?
सविता भाभी ने मुस्कुरा कर कामेश की तरफ देखा तो कामेश प्यार में भावुक हो उठा।
‘मुझे यकीन नहीं होता सविता कि तुम इतने सालों बाद मुझे यूं मिलोगी.. कैसी हो तुम?’ ‘मैं अच्छी हूँ.. तुम कैसे हो और यहाँ क्या कर रहे हो?’
‘ओह्ह.. हा हा हा दरअसल मैं अपनी बीवी को उसकी सालगिरह के मौके पर उसे ब्रा-पैन्टी का सैट उपहार में देना चाहता था, पर यहाँ आकर मुझे ये सब बड़ा अजीब सा लग रहा था। अच्छा हुआ कि तुम मिल गईं.. तुम मेरी मदद कर दो प्लीज़।’
तभी सेल्सगर्ल ने पास आकर उनसे कहा- मैडम मैंने कुछ और सैट अन्दर रख दिए हैं।’
सविता भाभी ने कामेश से कहा- चलो, कामेश मैं तुम्हें दिखाती हूँ।
कमरे में अन्दर आते हुए सविता भाभी ने पूछा- तुम्हें अपनी बीवी के लिए किस तरह की ब्रा-पैन्टी लेना हैं.. देखो क्या तुम्हें ये अच्छे लग रहे हैं?
कामेश- पता नहीं उस पर ये कैसे लगेंगे? इस तरह से तो मैं कुछ अंदाजा ही नहीं लगा पा रहा हूँ।
सविता भाभी- अच्छा शायद मैं तुम्हें पहन कर दिखाऊँ तो समझ में आ जाएगा हा हा हा..
‘हा हा हा.. शुक्रिया सविता.. मेरी बीवी को ये मालूम चलेगा तो शायद वो मुझे घर से बाहर फेंक देगी।’
‘वैसे तुम्हारी बीवी का नाप क्या है कामेश?’
‘हम्म.. शायद तुम्हारे साइज़ के बराबर ही होगा.. ये ठीक रहेगा कि तुम ही मुझे पहन कर दिखा दो।’
सविता भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- हाँ वैसे भी तुम मेरा सब कुछ देख चुके हो।
कामेश सविता भाभी के नंगे जिस्म को याद करते हुए कहने लगा- सही कहा तुमने.. पर उस तरह देखे हुए काफी समय हो चुका है।
सविता भाभी ने अपने मम्मों को कामेश की तरफ तानते हुए कहा- कहीं तुम ये तो कहना नहीं चाहते हो कि मैं मोटी हो गई हूँ.. चलो देख लो कि तुम मेरी किस चीज से वंचित रह गए हो।
कामेश ने मुस्कुरा दिया।
‘चलो उधर को मुड़ो और अपनी आँखें बन्द करो, मैं इसे पहन कर दिखाती हूँ..’ सविता भाभी ने एक ब्रा को कामेश के सामने लहराते हुए कहा।
‘जरूर जरूर..’ ये कह कर कामेश ने खीसें निपोर दीं।
उधर भाभी ने नंगा होना शुरू किया और बाहर टीवी स्क्रीन पर उस सेल्समैन ने नजारा देखना चालू कर दिया। वो एकदम से चौंक गया।
‘अरे ये क्या इस भाभी ने तो एक मर्द के सामने ही नंगा होना शुरू कर दिया।’
तभी भाभी ने ब्रा को पहन लिया और मुड़ कर कामेश से कहा- चलो अब तुम मुझे देख सकते हो।
कामेश के मुँह से बेसाख्ता निकला- मस्त..
‘कौन.. मैं या ये ब्रा?’ सविता भाभी ने कामेश को टोका और चुटकी ली- ज्यादा घूरो मत.. मैं तुम्हारी सिर्फ मदद कर रही हूँ ताकि तुम अपनी बीवी को खुश कर सको।
‘हाँ सावी.. पर तुम प्लीज़ ये पैन्टी भी पहन कर दिखाओ.. मुझे एक बार पूरा सैट देखना चाहता हूँ।’
सविता भाभी ने शर्माते हुए अपने मम्मों को ढांप लिया और कहा- तुम्हें नहीं लगता कि ये कुछ ज्यादा ही हो जाएगा।
कामेश- प्लीज़ सविता..तुम ये चाहती हो न कि मैं अपनी बीवी को बढ़िया तोहफा दूँ।
सविता भाभी ने हथियार डालते हुए कहा- ठीक है मैं पहन कर दिखाती हूँ.. पर ध्यान रहे कि कोई बदमाशी करने की सोचना भी मत..
सविता भाभी अपने पेटीकोट की गाँठ खोलने लगीं। उनकी गाँठ फंस जाने के कारण खुल नहीं रही थी।
कामेश- लाओ मैं खोलता हूँ।
कामेश ने सविता भाभी के पेटीकोट की गाँठ खोलने की कोशिश की।
‘हम्म.. गाँठ में काफी कसावट है।’
जब गाँठ नहीं खुली तो कामेश ने अपने सर को सविता भाभी की कमर के पास ले जाकर अपने दांतों से गाँठ को खोलने की कोशिश की।
सविता भाभी- ये क्या कर रहे हो?
लेकिन कामेश अब रुकने वाला नहीं था, उसने सविता भाभी के नाड़े को खोल दिया और पेटीकोट को नीचे सरका दिया। उसके सामने सविता भाभी की फूली हुई चूत का उभार दिखने लगा।
अब कामेश ने भाभी की चूत पर अपनी नजरें टिका दीं..
सविता भाभी की चुदास भड़क उठी और उनके कंठ से निकल पड़ा- कामेश.. आह..
इसके बाद क्या हुआ मित्रो, वो आपको कहानी से मजा नहीं आएगा.. इसका असली मजा तो सविता भाभी की पूरी चुदाई उनकी सचित्र कॉमिक्स पढ़ कर ही आएगा।
इसी के साथ बाहर वो कैमरा में सविता भाभी के साथ होने वाले कामुक घटनाक्रम को टीवी स्क्रीन पर देख कर क्या-क्या हुआ ये सब भी आपको जान कर बहुत मजा आएगा।
किरतू.कॉम पर सविता भाभी की मस्त कहानियों की सीरीज में आप सभी का स्वागत है।
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