This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मेरा नाम पंकज है, बिहार का रहने वाला हूँ। मैं अपनी मामी की चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी आपके लिए लिख रहा हूँ।
बात उस समय की है.. जब मैं स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। मैं अपने मामा के घर जब कभी घूमने जाया करता था। जहाँ मेरे मामा-मामी नाना तथा नानी रहते हैं।
मेरे मामा आर्मी में होने के कारण बहुत कम घर पर रहते हैं। मेरी मामी बहुत ही हँसमुख स्वभाव की हैं, मेरी और उनकी अच्छी जमती थी। मेरी मामी का नाम सपना है।
एक बार मुझे अपने मामा के यहाँ पर जाना पड़ गया था। क्योंकि उधर सभी लोग घूमने जा रहे थे.. लेकिन मामी नहीं जा रही थीं, तो घर में उनके साथ रहने के लिए मैं चला गया।
सब लोग चले गए.. घर में केवल मैं और मामी रह गए।
दिन भर मैं उनके साथ रहा और इधर-उधर की बात करता रहा। धीरे-धीरे शाम हो गई.. मामी ने खाना बनाया।
फिर मैं और मामी खाना खाकर टीवी देखने लगे। दस बजे तक हम लोग टीवी देखते रहे फिर सोने लगे।
मैं और मामी एक ही बिस्तर पर लेटे थे। कुछ देर बाद हम लोग सो गए।
रात को मुझे पेशाब लगी.. तो मैं उठकर पेशाब करने चला गया। जब मैं वापस आया तो देखा कि मामी की साड़ी उनके घुटनों तक है। मामी की सेक्सी टाँगें देख मेरा लंड खड़ा होने लगा.. क्योंकि मामी की गोरी पिंडलियाँ देखकर मेरी साँस अटक गई थी। मेरी मामी के जिस्म का साइज 30-28-34 है।
अब मेरी आँखों से नींद उड़ चुकी थी। मैं धीरे से उनके बगल में आकर लेट गया।
मेरी मामी बहुत गहरी नींद में सोती हैं। यह बात मुझे पहले से पता थी.. इसी बात का फायदा उठाकर मैंने धीरे-धीरे मामी की साड़ी और पेटीकोट एक साथ उठाना शुरू किया।
साड़ी को थोड़ा उठाने पर मुझे मामी की काली पैंटी नज़र आने लगी। मैंने मामी की साड़ी को उठाकर उनकी कमर के ऊपर कर दिया।
अब जो नज़ारा मेरे सामने था.. उससे मेरे साँसों की गति तेज़ होने लगी।
मैंने मामी के चेहरे की तरफ देखा.. वो अभी भी गहरी नींद में सो रही थीं। मामी की गोरी-गोरी जांघें.. और उनके बीच मामी की चूत के ऊपर काली पैंटी देखकर तो मैं पागल हो गया।
मैंने मामी की चूत को पैंटी के ऊपर से सूंघा.. चूत की मादक खुशबू से मेरा लंड काबू से बाहर हुआ जा रहा था।
मैंने धीरे से मामी की पैंटी को एक साइड में खिसकाया.. जिससे मुझे मामी की एकदम चिकनी चूत दिखाई दी।
मैं अब काबू से बाहर हो गया और मैंने अपनी जीभ मामी की चूत में लगा दी। जैसे ही मैंने जीभ को चूत में लगाया.. मामी थोड़ा सा हिलीं.. तो मैं डर गया और फिर अपनी जगह पर आ गया।
लेकिन थोड़ी देर में फिर मैं उठा और मामी की चूत पर हाथ फेरने लगा। कुछ देर बाद अचानक मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- क्या कर रहे हो?
मैं तो डर के मारे घबरा गया और मामी को ‘सॉरी’ बोलने लगा। पर मामी बोलीं- कभी किया है? तो मेरे मन से डर दूर हो गया और बोला- नहीं!
मामी ने हरी झण्डी दिखा दी। मैंने मामी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूमना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद मामी गर्म हो गईं और उन्होंने सिसकारियां भरना शुरू कर दिया। इतनी देर में मैंने मामी का ब्लाउज और साड़ी को खोल दिया। मामी ने ब्रा नहीं पहनी थी, अब वो मेरे सामने पेटीकोट और उसके नीचे काली पैंटी में थीं।
मैंने धीरे से पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया और उसको निकाल दिया। मामी ने भी इसी बीच मेरी बनियान और लोअर निकाल दिया। मैं अब सिर्फ चड्डी में था और मामी पैंटी में थीं।
मैंने मामी के मस्त दूध मसलने शुरू किए तो उनके मुँह से ‘सी.. सिस्स..’ की आवाजें निकलने लगीं।
वो मेरा लंड चड्डी के अन्दर हाथ डाल कर सहला रही थीं। मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और मामी को बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने अपना लंड मामी से चूसने को कहा.. तो मना करने लगीं, मैं अपना लंड जबरदस्ती उनके मुँह में घुसेड़ने लगा तो थोड़ी देर बाद उन्होंने उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को उनके मुँह से बाहर निकाल लिया और उनके पैरों की तरफ आ गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मामी अभी भी पैंटी में थीं.. मैंने उनकी पैंटी को पकड़ा और पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींच कर निकाल दिया.. जिससे उनकी पैंटी फट गई।
यह देखकर मामी बोलीं- आराम से मेरे चोदू राजा.. अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ। मैंने कहा- साली रंडी.. मादरचोद अपनी चूत दिखाती फिरती है सबको.. आज इस चूत को इतना चोदूँगा कि कल सुबह तू मूत भी नहीं पाएगी।
मैं अपना मुँह चूत में लगाकर चूत को चाटने लगा मामी के मुँह से ‘आ.. आआह..’ की आवाजें आने लगीं।
मामी की चूत के दाने को मैं दांतों से काट लेता तो वो और जोर से चीख उठतीं। उनकी चूत बहुत रस छोड़ रही थी।
फिर अचानक वो जोर-जोर से कमर हिलाने लगीं और चिल्लाने लगीं- अब डाल दो मेरे अन्दर.. नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी।
फिर अचानक उनकी चूत से पानी बहने लगा तो मैं समझ गया कि मामी झड़ गईं, मैंने पूरा पानी चाट लिया।
मैं उठा और मामी को किस करने लगा.. अब मामी भी मेरा साथ दे रही थीं। कुछ देर बाद वो फिर गर्म हो गईं.. और बोली- मादरचोद.. अब तो मेरी चूत में अपना डंडा डाल दे.. नहीं तो अभी तेरा जबरन चोदन कर दूंगी।
मैं बोला- साली छिनाल रंडी.. अभी तेरी इस चूद को चोद-चोद कर अगर फाड़ न डाला तो मेरा भी नाम बदल देना।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वो ‘आहें’ भरे जा रही थीं और गालियाँ बक रही थीं। मेरी मामी चुदाई में गालियाँ बहुत देती हैं।
फिर अचानक मैंने एक तेज़ झटका लगाया.. मेरा मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया। वो चीख उठीं और बोलीं- भोसड़ी के.. मादरचोद.. रंडी नहीं हूँ मैं तेरी.. आराम से कर। मैं बोला- साली.. तू पूरी रंडी है पराए मर्द से चुदती है।
फिर मैंने एक और धक्का लगाया.. मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। वो एक बार फिर जोर से चीखीं और बोलीं- मार डाला मादरचोद ने।
अब मेरा लम्बा और मोटा लण्ड उनकी कसी हुई चूत में पूरा उतर चुका था। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.. वो मेरे हर धक्के पर ‘आहें’ भरतीं और गाली देतीं ‘आ..ह… आ..उह.. मर गई मादरचोद..’
मैं धक्के लगता लगाता रहा.. वो चिल्लाती रहीं और गालियाँ बकती रहीं।
काफी देर तक मैं उनको चोदता रहा जिसमें वो दो बार झड़ चुकी थीं।
इसके बाद मैं बोला- मेरा निकलने वाला है। तो वो बोलीं- अन्दर ही डाल दे.. रंडीबाज बाहर मत निकालना।
मैं 5-6 तेज़ झटकों के साथ उनकी चूत में ही ढेर हो गया। मेरे साथ वो एक बार और झड़ गईं।
फिर मैं बोल उठा- आह्ह.. मज़ा आया? मामी बोलीं- बहुत अच्छी चुदाई हुई मेरी चूत की!
उसके बाद मैं उठा और अलमारी से शराब की बोतल निकाल लाया और दो गिलास में डालकर एक गिलास खुद पिया और दूसरा मामी को जबरदस्ती पिलाया। फिर मैं कुछ शराब उनकी चूत में डालकर चाटने लगा.. जिससे वो बिल्कुल पागल सी हो गईं और मेरे सर को अपनी चूत पर कसकर दबाने लगीं।
मैंने फिर एक बार कसकर उनको चोदा। नशे में झड़ने के बाद मैंने उनकी चूत में ही लंड डाल कर सो गया। अगले 6 दिन मैंने रोज नए-नए तरीके से चुदाई की। कभी खड़े होकर.. कभी गोद में बैठाकर.. कभी अपने ऊपर लेकर।
मामी और हमको बहुत मज़ा आया। एक दिन मैंने उनकी गांड भी मारी।
तो साथियो कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी.. अपनी राय जरूर मेल करें। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000