चुम्बन से शुरू गांड पे खत्म-2

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आपने अब तक पढ़ा..

मैंने अंकिता को पटा लिया था और हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमना चालू कर दिया था।

अब आगे..

उस रात हमने चुम्मे के बारे में बात की। उसने बताया कि उसे बहुत अच्छा लगा। मैंने भी बताया- मुझे भी बहुत अच्छा लगा.. ये पल मेरी ज़िन्दगी के सबसे अच्छे पलों में से एक था और अगर तुम मुझे मौका नहीं देती.. तो मेरी ज़िन्दगी में शायद ये पल आता ही नहीं।

अब जब कभी हमें मौका मिलता.. हम नए-नए तरीके से चुम्बन किया करते। जैसे मैं चुम्बन के दौरान उसकी जुबान को अपने मुँह में लेकर चूसता, कभी वो ऐसा करती।

अभी तक हमारे बीच चुम्बन ही हुआ था, उसके आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं होती।

एक दिन हम दोनों आकाश से आ रहे थे.. रास्ते में अंकिता की रूममेट मिल गई। उसने मुझे उससे मिलाया.. ‘हाय हैलो..’ हुआ। फिर हम दोनों अपने-अपने हॉस्टल चले गए।

अंकिता ने उसे मेरे बारे में नहीं बताया था। मिलने के बाद वो दोनों थोड़ा फ्रैंक हो गईं और मेरे बारे में भी बात करने लगीं।

दो दिन बाद अंकिता ने शाम के टाइम मैसेज से मुझे बताया- मेरी रूममेट प्राची ने मुझसे पूछा है कि क्या हम लोगों ने सेक्स किया है। मैंने उसे ‘नहीं’ कहा तो वो बोली कि कभी करना.. बहुत मज़ा आएगा।

जब उसने मुझे मैसेज से ये सब बताया.. तो मुझे मेरी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था।

फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा- हम नहीं करेंगे.. ये गलत है। मैंने रिप्लाई किया- तुम्हारी मर्ज़ी..

पर भला हो उसकी रूममेट का, वो अब अंकिता को अपनी चुदाई की कहानियां बताया करती थी.. जिससे उसके अन्दर जोश भरता। इन सब बातों को मुझे बताते हुए वो मुझसे बोली- यार अजीब सा फील होता है।

एक रात मैंने उसके साथ सेक्स चैट करना चाहा, वो शरमाई.. फिर थोड़ा साथ दिया। मैंने फ़ोन पर कहा- सोचो मैं तुम्हें भयंकर चुम्बन कर रहा और तुम्हारी चूची तेज-तेज दबा रहा हूँ.. और तुम मेरी हो। इतने में ही उसने कहा- अजीब सा हो रहा है।

वो ये कहते हुए फोन पर थोड़ा सा हल्का-फुल्का ‘अआह्ह्ह.. आह्ह..’ जैसी आवाज़ निकालने लगी। मैंने पूछा- क्या नीचे से कुछ निकला? उसने शरमाते हुए ‘हाँ’ कहा।

फिर मैंने उससे कहा- मुझे अपना भी स्पर्म निकालना है। उसने पूछा- कैसे? मैंने कहा- फ़ोन लिए रहना.. ‘ओके..’

मैं टॉयलेट में गया, मैं ईयरफ़ोन लगाए हुए था, मैंने कहा- मैं अपने लंड को तेजी से रब कर रहा हूँ और सोच रहा हूँ कि मेरा लंड तुम्हारे मुँह में है। उसने कहा- छी:…

मैंने ‘आह्ह.. आह्ह्ह..’ करके अपने स्पर्म को निकाला और उससे कहा- निकल गया! वो मुस्कुराई.. फिर पूछने लगी- इतना गन्दा मुझे मुँह में दोगे? मैंने कहा- अरे.. जस्ट सोच रहा था.. सच थोड़ी था।

फिर थोड़ी देर बात करने के बाद हम सो गए।

उसने प्राची से सेक्स चैट को बताया तो उसने उसे समझाया- ज़िन्दगी का मज़ा ले लो.. बाद में पता नहीं ये मौका फिर कब मिलेगा और उसने अंकिता को ब्लू-फिल्म भी दिखा दी।

अंकिता ने जब मुझे ये सब बताया तो मैंने कहा- अगर बुरा न मानो तो एक बात बोलूं? उसने कहा- हाँ बोलो। मैंने कहा- मुझे तुम्हें प्यार करना है, मैं तुमसे कभी जबरदस्ती नहीं करूँगा.. वादा करता हूँ जिस हद पर तुम रोकोगी.. मैं रुक जाऊँगा.. मुझे अकेले मिलना है, प्यार करना है।

उसने कहा- पागल.. मुझे तुम पर पूरा भरोसा है.. ये बताओ कहाँ मिलना है? मैंने कहा- मेरे पास मिलने की कोई जगह नहीं है। मुझे होटल जाने में डर लगने का कहा तो उसने भी कहा- मैं भी होटल नहीं जाऊँगी.. पकड़े गए तो पुलिस केस हो सकता है।

अगले दिन आकाश में मैंने मौका देख कर उसके मम्मों को दबाया। फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे मैसेज किया- प्लीज कोई जगह खोजो.. जहाँ मैं तुम्हें प्यार कर सकूँ.. अब मैं भी प्यार करना कहती हूँ।

मैंने कहा- प्राची से पूछो.. वो कहाँ जाती है। उसने पूछा तो पता चला वो अपने बॉयफ्रेंड के हॉस्टल में जाती है।

मैंने कहा- मेरे हॉस्टल में आना पॉसिबल नहीं है.. क्योंकि मेरा हॉस्टल बड़ा है कोई देख लेगा तो बवाल हो जाएगा।

उसने झट से कहा- तुम मेरे यहाँ आ जाओ.. वैसे भी मेरा हॉस्टल ‘पेइंगगेस्ट’ है और यहाँ सिर्फ 6 लड़कियां रहती हैं। कुल 3 रूम हैं। एक रूम में दो लड़कियां और मेरा रूम सबसे अलग है। वो भी छत पर सबसे अलग साइड पर है। अब जब प्राची किसी रात अपने बॉयफ्रेंड के पास जाएगी.. तब बताऊँगी।

मैंने कहा- अंकल-आंटी पूछते नहीं कि प्राची रात में कहाँ जाती है? उसने बताया कि वो अपने रिलेटिव के वहाँ जाने के बहाने जाती है।

अब हम दोनों ही इंतज़ार में लग गए कि वो पल कब आएगा.. हफ्ते बीत गए थे। हमारी रोज रात में होने वाली ‘नाईट सेक्स चैट’ भी जोरों पर थी, मैं उससे उसकी वेजाइना (चूत) में उंगली डालने को कहता.. तो वो मुझसे कहती- सोचो तुम मुझे चोद रहे हो।

इस प्रकार वो मुझसे मुठ मरवाती।

अब तो क्लास में मैं कभी-कभी उसकी जींस के ऊपर से उसकी चूत के पास हाथ रखता.. तो कभी मौका देख कर उसकी चूची दबा देता। ये सब कॉमन हो चला था। बस मुझे उस पल का मौका चाहिए था.. जिस पल उसे पेल सकूँ।

मुझे जल्द ही वो मौका मिला.. जब अंकिता ने प्राची से अपना प्लान बताया कि वो मुझे हॉस्टल में बुलाने वाली है, तो प्राची ने मुझे बुलाने को कहा.. पर अंकिता शर्मा गई।

फिर जल्द ही प्राची ने एक दिन अंकिता को बताया कि वो आज रात अपने बॉयफ्रेंड के वहाँ जा रही है।

यह बात सुन कर मुझे बहुत ही आनन्द सा आया.. पर एक डर भी था कि कहीं कोई प्लान में गड़बड़ न हो जाए। मैंने अपने आप पर काबू पाया और सोच लिया कि अब तो मिलना ही है.. चाहे कुछ हो जाए।

फिर वो रात आ ही गई.. अंकिता ने मुझे कॉल किया- हॉस्टल में आओ.. सब सो गए हैं। उस वक्त रात का एक बज रहा था।

मैं उसके पेइंग गेस्ट हाउस पहुँचा..जो कि पास में ही था। वो छत पर टहलते हुए मेरा वेट कर रही थी.. मुझे देख कर मुस्कुराई और फिर उसने मुझे कॉल किया और कहा- गेट वाली दीवार पर चढ़ जाओ।

मैंने कहा- कुछ गड़बड़ तो नहीं होगा ना? अंकिता ने कहा- डर तो मुझे भी बहुत लग रहा है.. पर जो होगा देखा जाएगा.. आ जाओ प्लीज।

फिर मैं देर न करते हुए दीवार से कूदा और धीरे से उसके कमरे में पहुँच गया। उसने दरवाज़े को बंद किया.. मैंने पीछे से उसकी कमर से आगे हाथ डाल कर पेट तक कसके पकड़ा और उसे अपने में चिपका लिया।

आह्ह..! उस पल मानो मुझे सब कुछ मिल गया था।

उसी तरह से मैंने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर के पास आ गया, मैंने उसे बड़े प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया। मैं भी बगल में लेट गया, मैंने उसे अपनी तरफ खींचा।

अब वो मेरे एकदम सामने थी.. एकदम करीब.. मेरे दिल की धड़कनें बहुत तेज़ थीं। फिर मैंने उसके चेहरे पर जो बाल थे.. उन्हें हटाया.. बहुत रोमांटिक सा माहौल था। उसका चेहरा एकदम साफ़ और गोरा सा था। वो एकदम फ्रेश लग रही थी। शायद वो अभी नहाई थी।

वह लोअर पहने हुए थी और एक वाइट सी हल्की सी बिना बाँह वाली टी-शर्ट डाले हुई थी। वो थोड़ा पतली थी.. पर गज़ब की खूबसूरत।

मैं देर न करते हुए उसके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा, फिर धीरे-धीरे करके उसकी चूची पर हाथ रखा और दबाने लगा। वो मादक ‘आहें’ भर रही थी ‘आह्हा.. आहहाअह्ह.. इस्स..’

मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया और उसे चूसने लगा, अपने हाथ को उसकी टी-शर्ट में डालने लगा, उसकी आँखें बंद थीं।

उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है.. लाइट ऑफ कर दो। मैंने कहा- शर्म आए.. तो आँखें बंद रखना.. लाइट न बंद करो.. प्लीज।

इतना बोल कर मैं अपने हाथ को टी-शर्ट में डाल उसके चूचे दबाने लगा। अभी वो कुछ बोलती.. उससे पहले भयंकर वाला किस करने लगा।

फिर मैं बैठ गया.. उसको बैठाया। अब मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और फिर लिटा दिया। उसकी आँखें शर्म के मारे बंद थीं.. वो ब्रा नहीं पहने हुई थी।

अब वो मेरे सामने लोअर में थी उसकी चूचियां बहुत बड़ी तो नहीं.. नार्मल साइज़ की थीं, जैसा हर लड़का चाहता है.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

उसके चूचों पर ब्रा के निशान थे, अन्दर वाला भाग और गोरा था, एकदम लाजवाब.. उसके निप्पल एकदम सख्त थे।

मैंने उसके एक चूचे को अपने मुँह में ले लिया.. जितना मैं ले सकता था और तेज़ी से चूसने लगा। वह सिसकारियां भर रही थी ‘आह्हा.. आअह्ह ह्हाहा..’

फिर मैंने उसके निप्पल को अपने दाँतों से हल्का-हल्का सा काटा.. उसे ये अच्छा लगा। उसकी कामुक आहें ये बता रही थीं।

मैंने करीब कुछ मिनट तक दोनों चूचों के साथ वही किया।

मेरा भी लंड जींस के अन्दर से बाहर आना चाहता था, मेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही टाइट हो रहा था, मैंने उससे कहा- अगर आज तुम शरमाओगी.. तो ना जाने कौन-कौन से यादगार पल खो दोगी।

उसने धीरे से आँखें खोलीं और बोली- मेरा नीचे निकल गया है। मैंने कहा- मुझे देखना है।

यह कहते ही मैं नीचे की तरफ हुआ.. अपने घुटनों पर बैठा और उससे पहले वो कुछ बोल पाती.. मैंने उसके लोअर और उसके साथ ही उसकी पैन्टी को नीचे सरका दिया और उसकी चूत को देखने लगा।

पहली बार मैं सचमुच की चूत देख रहा था। चूत पर उसके छोटे-छोटे से रेशमी बाल उगे हुए थे.. उसका एकदम गोरा बदन था और उसकी गुलाबी सी चूत.. वाह..

मैं गुलाबी मासूम सी चूत देख कर मदहोश हो रहा था। फिर मैंने अपने हाथ को उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा। उसकी चूत गीली थी.. वो आहहह्हाह.. आअह्हाह… कर रही थी, जिससे मुझे भी जोश चढ़ रहा था।

मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और हल्का-हल्का सा आगे-पीछे को किया। उसका बदन ऐंठ रहा था, उसकी चूत से उसका रस फिर निकल गया।

मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर रगड़ा, फिर उसकी गांड में उंगली करने लगा। उसे अजीब लगा.. शायद वो मना करना चाहती थी.. पर उसने मना नहीं किया। मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली की.. उसके चूतड़ दबाए.. कभी उस पर चपत सी मारता.. वो बस मदहोश होते हुए जवानी का मज़ा ले रही थी।

अब मैंने अपनी शर्ट निकाली और फिर जीन्स.. फिर अंडरवियर भी निकाल दी। वो थोड़ा शरमाते हुए मेरे लंड को देख रही थी.. जोकि एकदम टाइट था।

फिर मैं उसके बगल में बैठा.. उसके हाथ को अपने हाथों में थामा और फिर अपने लंड को उससे टच कराया। बोली- यह तो गर्म है। मैंने कहा- तुम्हारे प्यार में हॉट हो गया है जान..

उसने प्यार से मुझसे पूछा- सब नार्मल रहेगा ना.. कोई दिक्कत तो नहीं होगी। मैंने कहा- मेरे पे भरोसा है न.. बस तुम निश्चिन्त हो कर मजे लो।

फिर मैंने उसे लिटाया.. उसकी चूत को फैलाया और उसे निहारने लगा। मैंने पास में पड़ी उसकी टी-शर्ट को उठाया और उसके चूतड़ों को अपने हाथों से उठा कर उसके नीचे बिछाया दिया।

उसने कहा- ज्यादा खून तो नहीं आएगा न?

चुदाई का मजा आने वाला है। आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा। [email protected] कहानी जारी है।

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