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हैलो दोस्तो.. कैसे है आप सब.. मुझे भूल तो नहीं गए, मैं राहुल ग्रेटर नोएडा से.. आपने मेरी पहली कहानी तो पढ़ी ही होगी।
निधि ने चोदना सिखाया
इस कहानी के बाद आपने मुझे इतना प्यार दिया.. मैं तो धन्य हो गया। कुछ ‘गे’ टाइप के लोगों ने मुझसे मेरे लण्ड की पिक माँगी। शायद वो सोचते हैं कि मेरा वाकयी में इतना बड़ा है।
मैं कोई राइटर तो नहीं हूँ और ना ही कोई मनघड़ंत कहानी लिखता हूँ। किसके पास इतना टाइम है कि वो बेकार की चीजों में अपना टाइम वेस्ट करे.. ख़ास कर हम जैसे लोग.. बाकी का पता नहीं। मैं कोशिश करूँगा कि आपको मेरी कहानी अच्छी लगे।
चलो अब बकवास बहुत हो गई.. मुद्दे पर आते हैं।
मैं उन सब को अपने बारे में बता दूँ.. जिनको नहीं पता कि मैं ग्रेटर नोएडा का रहने वाला हूँ.. और यहाँ पर मेरा कंप्यूटर का काम है। मैं दिखने में अच्छा हूँ.. हाइट भी अच्छी है और लौड़ा.. उसके तो क्या कहने, जो देख ले उसके मुँह से ‘आह’ निकल जाए।
देखो जी हम है देसी बॉय.. और गाली तो हमेशा हमारे मुँह पर रहती है। बिना गाली के तो हम लोग बात भी नहीं करते।
बात तब की है जब निधि के पति का ट्रांसफर अम्बाला हो गया और वो तीन महीने बाद मुझे छोड़कर चली गई। अब मैं रह गया अकेला और लंड को लग चुका था चस्का.. साला तब देखो जब चूत-चूत चिल्लाता रहता था.. फिर इस हरामी मूसल को हाथों से ही संतुष्ट करना पड़ता था।
उसके बाद मेरी मुलाकात हुई मीना नाम की एक पहाड़ी भाभी से हुई जो कि मेरे दोस्त की पार्ट टाइम गर्ल फ्रेंड थी।
वो दिल्ली में रहती थी। मेरी भी उससे एक-दो बार बात हुई थी.. तो मैंने उसका फोन नंबर आपने दोस्त के मोबाइल से चुरा लिया था।
वो एक सेक्स बॉम्ब थी। उसका फिगर 36-34-38 का तूफ़ान मचा देने वाला था। उसकी गाण्ड तो बिल्कुल ऐसी थी कि जो देख ले.. उसका लण्ड खड़ा हो जाए, मेरा भी हो गया था।
मैं तो बस उससे चोदने की सोचने लगा.. क्योंकि अब साला ये लौड़ा भी परेशान करने लगा था।
तो एक दिन मैंने उससे बात करने की सोची और फोन लगा दिया।
मीना- हैलो कौन? मैं- पहले आप बताओ आप कौन? मीना- मैं तेरी अम्मा.. मैं- अम्मा जी नमस्ते.. मैं राहुल बोल रहा हूँ।
वो हँस पड़ी.. उसके बाद हमारी नॉर्मल बातें हुईं। फिर तो हम रोज़ बातें करने लगे।
उसने मुझे और मैंने उसे आपने बारे में सब कुछ बता दिया।
वो बेचारी किस्मत की मारी थी, उसकी कहानी बहुत लंबी है.. वो फिर कभी।
एक दिन उसने फोन करके बोला- मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ। मैं भी उससे मिलना चाहता था.. तो मना नहीं कर पाया और ‘हाँ’ बोल दिया।
अब प्राब्लम ये थी कि मिलें कहाँ। वो मुझसे अकेले में मिलना चाहती थी.. तो मैंने उसको आनन्द विहार के एक मॉल में मिलने के लिए बुलाया और वो ठीक टाइम पर आ गई।
उसने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उसमें वो एकदम माल लग रही थी, मेरा तो उसे देखकर वहीं खड़ा हो गया।
उसने भी ये देख लिया और आँख दबा कर कहने लगी- थोड़ा कंट्रोल रखो इस पर..
वहाँ पर हम लोगों की थोड़ी बात-चीत हुई, उसके बाद हम एक होटल में चले गए, वहाँ हमने एक रूम बुक कराया और चाभी लेकर सीधा कमरे में पहुँच गए।
मैंने एक लड़के से दारू और कुछ खाने के लिए मंगा लिया था।
जैसे ही मैंने कमरे को बन्द किया.. वो मुझसे लिपट गई और एक ही बार में ही मेरे चेहरे पर काफ़ी सारे चुंबन जड़ दिए।
मैंने भी कहाँ रुकने वाला था.. ज़ोर से भींचकर सीधा उसके होंठों को अपने होंठ से चिपका दिए।
वो भी साली बड़ी हरामी थी.. मेरी जीभ को मज़े लेकर चूस रही थी।
हमारा ये चुंबन काफी लम्बा चला और फिर हम अलग हुए। मैंने उसकी आँखों में एक अजब सी प्यास देखी.. जैसे वो मुझे आज खा ही जाएगी। फिर वो मुझसे लिपट गई और किस करने लगी।
मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके कपड़े उतारने लगा। पहले उसकी साड़ी उतारी और फिर उसका ब्लाउज उतारा।
अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी… उसका बदन दूध की तरह चमक रहा था।
फिर मैंने भी एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए।
तभी दरवाजे पर किसी ने नॉक किया.. ये वही लड़का था, जो दारू लेकर आया था। मैंने चादर डालकर उससे सामान लिया और उसे कुछ पैसे देकर दफ़ा कर दिया।
मैंने दो पैग पिए और वो छिनाल साली पूरी पक्की वाली निकली.. उसने भी दो पैग खींच लिए। अब वो मुझसे लिपट गई और हम फिर से किस करने लगे।
मैं किस करता हुआ उसके उन दोनों खरबूजे जैसे चूचों को मसलने लगा। उसके चूचे निधि के मुक़ाबले थोड़े टाइट थे।
मैंने उसकी ब्रा भी उतार फेंकी और उन्हें चूसने में लग गया। उसे भी पूरा मज़ा आ रहा था। उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं।
‘उम्म्म्म आहह.. राहुल खा जाओ इन्हें.. पी लो इनका सारा दूध.. उम्म्म्मम.. आअहह..’
दस मिनट की चुसाई के बाद मैं उसकी पीठ पर किस करते हुए नीचे की ओर बढ़ा और पैन्टी के ऊपर ही उसकी फूली हुई चूत को किस करने लगा.. जो कि गीली थी। उसमें से अजीब सी गंध आ रही थी।
मैंने अपने दांतों से ही उसकी पैन्टी को खींचा और उतारने लगा। इसी कामुक अंदाज से मैं उसकी पैन्टी को घुटनों तक ले आया और इसके बाद हाथों से उसको निकाल फेंका।
उसकी चूत को देखकर ही मेरे मुँह से ‘वाहह..’ निकला.. सच में क्या मस्त चूत थी यार.. बिल्कुल क्लीन शेव्ड.. साली चुदवाने की सोच के ही आई थी।
वो मुझसे चुदने के लिए एकदम राजी थी.. तभी तो चूत चिकनी करके आई थी। उसका छेद भी ज़्यादा बड़ा नहीं था। चूत की पुत्तियाँ चिपकी हुई थीं।
मैं उसकी चूत को सूँघ रहा था और उसको चूसने ही वाला था.. पर उसने मना कर दिया.. क्योंकि उसकी माहवारी आज सुबह ही ख़त्म हुई थी। मुझे बड़ा गुस्सा आया।
यार इसी चीज़ को चूसने में तो मज़ा आता है.. और वो ही नहीं करने दी साली ने.. कोई बात नहीं।
मैंने जैसे ही अपना अंडरवियर उतारा, मेरे लौड़े को देखकर उसकी आँखों में चमक सी आ गई।
वो दारू की टुन्नी में कहने लगी- अरे वाह राहुल.. तुम्हारा शेर तो काफ़ी तगड़ा है.. लगता है आज मेरी फाड़ ही डालोगे। मैंने कहा- टेंशन मत लो जानेमन.. आज तुम्हारी चूत की सारी खुजली दूर कर दूँगा।
ये कह कर मैंने लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया।
वो भी साली रंडी की तरह एक बार में ही मेरा आधा लण्ड ही मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैं तो जैसे जन्नत में ही पहुँच गया। एक तो दारू का नशा.. ऊपर से मेरे लण्ड की मस्त चुसाई हो रही थी।
मैंने उसके सर को पकड़ कर पूरा का पूरा लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया.. उसकी तो आँखें बाहर आने को हो गईं। वो ज़ोर-ज़ोर खांसने लगी, मैंने जल्दी-जल्दी चार-पाँच झटके मारे और लौड़े को बाहर निकाल लिया।
वो कहने लगी- क्या करते हो राहुल.. तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.. भला कोई ऐसा भी करता है क्या.. किसी के साथ? एक तो तुम्हारा इतना बड़ा वैसे ही अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने कहा- अले..ले..ले जानू.. नालाज़ ना हो.. याल.. सॉरी..
अब उसे फिर लौड़ा चूसने के लिए मैंने बोला तो वो हँस दी और लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने में लग गई।
मेरे मुँह से आपने आप ही आवाजें आने लगीं।
‘ओह मीना डार्लिंग.. सच में यार तुम तो बड़ी मजेदार लण्ड चूसती हो.. ओह.. आआहह उम्म्म्म.. और ज़ोर से चूसो.. डार्लिंग खा जाओ इसे।
मैं तो जैसे सातवें आसमान से आठवें पर पहुँच गया था।
लम्बी लण्ड चुसाई के बाद मैंने उसको लेटाया और एक तकिया उसकी गाण्ड के नीचे रखा। उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा। लण्ड को उसकी चूत के मुहाने पर सैट किया और एक ज़ोर का धक्का मारा। उसके मुँह से चीख निकल गई।
वो बोलने लगी- आराम से नहीं डाल सकते.. मैं काफ़ी दिनों के बाद चुदवा रही हूँ.. प्लीज़ राहुल दर्द हो रहा है.. आराम से चोदो न..
मैं उसे किस करते हुए लण्ड को आगे-पीछे कर रहा था और धीरे-धीरे पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर पहुँच गया।
अब मैं पोजीशन को संभालते हुए अपनी स्पीड को बढ़ाने लगा। उसके मुँह से आवाजें आनी चालू हो गई ‘ओह्ह्ह्ह्ह्.. आअहह.. उम्म्म्म.. और ज़ोर से राहुल उम्म्म्म.. आई..’
उसकी आवाजें सुनकर मेरा भी जोश बढ़ने लगा और मैं ज़ोरों से धक्के मारने लगा।
मैं भी अब अपने पूरे सुरूर में था और उसको गाली देते चुदाई कर रहा था। मैंने उसकी गाण्ड पर एक चपत लगाते हुए कहा- ले साली रंडी.. ले और ले.. आज तेरी इस चूत का मैं भोसड़ा बना दूँगा.. उम्म्म्म.. आआहह.. ले साली मादरचोद।
वो भी गाली पर उतर आई।
‘साले भड़वे.. चोद हरामी.. कितना दम है तुझमें.. सारा ज़ोर लगा के चोद डाल अपनी इस रंडी की चूत को.. आह्ह.. बहुत परेशान कर रखा है इसने.. उम्म्म्म.. आअहह.. और तेज राहुल.. और तेज..’
तकरीबन सात-आठ मिनट जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा निकालने वाला था और मैं पूरी ताकत से ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसका भी होने वाला था वो भी कह रही थी।
‘और तेज राहुल.. और तेज और..’
और साली छिनाल मेरे हाथ को काटते हुए एकदम से इठ गई.. और हम दोनों एक साथ झड़ गए। काफ़ी देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा।
उस दिन मैंने उसकी तीन घंटे में लगातार बार-बार जोरदार तरीके से चुदाई की.. पर साली ने गांड नहीं मरवाई।
कहने लगी- तुम्हारा बहुत बड़ा है.. मैं गांड में नहीं झेल पाऊँगी।
मुझे बड़ा गुस्सा आया, यार जिसकी मुझे ज़्यादा चाह थी.. वही मुझे नहीं मिली।
कुछ समय आराम करने के बाद हम दोनों जाने को तैयार हो गए।
चलते समय उसने मुझे बताया- ऐसी चुदाई मेरी आज तक किसी ने नहीं की.. आई लव यू.. राहुल।
फिर एक लंबा सा चूमा लेकर हम दोनों बाहर आ गए।
अपनी इस चुदाई से मैं काफ़ी खुश था और मज़ा भी बहुत आया। मैंने मीना को चार बार और चोदा।
दोस्तो आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल ज़रूर करना। आगे मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने गोआ में एक लड़की को चोदा। वो सब अगली कहानी में.. तब तक के लिए अलविदा दोस्तो.. अपने लण्ड और चूतों का ख्याल रखना।
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