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दोस्तो.. पोर्न की दुनिया की रानी सविता भाभी अपनी उफनती जवानी का नया किस्सा लेकर एक बार फिर आप सबके सामने हैं।
एक दिन सविता भाभी अपने पति के साथ बैठी हुई थीं, उनके पति अशोक को दो दिनों के किसी काम से शहर के बाहर जाना था।
तभी उनके घर का बूढ़ा नौकर गोपाल आया और उसके साथ एक हट्टा-कट्टा नौजवान भी था। उसे किसी के साथ यूं आया देख सविता भाभी चौंकी और गोपाल से पूछने लगीं- क्या हुआ गोपाल.. तुम्हें क्या चाहिए?
उसने सविता भाभी से कहा- मेमसाब मुझे बहुत जरूरी काम से गाँव जाना पड़ रहा है, घर के कामों में कोई दिक्कत न हो इसलिए मैं इस लड़के मनोज को लाया हूँ.. ये मेरी गैरहाजिरी में घर के सभी कामों को बखूबी पूरा करेगा।
‘हम्म.. क्या इसे घर के सभी कामों को करने का अनुभव है?’
तभी मनोज बोला- भाभीजी.. मुझे घर के सभी कामों का अच्छा अनुभव है.. मैं मिसेज गुप्ता के घर पर काम करता था।
जैसे ही मनोज ने मिसेज गुप्ता का नाम लिया.. सविता भाभी को एकदम से अपनी सहेली शालिनी के द्वारा कही हुई एक बात याद आ गई, जो उसने मिसेज गुप्ता के किसी नौकर से जिस्मानी रिश्तों को लेकर कही थी।
सविता भाभी ने मनोज को गौर से देखा और सोचा कि हो न हो यह वही लड़का है।
गोपाल ने भाभीजी को यूं कुछ सोचते हुए देखा तो वो उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगा।
सविता भाभी एकदम से बोल उठीं- ओके.. तो मिसेज गुप्ता के यहाँ तुम काम करते थे.. अच्छा है।
सविता भाभी ने मनोज को गौर से देखा और सोचने लगीं कि यह लौंडा तो मस्त है इसका मजबूत जिस्म मिसेज गुप्ता के लिए हर तरह की ‘मेहनत’ के काम करता होगा।
अब सविता भाभी ने गोपाल से कहा- ठीक है गोपाल, इसको यहाँ रख लो और जाने से पहले इसे घर के सारे काम ठीक से समझा देना। अब तुम जा सकते हो।
गोपाल मनोज को लेकर चला गया और उसने मनोज को सब काम ठीक से समझा दिए।
पति के चले जाने के बाद सविता भाभी अपने कमरे में ड्रेसिंग टेबल के सामने अपने बाल संवार रही थीं।
कुछ देर बाद मनोज कमरे में आया और सविता भाभी से बोला- भाभी जी, मैंने खाना बना दिया है.. इस मेरे लिए कोई और काम हो बता दीजिए?
सविता भाभी ने उसकी तरफ मुड़ कर देखा और कहा- हाँ जरा ये बेडरूम साफ़ कर दो.. यहाँ बहुत सा सामान बिखरा सा पड़ा है। ‘ठीक है भाभी जी..’
मनोज कमरे को साफ़ करने में जुट गया।
तभी उसे फर्श के एक कोने में लाल रंग की एक ब्रा पड़ी दिखी। मनोज ने ब्रा को उठाया और उसे सविता भाभी को दिखाते हुए कहा- भाभीजी आपकी ‘ये’ यहाँ पड़ी थी।
सविता भाभी ने मनोज के हाथों में ब्रा को देखा तो वे चौंक गईं और मन में सोचने लगीं कि लगता है ये ब्रा उस दिन वो सेल्समेन ले जाना भूल गया।
‘ओह्ह.. लाओ ये मुझे दो.. शायद उस दिन वो सेल्समेन आया था, उसी से छूट गई है।’
मनोज ने जैसे ही ब्रा के सेल्समेन की बात सुनी, वो सविता भाभी को बताने लगा- मेरा भी एक दोस्त है वो महिलाओं के लिए बहुत अच्छे ब्रा-पैन्टी बेचता है। मिसेज गुप्ता हमेशा उससे ही ब्रा-पैन्टी खरीदती हैं।
सविता भाभी ने मुस्कुराते हुए मनोज की तरफ देखा और चहकते हुए कहा- क्या तुम सच कह रहे हो.. मिसेज गुप्ता उसी से सामान खरीदती हैं.. कभी उसे बुलाओ मैं भी उसको ट्राई करूँगी।
सविता भाभी की मुस्कुराहट मनोज को घायल कर गई, वो सविता भाभी की कमनीय काया का शिकार हो गया और सोचने लगा कि सविता भाभी बाल काढ़ते वक्त कितनी मस्त लग रही हैं।
मनोज ने भाभी को प्रसन्न देखा तो उसने उत्तर देते हुए कहा- ठीक है भाभीजी.. मैं उसको आपके लिए बुला लाऊँगा.. मिसेज गुप्ता मुझे बहुत पसंद करती थीं.. मेरा मतलब मेरे कामों को.. ‘अरे वाह.. तुम मिसेज गुप्ता के लिए ऐसा क्या करते थे?’
‘भाभीजी मैं उनके लिए घर के सभी कामों को करता था, लेकिन वो मुझसे तेल मालिश करवाना बहुत पसन्द करती थीं। तेल मालिश करना मैंने गाँव में सीखा था।’
‘हम्म.. नाइस.. मतलब तुम मालिश भी करना जानते हो?’ ‘हाँ भाभीजी.. मैं पूरे बदन की मालिश बहुत अच्छे से करना जानता हूँ।’
सविता भाभी ने पूरे जिस्म की मालिश का नाम सुना तो उनकी चूचियां फड़क उठीं और वे अपनी मदमस्त चूचियों को दिखाती हुई मनोज की तरफ घूमीं।
‘मैं तो कब से तेल मालिश कराने के लिए बेचैन हूँ मैंने सुना है कि तेल मालिश से त्वचा भी एकदम चिकनी हो जाती है। क्या तुम कर सकते हो?’ ‘हाँ हाँ.. क्यों नहीं भाभी जी, जब आपकी इच्छा हो बता दीजिएगा मैं आपकी मस्त मालिश कर दूँगा। वो आज जरा मुझे देर हो गई है मुझे और भी घरों में काम निबटाने जाना है वरना आज ही..’
‘मगर.. थोड़ा सा वक्त ही तो लगेगा.. मैं भी आज फ्री हूँ और दो दिन के बाद जब तुम्हारे अशोक सर आ जाएंगे तो फिर हम लोगों को मालिश के लिए समय ही नहीं मिलेगा।’
‘ठीक है भाभी जी, जब आप इतना कह रही हैं तो कुछ समय के लिए ही सही.. मैं आपकी मालिश करने को तैयार हूँ।’
इतना सुनते ही सविता भाभी की बांछें खिल गईं और वे पलंग की ओर बढ़ गईं।
पलंग पर बैठते ही उन्होंने पास रखी तेल की शीशी मनोज को पकड़ा दी- लो मनोज.. यह तेल की शीशी लो और मेरे पूरे जिस्म पर लगा कर अच्छी सी मालिश कर दो.. मेरी पीठ.. जांघें.. सब जगह जरा ढंग से मालिश होनी चाहिए।
मनोज ने तेल की शीशी से थोड़ा तेल निकालते हुए कहा- अब मैं आपके पैरों से तेल मालिश शुरू करता हूँ।
‘ज़रा देख कर करना मनोज.. कहीं मेरी साड़ी खराब न हो जाए। ‘जी भाभी जी आप बेफिक्र रहिए..’
अब मनोज ने सविता भाभी के पैरों से तेल मालिश करना शुरू की और वो पिण्डलियों से होता हुआ भाभी की जाँघों तक अपने हाथों को फेरने लगा।
सविता भाभी को मजा आने लगा- वाह मनोज तुम्हारे हाथों में तो जादू है.. बहुत अच्छा लग रहा है।
मनोज भी पूरा घाघ था.. उसने भी सविता भाभी को मस्त होते देखा तो उसने अपनी शर्ट उतारनी शुरू कर दी।
सविता भाभी चौंक गईं और उससे बोलीं- ये क्या कर रहे हो तुम.. शर्ट क्यों उतार रहे हो?
मनोज ने कहा- वो तो मैंने इसलिए उतारी कि मेरी शर्ट तेल लगने से खराब न हो जाए.. यदि आपको ठीक नहीं लग रहा हो तो मैं इसे वापस पहन लेता हूँ। सविता भाभी ने उसकी चौड़ी छाती और मर्दाना भरा पूरा जिस्म देखा तो उनकी चूत में पानी आ गया, उन्होंने झट से कहा- नहीं.. ठीक है..
मनोज ने फिर से मालिश करना शुरू कर दी।
‘मनोज.. जरा और ऊपर को करो..’
मनोज ने अपने हाथ सविता भाभी की साड़ी को ऊपर उठाते हुए और अन्दर तक मालिश करना शुरू कर दी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मनोज- आप चिंता न करें भाभीजी मैं आपके पूरे शरीर पर मालिश करूँगा.. एक भी हिस्सा नहीं छूटेगा।
बस फिर क्या था.. सविता भाभी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और मनोज ने अपनी आँखें खोल लीं।
मनोज ने सविता भाभी के पूरे जिस्म की मालिश किस तरह की.. और उनकी उफनती जवानी और मचलती चूत में अपने लौड़े से किस तरह से मालिश की इस सब का मजा आपको कहानी से अधिक पूरे जिस्म की मालिश का सचित्र चित्रांकन में आएगा।
सविता भाभी की कार्टून कॉमिक्स में आपका स्वागत है।
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