This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
दोस्तो, आज आपके सामने सविता भाभी कार्टून शृंखला की चौथी कड़ी पेश है।
एक शाम सविता भाभी अपने पति अशोक के साथ आराम से बैठ कर टीवी देख रही थीं। तभी उनके पास रखा टेलीफोन घनघना उठा।
सविता भाभी ने रिसीवर उठाया ‘हैलो..’
उधर से कोई आवाज आई और सविता भाभी एकदम से उछल पड़ीं। ‘क्या.. वाओ यहाँ कब तक पहुँचोगे.. ओह्ह.. गुड जल्दी आओ.. मिलते हैं।’
उन्होंने फोन रख कर अपने पति अशोक से चहकते हुए कहा- अशोक.. अमेरिका से मेरा चचेरा भाई एक कुछ दिनों के बिजनेस टूर पर आ रहा है.. वो हमारे घर पर ही रुकेगा।
अशोक ने भी प्रसन्नता जाहिर की।
इसके बाद सविता भाभी का टीवी देखने में मन नहीं लगा और वे शावर लेने के बाथरूम में चली गईं।
बाथरूम में सविता भाभी अपने कपड़े उतारते हुए पुरानी यादों में खो गईं।
‘इतने वर्षों के बाद राज के साथ रहने में कितना मजेदार होगा.. बचपन में हम दोनों कितना मजा करते थे।’
उनकी यादों का विचार प्रवाह जारी था और इसके साथ ही प्याज के छिलकों की तरह उनके पूरे कपड़े उतर गए और उनकी भरपूर जवानी एकदम नंगी हो गई।
सविता भाभी अपनी यादों में खोई हुई थीं उन्हें अपने कजिन राज के साथ बिताए हुए पल याद आ रहे थे, वे सोच रही थीं कि हम दोनों कितने करीब थे.. मुझे बहुत अच्छा लगेगा यदि राज को वे रातें याद हों.. जो हम दोनों ने साथ बिताई थीं।
‘मुझे आज भी वो पल महसूस होता है, जब राज ने मेरी सील तोड़ी थी। उस वक्त उससे चुदते हुए मुझे कितना डर लग रहा था कि कोई हमें चुदाई करते हुए देख न ले..’
‘हे भगवान… मैं तो राज के साथ की हुई चुदाई की याद करके ही नीचे से गीली हो गई।’
जब से राज ने मुझे चोदा था, उसके बाद से मेरे चूचों ने मानो एकदम से फूलना शुरू कर दिया था और राज मेरे मम्मों को देखने के लिए मरा जाता था।
यह सोचते हुए सविता भाभी की उंगलियों ने उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया था। उनकी मादक ‘आहें’ निकलना शुरू हो गई थीं ‘ओह्ह.. राज फक मी.. फक मी..’
सविता भाभी राज के साथ को याद करते हुए अपनी उंगलियों की हरकत को तेज करती गईं। उनकी चुदास अब एकदम से भड़क उठी थी और उनको ये महसूस होने लगा था कि अब उनकी चूत को कोई उंगली से मजा नहीं आएगा।
उन्हें कोई मोटी चीज की बेहद जरूर होने लगी थी। बाथरूम में किसी मोटी चीज की तलब ने उन्हें हैण्डशावर दे दिया और सविता भाभी ने हाथ वाले फुव्वारे को अपने हाथ में लेकर फव्वारा ऑन कर दिया।
फव्वारे की तेज गति से निकलती बूँदें उनकी जलती हुई चूत पर ठंडक का अहसास देने लगीं। उन्हें ऐसा महसूस होने लगा जैसे राज उनकी चूत को अपनी गीली जीभ से चाट रहा हो।
सविता भाभी की चुदास इतनी अधिक बढ़ चुकी थी कि उनसे अब खड़ा रह पाना मुश्किल हो गया था। भाभी बाथरूम के फर्श पर बैठते हुए एकदम से लेट गईं और पानी का फव्वारा उनकी चूत पर अपनी बौछार मार रहा था।
कुछ ही पलों में उनकी बेताबी और कामाग्नि इतनी अधिक बढ़ गई कि उनसे और अधिक सहन न हुआ और वे पिघल गईं। उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
एक तेज सीत्कार के साथ वे झड़ते हुए निढाल हो गईं.. फव्वारा उनके हाथ से छूट गया और भाभी को मानो तृप्ति मिल गई।
‘आह्ह.. कितना सुखद था..’
वे अभी फर्श पर पड़ीं ये सोच ही रही थीं कि अचानक घर के मुख्य दरवाजे पर घंटी बज उठी।
सविता भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर आ गईं।
‘ओह्ह राज भैया.. तुम्हें देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा.. प्लीज़ अन्दर आओ।’
उधर राज की कामुक निगाहों ने सबसे पहले सविता भाभी उफनते मम्मों को नजर भरके देखा.. जिन्हें सविता भाभी ने एक झीने से आँचल से अपने गहरे गले के ब्लाउज में और अधिक उभारते हुए राज की तरफ उठा दिया।
फिर..
‘ओ हैलो.. मैं इधर हूँ ऊपर..!’
‘ओह्ह.. सॉरी सावी.. इतने दिनों बाद तुम्हें देखा.. तुम वाकयी बहुत बदल गई हो..’ ‘ओह.. कम ऑन.. अब अन्दर भी आओ..’
सविता भाभी ये कहते हुए मुड़ीं और चूचों से कहीं अधिक उठे हुए सविता भाभी के मदमस्त चूतड़ों ने तो मानो राज के ऊपर बिजलियाँ ही गिरा दीं।
राज ने सविता के ‘अन्दर भी आओ..’ वाले वाक्य पर मन में सोचा कि चिंता मत करो सविता.. मेरे पास बहुत ‘अन्दर’ तक आने के कई प्लान हैं।
फिर देर रात सविता भाभी उनके पति अशोक और राज ने डिनर किया। राज ने डिनर की तारीफ़ की, जिस पर सविता भाभी ने कहा- अरे बस बस.. ये तो कुछ नहीं था.. अभी तुम दोनों टीवी देखो जब तक मैं ये सब समेटती हूँ।
वे दोनों टीवी देखने लगे। तभी सविता भाभी ने अपना काम खत्म किया और उन दोनों को आवाज लगाते हुए पूछा- मैंने अपना काम खत्म कर लिया है.. तुम दोनों कोई ख़ास चीज देख रहे हो क्या..?
‘अरे नहीं यार.. मैं तो सोने जा रहा हूँ.. मुझे सुबह जल्दी उठना है..’ अशोक ने उठते हुए कहा। अशोक के उठते ही सविता भाभी राज के बगल में बैठते हुए बोलीं- ओके डियर.. तुम सोओ.. मैं कुछ देर राज के साथ बैठती हूँ।
अशोक बेडरूम में चला गया.. और सविता भाभी राज के बाजू में बैठ कर पूछने लगीं- और सुनाओ अमेरिका में कैसा चल रहा है.. तुम्हारी मम्मी मुझसे शिकायत कर रही थीं कि तुम शादी नहीं कर रहे हो.. क्या बात है?
‘अरे यार.. मेरी मम्मी भी बस.. मेरी गर्लफ्रेंड है.. मैं कोई ‘गे’ टाइप का नहीं हूँ।’ सविता भाभी ने जैसे ही गर्लफ्रेंड के बारे में सुना तो वे पूछने लगीं- ओह्ह.. गर्लफ्रेंड.. मुझे उसके बारे में कुछ बताओ।
‘वेल.. उसका नाम मिशेल है वो 24 साल की है.. बहुत सुन्दर है..’ ‘क्या मुझसे भी सुन्दर?’ ‘हा हा हा..’
राज ने टीवी का चैनल बदलते हुए ‘एफ टीवी’ लगा दिया और टीवी पर नंगी-पुंगी मॉडल्स को देखने लगा।
सविता भाभी ने राज की पैन्ट में उसका लौड़ा फूलता हुआ देखा तो वे समझ गईं कि इन नंगी मॉडल्स की तरफ देखने से इसका खड़ा होने लगा है।
उन्होंने उसके लौड़े की तरफ इशारा करते हुए उसको छेड़ा- मुझे लगता है तू इस वक्त किसी लड़की की जरूरत महसूस कर रहा है। ‘ओह.. नो यार.. ऐसा कुछ नहीं है..’ ‘कम ऑन राज.. तुम मेरे सामने खुल कर बात सकते हो।’ ‘हाँ सावी, मुझे पुराने दिन याद हैं।’
अब सविता भाभी को मौका मिल गया था, उन्होंने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। ‘हम्म.. इन मॉडलों की चूचियां बहुत छोटी-छोटी हैं।’
राज एकदम से इन खुले शब्दों को सुन कर हड़बड़ा गया- आ.. हाँ हाँ..
‘तुम्हारी गर्लफ्रेंड के मम्मे कैसे हैं राज?’ ये पूछते हुए सविता भाभी ने अपने भाई के सामने अपने मम्मों को उभार दिया। सविता भाभी के बड़े मम्मों का नजारा करते ही राज की आँखें फट सी गईं।
‘हाँ हाँ.. उसके भी बड़े हैं।’ ‘क्या मुझसे बड़े हैं?’ राज ने मम्मों को घूरते हुए कहा- मैं अभी कैसे कह सकता हूँ..
‘मतलब अगर मैं तुमको ठीक से दिखाऊँ तो शायद तुम ठीक से बता पाओगे कि किसके मम्मे बड़े हैं?’ ये कहते हुए सविता ने अपने ब्लाउज के गले को कुछ इस तरह से किया कि उनके मम्मे आधे से अधिक बाहर को झलने लगे और राज की हालत खराब होने लगी। ‘राज ज़रा नजदीक से देखना चाहोगे?’
राज ने सविता भाभी के मम्मों पर हाथ डाल दिया.. और उनका एक रसीला आम जैसा चूचा ब्लाउज से बाहर कर लिया.. और उनके निप्पल को छूने लगा।
‘ये क्या कर रहे हो राज.. मेरे पति अभी दूसरे कमरे में हैं..’ राज ने सविता भाभी की बातों को अनसुना करते हुए कहा- सच में सावी.. तुम्हारे मम्मे बहुत फूल गए हैं.. मुझे इनको ठीक से देखना होगा। ‘अरे मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी राज..’ राज ने सविता भाभी के एक निप्पल को उमेठते हुए कहा- प्लीज़ सावी दीदी.. अब सविता भाभी ने मूड में आते हुए उससे कहा- ओके राज.. मैं अपना ब्लाउज खोलती हूँ पर मुझसे वादा करो कि तुम इससे आगे नहीं बढ़ोगे।
दोस्तो.. आप समझ सकते हैं कि जिन सविता भाभी की सील उसके भाई राज ने ही तोड़ी हो.. वो उनके मद भरे यौवन कलशों को खुला देख कर कैसे रुक सकता है।
सविता भाभी के ब्लाउज उतरने के बाद राज और सविता भाभी.. मतलब इन दोनों भाई-बहन ने क्या-क्या किया इस सबका सजीव चित्रांकन आप सविता भाभी की कार्टून कथा के माध्यम से देख सकते हैं।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000