सुहागरात के 15 दिन बाद ही

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नमस्कार मित्रो, मेरा नाम परीक्षित कुमार है, उम्र 27 वर्ष, शादीशुदा हूँ डेढ़ वर्ष हो गया है शादी को… मेरी पत्नी का नाम श्रुति (बदला नाम) उसकी उम्र 26 वर्ष है, रंग मेरे जितना गेहुँआ है।

मैंने शादी के पहले किसी के साथ सम्भोग नहीं किया है, सिर्फ हस्तमैथुन से काम चलाया है। पर मुझे नई चूत श्रुति के आने के बाद मिली है, वो मेरे लिए बहुत लकी है।

बात तब की है जब मेरी शादी को दो सप्ताह ही हुए थे और श्रुति अपने मायके गई हुई थी। हम सुहागरात के बाद ही बहुत खुल गए थे इसलिये हम रोज फोन पर बात करते और फोन सेक्स भी करते।

पर कब तक करता, उसकी चूत की तो बहुत ही ज्यादा याद आ रही थी, फोन पर उसे बहुत बार बताया भी और उसे भी मेरे लण्ड की बहुत आ रही थी। पर क्या करें, इन्तजार तो करना ही था।

तभी मेरे बचपन का बहुत ही घनिष्ठ मित्र अनुज, जिसकी एक समस्या बीवी की खुले में चूत चुदाई की चाहत प्रकाशित हुई थी और एक और मित्र चिंटू, दोनों के साथ मैं अनुज के घर पर ही बैठ हुआ था।

अनुज और चिंटू बाहर चले गए थे फोन पर बात करने, तभी अचानक दोनों भाभियों ने मजाकिया अंदाज अचानक मेरी सुहागरात के बारे में पूछ लिया और मैंने शरमाते हुए कहा- बहुत अच्छी रही!

भाभी ने दोबारा मुझे चिढ़ाते हुए पूछा- उसकी याद तो अभी बहुत आ रही होगी न? मैं शरमाते हुए- आ तो रही है! भाभियां- उसकी या उसकी कुछ और की भी?

मैं शर्म से बाहर चला गया और दोनों भाभियाँ हंसने लगी।

तभी चिंटू और अनुज में मुझे थोड़ा प्राइवेट बात करने के लिए बुलाया। चिंटू ने बताया कि उसकी एक चचेरे साले की पत्नी रीना और एक और परिचित प्रिया कल उसके यहाँ आ रहे हैं कुछ दिनों के लिये! मैं- तो?

चिंटू- तो क्या, अभी बहुत अच्छा मौका है, दोनों के साथ एक साथ मजे करेंगे! मैं- नहीं यार… अभी 15 दिन ही हुए हैं मेरी शादी को… मैं ये सब नहीं करना चाहता! चिंटू- अरे कर ले यार, बहुत ही रसीली हैं दोनों… तुझे बहुत मजा आएगा। और मैंने दोनों से तेरे बारे में बात कर ली है, वो भी तैयार हैं।

मैं- ऐसी बात नहीं है यार! चिंटू- तो कैसी बात है? देख तुझे भी याद आ रही होगी। और तेरी वजह से ही तो मुझे ये दोनों चूत मिली हैं, तुझे तो इनका स्वाद जरूर चखना चाहिए।

मैं- अनुज से बोल दे ना, वो कर लेगा! अनुज- मैं नहीं करूँगा। चिंटू- देख अभी मेरे घरवाले भी कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए हैं। और तुझे भी तो भाभी की याद आ रही होगी ना? आगे तेरी मर्जी… सोच ले, बहुत ज्यादा पछतायेगा अगर यह मौका हाथ से निकल गया तो और तूने भी तो कहा था मुझसे भी चुदवाना, अब तो तुझे एक साथ दो मिल रही हैं।

मैं- ठीक है।

मैं आपको चिंटू के बारे में बता दूँ, वो मेरा एक शादीशुदा मित्र है, उसके लण्ड का आकार मेरे ही जितना है। और उसने शादी के बाद सिर्फ इन्ही दो को चोदा है। अगले दिन मैं उसके घर पहुँच गया, देखा तो वहाँ पर रीना भाभी अखबार पढ़ रही थी।

मैंने चिंटू को आवाज लगाईं, वो सिर्फ अंडरवीयर में ही बाहर आया और भाभी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे भी देखकर! वैसे मैं आपको बता दूं कि चिंटू ने सिर्फ 5-6 बार ही दोनों की चुदाई की थी और हर बार मैंने ही उसकी मदद की थी।

वो आया और मुझे बैठने के लिए बोला और अंदर किचन से पानी लेकर आया और भाभी से बात करने लगा। मैं भाभी से बहुत खुला हुआ हूँ। पर मन में एक डर भी था क्योंकि पहली बार किसी परायी औरत के साथ सम्भोग जो करने वाला था। और इस नजर से कभी देखा भी नहीं था, हाँ कभी 2-3 बार नंगी जरूर देख लिया था उनकी चुदाई के समय, उनके ही घर में!

थोड़ी देर बाद प्रिया भी बाथरूम से ब्रा पेंटी में बाहर निकली तो यह देखकर मैं दंग रह गया। मैंने भी उसे 2-3 बार चिंटू के घर में चुदाई करते हुए देख लिया था, तभी से मेरे सामने बेशर्म हो गई है।

खैर अब इधर उधर की बातें करने के बाद चिंटू सीधा प्रिया के सामने गया, उसने उसका अंडरवियर निकालकर लण्ड चूसना शुरू कर दिया।

रीना भाभी थोड़ी लड़खड़ाकर चल रही थी। पता नहीं मुझे क्या सूझा, मैं भी उनके सामने खड़ा हो गया। इतने में तीनों ही हंस दिए और मुझे भी हंसी आ गई।

फिर चिंटू ने मेरी लोअर नीचे कर दी पर मुझे अभी भी शर्म आ रही थी।

अब शर्म को एक तरफ छोड़कर मैं रंग में रंग गया और टीशर्ट और बनियान सब निकाल कर नंगा हो गया।

अब दोनों ही हम दोनों का लंड चूस रही थीं। पहले रीना भाभी ने मेरा लण्ड चूसा लण्ड के साथ वो मेरे टट्टों को भी पूरा मुँह में भरकर चूस रहीं थीं और लण्ड को सहला भी रही थीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

क्या बताऊँ मैं किस आनन्द के सागर में डूब रहा था।

थोड़ी देर बाद भाभी उठ कर मुझे किस करने लगीं। मुझे उनके होठों में भी एक अलग ही आनन्द आ रहा था।

अब मेरे लण्ड की जगह प्रिया ने ले ली और वो मेरा लण्ड चूसने लगी। रीना भाभी को मैं अभी भी किस कर रहा था और चिंटू प्रिया की चूत चाटने में लग गया।

फिर मैंने रीना भाभी को एक बार और लण्ड चूसने के लिए बोला, तभी चिंटू और प्रिया को हंसी आ गई और भाभी और प्रिया मेरा लण्ड चूसने लगी।

प्रिया भाभी के मुंह मेरा लण्ड था तो रीना भाभी ने मेरे टट्टों को मुंह में ले लिया, अब मैं इस आनन्द के बारे में क्या बताऊँ!

थोड़ी देर बाद मैंने और प्रिया ने रीना भाभी के सारे कपड़े उतार दिए और उनको पूरी नंगी कर दिया, भाभी बिल्कुल नॉर्मल लग रही थी। अब बारी प्रिया की थी, तो उसके ब्रा पैंटी चिंटू ने उतार दिये।

मैं भाभी की चूत चाटने लगा। कुछ देर बाद अब हम दोनों के लण्ड बिल्कुल तन चुके थे, पर मैंने भाभी की चूत में डालने के लिए बोल दिया था और उनको घोड़ी बना दिया।

पर जब देखा तो उनकी गांड सूजी हुई थी, मैं चिंटू की तरफ देखने लगा तो वो बोला कि इनके पतिदेव इनका बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं, विशेषकर इनकी गांड का… और हंसने लगा, फिर प्रिया की चूत में लण्ड डालकर धक्के लगाने लगा।

प्रिया भी आआह्हह ऊऊओह्ह्ह ऊऊहह्ह ओह्ह्ह्ह की आवाज के साथ मजे ले रही थी।

मैंने भी रीना भाभी से गाण्ड मारने का पूछा क्योंकि मेरी गाण्ड मारने की बहुत तीव्र इच्छा थी, मेरी पत्नी ने तो सुहागरात पर मना कर दिया था।

भाभी की गांड में तकलीफ़ थी पर फिर भी भाभी ने हाँ कर दिया और मैंने ख़ुशी से भाभी के एक चूतड़ पर तमाचा जड़ा और भाभी की मुंह से आउच की आवाज निकल गई।

मैं लण्ड भाभी के गाण्ड में फंसाकर धक्के लगाने लगा, क्या बताऊँ यारों गाण्ड मारने का कितना मजा रहा था! भाभी आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह की आवाज निकाल रही थी, मैं बीच बीच में उनके चूतड़ पर भी चपत लगा देता तो थप की आवाज से उनकी आवाज और तेज हो जाती।

अब चिंटू प्रिया की चूत से लण्ड निकालकर रीना भाभी के मुख में डालकर उनके मुख को चोद रहा था, उनके मुख से गुम्मम्म गन्ननन्न गुप्प्पप्पगुप्प्प की आवाज आ रही थी।

अब उसने मुझे इशारा किया और मेरी जगह वो आ गया और मैं प्रिया की चूत चोदने लगा, बीच बीच में मैं उसकी गाण्ड को भी कुरेद रहा था।

थोड़ी देर बाद चिंटू ने रीना भाभी को छोड़कर प्रिया पर हमला बोल दिया। पहले मैंने सीधा होकर उसकी चूत में लण्ड डाला और पीछे से उसने प्रिया की गाण्ड में लण्ड डाल दिया।

प्रिया ये सब करने के लिए मना कर रही थी। पर चिंटू ने उसे समझाया और कहा कि ब्लू फ़िल्म में भी ऐसे ही चोदते हैं, और धक्के देना शुरू कर दिया। वो दर्द से तड़पने लगी और छोड़ने की विनती करने लगी।

इधर रीना भाभी उनकी चूत को मेरे मुख पर रखकर बैठ गई। हालांकि मुझे थोड़ी असहजता तो हुई पर फिर भी तालमेल बैठा लिया, एक तरफ प्रिया की चूत में धक्के लगा रहा था और एक तरफ भाभी की रसीली चूत को चाट रहा था।

उधर चिंटू भी प्रिया की गाण्ड में जमकर धक्के लगा रहा था और शायद भाभी प्रिया के गाल में थप्पड़ लगा रही थीं या चिंटू उसके चूतड़ पर मार रहा था, यह मुझे समझ नहीं आ रहा था पर चट चट चट की आवाज जरूर आ रही थी।

इसी बीच प्रिया की चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी भाभी को अलग किया, अब मैंने भी अपनी पोजीशन बदली, अब मेरा लण्ड प्रिया की गाण्ड में और चिंटू का लण्ड चूत में लण्ड गीला होने से अंदर डालने में कोई समस्या नहीं आ रही थी।

मैं और चिंटू दोनों ही प्रिया की चूत और गाण्ड को चोद रहे थे पर अचानक ही मैंने पूरी ताकत के साथ प्रिया की गाण्ड को बजाना शुरू कर दिया, वो और भी तेज चिल्ला रही थी, प्लीज छोड़ दो मुझे… बहुत तेज दर्द हो रहा है।

उसकी चीखें सुनकर तो चिंटू में भी जोश आ गया और उसने भी धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी। प्रिया भाभी की हालत देखते ही बनती थी।

रीना भाभी बीच बीच में उसे थप्पड़ भी मार रही थी और किस भी कर रही थी, और साथ ही मुझे भी!

प्रिया भाभी का बदन अकड़ गया था तो चिंटू ने मुझे हाथ से रोककर हटने का इशारा किया, हम दोनों ही हट गए। प्रिया के चेहरे पर एक सुकून था।

अब बारी रीना भाभी की थी, मैंने पहले उनके मम्मों को चूसा। यह देख चिंटू ने भी उनक दूसरा चूचा मुंह में ले लिया और एक हाथ से उनकी चूत में बहुत ही तेज उंगली करने लगा। भाभी हम दोनों के बाल पकड़कर सहला रही थी।

थोड़ी ही देर में प्रिया ने भी हम दोनों के लण्ड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। अब चिंटू रीना भाभी की चूत में लण्ड डालकर बिस्तर पर लेट गया और मैंने भी भाभी की गाण्ड में लण्ड भरकर एक जोरदार धक्का लगाया, उनकी भी एक जोरदार चीख निकल गई, और धक्के लगाने शुरू कर दिए।

इधर प्रिया मुझे किस कर रही थी पर धक्के लगाने की वजह से मैं उसे सही तरह से किस नहीं कर पा रहा था तो मैंने ठीक तरह से अपना संतुलन बनाया और सिर्फ मेरी कमर से नीचे का ही हिस्सा ही हिलाने लगा, अब मैं आसानी से मैं प्रिया भाभी को चूम पा रहा था। तभी रीना भाभी बोली- लो मैं तो झड़ गई!

चिंटू ने धक्के लगाना बन्द कर दिया था पर मेरे धक्के अभी भी चालू ही थे, चिंटू का लण्ड भाभी की चूत में फंसा हुआ था, थोड़ी देर बाद चिंटू ने फिर धक्के लगाना शुरू कर दिया।

दो मिनट बाद ही हम दोनों झड़ने के करीब पहुँच गए तो दोनों ने ही गति बहुत तेज कर दी और लण्ड निकालकर दोनों ने ही सारा माल प्रिया के मुंह पर डाल दिया, और वो जोर से ‘आआह्ह्ह, उम्म्म ह्म्म्म्म्म्म…’ बोल कर हंसने लगी और हम दोनों भी हँसने लगे।

भाभी ने सारा माल एक रुमाल से साफ़ किया और बाथरूम में फ्रेश होकर आई, आने के बाद मैं उनके मम्मों को चूसने लगा।

तभी चिंटू बोला- थोड़ा सब्र भी कर ले… कहीं भागी नहीं जा रही हैं। पर मैं उसकी बात को अनसुनी करके भाभी के मम्मों को चूसता रहा। बहुत देर मम्मों को चूसने के बाद मैं प्रिया के मम्मों को चूसने लगा, पर दोनों के मम्मों को चूसने में अलग अलग स्वाद और मजा आ रहा था।

इसका दोनों ने ही कोई विरोध नहीं किया।

थोड़ी देर बाद फिर मैंने अचानक प्रिया के मुँह में लण्ड डालकर उसके मुँह को चोदने लगा, यह देखकर चिंटू भी रंग में आ गया। बस इसी तरह हम दो दोस्त दो भाभियों के सेक्सी नंगे बदन का मज़ा लेते रहे। [email protected]

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