This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
जूनियर गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे ऑफिस में एक नयी लड़की आयी, उसकी नयी शादी हुई थी. मैं अपनी बीवी को चोदकर बोर हो चुका था.
लेखक की पिछली कहानी: सोते पति के सामने भाभी की चुत चुदाई
दोस्तो, मेरा नाम सौरभ है. मैं अन्तर्वासना साइट का नियमित पाठक हूँ और अपनी कहानी भी इसके माध्यम से आपके पास पहुंचाता हूँ.
मैं दिखने में गोरा और नौजवान हूँ. मेरी उम्र 26 साल है, मेरी शादी हो चुकी है. मेरा लण्ड सामान्य से बड़ा है जिसकी वजह से आज मेरी पत्नी एक अच्छी सेक्स लाइफ जी रही है और मैं उसको खुश कर देता हूं.
और एक बार तो मुझे अपनी ऑफिस वाली लड़की को भी खुश करने का मौका मिला. जिसकी वजह से मेरी किस्मत ही बदल गई. यहीजूनियर गर्ल सेक्स कहानी में आपको सम्पूर्ण रूप से बताता हूँ.
दोस्तो, मेरी कंपनी में एक शादीशुदा औरत काम करती थी, उसकी उम्र कोई 23 साल होगी.
उसका केबिन मेरे ही साथ था.
मुझे यहाँ काम करते हुए 2 साल हो चुके थे लेकिन उसका अभी यह नया जॉब था.
दोस्तो, उसका नाम अमिता था. उसकी शादी 1 ही साल पहले हुई थी. वो एकदम गदराया माल थी जिसका यौवन उसके दूधों से अलग झलक रहा था. और उसका फिगर तो मानो कोई बेली डांसर हो!
वो हमेशा जीन्स पहन कर आती थी जिससे उसका पिछवाड़ा साफ साफ दिखता था. और उसका फिगर मेरे लंड में जोश ले देता था.
एक दिन वह साड़ी पहन कर आई. उस दिन मेरा मन विचलित हो चुका था.
मैं सोचने लगा कि अब तो बीवी साहिबा के साथ बोर हो चुका हूं, अब मजा तो इसी की मारने में आएगा.
किस्मत से अमिता को कुछ समझ नहीं आ रहा था. तो वो फ़ाइल लेकर मेरे सामने आई. उसकी फ़ाइल नीचे गिर गयी.
वो नीचे फ़ाइल उठाने झुकी तभी उसके गोल गोल सफेद मलाई जैसे दूध दिख पड़े.
1 मिनट ऐसा नजारा देखने के बाद मेरा हथियार खड़ा हो गया. अब वो अंडरवियर फाड़े दे रहा था और पैन्ट उठी हुई दिखने लगी. वो अब सामने से मेरे बगल में आ गई.
अमिता की नजर मेरे लंड पर पड़ी, वो शर्मा गई और मुझे भी शर्म सी आने लगी.
ऐसे ही स्तिथि में वो मेरे पास 3-4 मिनट खड़ी रही. दोस्तो मेरा चेहरा शर्म के मारे लाल हो चुका था.
मैं वैसे ही उसको फ़ाइल में कैसा क्या करना है, समझाता रहा.
वो वापिस अपनी टेबल पर बैठ गई तो अब मुझे एक चैन सांस मिली.
फिर मैंने अपना हाथ अंदर डालकर लण्ड को नीचे की ओर किया.
यह सब अमिता देख रही थी लेकिन मैं इस बात से बेखबर था.
लेकिन इस घटना से मेरा हौसला बढ़ने लगा.
अब उसको कंपनी जॉइन किये 2 महीने हो चुके थे, हम दोनों बहुत एक दूसरे से घुलमिल चुके थे. एक दिन हुआ यह कि उसने मुझसे कहा- आपकी वाइफ कैसी दिखती है? जरा मुझे भी बताइये.
तो मैंने कह दिया कि वो बेचारी मुझे झेल नहीं पाती है. अब तो मेरा मन भर गया है उसके साथ! उसने कहा- अभी से आपका मन भर गया? मैंने कहा- हाँ!
उसने कहा- आपके बच्चे कितने हैं? तो मैंने कहा- अभी प्रियंका 7 महीने से प्रेग्नेंट है.
उसने कहा- अच्छा … इसलिए आप ‘मन भर गया’ कह रहो हो! फिर मैंने पूछ लिया कि आपके पति कैसे हैं?
तो उसका चेहरा नीचे की ओर झुक गया और धीमी आवाज में कहने लगी- ठीक है! लेकिन मैं उसके चेहरे पर प्यास देख रहा था.
मैंने उससे पूछ लिया- और तुम्हारे बच्चे? तो उसने कहा- अभी नहीं है. लेकिन प्लानिंग कर ली है.
हम दोनों की अब व्हाट्सएप पर बात होने लगी. वो मुझसे लगाव सा रखने लगी क्योंकि वो मुझसे वह सुख चाहती थी जो उसे उसके पति से नहीं मिल पा रहा था.
एक रात 10 बजे हम दोनों बात कर रहे थे कि तभी अचानक से उसने बाय बोल दिया. मैंने भी बाय कर दिया.
फिर 6-7 मिनट बाद उसका फिर से हाय का मेसेज आ गया.
मैंने उससे कहा- क्या हो गया अमिता? उसने कहा- कुछ नहीं! और एक उदास वाली इमोजी भेज दी.
मैंने कहा- बताओ तो क्या बात है? तब उसने बताया- ये मेरा ध्यान सही से नहीं रख पाते हैं. मेरी जो जरूरत है वो पूरी नहीं कर पा रहे हैं. मुझे एक बेबी चाहिए जो इनसे नहीं हो पा रहा है. अब मैं करूं तो क्या करूँ?
तभी मैंने मौके का फायदा उठाते हुए एक पॉइंट छोड़ दिया और कह दिया- तुम यह मौका उसको दो जिसके पास इसकी ताकत हो! उसने कहा- मैं समझी नहीं?
तो मैंने कहा- हर एक नई शादीशुदा औरत की ख्वाहिश होती है कि उसका पति बिस्तर पर अच्छा संघर्ष करे और पत्नी को चरमसुख प्रदान करे! लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा नहीं हो रहा है.
वो शर्म से कुछ नहीं कह पा रही थी क्योंकि मैं उसके पति की बुराई जो कर रहा था.
फिर गुड नाईट कह कर हम दोनों सो गये.
अगले दिन आफिस में अमिता एक आकर्षक ड्रेस में आई थी जिसने उसने नीचे ब्रा नहीं पहना हुआ था. अब उसके निप्पल साफ साफ मुझे दिख रहे थे.
इस बार उसका इशारा था लेकिन में समझ नहीं पाया. वह मेरे पास फ़ाइल लेकर आज फिर से आई और जानबूझकर फ़ाइल मेरे ही पैरों के पास गिरा दी.
अब जितने में मैं फ़ाइल उठाता … वो ही जल्दी से झुक गई. जिससे उसके गोल गोल दूध मेरे पैरों में लग रहे थे. वो यह सब जान रही थी.
इससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
अब उसने अचानक से एक हाथ मेरे हथियार पर रखा और ऊपर उठ गई. उसने मेरे 8 इंच के लण्ड को महसूस कर लिया था जल्दी से!
वह सॉरी कहकर सीधी खड़ी हो गई, कहने लगी- सॉरी, ये गलती से हाथ रखा गया. मैंने कहा- कोई बात नहीं, मुझे अच्छा लगा.
लेकिन अब वो जाकर अपनी सीट पर बैठ गई. इसका आज यह सब करना … उसकी चुदाई के लिए मुझे निमंत्रण दे रहा था
लेकिन वह अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं थी.
मैं उठा और उसके पास जाकर उसे एक किस कर दिया. उसने कहा- यह ठीक नहीं है. कोई देख लेगा तो? मैं बोला- अपने दुखों में ही जीना चाहती हो क्या?
फिर मैं उसके पीछे आया और उसके दूधों को हाथों से पकड़ लिया.
उसने 2-3 मिनट बाद मेरे हाथ अपने जिस्म से अलग कर दिये. लेकिन उसने भी इतने समय में ही आनंद ले लिया था. फिर मैं बाहर निकल गया.
अगले दिन वो ऑफिस नहीं आई. मैंने उसको काल किया और ना आने का कारण पूछा.
तब अमिता ने कहा कि उसके पति विवेक को 3 दिन के लिए दिल्ली जाना है इसलिए आज नहीं आई. मैंने पूछा कि विवेक कहाँ है अभी? उसने कहा कि वो तो निकल गया है.
दोस्तो, अब अमिता अपने घर मे अकेली थी.
शाम को मैं घर पहुँचा. रात को खाना खाने के बाद करीब 9 बज रहे थे.
मैंने अपनी पत्नी समीक्षा से कहा- आज ऑफिस में नाईट वर्क करना है. पेंडिंग वर्क पूरा करना है. और अपने ऑफिस जाने का कह कर घर से निकल आया.
अब अमिता के घर के बाहर हाथ मैं एक वाइन लिए पहुँच गया था.
मैंने बेल बजाई. अमिता अपनी नाइटी पहने दरवाजा खोलने आई.
उसने मुझे देख कर एक स्माइल के साथ कहा- सौरभ, तुम इस समय यहाँ? मैंने कहा- जो मेरा काम बाकी राह गया था उस दिन … वो आज पूरा करना है.
उसने कुछ नहीं कहा और अंदर आने को बोला. मैं समझ गया था कि अब वो भी इस सब के लिए राजी है.
दोस्तो, आज बहुत दिनों बाद मुझे एक चिकनी चूत मिलने वाली थी. एक कमसिन शादीशुदा … जो एक लड़की जैसी ही थी. आज उसका बदन और उसके दूध मेरे हाथों में आने वाले थे.
मैं जाकर बैठ गया. वो भी मेरे सामने जाकर बैठ गई. दोस्तो वो जानती थी कि मैं आज उसे बिना चोदे नहीं मानूंगा.
हम दोनों बहुत घुलमिल चुके थे. कभी कभी वो मुझे जान या बेबी कह देती थी, मैं भी ऐसे ही कह देता था.
उसने कहा कि विवेक कह रहा था अभी कॉल पर कि कल वापिस आ जाऊंगा नाईट तक!
तभी मैंने वाइन खोल कर अमिता को पास बुलाया. मैंने उसको बोतल से ही पीने को कहा.
वो पास तो आ गई लेकिन पीने के लिए मना करने लगी. पर जबरजस्ती मैंने उसे थोड़ी सी पिला ही दी. और कुछ मैं खुद पी गया.
दोस्तो, ड्रिंक करने के बाद मेरा सेक्स टाइम बढ़ जाता है इसलिए मैंने आज जानबूझकर ड्रिंक ली थी.
अब मैंने देर न करते हुए अमिता को कस कर पकड़ लिया. वो कहने लगी- सौरभ छोड़ो … अभी नहीं … थोड़ी देर बाद!
पर मैं रुकने वालों में से नहीं था. मैंने उसकी नाइटी उतार कर उसे ब्रा और पेंटी में कर दिया. लाल ब्रा लाल पेंटी … जो मेरा पसन्दीदा रंग है.
अब उसका सफेद गोरा बदन मेरे सामने था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह चूत चोदने मिलेगी इतनी जल्दी!
अब मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोलकर उसके गोल गोल गेंदों जैसे बूब्स को आजाद किया और हाथों से मसलना चालू किया.
वो सिसकारियाँ भरने लगी. लेकिन वो कमजोर लड़कियों में से नहीं लग रही थी.
फिर 10 मिनट उसके बूब्स मसलने, चूसने के बाद मैंने उसकी पैंटी को नीचे की ओर कर दिया. अब उसकी लाल गुलाबी चूत दिखने लगी. उस पर एक भी बाल नहीं था. मानो अभी साफ़ किया हो.
उसको मैंने लिटाया और एक उंगली उसकी चूत में घुसायी और एक हाथ उसके बूब्स पर रखा. मैं अपनी उंगली को चूत पर फिराता रहा.
वो सिसकारियाँ ले लेकर मेरा जोश बढ़ा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- अब तुम लोलीपोप का मज़ा लो. उसने मना कर दिया, कहने लगी- मुझे गन्दा लगता है. मैंने विवेक के साथ कभी ऐसा नहीं किया.
मैंने कहा- यदि तुमने मजा लेना है तो तुमको ये करना पड़ेगा. उसने मेरे लण्ड को आजाद किया और उसे देखते ही बोली- सौरभ, इतना बड़ा … मैं इससे तुम्हें नहीं करने दूँगी.
अब मैंने देर न करते हुए लण्ड उसके होंठों पर रखकर अंदर पेल दिया. और वो भी लॉलीपॉप की तरह से चूसने लगी.
मैं भी जन्नत की सैर करने लगा. उसके मुलायम होंठ, उनके बीच में मेरा लण्ड … वो नजारा ही कुछ और था.
अब मैंने जोर जोर से कुछ झटके दिए जिससे लण्ड गले के नीचे उतर गया.
अमिता की आँखों से आँसू निकल आये. लेकिन उसने कुछ नहीं कहा क्योंकि वो मजे ले रही थी. यह मजा उसको पहली बार मिला था.
उसे खुश देखकर मैं फिर लेट गया और लण्ड चूसने दिया.
अब वो मेरे पैरों के बीच में बैठकर लण्ड चूस रही थी. उसने करीब 15 मिनट और लण्ड को चूसा. फिर मैं उसी के मुंह के अंदर झड़ गया, वो मेरा सारा पानी पी गई.
ऐसा रोमांस अमिता ने कभी नहीं किया था.
अब मैंने भी उसको लिटा कर करीब 20 मिनट उसकी चूत को चूस चूस कर उसका पानी निकाल दिया. अमिता बहुत खुश हो गई.
लेकिन अब उसको असली मजा मिलना बाकी था. वो लेटी रही.
अब मेरा लण्ड फिर से तन गया. मैंने उसको कहा- अब चुदाई करनी है. उसने कहा- मेरे 1 दिन बाद से पीरियड्स चालू हैं. तो उसने विवेक के लाये कंडोम में से एक पैकेट निकाला.
उसमें से एक कंडोम खोल कर वो मेरे लण्ड पर चढ़ाने लगी और दोनों हाथों की मदद से चढ़ा भी दिया. लेकिन हमेसा की तरह आज भी कंडोम आधे लंड पर ही आया.
मैंने उसको कहा- मुझे कंडोम नहीं लगाना है. मुझे प्रेग्नेंट करना है तुम्हें … विवेक तो कर नहीं पायेगा.
उसने कहा- यार यह गलत है. मैं फंस जाऊंगी. उसको शक हो गया और मैं पकड़ी गई तो दोनों का तलाक हो जायेगा. मैंने उसको कहा- कल तुम विवेक के साथ सेक्स कर लेना तो उसको शक नहीं होगा. और मैं तुम्हारे साथ हूँ, चिंता मत करो.
फिर भी उसने मना कर दिया.
अब मैंने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रखा और लण्ड को पहले 3-4 मिनट तक चूत के ऊपर रगड़ता रहा. अमिता मुझे कहने लगी- डालो … अब अंदर डालो.
मैंने कहा- तुम तैयार हो लेकिन मुझे नहीं डालना है. उसने कहा- क्यों? मैंने कहा- अंदर डालूँगा तो कंडोम अलग कर ही डालूँगा.
अमिता से रहा नहीं गया, उसने खुद अपने हाथ से कंडोम निकाल के अलग कर दिया.
अब मैं खुश होकर आराम आराम से अंदर डालने लगा. लेकिन ज्यादा लम्बा और मोटा होने के कारण लंड अंदर जा नहीं रहा था.
अमिता पहली बार इतना बड़ा और मोटा लण्ड लेने जा रही थी.
मैंने एक बार ऊपर उठकर उसके मुख में डाल दिया. अब लण्ड चिकना हो गया अब थोड़ा से थूक उसकी चूत पर लगाया. अब लण्ड को आराम आराम से डाला तो थोड़ा सा अंदर गया.
इतने में ही अमिता के मुख से कामुक आवाज निकल आई- अअअअअ सौरव दर्द हुआ! मैं जानता था कि उसे दर्द होगा. लेकिन अमिता ये दर्द सहने को तैयार थी.
मैंने अमिता से पूछा- ज्यादा दर्द हुआ तो? उसने कहा- मैं सहन कर लूंगी. बस मेरी प्यास बुझाओ.
लेकिन अमिता आज उस दर्द से गुजरने वाली थी जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था.
मैंने अमिता के मुँह पर टेप लगा दिया. दोस्तो, जब मैंने अपने हनीमून में अपनी दुल्हन समीक्षा को पूरा दम लगा के चोदा था तो कमरा आवाजों से गूंजता रहा था. और वो अगले दिन दोपहर में 2 बजे उठी थी. उसको मैं ही तीन बार उठा के बाथरूम में ले गया था.
अब यहाँ अमिता मुझे ग्रीन कार्ड दे चुकी थी.
मैंने अब उसके दोनों पैरों को उसी से सिर के बगल में रख कर हाथों से दबा लिया. अब उसके हाथ पैर मेरे हाथों में थे.
इधर उसकी चूत मेरे लण्ड को साफ साफ खुली दिख रही थी. उसकी दरार पर मैंने लण्ड रखकर जोर से धक्का दिया.
मेरा लण्ड बस थोड़ा सा बाहर रहा और पूरा अंदर चला गया.
मानो उसकी चूत फट गई हो … अमिता ऐसे चिल्लाते हुए रोने लगी और पैरों को दम लगा के हिलाने लगी.
मैंने थोड़ी रुकना ही सही समझा और उसको किस किया और कहा- क्या हुआ? तुम तो तैयार थी. अब दर्द सहो. उसने कहा- ठीक है.
अब मैंने अपनी ताकत लगाते हुए धक्के देने शुरु किये. अमिता की भी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी. फिर उसने आंसू नहीं बहाए.
लेकिन वो हिक हिकक अअअअअ एई ऊऊऊ करती रही.
मैं अंदर डालता तो मेरा लण्ड मानो उसके पेट में अंदर जा रहा हो, बच्चादानी में टकरा रहा हो, ऐसा लगता था.
फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसको वैसे ही पीछे से पकड़ कर उठा लिया. अब मैं जमीन पर खड़ा था और वो मेरे हाथों से झूला झूल रही थी.
और मेरा लण्ड उसी रफ्तार में चुदाई कर रहा था. फच फच की आवाज आ रही थी. अमिता- आह हहाया ईई ऊऊऊ सौरभ … आअज मजा आ रहा है … ययय एईई ऊऊईईई!
फिर मैं उसको गोद में वैसे ही पकड़ कर बिस्तर पर बैठ गया. मैं नीचे पैर फैला कर बैठा था और वो मेरे लण्ड पर उछल रही थी.
जब उसको दर्द होता तो वो अच्छे से नहीं उछलती. मैंने अपने हाथों से पकड़ कर उसे उछालना शुरु किया. अब वो रुक नहीं पा रही थी.
करीब 10 मिनट ऐसी चुदाई के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में किया और लण्ड को पीछे से एक ही झटके में अंदर कर दिया. वो बोली- आया ययययय एईई मर गई आज तो … विवेक बचा लो मुझे आज … मम्मी ये तो आज जान ले लेगा!
अब मैं समझ गया कि वो झड़ने बाली है. मैंने उसके पिछवाड़े को थप्पड़ मार मार कर लाल कर दिया.
अब वो पूरी लाल दिखने लगी. उसके गाल, होंठ, बूब्स. चूतड़ चूत … सब लाल!
मैंने उसे तेज तेज चोदना शुरु किया. वो झड़ गई.
लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने उसको अब खड़ा किया और टेबल पर सिर रख के पीछे से चूत की फांकों में लण्ड फंसा के चोदना शुरु किया.
उसकी टाइट चूत को मैं ढीली करता जा रहा था और सोच रहा था कि समीक्षा में वो मजा नहीं आया कभी जो आज अमिता मुझे दे रही है.
अब वो थक चुकी थी. मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसके पैर ऊपर हवा में करके चोदने लगा. उसका पेट हिल रहा था और दूध पट पट कर रहे थे.
मैंने उसके गालों पर 3-4 और लापड़े दिए और अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब वो ‘आह यया ऊईई ऊऊह ऊऊ उम्माह’ करने लगी. वो और तेज चिल्लाने लगी.
मैंने उसका मुंह पकड़ कर अपनी स्पीड को बनाये रखा और 15-16 झटकों के बाद अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया. पानी पूरा अंदर पहुच गया.
इधर वो भी फिर से झड़ चुकी थी. लेकिन मेरे प्रेशर से उसका पानी बाहर नहीं आया, अंदर चला गया.
इस लम्बी चुदाई के बाद हम दोनों लेट गए. उसने कहा कि पहली बार ऐसा सेक्स किया है.
फिर हम दोनों सो गय.
करीब 2 बजे रात में मेरी नींद खुली. फिर मैंने अमिता को जगा कर एक 40 मिनट की चुदाई की जिसमें अमिता ने बहुत मजा लिया.
सुबह 11 बजे दोनों उठे.
रात की चुदाई इतनी खतरनाक थी कि अमिता चूतड़ उठा के चल रही थी.
विवेक को रात 8 बजे आना था. मैंने तब तक वहीं रुक कर 2 बार उसकी गांड मारी और 2 बार चूत मारी.
उस दिन मुझे कमजोरी लगने लगी थी और अमिता भी लस्त पड़ गई थी.
रात को विवेक के साथ उसने सेक्स किया. फिर 1 दिन की छुट्टी के बाद वह ऑफिस आई.
फिर तो मैं लंच में एक राउंड दरवाजा बन्द करके लगा देता था.
वो प्रेग्नेंट हो चुकी थी.
इधर मेरी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया और उधर में अमिता के प्रेगनेंसी के 2-3 महीने तक मैंने जमकर चुदाई का मजा लिया.
अब उसका उसका 9वां महीना है और वो पिछले लम्बे अरसे से छुट्टी पर है.
दोस्तो, आपको मेरी जूनियर गर्ल सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं? मुझे कमेंट्स में बताएं. आपका धन्यवाद।
लेखक के आग्रह पर इमेल नहीं दिया जा रहा है.
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000