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दोस्तो… आपको मेरी कहानियाँ पसंद आती हैं, आपके ढेर सारे मेल इसका सबूत हैं, धन्यवाद! कहानी पढ़कर अपनी राय जरूर मेल किया करें, या कोई आपकी आप बीती हो तो मुझे बताएँ, शब्दों में पिरो देना मेरा काम है।
मेरी कहानी ग्रुप सेक्स के नए जोड़ीदार में आपने पढ़ा था कि कैसे नीता ने अपने और सनी के रिश्ते को सनी की पत्नी रोमा से एप्रूव करा लिया और यही नहीं सनी और रोमा की जिन्दगी में भी बहार ला दी। अब नीता और सनी रोमा के सामने ही और बल्कि उसको भी शामिल करके ग्रुप सेक्स का आनन्द लेते थे।
दूसरी तरफ नीता के घर पर नीता के पति विकास को ग्रुप सेक्स का ऐसा नशा चढ़ गया था कि वो सनी को जबरदस्ती घर बुलाता और वो और सनी मिलकर नीता की चुदाई करते। रोमा को इस खेल की जानकारी नहीं थी और विकास को इसकी जानकारी नहीं थी कि रोमा के घर क्या गुल खिलता है।
हालाँकि नीता ने कई बार रोमा से पूछा कि अगर रोमा चाहे तो नीता विकास को इस खेल में शामिल कर सकती है पर रोमा को कुछ झिझक थी इस वजह से उसने कभी इसमें उत्सुकता नहीं दिखाई।
एक दिन सनी ने घर आकर रोमा को बताया कि उसका एक बचपन का दोस्त समीर यहाँ एक इंश्योरेंस कंपनी में ब्रांच हेड बन कर आया है और वो आज उसकी फैक्ट्री आया था।
समीर बड़ा जिंदादिल और स्मार्ट बंदा है और सनी और समीर की स्कूल और बाद में कॉलेज में खूब पटती थी। समीर की शादी को भी पांच साल हो गए हैं और उनकी एक बेटी है जो समीर की पत्नी प्रीति की मां के पास ही रहती और पढ़ती है।
रोमा ने कहा कि अगर सनी चाहे तो समीर और प्रीति को खाने पर बुला ले। सनी ने बताया कि अभी ट्रान्सफर के बाद प्रीति आगरा में ही अपनी माँ के पास ही रह रही है… एक महीने बाद आएगी।
आज सनी बेड पर मस्त मूड में था… टॉपिक आज सिर्फ समीर और उसकी और सनी की बदमाशियाँ थीं।
सनी ने बताया कि वो और समीर साथ साथ पढ़ते समय एक दूसरे का लंड पकड़ लिया करते थे… पॉकेट मनी से डेबोनेयर या प्लेबॉय मैगजीन खरीदते और फोटो देखकर मुठ मारते… वगैरा वगैरा…
समीर की एक बात पर सनी ने बहुत जोर दिया और रोमा को भी सुन कर अच्छा लगा कि समीर का लंड मोटा और लम्बा है। बताते बताते सनी का भी खड़ा हो गया और रोमा भी उत्तेजित हो गई थी।
चुदाई के दौरान रोमा ने सनी से कहा कि आज उसका लंड कुछ बदला बदला सा लग रहा है, कहीं उसने अपना लंड समीर से बदल तो नहीं लिया।
यह सुन कर सनी को और जोश आ गया… वो अपनी स्पीड बढाते हुए बोला- ले आज तू समीर से ही चुद ले… वो आज तेरी फाड़ ही देगा… रोमा ने भी कह दिया- चलो, आज मैं भी टेस्ट बदल कर देख ही लेती हूँ, नीता भाभी तो रोज ही कहती है कि एक से रोज रोज क्या चुदना!
घमासान चुदाई के बाद दोनों एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
पर एक सपना जग गया… ग्रुप सेक्स के खेल के नए जोड़ीदारों की लिस्ट में एक नया नाम जुड़ने की तैयारी हो रही थी।
अगले दिन सनी का फोन आया कि आज शाम को समीर खाने पर आएगा, कुछ अच्छा बना लेना और अच्छा सा कुछ पहन लेना। रोमा ने पूछा- अच्छा क्या पहनूँ? तो सनी बोला- कुछ मत पहनना… रोमा बोली- ज्यादा पागलपन मत सोचा करो, हो सकता है समीर अब बदल गया हो…
खैर यह तो मजाक था, ऐसे कौन पहली बार में ही कुछ होने जा रहा था।
शाम को सनी ने तो नहाकर लुंगी और कुरता पहन लिया, रोमा ने एक लॉन्ग टाइट मिडी पहनी। रोमा ने देखा कि उसके बूब्स और बम्प्स खूब शेप में दिख रहे हैं। हाँ एक चीज जो सनी ने दिखाई कि उसकी पैंटी लाइन दिख रही थी… सनी ने जोर दिया तो रोमा ने पैंटी उतार दी, अब उसके चूतड की गोलाई गजब ढा रही थी।
घंटी बजी, सनी ने गेट खोला, समीर था… गोरा, लम्बा और हंसमुख… बड़ी बेबाकी से उसने सनी को गले लगाया और रोमा से हाथ मिलाया और उसे एक बड़ी चॉकलेट गिफ्ट दी।
क्या जादू था समीर में… रोमा को तो शब्द ही नहीं मिल रहे थे, फिर वो संभल कर बोली- बैठिये भाई साहब… बताईये क्या लेंगे… हार्ड ड्रिंक या सॉफ्ट? समीर बैठते हुए बोला- मैंने आपको गले नहीं लगाया, इसका मतलब यह नहीं कि आप मुझे भाई साहब बोलें… मैं और सनी कितने खुले हैं, यह मैं समझता हूँ कि आपको सनी ने बता दिया होगा अब तक?
रोमा ने कहा- आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि सनी ने मुझे क्या क्या बताया होगा। भला कोई अपनी बदमाशियाँ दूसरे को बताता है? समीर बोला- आप भोली न बनें… मैं सनी को बहुत अच्छे से जानता हूँ… अगर यह लड़का नहीं होता तो मैं इससे ही शादी करता।
मैंने भी कह दिया- बिना शादी किये ही आप लोगों ने क्या कम मस्ती की थी… समीर हंस पड़ा, बोला- देखिये पकड़ा गया न चोर… अब आप कैसे कह सकती हैं कि सनी ने आपको सब कुछ नहीं बताया और सनी ने ही क्या कल फोन पर मैंने भी प्रीति को सब कुछ बताया तो वो तो कह रही थी कि चलो अब मेरी जगह सनी से ही काम चला लेना जब तक मैं न आऊँ…हम सब हंस पड़े…
आगे की कहानी आप रोमा से ही सुनिए…
मैंने फिर पूछा- बियर लाऊँ या व्हिस्की? समीर बोला- जिसमें आप साथ दें, वो ले आयें। मैं बियर में ही कम्फर्ट फील कर रही थी तो वही लाई…
इन दोनों ने लार्ज गिलास बनाया और मैंने स्माल! बियर स्ट्रोंग थी, कुछ तो नशा उसका था और कुछ माहौल बन गया था।
समीर और सनी के नॉन-वेज जोक्स शुरू हो गए। समीर तो एक बार बोला- सनी तुझे नहीं लगता कि अगर रोमा मेरी और तेरी शादी से पहले एक साथ हमें दिखी होती तो हम दोनों ही इससे शादी कर लेते और एक साथ रह लेते…
ऐसे ही हंसी मजाक में खाना खाकर समीर जाने को हुआ तो सनी बोला- अभी दस ही तो बजे हैं तुझे घर जाकर क्या करना है, रूक कॉफी पीकर जाना।
मैं जब कॉफी बना रही थी तो सनी किचन में आया और बोला- कॉफ़ी लेकर तुम समीर के पास बैठना। मैंने पूछा- क्यों? तो सनी बोला- उसका लंड देखना, बाहर आने को तैयार है।
खैर में कॉफ़ी लेकर बाहर आई और अलग ही बैठी। सनी ने मुंह बनाया, मैंने कहा- यहाँ से अच्छा दिखेगा। समीर बोला- क्या अच्छा दिखेगा? मैंने कहा- आपका नूरानी चेहरा!
समीर हंस कर बोला- सनी, आज तक जितनी लड़कियों की फोटो देखकर हमने अपने हाथों को तकलीफ दी है, उनमें रोमा सबसे खूबसूरत है। मैं शरमा गई।
समीर ने कहा- अच्छा, अब थोड़ी सीरियस होकर मेरी बात सुनो, मुझे अपनी कंपनी के लिए एक एजेंट चाहिए जो फोन पर ही या कभी कभी मेरे साथ गाड़ी में जाकर क्लाइंट्स से मिले और पालिसी बेचे, इसमें अच्छी कमाई है।
समीर चाहता था कि सनी या मैं इस काम को कर लें। सनी को प्रपोजल अच्छा लगा, अपने लिए नहीं पर मेरे लिए… क्योंकि बेटे के स्कूल के समय सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक मैं बिल्कुल खाली थी।
यह तय हुआ कि मैं एक दो हफ्ते करके देखती हूँ अगर अच्छा लगा और कर सकी तो करूंगी।
अगले दिन में दस बजे समीर के ऑफिस गई। समीर ने मुझे दोपहर तक अपनी पॉलिसीस के बारे में बताया और चलते समय कुछ ब्रोशर्स दिये और कहा कि मैं इन्हें पढूँ।
अगले दिन के लिए यह तय हुआ कि समीर मुझे घर से नौ बजे ले लेगा और हम एक क्लाइंट के ऑफिस में मिलेंगे। सनी से पूछा तो उसे कोई एतराज नहीं था।
अगले दिन मैं जीन्स और टॉप मैं समीर के साथ गई।
मेरा जाना इतना शुभ हुआ कि हमें दस लाख का बिज़नस मिल गया… समीर तो लौटते समय ख़ुशी से पागल था। मैं भी बहुत खुश थी… बहुत अच्छा पैसा कमीशन में मिलेगा मुझे!
समीर ने मुझे घर ड्राप किया… वो जाने लगा, मैंने कहा- रुक कर जाना…
मैं और वो लॉक खोल कर अंदर आ गए। समीर ने मेरे हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- तुम बहुत भाग्यशाली हो मेरे लिए!
मैं पता नहीं किन सपनों में खोई थी… कब उससे लिपट गई, कब हमारे होंठ मिल गए… कोई होश नहीं… होश आया तो अलग हुई।
समीर सॉरी बोलते ही बाहर जाने लगा, मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- सॉरी क्यों? क्या कुछ गलत हो गया… क्या सनी की बीवी तुम्हारी दोस्त नहीं हो सकती।
अब तो समीर ने मुझे पागलों की तरह लिपट कर चूमना शुरू कर दिया और हमारा यह चूमने का कार्यक्रम सोफे पर बैठते ही ख़त्म हुआ और अब समीर के हाथ मेरे टॉप के अंदर थे या यूं कहें कि मेरा टॉप उतार रहे थे… मुझे भी कोई एतराज नहीं था।
समीर ने मेरी ब्रा खोल कर मेरे मम्मे चूसने शुरू कर दिये।
हम ज्यादा आगे बढ़ते, तभी सनी का फोन आ गया। मैं संभल कर सनी को अपने बिज़नेस के बारे में बताने लगी। और यह भी बता दिया कि समीर मुझे छोड़ने घर आये हैं।
सनी को बिल्कुल बुरा नहीं लगा, उसने समीर को भी मुबारकबाद दी और तय हुआ कि शाम को डिनर बाहर करेंगे।
मगर जो अब चल रहा था वो तूफ़ान इस फोन से थम सा गया, समीर कपड़े ठीक करके जाने लगा।
गेट तक पहुंचा ही था कि अचानक मैंने उसे आवाज दी… वो पलटा तो मैं अपनी जीन्स उतारकर सिर्फ पैंटी में खड़ी थी।
मुझे इस हालत मैं देखकर समीर पगलों सा पलटा और अपना ब्रीफकेस सोफे पर पटककर मुझे बेतहाशा चूमने लगा और फिर मुझे गोदी में उठाकर बेड रूम में ले गया।
पांच मिनट बाद हम दोनों बिना कपड़ों के एक दूसरे की बाँहों में थे, मैं उसके लंड को कस के पकड़े थी। वो नीचे हुआ और मेरी चूत को चूसने लगा। उसने मेरी टांगों को ऊपर उठाकर अपनी जीभ पूरी मेरी चूत के अंदर कर दी और चूसने लगा। वो बार बार अपना थोड़ा सा थूक भी मेरी चूत में डाल देता, जिससे मेरी चूत और आस पास का इलाका गीला और चिकना हो गया।
अब उसने अपनी एक उंगली भी मेरी चूत में करनी शुरू कर दी। मेरा मजा बढ़ रहा था, मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को चौड़ा किया हुआ था और मैं चाह रही थी कि वो और जोर से मेरी चूत की मालिश करे। मैंने सोचा और उधर अब समीर ने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर बाहर करनी शुरू कर दी। मेरे मुल्ह से सीत्कार निकल रही थी, मेरी चूत उसके थूक से लबलबा रही थी।
अब उसने अपनी उंगली से थोडा सा थूक मेरी चूत से खिसका कर मेरी गांड में कर दिया और अपनी एक उंगली से गांड के ऊपर मसलने लगा। मुझे लगा कि वो गांड को चिकना कर रहा है, मैंने कभी गांड मरवाई नहीं थी, मुझे मालूम भी नहीं था कि गांड भी मरवाई जाती है।
समीर ने अचानक मेरे मुंह को अपने होठों से बंद करके मेरी गांड में उंगली कर दी। मैं दर्द से छटपटाई तो तुरंत समीर ने उंगली बाहर कर दी और अब अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रख दिया।
चूत तो नए मेहमान के स्वागत के लिए तैयार थी और मेरी जिन्दगी का भी वो पल आ गया था जब मैं अपने पति के अलावा किसी और से चुदने जा रही थी। मैंने अपनी टांगें फैला दी और समीर ने एक ही झटके मैं अपना मूसल मेरी चूत में घुसा दिया। अब समीर ने जो चुदाई की स्पीड पकड़ी, उसके सामने तो हर चुदाई फेल! समीर ने मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया था, जिससे मेरी चूत और उठ गई थी।
वो बहुत मस्ती से मेरी मस्त चूत चोद रहा था, मैं भी नशे में कह रही थी कि अब तक कहाँ थे मेरे राजा… आज तो तुम्हारी मर्दानगी ने मेरे बदन के सारे पेंच ढीले कर दिए… अब रुको नहीं… चुदाई स्पीड से करो…
वो भी कह रहा था- रानी, अब तक मुझे क्यों नहीं मिली… आज ऐसी चुदाई करूँगा कि तुम्हारी चूत मेरे लंड की गुलाम हो जाएगी।
मेरी चूत तो चूत, बेड का भी ऐसा हाल हो गया था कि पानीपत की लड़ाई इसी पर हुई हो।
हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से गुंथे पड़े थे। लंड और चूत कोई भी छूटने को तैयार नहीं… सच इतना मजा कभी चुदाई में नहीं आया था।
मैं और समीर एक साथ चरम आनन्द पर आये, समीर ने मुझसे पूछा- माल कहाँ निकालूँ?मैंने कॉपर टी लगवा रखी है, इसलिए मैंने उससे माल अंदर ही गिरवाया। अंदर गिरवाने मैं चूत को ग़ज़ब का आनन्द मिलता है।
कपड़े पहन कर समीर चला गया और मैं नहाकर फ्रेश हुई और नीता से फोन पर गप्पें मारने लगी। आज मैं अपने को नीता से कम भाग्यशाली नहीं मान रही थी।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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