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मेरा नाम साहिल है, मैं 28 साल का हूँ। मैंने अन्तर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, सोचा कि आज अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखूँ। वैसे तो मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ लेकिन जॉब के सिलसिले में दिल्ली शिफ्ट हो गया हूँ। मैं यहाँ रूम में अकेला रहता हूँ। लखनऊ में मैंने बहुत चुदाई की थी, लेकिन पिछले चार महीने से, जब से दिल्ली आया हूँ, एक भी चूत नहीं नसीब हुई।
मैं रोज़ ऑफ़िस से आकर लैपटॉप पर ब्लू फ़िल्म देखता और अपनी आग शांत करता, इसी तरह मेरे दिन कट रहे थे।
एक दिन जब मैं ऑफ़िस से लौट रहा था, तो बस स्टॉप पर मुझे अपनी लखनऊ की क्लासमेट दिखी, उसका नाम हिना ख़ान (काल्पनिक नाम) था। उम्र मेरे जितनी, फिगर बहुत मस्त थी, बिल्कुल मॉडल जैसी, बूब्स का साइज़ 34 और मस्त कूल्हे थे। हिना एक मस्त माल थी।
उस समय वह मुझसे बात नहीं करती थी.. लेकिन आज जब मैंने उसको बस स्टॉप में देखा तो अपने आपको रोक न सका, मैं उसे देखने लगा पर वो दूसरी तरफ देख रही थी। तभी वो पलटी और उसकी नज़र मेरी नज़र से टकरा गई लेकिन उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया. मुझे लगा कि उसने मुझे नहीं पहचाना। मैं उसे चाहता था तो मैं खुद ही हिम्मत करके उसके पास गया और बोला- पहचाना मुझे हिना?
हिना ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और पांच सेकंड के बाद बोला- तुम लखनऊ में मेरी क्लास में थे ना? मैंने कहा- हाँ।
अब हम दोनों में बातें शुरू हो गईं। बातों ही बातों में मुझे पता चला कि उसकी शादी हो गई है और उसका पति यहीं दिल्ली में नौकरी करता है। उसे आए हुए अभी कुछ महीने ही हुए हैं।
उसने बताया- आज एक सहेली से मिलने आई थी, अभी ऑटो का इंतज़ार कर रही हूँ। उसकी शादी की बात सुन कर मुझे अच्छा नहीं लगा लेकिन मैंने उसे शादी की मुबारकबाद दी और उसके लिए ऑटो रोकने लगा।
तभी एक ऑटो से पैसे तय करके उसे बुलाया, वो ज़ल्दी में थी, उसने मेरा नंबर माँगा और ऑटो में बैठ कर चली गई। मैंने भी अपनी बस पकड़ी और रूम पे आ गया।
घर आकर मैंने अपने सारे कपड़े निकाले और बेड पे लेट गया। मैं हिना के बारे में ही सोच रहा था, उसका फिगर मेरे दिमाग़ से नहीं निकल रहा था, मेरा लंड एकदम सख़्त हो गया था।
मैंने अपनी चड्डी उतारी और अपने लंड को आज़ाद करके लैपटॉप ऑन कर दिया, एक मस्त ब्लू फ़िल्म लगाई और अपना लंड हिलाने लगा।
अभी मैं हिना के बारे में सोचते हुए अपना लण्ड हिला रहा था कि तभी मेरा मोबाइल रिंग करने लगा। मुझे गुस्सा तो बहुत आया क्यूंकि मैं एकदम चरम पर पहुँचने वाला था। मैंने फ़ोन नहीं उठाया और अपने काम में लगा रहा।
फ़ोन फिर रिंग हुआ.. इस बार फ़िर वही अनजाना नंबर था। इस बार मैंने अपना लण्ड हिलाते-हिलाते फोन उठा लिया। उधर से बड़ी कोमल सी किसी लड़की की आवाज़ थी।
मैंने पूछा- कौन? उधर से जवाब आया- हिना खान!
यह नाम सुनते ही मेरा लण्ड और भी टाइट हो गया। हिना ने बोला- मुझको तुम्हारा नाम नहीं याद आ रहा और ज़ल्दी के चक्कर में नाम भी पूछना भूल गई।
मैंने उसे अपना नाम बताया। फिर इधर-उधर की बातें होने लगीं।
हिना ने अचानक पूछा- तुम इतना हाँफ क्यूँ रहे हो। मैं एकदम से सकपका गया क्यूंकि मैं अभी भी मुठ मार रहा था और मेरी साँसें तेज चल रही थीं।
मैंने बात संभालते हुए बताया- अभी पानी की कई बाल्टी वाटर कूलर में डाली थीं.. जिस वजह से थक गया था।
खैर.. अब रात के 11 बज गए थे तो उसने फ़िर कभी बात करने का कह कर अपना फ़ोन रख दिया। मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था। मैंने हिना का नाम ले कर फ़िर से अपना लण्ड हिलाना शुरू किया और माल निकाल कर सो गया।
अब तो डेली हम दोनों मोबाइल पर बातें करने लगे। वह अब मुझसे थोड़ा खुल भी गई थी.. सो हम दोनों सेक्स के बारे में बात करने लगे। उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा.. मैंने कहा- थी एक.. लेकिन अभी ब्रेकअप हो गया है.. इसलिए अकेला हूँ।
एक दिन हम दोनों फ़ोन पर बात कर रहे थे कि अचानक उसने पूछा- तुमने कितनी बार सेक्स किया है? मैंने बोला- गिनती तो मालूम नहीं.. लेकिन तुम्हारे साथ भी करने की तमन्ना है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
यह सुनते ही उसने फ़ोन काट दिया। दो दिन तक उसका फ़ोन नहीं आया, मुझे लगा कि वह मुझसे अब कभी बात नहीं करेगी।
मगर तीसरे दिन उसका फ़ोन आया और वो बोली- मेरा हस्बेंड काम के सिलसिले में बाहर जा रहा है.. और मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ। मेरा तो दिल बाग़-बाग़ हो गया।
मैंने ऑफ़िस फोन किया छुट्टी के लिए और मुझे छुट्टी भी मिल गई। मैं बाथरूम में नहाने गया और अपने लंड के पास के बाल भी शेव किए।
मैं तैयार हो कर उसके बताए हुए पते पर पहुँच गया। उसने जब दरवाजा खोला.. मैं तो उसे बस देखता रहा गया।
वह टाइट सलवार सूट में बहुत ग़जब लग रही थी। उसने मुझे सोफे पर बैठा कर एसी ऑन किया और पानी लेने चली गई। वाह क्या नज़ारा था.. उसकी मटकते कूल्हे देखते ही मेरा लण्ड पैन्ट के अन्दर ही फड़फड़ाने लगा।
खैर.. वो पानी ले कर आई और उसने झुक कर मुझे दिया, पानी लेते वक़्त जब मैंने उसके मम्मों को देखा.. तो मेरी हालत और खराब हो गई।
मैंने पानी पिया और एक गिलास और मांगा.. वो फ़िर उठी और पानी लेने चल पड़ी।
अब मैंने पीछे से उसकी ठुमकती गाण्ड का मुआयना किया। इस बार जब उसने पानी दिया.. तो अपना दुपट्टा थोड़ा हटा दिया.. जिससे मुझे उसकी ब्रा में कैद मम्मों के फिर दीदार हुए।
अब यह उसने जानबूझ कर किया था.. या अंजाने में ऐसा हुआ था.. पर जो भी हुआ.. उससे मेरी तो लॉटरी निकल आई थी।
वह बिल्कुल मेरे बगल बैठ गई और बोली- क्या वाकयी तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो? मैंने तुरंत अपना गिलास मेज पर रख दिया और उसके रसीले होंठों को चूसने लगा।
उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया। मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट अपने बदन से अलग की और उसके मम्मों को दबाने लगा। उसने बोला- ऊपर से ही दबाओगे क्या?
मैंने तुरंत उसका दुपट्टा एक तरफ़ फेंक कर उसके कपड़े उतारने लगा। वह भी मेरी जीन्स खोलने लगी।
कुछ ही पलों में हम दोनों केवल अंडर गारमेंट्स में थे। मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को चूसने लगा। कुछ मिनट तक उसके दोनों मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसकी पैंटी उतारी।
वाह क्या नज़ारा था.. मेरे सामने एकदम चिकनी चूत थी। वह बोली- क्या तुम मेरी चूत चाटोगे.. मेरे हस्बेंड ने आज तक कभी मेरी चूत नहीं चाटी।
मुझे चूत चाटना बहुत पसन्द था.. मैं उसकी चूत चाटने लगा। कुछ देर तक उसकी पूरी चूत चाटने के बाद मैं खड़ा हुआ और अपनी अंडरवियर उतार दी।
मेरे खड़े लण्ड को देख कर मुझे लगा वो भी अब मेरा लण्ड चाटेगी.. लेकिन उसने मना कर दिया। मैंने भी ज़िद नहीं की क्यूंकि सेक्स में अगर दिल न करे.. तो मज़ा नहीं आता है।
उसने कहा- प्लीज अब मत तड़पाओ.. अपने लण्ड डालो। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड डाला और धक्के लगाने लगा।
हम दोनों सोफे पर ही चालू हो गए थे। कमरे में एसी चल रहा था.. लेकिन दोनों पसीने से लथपथ थे। पूरे कमरा ‘ऊह आह..’ की आवाज़ से गूँज रहा था।
कुछ मिनट के बाद उसका बदन अकड़ने लगा और वो झड़ गई। मेरा भी निकलने वाला था, उसने कहा- अन्दर मत निकालना।
जैसे ही मेरा निकलने वाला था मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकाल लिया और उसके पेट पर झड़ गया। वह उठी और प्यारा सा चुम्बन दिया और अपने पर्स से 5 हजार रूपए मुझे दिए। मैंने रुपए लेने से मना किया लेकिन उसके बहुत ज़ोर देने पर मैंने दो हजार रख लिए।
उसने कहा- प्लीज जो कुछ अभी हुआ.. वो किसी को भी मत बताना। मैंने बोला- ट्रस्ट मी।
उसके बाद न कभी उसका फ़ोन आया.. न मैंने किया। लेकिन उसकी सहली का फ़ोन आया था। उसके बारे में अगली बार लिखूंगा.. फिर मिलेंगे।
दोस्तो.. आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. कृपया ईमेल पर अपनी राय भेजकर ज़रूर बताइएगा। [email protected]
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