जुलाई 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ

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प्रिय अन्तर्वासना पाठको जुलाई महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

मेरा नाम रंजना है, मैं एक शादीशुदा औरत हूँ, शादी को 5 साल हुए हैं, लेकिन मेरे पति सेल्स की नौकरी में हैं जिसके कारण उनको काम के सिलसिले में दूसरे शहरों में जाना काफी ज़्यादा होता है और मेरी चूत गर्म की गर्म पड़ी रहती है।

दोस्तो, मैं एक बहुत चुदक्कड़ और लौड़े की हमेशा प्यासी रहने वाली लड़की हूँ और शादी के पहले से ही सेक्स की ज़बरदस्त खिलाड़ी रही हूँ।

मेरे आज भी कई मर्दों से सम्बन्ध हैं, सेक्स मेरे लिए सब कुछ है, मेरी दुनिया है, सेक्स ही मेरा जीवन है और सेक्स के बिना मैं यूँ तड़पती हूँ जैसे पानी के बाहर आकर मछली!

मुझे नए नए लंडों से चुदवाने का बड़ा शौक है। मेरे पति जैसे ही शहर के बाहर जाते हैं, मेरी अय्याशी शुरू हो जाती है, इसीलिए मैंने एक सुनसान एरिया में अपना फ्लैट लेकर रखा हुआ है।

एक रात चुदने का बहुत तेज़ मूड हुआ, मैं सोचने लगी कि क्या करूँ, किस यार को बुलाऊँ या कुछ नया किया जाए आज!

मैंने एक स्कर्ट पहनी, ऊपर टॉप और एक शाल ले ली! मैंने न ब्रा पहनी और न ही चड्डी… कपड़ों के भीतर चूत, गांड और मम्मे बिल्कुल नंगे थे, मैं नहीं चाहती थी कि कोई लौड़ा मिले तो वो चड्डी ब्रा खोलने में समय बर्बाद करे।

घर से अपने पति की दारू के स्टॉक से एक पव्वा लिया और एक पैकेट सिगरेट उठाया और किसी लण्ड की तलाश में घर से निकल पड़ी।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…  

दोपहर का वक्त था, मैं अपने काम से एक जगह गया था। वापस लौटते वक़्त सोचा साले के घर होता चलूँ। जब उनके घर पहुँचा तो साले साब घर पर नहीं थे, घर में सिर्फ उनकी बीवी यानि मेरी सलहज थी।

मैंने साले को फोन लगाया तो उन्होंने कहा कि वो व्यस्त हैं और घर से दूर हैं तो सीधा रात को ही घर लौट पायेंगे। मैंने सोचा आया हूँ तो थोड़ी देर बैठूँ फिर चला जाऊँगा।

साले की बीवी का नाम प्रीति है, निहायत ही खूबसूरत दिखती है वो! मैं गया तो वो चाय पानी में जुट गई, थोड़े ही समय में उसने चाय नाश्ता लगाया, हम दोनों ने चाय नाश्ता करते हुये यहाँ वहाँ की बातें की।

थोड़ी देर बाद वो किसी काम से अंदर चली गई। मैं बाहर हॉल में ही चाय पी रहा था कि तभी जोर से कुछ गिरने की आवाज हुई। मैं तुरंत उस आवाज की दिशा में भागा, देखा तो एक ऑयल पेंट का डिब्बा गिरा और प्रीति पूरी रंगीन हो गई थी।

मुझे देखकर वो रोने लगी। मैंने पूछा- कैसे गिरा ये? ‘ऊपर से कपड़ा निकाल रही थी लेकिन कपड़ा डिब्बे के नीचे फंसा था जिसकी वजह से पल्ट गया।’ उसने रोते हुये कहा।

‘स्टूल नहीं लिया था क्या?’ मैंने कहा। ‘नहीं, अब क्या करें? वो आयेंगे तो बहुत चिल्लायेंगे। ‘इसीलिये रो रही हो?’ ‘हाँ!’ ‘मैं समझा दूंगा उसको!’

‘नहीं, वे आपके सामने कुछ नहीं बोलेंगे पर बाद में डाटेंगे और मारेंगे भी!’ ‘अच्छा एक काम करो, उसके अभी आने में बहुत टाइम है, तब तक इसे साफ़ कर लो।’ ‘साफ़ हो जाएगा क्या?’ ‘हाँ, निकल जाएगा। मैं बाजार से टर्पेन्टाइन ऑयल लाता हूँ, उससे निकल जाता है।’

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बात चार महीने पहले की सर्दियों की है.. जब मैं.. मेरी गर्लफ्रेण्ड.. उसकी बहन.. और बहन का ब्वॉयफ्रेण्ड हम चारों अपने ही ग्रुप के एक कॉमन दोस्त की शादी में जा रहे थे।

शादी एक फार्महाउस में हो रही थी.. जिसमें 10-12 कमरे भी थे, कुछ सिंगल रूम थे और कुछ डबलबेड रूम थे। मेरी गर्लफ्रेण्ड जिसका नाम सोनी (बदला हुआ) है ने एक लहंगा चुनरी पहने हुए थी और उसका हुस्न शादी में आई हुई सभी लड़कियों को फेल कर देने वाला लग रहा था।

सोनी का फिगर लिख रहा हूँ.. उसकी 34 इन्च की चूचियां 28 इंच की बलखाती कमर और 36 इंच की उठी हुई गाण्ड थी। उसकी इस कमनीय काया को देखकर किसी का भी लंड ‘छू.. छे.. छू.. छे..’ करने लग जाता था।

शादी में कुछ लड़कों की नज़र सोनी की गाण्ड पर ही थी। यह बात सोनी भी जानती थी क्योंकि उसने ही ये बात मुझे बताई थी।

बस इन बातों को सुनकर मैंने सोनी से कहा- जान अब तो तेरी इन बातों को सुनकर मेरा बहुत ज्यादा चुदाई का मन करने लगा है।

आपको बता दूँ कि मैं और सोनी एक साल से साथ हैं और एक साल से ही चुदाई का मजा ले रहे हैं।

ये बात सुनकर सोनी कहने लगी- तुम तो चुदाई को लेकर पागल हो गए हो.. ये भी कोई जगह है चुदाई करने के लिए?

इसके बाद हमारा एक दोस्त अपनी गर्लफ्रेण्ड के साथ हमारे पास आकर बातें करने लगा। अभी बारात आने में काफ़ी समय था.. मगर अब तक मौसम अंगड़ाईयां लेने लगा था.. और अचानक बारिश सी होने लगी.. वो भी बहुत तेज.. एक तो सर्दी का मौसम और ऊपर से ये तेज बारिश।

मैंने सोनी का हाथ पकड़ा और एक डबलबेड रूम सैट वाले कमरे में उसे ले गया। वहाँ देखा तो देखता ही रह गया.. वहाँ सोनी की बहन अपने ब्वॉयफ्रेण्ड के साथ होंठों को होंठों से मिलाकर समूच कर रहे थे। वे दोनों हम दोनों को देख कर घबराकर अलग हो गए।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…  

पाठकों को चूत निवास का नमस्कार और पाठिकाओं की चूतों के लिए लौड़े के 31 तुनके!

मैंने अपनी पत्नी जूसी रानी की भतीजी रीना रानी की चुदाई के विषय में दो कहानियाँ भांजी ने घर में नथ खुलवाई एक लौड़े से दो चूतों की चुदाई लिखीं थीं जो यदि आप लोग पढ़ लें तो यह कहानी समझने में अधिक मज़ा आयगा।

ये दोनों कहानियाँ आप अन्तर्वासना पर पढ़ सकते हैं।

कहानी में बताया गया था कि नथ खुलवाने के उपरांत रीना रानी गर्मी की छुट्टियों में हमारे घर ही आ गई थी ताकि रोज़ रोज़ चुद सके। इसी बीच मेरी साली रेखा रानी भी कुछ दिन चुदने आ गई थी।

रेखा रानी से मेरे चुदाई के सम्बन्ध बहुत पुराने हैं। जब मेरी शादी हुई थी उसके तीन या चार महीनों के भीतर ही वो मुझ से पट गई थी और जब भी मौका लगता था, चुदाई हो जाती थी।

कुछ दिन के उपरांत हमारा अजमेर जाने का प्रोग्राम बन गया। अजमेर में मेरे चाचाजी रहते हैं जो काफी दिनों से ख़राब सेहत से परेशान थे, सोचा कि चलो उनसे मिल आते हैं।

तो मैं, जूसी रानी और रीना रानी तीन दिन का अजमेर विजिट का प्लान बना कर अपनी कार से अजमेर के लिए निकल पड़े।

सुबह करीब नौ बजे निकल कर शाम पांच बजे अजमेर चाचाजी के घर पहुँच गए।

चाचाजी का बहुत बड़ा फर्नीचर का बिज़नेस है, उनके दो बेटे हैं और दोनों उनके साथ मिलकर कारोबार सँभालते हैं। अजमेर में उनका बहुत बड़ा बंगला है, जिसमें वे सब साथ रहते हैं।

बड़ा बेटा सचिन लगभग मेरी ही उम्र का है या शायद एक आध साल बड़ा या छोटा होगा। सचिन से तीन साल छोटा बेटा राहुल भी बिज़नस में साथ है। दोनों भाइयों के अपने अपने शोरूम हैं जहाँ उनकी पत्नियाँ भी उनके साथ जाती हैं।

नीचे ग्राउंड फ्लोर पर ड्राइंग रूम, डाइनिंग रूम, लिविंग रूम और एक बैडरूम है जिसमें चाचाजी और चाचीजी रहते हैं, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर पर तीन तीन बैडरूम हैं।

सचिन और गायत्री फर्स्ट फ्लोर पर एक बैडरूम में और सचिन की किशोर बेटी ऐश्वर्या दूसरे बैडरूम में है। सेकंड फ्लोर पर राहुल और रमा एक बैडरूम में और उनका बेटा राघव दूसरे बैडरूम में रहते हैं। दोनों मंज़िलों में एक एक बैडरूम खाली है मेहमानों के लिए।

हुआ यह कि मुझे और जूसी रानी को फर्स्ट फ्लोर पर खाली वाला बैडरूम दे दिया गया और रीना रानी को ऐश्वर्याके साथ उसके बैडरूम में एडजस्ट कर दिया गया।

जैसे ही मेरी निगाह ऐश्वर्या पर पड़ी मेरा दिल धक से रह गया, लौड़े ने फौरन एक उछाल लगाई। साली ने एक बहुत ही छोटा सा निकर पहन रखा था, निकर मुश्किल से चूत से चार या पांच इंच नीचे तक ही था। हरामज़ादी की नंगी टाँगें बहुत ही चिकनी, एकदम मलाई जैसी थीं।

कमसिन जवानी में अभी रोयें भी नहीं आए थे। बहनचोद खा जाने के लिए दिल मचल उठा। कुतिया के हसीन से पांव भी नंगे थे।

टाँगें बड़े ही उम्दा फिगर के साथ छोटे से दो सुन्दर पैरों पर समाप्त होती थीं। पैरों की एक उंगली अंगूठे से ज़रा सी बड़ी, नाख़ून भी ज़रा ज़रा से बढ़े हुए, कोई नेल पोलिश नहीं। सुडौल खूबसूरत उंगलियाँ, बेहद हसीन टखने और गुलाबी गुलाबी से पांवों के तलवे।

ऊपर उसने एक झक सफ़ेद टॉप पहन रखा था, ब्रा भी सफ़ेद थी जो टॉप के पीछे से झांक रही थी।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…  

दोस्तो, आज आपको मैं अपनी साली गुड्डी संग किए मज़े के बातें बताने जा रहा हूँ। हुआ यूँ कि पिछले हफ्ते मुझे अपनी बड़ी साली गुड्डी के घर जाने का मौका मिला। हम दोनों पति पत्नी उनके घर पहुँचे, हमारा बड़े प्यार से स्वागत किया गया। साली और साढू से मिलने मिलाने के बाद चाय नाश्ता हुआ। घर का माहौल बड़ा ही खुशनुमा था, बातें करते करते शाम हो, बहुत सी बातें हुई, शाम को साढू साहब ने पेग का प्रोग्राम बनाया, नॉन वेज भी बना, हम सबने खाया।

साली साहिबा ने बड़ा ही सुंदर सूट पहना था, अब सब घर के ही थे, तो उसने दुपट्टा भी नहीं ओढ़ रखा था। सूट का गला तो ज़्यादा गहरा नहीं था, मगर साली साहिबा के बोबे बहुत बड़े थे और ऐसा लग रहा था जैसे उसके बोबे सूट फाड़ कर बाहर आने को बेताब थे। जब साली की उम्र 48 के आस पास थी, एक बेटी की शादी कर चुकी थी, मगर फिर भी खुद को बहुत बना संवार कर रखती थी, भारी शरीर था, मगर दूध जैसा गोरा बदन, सुंदर चेहरा, 38 या शायद उस से भी बड़े साइज़ का ब्रा पहनती होगी।

अब इतने बड़े भरे बदन को तो हर कोई देखता था, मैं क्यों न देखता, जब भी वो रसोई से कुछ बना कर लाती, और हमारे सामने रखती, मेरा ध्यान बरबस ही उसकी विशाल छातियों की तरफ चला जाता! मैं सोचता कि जब यह अपना शर्ट और ब्रा उतार के साइड पे रखती होगी, तो इसकी छातियाँ कितनी बड़ी होंगी।

इतने बड़े चूचे देख कर मेरा लंड करवटें ले रहा है, तो साढ़ू साहब कैसे चूस कर मज़े लेते होंगे।

बल्कि एक दो बार उसने भी इस चीज़ को नोटिस किया कि मैं उसकी छातियों को घूरता हूँ, मगर उसने कोई खास परवाह नहीं की तो मेरा मन तो और भी विचलित हो गया, अब तो मैं जान बूझ कर बेशर्मों की तरह उसकी चूचे घूरने लगा।

चलो जब ड्रिंक्स का दौर खत्म हुआ, तो सबने एक साथ बैठ कर खाना खाया, साली मेरे सामने ही डाइनिंग टेबल पर बैठी थी, मगर अब उसने दुपट्टा ओढ़ रखा था, सो उसका विशाल क्लीवेज यानि वक्षरेखा अब नहीं दिख रही थी।

खाना हो गया, उसके थोड़ी देर बाद आई सोने की बारी, अब उनके बेडरूम में तो ए सी था, मगर गेस्ट बेडरूम में नहीं था, तो हमारा भी उनके ही बेडरूम में सोने का इंतजाम किया गया। यह तय किया कि मैं और मेरा साढ़ू ऊपर बेड पर सो जाएंगे, मेरी बीवी और मेरी साली ने नीचे फर्श पर ही बिस्तर लगा लिए।

सोने से पहले वो कपड़े बदल कर नाईटी पहन आई। नीचे से शायद उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी तो नाईटी में झूलते उसके बोबे और भी बड़े लग रहे थे। मेरे शैतान दिमाग में विचार आया कि अगर आज रात को इसके बोबे ना दबाये तो मेरा नाम नहीं, चाहे कुछ भी हो जाये, अब पी हुई थी, तो बहाना तो था ही कि खाये पिये में हो गया।

सोने से पहले हम सबके लिए साली साहिबा गरम दूध लेकर आई, जब वो मेरे सामने आकर दूध का गिलास पकड़ाने के लिए झुकी, तो मैंने फिर से उसकी नाईटी के गले के अंदर निगाह मारी, दो बहुत बहुत ही विशाल, सफ़ेद मांस के गोल गोल बोबे खुले में झूल रहे थे। नाईटी के अंदर से उसने न ब्रा, न कोई और कपड़ा पहन रखा था, थोड़ा सा पेट और कमर भी दिखे, मगर ये सब 1-2 सेकंड का काम था, मगर यह साफ हो गया था कि नाईटी के नीचे वो बिल्कुल नंगी थी।

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