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सेक्सी ताई की चुदाई मुझे करनी पड़ी. इन सेक्स सम्बन्धों में मेरी ताई ने पहल करके मुझे उनके साथ सेक्स के लिए बढ़ावा दिया. हालांकि मैं भी इस सेक्स को चाहता था.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम अमन कुमार है और मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ.
मैं शासकीय नौकरी में कार्यरत हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मैं पिछले 3 वर्षों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मैंने आज तक बहुत से कहानियों को पढ़ा है. उन्हीं कहानियों से प्रेरित होकर आज मैं भी अपनी प्रथम सेक्स कहानी सेक्सी ताई की चुदाई की लिखने जा रहा हूँ.
मैं बचपन से ही अपने ताऊ और ताई के साथ रहता आया हूँ. उनके कोई संतान नहीं है. मेरे ताऊ जी सक्रिय राजनीतिज्ञ है, जिस कारण वो घर में बहुत कम ही रहते हैं.
ये सेक्स कहानी मेरे और मेरी ताई के बीच हुई संभोग की है. जो मेरे जीवन का प्रथम संभोग था और ये मुझे हमेशा याद रहेगा.
वैसे तो मेरी ताई की उम्र 43 वर्ष की है लेकिन कोई भी उसे देख चोदने के बारे में ना सोचे … ऐसा हो ही नहीं सकता. उनका रंग गोरा है और देखने में ताई का फिगर 36-30-38 का तो पक्का होगा.
उन्हें देखकर मैं बहुत कामातुर हो जाता था. कभी कभी तो लगता था कि काश मेरी शादी उनसे हुई होती.
ये घटना आज से ठीक एक साल पहले की है, जब मैं अपनी नौकरी से कुछ दिन का अवकाश लेकर अपने ताऊ जी के घर जाने की योजना बना रहा था.
जैसा कि आप सभी समझ सकते हैं कि एक जवान लड़का, जिसने कभी संभोग न किया हो, उसके मन में सेक्स के प्रति क्या कुछ न भरा होता है. मैंने अवकाश में संभोग का प्रबंध करने के लिए अपना नाम पता और मोबाइल नंबर एक ऑनलाइन वेबसाइट में रजिस्टर किया था और चुत मिलने की आस में उस साईट का भुगतान भी किया था.
जब मैं घर आया तो उस रात ताऊ जी राजनीति के काम के सिलसिले में रायपुर गए हुए थे. ताई जी अपने सहेली के घर पार्टी में थीं और मैं लैपटॉप पर उसी साईट पर सर्च कर रहा था.
उसी रात को मुझे उस वेबसाइट से एक महिला का नाम पता और मोबाइल नंबर आया. मैं बहुत खुश हुआ और बहुत जल्द ही तैयार होकर चुदाई की परिकल्पना करते हुए उस पते पर चला गया.
मैं करीब एक घंटे में उस पते पर पहुंच गया. जैसे ही मैंने दरवाजे का अलार्म बजाया एक बहुत ही सुंदर महिला दरवाजे पर आई.
मैं अन्दर गया, तो उन्होंने मुझे पेशेवर चोदू समझ कर कहा- तुम्हें दो महिलाओं को चोदना है. मैंने भी खुशी खुशी हामी भर दी.
पर जैसे ही मैं उनके निजी कमरे में गया तो दूसरी महिला को देखते ही चौंक गया और डर गया. वो दूसरी महिला कोई और नहीं मेरी ताई थीं. हां वही … जिन्हें देख कर मैं पला बढ़ा था.
ताई जी भी मुझे देखते ही चौंक गईं.
मैं शर्मिंदा होकर घर वापस आ गया.
उस रात मैं बस यही सोच-सोच कर परेशान हो गया था कि मैं संभोग के लिए कितना नीचे गिर गया था.
अब दूसरा दिन आया तो मैंने डरते डरते ताई जी से बात की. वो भी शर्म के कारण कुछ भी नहीं बोल पा रही थीं.
लेकिन हम दोनों आखिर कब बात नहीं करते. अब तो यह था कि हम दोनों एक दूसरे की सच्चाई जान चुके थे.
फिर मैंने अपने आपको साहस देते हुए ताई जी ये पूछ ही लिया- ताई जी आखिर ये सिलसिला कब से चल रहा है? ताई- मैं क्या बताऊं बेटा, जब से तुम्हारे ताऊ सक्रिय राजनीति में जुड़े … तब से उन्होंने मुझे छूना भी छोड़ दिया है. तुम तो जानते ही हो कि हर औरत की अपनी शारीरिक जरूरतें होती हैं. जिसके चलते मैं इसी तरीके से पूरी करती आ रही हूँ. मैं किसे अपना ये दर्द बताऊं या बाँट सकूं, मुझे खुद समझ नहीं आता है.
मैं- मैंने भी अभी जीवन के अनमोल 22 साल यू हीं भागदौड़ में खो दिए ताई जी, तो मैंने यह रास्ता चुना ताकि मैं भी अपने शरीर की कामाग्नि को शांत कर सकूं. ताई जी कुछ नहीं बोलीं और अपने काम में लग गईं.
वो दिन ऐसे ही गुजर गया और उस दिन के बाद मेरा नजरिया अपने ताई के लिए बदल गया था. अब मैं उनको एक जवान लड़की के तौर पर देखता था.
अंततः मेरे जीवन की वो रात आ ही गयी, जब मुझे ताई के साथ संभोग की प्राप्ति होने वाली थी. ताऊ जी को रायपुर गए हुए छह दिन बीत गए थे.
गर्मी की रात थी इसलिए ताई जी ने अपना ब्लाउज उतार दिया था. अब वो सिर्फ साड़ी में ही थीं. उनके बड़े बड़े थनों को मैं देख देख कर अपने मन में ताई को चोदने की इच्छा को और बढ़ाते हुए खुश होने लगा था.
रात के करीब साढ़े दस हुए थे. घर में सिर्फ हम दो ही थे.
मुझे आज भी याद है … जब मुझे ताई जी ने अपने पीठ की मसाज के लिए पहली बार अपने कमरे में बुलाया था. मैं उसी पल समझ गया था कि शायद आज मुझे ताई की चुत चोदने मिल जाएगी.
मैं गया और ताई जी से पूछा- हां ताई, बोलिये क्या काम है? ताई- मेरे पीठ की थोड़ी मालिश कर दे और पैरों में तेल भी लगा दे.
मैंने उनको सबसे पहले पीठ के बल लेटने कहा. उन्होंने वैसे ही किया.
जैसे ही मैंने तेल लेकर उनके पीठ को छुआ … तो मेरे शरीर में एक करेंट जैसा दौड़ गया. मैंने पहली बार संभोग की इच्छा से किसी औरत को छुआ था.
मैं धीरे धीरे ताई की पीठ पर मालिश करने लगा. मुझे उनके शरीर का स्पर्श बहुत ही बढ़िया लगा. धीरे धीरे मैं हाथ उनके वक्ष स्थल की ओर करने लगा.
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं बोला, तब मैं समझ गया कि शायद अब मुझे संभोग करने की हरी झंडी मिल गयी. अब मैंने बार बार उनके मम्मों को छूना शुरू कर दिया.
फिर वो अचानक से पीठ के बल लेट गईं. मैं डर गया कि कहीं कुछ बोल ना दें. मगर वास्तव में ताई गर्म हो रही थीं.
उन्होंने अपने दूध दिखाते हुए कहा- चल अब मेरे पैरों की भी मालिश कर दे.
मैंने हामी भर दी क्योंकि मुझे एक गर्म औरत को छूने का आनन्द जो मिल रहा था.
मैंने पूछा- ताई साड़ी हटा दूँ क्या … ऐसे में तेल लगाते नहीं बनेगा. ताई- हटा दे.
मैं बहुत खुश हुआ कि अब उनके गोरी गोरी जांघों को देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा.
जैसे ही मैंने साड़ी हटाया, मैंने देखा कि आज ताई जी ने नीचे कुछ भी नहीं पहना है. मेरी नजर उनकी योनि पर पड़ी.
मैं सच कहूँ … तो मैंने ऐसा योनि कभी भी नहीं देखी थी. बड़ा मस्त नजारा था. ताई की चुत तो देखने में ऐसी लग रही थी मानो किसी अप्सरा की गोरी जांघों के बीच कोमल कोमल गुलाबी पंखुड़ी वाली चूत खिली हुई हो.
चुत देखते ही मेरा लंड फनफनाने लगा था.
मैंने ताई की जांघों पर तेल लगाकर मालिश शुरू कर दी और मालिश के साथ मैं ताई जी की चूत को अपने उंगलियों से छूने लगा था. कसम से क्या मखमली चूत थी एकदम कोमल और मक्खन सी चुत को देख कर मन कर रहा था कि बस चुत को चाट लूं.
मुझसे सहन नहीं हो रहा था. मैंने ताई जी से कहा- अब मैं सोने जा रहा हूँ. ताई- कहां जा रहे … अभी रुको ना.
ये कहते हुए ताई जी ने मुझे कसके पकड़ लिया और बोलीं कि अमन अब तुम मेरी सच्चाई जान गए हो, मेरे दुख को समझ गए हो, अब मुझे छोड़ कर मत जाओ. मेरी आग को शांत कर दो.
ये सुन कर मुझे अन्दर ही अन्दर खुशी की लहर दौड़ने लगी. मैंने शर्म लाज लज्जा को त्याग दिया और कहा- आज रात से हम पति पत्नी हैं. हमारा पिछला रिश्ता खत्म हुआ समझिए. ताई मुस्कुरा दी.
अब मैंने ताई जी को चूमना शुरू कर दिया. मुझे लगने लगा कि मुझे दुनिया की सबसे बड़ी सौगात मिल गयी है. हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे.
मैंने ताई को बिस्तर पर लिटा दिया और फिर से उनके होंठों को चूमने लगा. वो भी सिसकारी भरते हुए मुझे बड़े मजे से साथ देने लगी.
मैं ताई के मम्मों को दबाता और उनके निप्पलों से खेलने लगा था. मेरे होंठों में ताई जी के मम्मों के निप्पल बारी बारी से मसले जाने लगे.
ताई भी मेरे सर को अपने दूध पर दबाते हुए कहने लगीं- आह चूस ले मेरे मम्मे … ठंडी कर दे मेरी आग. मैंने कहा- हां ताई … मैं आज आपको चोद कर आपको पति का सुख दे दूंगा.
ताई- मुझे ताई मत बोलो, मेरा नाम लो. मैंने भी वही किया.
मैं- आई लव यू कुसुम … मैं तुम्हें उसी दिन से चोदना चाहता था … चुदाई के सपने देख रहा था. आज वो पूरा कर लेने दे. ताई ने भी मेरा नाम ले कर कहा- हां मेरे पति अमन … मुझे आज पूरा ठंडा कर दे.
मैं धीरे धीरे उनके चूचों को चूसते हुए नीचे आ गया और जीवन में पहली बार चूत को चाटने लगा. चुत का वो नमकीन स्वाद और मादक गंध मुझे और भी ज्यादा जोश पर जोश दिए जा रही थी.
मैं अभी भी पूर्व लैंगिक क्रिया में व्यस्त था.
कुसुम ताई ने कहा- अब मेरी बारी है.
ताई ने मेरा पैंट और बाकी सब कपड़े उतार दिए. हम दोनों नंगे थे. मेरा लंड तन कर एक गर्म लोहा बन चुका था.
मैंने कहा- कुसुम, तुम एक बार फिर से लेट जाओे. वो मेरी हर बात को मानने लगी थीं.
मैंने फिर से उनकी कोमल चूत का रसपान शुरू कर दिया. इस बार वो सिहरने लगीं और अपना स्वादिष्ट रस मेरे मुँह में छोड़ दिया. मैंने भी उस अमृत की एक बूँद को जमीन में गिरने नहीं दिया; मैं पूरा चुत रस पी गया.
कुसुम ताई ने कहा कि मेरे राजा अब मुझे भी अपने लंड का रसपान कराओ.
मैंने अपना लंड ताई के मुँह में दे दिया, ओह्ह … क्या आनन्द आ रहा था. वो एक पेशेवर रंडी की तरह लंड चूस रही थीं.
हम दोनों 69 पोजिशन की करीब दस मिनट तक एक दूसरे को चूसते रहे और एक साथ झड़ गए.
कुछ देर बाद फिर से मेरा लौड़ा तन कर गर्म लोहा बन गया था. अब बस उस आनन्द की अनुभूति लेना बचा था, जिसके लिए मैंने शर्म लाज़ लज्जा और एक अनमोल रिश्ते को तोड़ दिया था.
मैंने कुसुम ताई से कहा- अब वो समय आ गया जब मैं तुम्हें चोद कर पूरा ठंडा कर दूंगा. ताई मुस्कुरा दी.
मैंने कुसुम ताई की चूत को एक बार फिर से चाट कर गीला कर लिया. अब न उनसे रुका जा रहा था, ना मुझसे.
मैंने ताई जी की दोनों टांगों को फैलाया और अपने सात इंच के लौड़े के सुपारे को उनकी चूत पर धीरे धीरे रगड़ने लगा. वो लंड चुत की रगड़ से और भी गर्म हो गईं और सिसकारियां भरने लगीं.
ताई कहने लगीं- अब मत तरसाओ अमन … बस जल्दी से चोद दो … घुसा दो अपना लंड … आह आज मुझे पूरा शांत कर दो.
मैंने भी वही किया. फिर धीरे से अपने लंड का सुपारा ताई की चूत में घुसा दिया. मैं धीरे धीरे झटका देने लगा. वो भी मुझे साथ देने लगीं. अपनी कमर उछाल उछाल कर लंड लेने की कोशिश करने लगीं.
मगर अभी मेरा लंड पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था क्योंकि कुसुम ताई की चूत टाइट हो गयी थी. ना जाने कितने दिनों से वो चुदी नहीं थीं.
फिर मैंने एक जोर का झटका दिया और मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया. ताई दर्द से कराह उठीं और सिसकने लगीं.
मैंने अपने होंठ उनके होंठों से मिला दिए और चुंबन करते हुए धीरे धीरे झटका मारने लगा. कुछ ही पलों में मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी.
अब तो कमरे में ताई की मादक सिसकारियां गूँजने लगीं- आह चोद दे मेरे अमन आह … न जाने कितने दिनों से मेरी चूत की मालिश नहीं हुई. आज मेरी प्यास बुझा दो … ओह्हजल ऊम्म मेरे राजा.
मैं भी धकापेल मचाए हुए था.
ताई- आह मेरे राजा … चोदो मुझे चोदो मुझे … आज प्रेग्नेंट कर दो आह मैं तो मर ही गयी थी … आज मुझे चोद कर फिर से जिन्दा कर दो.
मैंने भी साथ देते ही तगड़ी चुदाई जारी रखी.
करीब 10 मिनट की हाहाकारी चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने पूछा कि कुसुम मेरी जान वीर्य कहां गिराऊं? तब ताई ने कहा- मेरी चूत में ही डाल दो.
मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
उस रात मैंने तीन बार सेक्सी ताई की चुदाई का मजा लिया.
अब हम दुनिया के सामने से मां बेटे जैसे हैं … और घर में पति पत्नी. अब मैं उनको कभी भी ताऊ जी के ना होने का अहसास नहीं होने देता.
ये सिलसिला एक साल तक चलता रहा. अब जब भी मैं घर जाता हूँ तो ताई की जम कर चुदाई करता हूँ.
लेकिन विधि के विधान को हमारी ये संगत पसंद नहीं आई. ताई जी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
उनके देहांत के बाद आज मैं फिर से अकेला हो गया हूँ. उनकी याद और मेरा अकेलापन मुझे खाए जा रहा है.
दोस्तों कैसी लगी मेरी सेक्सी ताई की चुदाई कहानी. एक बार अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें.
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ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, कुछ गलती हुई हो, तो क्षमा चाहता हूँ.
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