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फैमिली पोर्न स्टोरी मेरी सेक्सी मामी की चुत गांड मारने की है. मैं मामा के घर रहता था. मामी इतनी खूबसूरत हैं कि मेरा मन उनको चोदने को करता था.
दोस्तो, मेरा नाम सचिन है. मैं प्रतापगढ़ का रहने वाला हूं, मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है. मेरे लंड की लम्बाई मोटाई काफी ज्यादा है … बिल्कुल घोड़े जैसा.
आज मैं आपको अपनी और अपनी मामी की चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने लंड से मामी की गांड और चूत को फाड़ दिया.
मुझे आशा है कि आपको ये फैमिली पोर्न स्टोरी पढ़ कर बहुत मजा आएगा और आप बिना मुट्ठी मारे नहीं रह पाओगे. अगर भाभी लोग पढ़ रही होंगी, तो वो भी अपनी चूत का पानी निकाले बिना नहीं रह पाएंगी.
मेरी मामी का नाम रंजीता है उनकी उम्र 34 साल है. मामी की हाइट 5 फुट 2 इंच है. उनका मादक फिगर 34-32-36 का है. मामी का पूरा बदन भरा हुआ और एकदम गोरा है. जो भी उनको देख ले, तो मेरा दावा है कि वो बिना मुट्ठी मारे नहीं रह सकता.
ये बात आज से 3 साल पहले की है जब मैं अपने मामा के यहां रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था.
मेरे मामा के घर में मेरे मामा मामी, उनके दो छोटे बच्चे और मेरी नानी रहती हैं.
मामी इतनी खूबसूरत हैं कि रोज ही मेरा मन उनको चोदने को करता था मगर अफ़सोस था कि मैं मामी को नहीं पा रहा था. मुझे रोज मामी की कातिल जवानी को याद करके अपनी मुठ मार कर सो जाना पड़ता था. चूंकि मेरे मामा भी घर में रहते थे इसलिए मुझे कोई मौक़ा ही नहीं मिल पा रहा था.
मैं अपनी मामी की ब्रा और पैंटी को रोज चुरा लेता. फिर अपनी किताब लेकर अहाते में आकर लेट जाता और उनकी पैंटी और ब्रा को खूब चाटता और अपने लंड पर रगड़ता रहता.
साथ ही मैं अपनी मामी की गांड और चूत की कल्पना करता कि मामी एक बार अपनी गांड मुझे चाटने को दे दो … और अपनी चूत का पानी मेरे मुँह में निकाल दो, मुझे पीना है. मैं बस यही सोचता रहता और उनकी ब्रा में मुठ मारकर सो जाता. उनकी पैंटी को खुद पहन लेता.
इसी तरह मैं मामी की काफ़ी पैंटी और ब्रा उठा लाया था. मेरी मामी को भी शक हो गया था … पर उन्होंने कभी मुझे कुछ कहा नहीं.
एक दिन मैं उनकी नई ब्रा और पैंटी को लेकर अहाते में आकर लेटा था. चूंकि अहाते में कोई आता नहीं था और सब जानते थे कि मैं उधर रह कर पढ़ाई कर रहा हूँ … इसलिए कोई नहीं आता था.
उस दिन मैं अपनी मोबाइल चार्जिंग में लगाकर आ गया था और मैं मामी की ब्रा की खुशबू ले रहा था. मैं अपना लंड बाहर निकालकर उसमें उनकी पैंटी को सहला रहा था. मेरा लंड एकदम खड़ा था.
इतने में मेरी मामी आ गईं और मैं तुरंत पेट के बल लेट गया. पर तब तक देर हो चुकी थी. मेरी मामी ने मेरा नंगा खड़ा लंड देख लिया था और अपनी ब्रा और पैंटी भी देख ली थी, लेकिन मामी ने कुछ कहा नहीं.
वो एक पल मुझे देखने के बाद बोलीं- तुम्हारी मम्मी का फ़ोन आया है … लो बात कर लो. मामी मुझे मोबाइल देकर चली गईं.
मैं एकदम से डर गया था कि कहीं मामी जाकर मामा से ना बता दें.
मैंने मम्मी से ज्यादा बात नहीं की और उनकी ब्रा में मुट्ठी मारकर सो गया.
शाम को मेरे मामा का बड़ा वाला लड़का आया, जिसकी उम्र 4 साल थी; उसने कहा- भैया आपको मम्मी बुला रही हैं.
मैं डर गया था कि कहीं कुछ गड़बड़ ना हो गया हो. मैं उठा और हाथ मुँह धोकर घर में गया.
मामी मुझे देखकर हंसने लगीं और बोलीं- ज्यादा नींद आ गयी थी क्या … अभी तक सो रहे हो! मैंने कहा- नहीं मामी. मैं भी मुस्कुरा दिया.
मामी बोलीं- लो चाय पी लो. मैं चाय पीने बैठ गया.
तब मामी बोलीं- खुशबू कैसी आ रही है? मैं समझ नहीं पाया.
तब वो बोलीं- मैं चाय की पूछ रही हूं. मैंने कहा- जी, आपके हाथ की चाय की खुशबू बहुत अच्छी है. वो मुस्कुराने लगीं.
मैं समझ गया कि मामी को भी मेरा लंड चाहिए था. अब बस इंतजार था तो बस मौके का … और वो मौका भी दो दिन बाद आ गया.
उस दिन सुबह मामा ने बताया कि मैं नानी को लेकर दस दिन के लिए बड़े वाले मामा के पास जा रहा हूँ.
मेरे बड़े वाले मामा अपनी फैमिली के साथ मुंबई में रहते हैं.
मामा ने मुझसे कहा- इधर का जो भी काम हो, तुम देख लेना … और अपने मामी की मदद कर देना. मैं भी खुश हो गया. मैंने कहा- ठीक है मामा जी आप बेफिक्र रहिए.
मामी उनके जाने की तैयारी करने लगीं. मामी भी अन्दर से बहुत खुश नजर आ रही थीं. मैं समझ गया कि अब मामी मेरा लंड चुत और अपनी गांड में लेकर रहेंगी.
मामा और नानी जी के जाने तैयारियां पूरी हो गयी थीं. दूसरे दिन मामा और नानी को जाना था.
अगले दिन मैं भी मामा के साथ उनको छोड़ने स्टेशन तक गया और उनको छोड़ कर लौटते वक्त रात हो गयी थी. मैं आया तो देखा कि मामी अभी बैठी थीं और बच्चे सो गए थे.
मैं आया, तो मामी बोलीं- हाथ पैर धो लो … मैं खाना लगा देती हूँ. अभी मैंने भी नहीं खाया है. मैंने कहा- अरे … आपको खा लेना था. मामी बोलीं- अकेले खाने का मन नहीं कर रहा था … इसीलिए नहीं खाया. मैंने कहा- ठीक है, चलो अब दोनों लोग खा लेते हैं.
मामी ने खाना परोसा और हम दोनों लोग खाने लगे.
तब मामी बोलीं- आज कहां सोओगे? मैंने कहा- अहाते में … जहां रोज सोता हूँ.
मामी बोलीं- आज यहीं सो जाओ. मैंने मना किया तो बोलीं- क्यों डर लग रहा है क्या मुझसे?
मैंने कहा- नहीं मामी, ऐसी कोई बात नहीं है … मैं आपके पास ही सो जाऊंगा. मामी बोलीं- ठीक है. मैं दस मिनट में बिस्तर लगा देती हूँ, तुम सो जाना. मैं बर्तन धोकर आती हूँ, तब सोऊंगी. मैंने कहा- ठीक है.
मैं उनके कमरे में जाकर लेट गया. मुझे नींद नहीं आ रही थी.
थोड़ी देर बाद मामी किचन का काम करके आ गईं. उनके आते ही मैंने सोने का नाटक किया और अपनी आंखें बंद कर लीं.
मामी ने कमरे आकर लाइट जलाई और देखा तो मैं सो रहा था. उनके बेड में उनके बच्चे भी सो रहे थे.
मामी ने मुझे आवाज़ दी पर मैं कुछ नहीं बोला. उनको लगा कि मैं सो गया हूँ.
वो अपनी साड़ी उतारने लगीं. मैं भी अपनी आंखों को धीरे से खोलकर देख रहा था.
साड़ी उतारने के बाद मामी अपना ब्लाउज भी उतारने लगीं. ये सब देखकर मेरा लंड एकदम टाइट होता जा रहा था. लंड इतना अकड़ रहा था, जैसे मेरा लोवर फाड़कर बाहर निकल आएगा. मैंने किसी तरह कंट्रोल किया.
मामी ने ब्लाउज उतारने के बाद एक अंगड़ाई ली तो उनका पूरा गोरा बदन दिखने लगा.
लाल ब्रा में उनकी भरी हुयी चूची देखकर मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने अपने लोअर को धीरे से उतार दिया और अपने अंडरवियर से अपना लंड बाहर निकाल लिया. लेकिन ये सब करते मामी ने मुझे नहीं देखा था.
उसके बाद मामी ने अपनी पेटीकोट का नाड़ा जैसे ही खोला, उनकी एकदम गोरी गांड देखकर मैं पागल हो गया. मेरा मन कर रहा था कि अभी जाकर अपने मुँह में मामी की गांड को भर लूं और सुबह तक चाटता रहूं.
मामी बिल्कुल नंगी हो गयी थीं और अपनी पैंटी को ढूँढ रही थीं. मैंने सामने से देखा, तो मामी की चूत क्या मस्त चूत थी … उस पर छोटे छोटे बाल उगे थे. उनकी कम बाल वाली चूत देख कर लग रहा था कि जैसे अभी कुछ दिन पहले ही झांटें बनायी हों.
मेरा लंड अब बर्दाश्त के बाहर हो गया था.
मामी को उनकी पैंटी तो मिली नहीं … लेकिन उनकी नजर मेरे खड़े लंड पर जरूर पड़ गयी. नंगा लंड देखते ही उनका मुँह खुला का खुला रह गया.
वो एकटक मेरे लंड को ही देखते रह गईं और अपनी चूत को सहलाने लगीं.
मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर खड़ा कर दिया. मामी मेरे लंड के पास आईं और उसे जैसे ही किस करने के लिए अपने मुँह को पास ले गईं, वैसे ही मैंने उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया और उनकी गर्दन को पकड़कर दबा दिया.
मामी चिल्लाना चाह रही थीं लेकिन चिल्ला नहीं पा रही थीं. मैंने उनके मुँह में मोटा लंड जो दे दिया था.
फिर मैं उठा और मामी की गांड को उठाकर अपने मुँह में रख लिया.
अब मैं अपनी जीभ से उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गांड को चाटने लगा था. उनकी गांड की छेद को और चूत को मैं भर भर कर चाट रहा था. आह क्या खुशबू थी उनकी गांड और चूत की … मैं आपको बता नहीं सकता.
मामी एकदम गर्म हो गयी थीं. अब वो भी पलट गई थीं और 69 में होकर मेरा लंड चूसने लगी थीं. कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और मामी के मुँह को चोदने लगा.
दस मिनट बाद मैंने अपने लंड का माल मामी के मुँह में निकाल दिया और जब तक वो पी नहीं गईं, तब तक लंड को बाहर नहीं निकाला. जब मैंने मामी के मुँह से लंड बाहर निकाला, तभी वो राहत की सांस ले पाईं.
मामी बोलीं- बहुत कमीने हो तुम! मैंने कहा- मामी अभी कमीनापन देखा कहां है, अब देखोगी मेरा कमीनापन.
मैंने मामी को लिटा दिया और अपनी अंडरवियर उतार दी. मैंने अन्दर मामी की पैंटी पहन रखी थी.
मामी ने अपनी पैंटी को देखा, तो वो हंसने लगीं और बोलीं- कब से ढूँढ रही थी इसे … मिल नहीं रही थी. इसका मतलब मेरी जितनी भी पैंटी और ब्रा गायब हुई हैं, सब तुम्हारे पास हैं. मैंने कहा- हां मामी हैं तो, लेकिन दूंगा नहीं आपको.
मामी बोलीं- कोई नहीं राजा … मैं दूसरी ले लूंगी … फिलहाल अभी जो कर रहे हो, वो करो. मैंने कहा- ठीक है.
मैंने मामी से कहा- आप पहले देसी घी लेकर आओ. मामी बोलीं- उससे क्या करोगे?
मैंने कहा- आप लेकर आओ तो … मैं सब बताता हूँ कि क्या करूंगा.
मामी घी लेकर आ गईं.
मैंने कहा- इसे मेरे लंड में लगाकर मसाज करो और मेरे लंड को चूसो. मामी कहने लगीं- राजा इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने आज तक नहीं देखा … तुम्हारे मामा को तो इसका आधा भी नहीं है.
मैंने कहा- मामी अभी आपने इसका कमाल कहां देखा है, अभी दिखाऊंगा तब कहना … फिलहाल अभी लंड में देसी घी लगाओ और मेरा लंड चूसो. मामी बोलीं- अब तक तुम क्या करोगे?
मैंने कहा- मैं आपकी गांड में देसी घी डालकर आपकी गांड को चाटूंगा. आप मेरे मुँह में अपनी गांड का छेद रख दो.
मामी पोजीशन में आ गईं. मैं मामी की गांड में घी डालकर चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगीं.
मामी की चूत एकदम गीली हो गयी थी उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं- आअह्ह … उन्हह हहहह … चोदो मुझे मेरे राजा … मेरी चूत फाड़ दो … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा जान … मेरी चूत में अपना लंड डाल दो … आह मेरा पानी निकलने वाला है … आह फाड़ दो मेरी चूत को.
मैं मामी की गांड और चूत दोनों को मजे से चाटे जा रहा था.
मामी गांड उठाते हुए बोलीं- राजा, मेरी चूत का पानी बाहर आ रहा है. मैंने बोला- कोई बात नहीं मेरी रंडी मामी … मेरे मुँह में निकाल दो.
मैंने अपना मुँह मामी की चूत में लगा दिया और उनकी चूत का सारा पानी अपने मुँह में भर लिया. फिर मामी की गांड की गांड के छेद को अपने हाथों से फैलाया और अपने मुँह से मामी की गांड में सारा पानी डाल दिया.
इसके बाद धीरे धीरे पानी मामी की गांड से माल निकलता आ रहा था और मैं चाटता जा रहा था.
मामी बोलीं- राजा थोड़ा मुझे भी स्वाद चखा दो. मैंने कहा- मामी अपनी गांड में वैसे जोर लगाओ … जैसे सुबह हगने जाती हो.
मामी ने अपनी गांड में जोर लगाया और सारा पानी गांड से मेरे मुँह में निकाल दिया. मैंने उस पानी को मामी के मुँह में डाल दिया और दोनों लोग उस मस्त रस को चाटने लगे.
मामी ने कहा- सच में बहुत मस्त स्वाद है … मुझे और पीना है. मैंने कहा- मामी अभी आपकी चूत से निकालूंगा, तब पी लेना.
अब मैं मामी के मम्मों को पीने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा.
मामी बोलीं- राजा, अपना मोटा लंड डालोगे ना मेरी चूत में कि सुबह तक यही करते रहोगे? मैंने कहा- ठीक है मामी, लो अब लंड की बारी आ गई.
मैंने मामी की दोनों टांगों को उठाकर अपने कंधे में रख लिया और उनकी चूत को अपने लंड से सहलाने लगा.
उनके मुँह से गर्मागर्म सिसकारियां निकलने लगीं.
मामी बोलीं- अब मेरी चूत में लंड डालो ना!
मैंने कहा- मामी कंडोम लगा कर चोदूं … या बिना कंडोम के ही रगड़ दूं? मामी ने कहा- ऐसे ही चोदो राजा … मैंने नसबंदी करवा ली है … कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
मैंने एक ही झटके में उनकी चूत में अपना लम्बा लंड डाल दिया. मामी एकदम से चिल्ला उठीं और बोली- आह मर गई … बहुत दर्द हो रहा है बाहर निकालो अपना लंड. मैंने कहा- मामी, लंड तो अब अपना काम करके ही निकलेगा.
मैं मामी को चोदने लगा और झटके पर झटके देने लगा.
कुछ देर बाद मामी को भी आनन्द आने लगा. वो बोलीं- आह राजा फाड़ डालो आज मेरी चूत को.
मैंने मामी को अपनी भुजाओं में उठाकर टांग दिया और मामी की चूत में लंड अन्दर बाहर करने लगा.
करीब 20 मिनट के बाद मैं बोला- मामी मेरा लंड झड़ने वाला है … लंड का माल चुत में निकालूं या पीना है? मामी बोलीं- अभी चूत में ही छोड़ दो … मेरा भी निकलने वाला है.
मैंने अपने लंड का माल मामी की चूत में निकाल दिया. और लंड को जैसे ही बाहर निकाला, मामी की चूत से भी पानी निकलने लगा.
मैंने सारा पानी मामी की चूत का घी वाले गिलास में ले लिया और अपने मुँह में भरकर मामी के मुँह में भर दिया.
फिर अपना लंड भी मामी के मुँह में डाल दिया. मामी सारा पानी पी गईं और अपने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़कर चूसते हुए बोलीं- मेरे राजा मैं आज तक इस तरह से नहीं चुदी.
मैंने कहा- मामी अभी तो और तरीके से चोदूंगा आपको … अब आपकी प्यारी गांड को चोदूंगा. मामी बोलीं- नहीं राजा, मैं गांड में नहीं लूंगी … तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मेरी तो गांड ही फट जाएगी. मैंने कहा- कुछ नहीं होगा मेरी चुदक्कड़ मामी ले कर तो देखो.
बस ये ही कहकर मैं मामी की चूतड़ों को फैलाकर उनकी गांड को चाटने लगा.
मामी बोलीं- राजा मेरी चूत भी चाटो ना … जब से चोद रहे हो, गांड ही चाट रहे हो. मैंने कहा- मामी, अब तो दस दिन आपकी गांड और चूत चाटना है. अभी आपकी गांड को चोदना है ना … इसीलिए इसे नरम कर रहा हूँ ताकि आपकी गांड में लंड डालूं … तो आपको ज्यादा दर्द ना हो.
मामी बोलीं- जैसे तुम्हारी मर्जी राजा … वैसे चाट लो मगर चोद दो मुझे. मैंने कहा- ओके मामी … आप मेरे लंड पर घी लगाओ. अब आपकी गांड चोदूंगा.
मामी ने मेरे लंड को घी में डुबोकर निकाल लिया और अपने मुँह में मेरा लंड डाल कर चूसने लगीं.
मैंने 5 मिनट तक मामी का मुँह चोदा, फिर उनको डॉगी स्टाइल में झुकाकर कहा- मामी अपने चूतड़ को फैलाओ.
मामी ने अपने चूतड़ फैलाए और मैंने उनकी गांड में घी डाल दिया. फिर उनकी गांड में अपना लंड घुसा दिया. मामी चिल्लाने लगीं- राजा निकाल लो लंड … बहुत दर्द हो रहा है … मैं नहीं ले पाऊंगी गांड में तुम्हारा लंड … प्लीज जान बाहर निकाल लो.
मैंने कहा- मामी अभी तो सिर्फ लंड का सुपारा ही अन्दर गया है … अभी तो पूरा लंड भी नहीं गया. मामी बोलीं- जान पूरा लंड अन्दर जाएगा … तो मैं तो मर ही जाउंगी … आह निकाल लो बाबू लंड बाहर … मेरी गांड फट जाएगी. मैंने कहा- कुछ नहीं होगा मामी … डरो मत.
मैंने अपने लंड पर घी डालता गया और मामी की गांड में लंड घुसाता गया. मैंने कुछ ही देर में मामी की गांड में पूरा लंड घुसा दिया.
इसके बाद मैं मामी को उठा उठा कर आधा घंटे तक उनकी गांड को चोदता रहा. मेरी मामी चिल्लाती रहीं.
अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- मामी लंड का माल कहां निकालूं? मामी बोलीं- जहां मन करे राजा … निकाल दो.
मैंने उनकी गांड से लंड निकाला और उनकी चूत में घुसा दिया. लंड का सारा माल उनकी चूत में भर दिया.
फिर देखा, तो मामी की गांड से अन्दर का माल बाहर निकल आया था. मैंने गांड में घी लगाकर खूब चाटा और फिर अपने लंड को लगाकर फिर से अन्दर घुसा दिया. मैं अपना लंड मामी की गांड में घुसा कर सो गया और मामी भी ऐसे ही नंगी सो गईं.
दोस्तो, ये मेरी फैमिली पोर्न स्टोरी थी, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा. तब तक के लिए बाय दोस्तों.
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