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फ्रेंड सेक्स स्टोरी मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की की है. वो शादी के बाद पहली बार अपने पति से चुदी. लेकिन तृप्त नहीं हुई. मुझे उसकी चुदाई का मौक़ा कैसे मिला.
दोस्तो, मेरा नाम दीपक है. मैं मुम्बई का रहने वाला हूं. पिछले काफी समय से मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. इस साइट की हर कहानी को मैंने पढ़ा है. अब मैंने भी सोचा कि आपको अपनी फ्रेंड सेक्स स्टोरी बताऊं.
ये फ्रेंड सेक्स कहानी मेरे घर के सामने रहने वाली एक लड़की की है. उसका नाम था साक्षी (बदला हुआ). सन् 2015 में उसकी शादी के लिए मेरी मम्मी ने एक अच्छे घर का रिश्ता बताया था।
साक्षी के सभी घर वाले इस रिश्ते से खुश थे लेकिन उसके मन में कुछ और ही था. वो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थी इसलिए उसको ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था.
घरवालों के जोर देने पर उसको ये शादी करनी पड़ी. वो बहुत ही सुन्दर और कमाल के फिगर वाली लड़की थी. कोई भी उसको देखकर पहली बार में ही फिदा हो सकता था.
बिना मेकअप के भी वो अप्सरा लगती थी. उस वक्त वो 20 साल की थी. उसका फिगर 32-28-32 का था. गोल गोल चूची, मस्त शेप वाली गांड किसी को भी उसे चोदने के लिए मजबूर कर सकती थी.
साक्षी मेरे ही कॉलेज में थी इसलिए मुझे उसके बारे में सब पता था. शादी से पहले उसका किसी के साथ कोई चक्कर नहीं था. उसकी चूत अभी तक कुंवारी ही थी. उसकी शादी एकदम धूमधाम से हुई थी. उसका पति देखने में थोड़ा मोटा था.
शादी के दूसरे दिन वो जब आपने घर वापस आई तो इतनी खुश थी कि जैसे उसको उसकी सबसे प्यारी चीज मिल गयी हो. मेरी मम्मी ने जो रिश्ता बताया था वो उसके लिए बहुत अच्छा साबित हुआ.
दो दिन के बाद उसका पति उसे लेने के लिए आया. उसके घर वालों ने हमें और आसपास के सभी लोगों को अपने घर में न्यौता दिया.
वहां पर एक बड़ी सी पार्टी हुई.
काफी पैसे वाले लोग थे. इसलिए साक्षी के घरवाले भी औकात से बाहर जाकर उनकी खातिरदारी करने में लगे हुए थे. फिर वो लोग चले गये मगर जाने से पहले उन्होंने साक्षी के करीबी लोगों को अपने घर आने का न्यौता दिया.
तो हम लोग भी मना नहीं कर पाये और सोचा कि इसी बहाने साक्षी का ससुराल भी देख आयेंगे.
हम लोग उनके वहां पहुंचे तो काफी अच्छा लगा. बहुत बड़ी हवेली थी जिसके चारों ओर गार्डन बना हुआ था.
मैं सोच रहा था कि साक्षी के तो भाग ही खुल गये हैं. बहुत अच्छा परिवार मिला था उनको. हमने पूरा दिन वहां पर बहुत इंजॉय किया. साक्षी की कुछ दोस्त भी वहां गयी हुई थीं.
फिर मेरे घर वाले तो शाम होने से पहले ही निकल गये मगर उसके पति ने मुझे और साक्षी के बाकी दोस्तों को रोक लिया. उनमें कुछ लड़के भी थे.
लड़कियां अंदर ही रहीं और खाना खाकर सो गयीं.
फिर रात में उसके पति ने मुझे और उन दोस्तों को बीयर पार्टी दी. पार्टी काफी देर तक चली और फिर वहीं हम लोग लेट गये. वैसे तो हमारे सोने की व्यवस्था अंदर घर में थी लेकिन नशे के कारण वहीं पर नींद आ गयी थी.
रात को एक बजे के करीब मेरी नींद खुली तो देखा कि वहां पर मैं और दो लड़के ही सो रहे थे. बाकी लोग पता नहीं कब अंदर चले गये.
मुझे पेशाब लगी तो मैंने सोचा कि पेशाब करके मैं भी अंदर जाकर सो जाता हूं.
घर के सभी कमरों की लाइटें बंद थीं मगर केवल एक को छोड़कर. उस कमरे की खिड़की बाहर से भी दिख रही थी. वहीं पर पास में बाथरूम बना हुआ था.
मैं पेशाब करने गया तो अंदर कुछ हलचल सी महसूस हुई. पर्दे लगे हुए थे मगर वो पर्दे थोड़े हल्के थे. अंदर का कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था लेकिन इतना पता चल रहा था कि अंदर कुछ हलचल हो रही है.
आसपास मैंने देखा कि कोई देख तो नहीं रहा और मैं खिड़की के पास चला गया. मैंने कोशिश की तो पाया कि पर्दे के एक तरफ से अंदर का नजारा देखा जा सकता था.
मैंने झांका तो कमरे में चुदाई का खेल चल रहा था. साक्षी अपने पूरे कपड़े निकाल कर जोर जोर से अपने पति के लंड पर कूद रही थी.
उसकी चुदाई देखकर मेरा भी लंड वहीं पर तन गया. इस तरह से लाइव चुदाई मैं पहली बार देख रहा था.
कुछ देर यानि लगभग दो मिनट के बाद उसके पति का पानी साक्षी की चूत में निकल गया और वो चोदता हुआ रुक गया.
फिर साक्षी उसके ऊपर ही लेट गयी.
अब मुझसे रुका न गया और मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारी और पानी निकाला. तब जाकर मुझे थोड़ी शांति हुई।
मगर अभी मेरा मन नहीं भरा था. मैंने सोचा कि ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा.
मैं दोबारा से उनके रूम की खिड़की के बाहर जा खड़ा हुआ. मैंने देखा तो साक्षी बाथरूम से बाहर आ रही थी. दोनों की नयी नयी शादी थी इसलिए शायद चुदाई रात भर चलने वाली थी.
मेरा अंदाजा भी सही निकला. उसका पति अभी नशे में था और वो दोनों एक दूसरे को पकड़ कर किस करने लगे.
साक्षी अपने पति के होंठों को जोश में चूस रही थी. उसकी चूत में भी जैसे आग लगी हुई थी.
होंठों को चूसते चूसते वो दोनों बेड पर जा गिरे. उसके पति ने साक्षी के पूरे बदन को चूसना और चाटना शुरू कर दिया. उनकी चूमा चाटी देखते हुए मुझे पांच सात मिनट हो गये थे और अब मेरा लंड फिर से तनाव में आने लगा था.
फिर वो साक्षी की चूचियों को जोर जोर से भींचने लगा.
मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो गया. मैं वहीं पर लंड निकाल कर सहलाने लगा और मुठ मारने लगा. दोस्तो, सामने जब लाइव चुदाई चल रही हो तो कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है.
चूचियां दबाते हुए उसके पति ने अपनी बीवी की चूत को सहलाना शुरू कर दिया. फिर उसने साक्षी की चूत में उंगली दे दी और साक्षी के मुंह से आह्ह … निकली.
मुझे उनकी सारी बातें तो समझ में नहीं आ रही थीं लेकिन सिसकारियां सुनाई दे जाती थीं. उसकी सिसकारियों के साथ मेरे लंड का तनाव भी बढ़ जाता था और मैं तेजी से मुठ मारने लगता था.
अब उसका पति तेजी से उसकी चूत में उंगली चला रहा था. अब वो अपने पति के होंठों को चूसते हुए अपनी चूत में उसकी उंगली का मजा ले रही थी.
फिर उसने पति को नीचे लिटाया और उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. उसके पति ने आंखें बंद कर लीं और आराम से लेटकर अपना लंड चुसवाने लगा.
मेरा मन भी कर रहा था कि काश साक्षी के पति की जगह अब मैं लेटा होता और वो मेरे भी लंड को ऐसे ही मुंह में लेकर चूस रही होती. साक्षी के लिए मेरे मन में आज से पहले सेक्स के ख्याल नहीं आये थे लेकिन अब मैं उसको एक चुदक्कड़ लड़की के रूप में देख रहा था.
उसके पति का लंड मैंने देखा और मुझे वो बहुत छोटा लगा. मगर साक्षी उसको मजे से चूस रही थी. शायद साक्षी ने इससे पहले चुदाई नहीं करवाई थी इसलिए उसको अपने पति के लंड में ही मजा आ रहा था.
दो मिनट तक वो उसके लंड को चूसती रही. उसके बाद उसका पति उसको नीचे लेटने के लिए कहने लगा. वो अपनी चूत को फैलाकर उसके सामने लेट गयी.
अब उसका पति उसके ऊपर आया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर चोदने लगा. उसकी गांड तेजी से साक्षी की चूत के ऊपर नीचे हो रही थी.
दोस्तो, लाइव चुदाई देखने में जो उत्तेजना होती है वो सेक्स वीडियो देखने में नहीं होती है.
मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित रहा था. मेरे लंड की नसें अब फूल कर फटने वाली थीं. मेरा हाथ तेजी से मेरे लंड को रगड़ रहा था और मेरे लंड में दर्द होने लगा था.
चूंकि मैंने थोड़ी देर पहले ही बाथरूम में मुठ मारी थी तो मेरा वीर्य अभी नहीं निकलने वाला था. मैं उनकी चुदाई के मजे लेते हुए अपने लंड की मुठ मारता जा रहा था. साथ ही ध्यान भी रख रहा था कि कोई मुझे उन दोनों की चुदाई देखते हुए देख न ले.
दो मिनट बाद ही उसके पति की स्पीड कम हो गयी और वो साक्षी के ऊपर ढेर हो गया. मुझे काफी हैरानी हुई। इतनी जल्दी कोई कैसे खाली हो सकता है. इससे पहले भी उसका पति बहुत जल्दी झड़ गया था.
फिर वो दोनों कुछ देर तक लेटे रहे. उसके बाद उसका पति उठकर बाथरूम में चला गया लेकिन साक्षी वहीं पर लेटी रही. जब उसके पति ने बाथरूम में जाकर दरवाजा बंद कर लिया तो साक्षी अपनी चूत को सहलाने लगी.
शायद उसकी चूत की प्यास अभी बुझी नहीं थी. वो अपनी चूत में उंगली डालकर चलाने लगी. उसकी टांगें खिड़की की तरफ ही खुली हुई थीं.
अब मैं कल्पना करने लगा कि मैं उसके कमरे में हूं और वो मेरे सामने चूत खोलकर लेटी हुई है.
मैं तेजी से मुठ मारते हुए उसकी चूत में लंड देने की कल्पना करने लगा. अब मैं साक्षी की चुदाई की कल्पना कर रहा था. इस तरह से मेरा स्खलन अब नजदीक हो गया.
तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए फिर मेरी चरम सीमा आ गयी और मैंने अपने लंड का माल झाड़ दिया. फिर मैंने साक्षी को देखा तो अभी भी उसका हाथ उसकी चूत को सहला रहा था.
कुछ देर के बाद उसका पति बाहर आने लगा तो वो रुक गयी और फिर बाथरूम में चली गयी. वो काफी देर तक वहां अंदर ही रही.
मैंने सोचा कि जरूर वो अपनी चूत में अंदर उंगली कर रही होगी.
फिर वो भी बाहर आ गयी. उसने एक नाइटी पहन ली.
उसका पति चादर ओढ़कर सो गया था. साक्षी ने लाइट बुझा दी और अंदर अंधेरा हो गया. मैं भी फिर वहां से आ गया.
अब मेरे मन में एक ही बात घूम रही थी कि साक्षी प्यासी है और मुझे इस बात का फायदा उठाना चाहिए.
अगली सुबह हम लोग वहां से वापस आ गये.
मैं साक्षी के आने का इंतजार करने लगा.
एक हफ्ते के बाद वो घर आयी. चूंकि उसका हमारे घर भी आना जाना था तो मैं सही मौके की तलाश करने लगा.
एक दिन मेरे घरवाले मार्केट में गये थे. मार्केट काफी दूर थी और वो लोग शाम तक आने वाले थे. मैंने साक्षी को बहाने से अपने घर बुला लिया. उसने एक टीशर्ट और लोअर पहनी हुई थी.
कुछ देर मैं उससे कॉलेज की पुरानी बातें करता रहा. फिर उसकी शादी के बारे में बातें करने लगा. मैंने कहा- साक्षी मैं एक बात तुमसे कहना चाहता हूं. तुम मुझे गलत मत समझना.
वो बोली- हां कहो. मैंने कहा- उस दिन जब तुमने हमें दावत दी थी तो गलती से मैं तुम्हारे रूम के वहां से गुजर रहा था और मैंने तुम दोनों को रात में मजा करते हुए देख लिया था.
ये सुनकर वो अचंभित हो गयी लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसको सॉरी कह दिया. वो गुस्सा होने वाली थी लेकिन फिर हंसने लगी. फिर हम दोनों ही हंसने लगे.
वो बोली- तो क्या क्या देखा तूने? मैंने कहा- सब देख लिया. सारा काम होने के बाद तेरी जो प्यास रह गयी थी वो भी देख ली. फिर ये सुनकर वो उदास हो गयी.
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और सहलाते हुए बोला- मैं तेरी प्रॉब्लम समझ सकता हूं. हम दोनों अच्छे दोस्त हैं. तू मुझे बता सकती है. उसका हाथ मैं प्यार से सहला रहा था.
फिर धीरे से मैंने उसका हाथ अपनी जांघों के बीच में अपने लंड पर रख दिया.
उसने हैरानी से मेरी ओर देखा तो मैं बोला- मैं भी तुझे बहुत चाहता हूं. मैं जानता हूं कि तू अपने पति के साथ खुश नहीं है. मगर मैं तुझे खुश देखना चाहता हूं. वो बोली- ये गलत नहीं होगा? मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है. तुझे भी तो खुश रहने का अधिकार है.
वो मेरी तरफ प्यार भरी नजर से देखने लगी और हम दोनों के होंठ मिल गये.
अब दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे. उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लंड का अहसास किया वो हैरानी से बोली- तेरा तो बहुत बड़ा है.
मैंने कहा- मेरा भी नॉर्मल ही है मगर तेरे पति का नॉर्मल से बहुत कम है इसलिए तुझे मेरा बड़ा लग रहा है. फिर वो मुझे जोर जोर से किस करने लगी और हम दोनों दो मिनट के अंदर नंगे हो गये.
उठकर मैंने रूम को अंदर से बंद किया और उसकी चूत को फैलाकर चाटने लगा.
जल्दी ही वो चुदाई के लिए मचल उठी. मैंने उसके मुंह में लंड दिया तो उसने चूसने से एक बार भी मना नहीं किया.
कुछ देर मैंने उसके मुंह में लंड चुसवाया और अब मैं चुदाई के लिए उतावला था. उसकी चिकनी चूत को अब चोदने की बारी थी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और रस के कारण उसकी चूत पूरी चमकने लगी थी.
मैं फिर से उसकी गीली रसीली चूत को चाटने लगा और वो अपनी टांगों को खुद ही फैलाने लगी. अब उसको मेरे लंड का इंतजार था. मैंने भी अपने हथियार को उसकी चूत पर लगाया और ऊपर नीचे रगड़ने लगा.
फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाला तो उसको दर्द होने लगा. उसने अभी तक इतना मोटा लंड नहीं लिया था.
मैंने उसको सहलाया और उसके दर्द को कम किया. उसके बाद मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे लंड घुसाना शुरू किया.
बहुत मुश्किल से उसने मेरा लंड अपनी चूत में लिया. फिर मैं उसको चोदने लगा. धीरे धीरे उसको मेरे मोटे लंड से चुदने में मजा आने लगा और अब वो पूरे लंड को आराम से अपनी चूत में ले रही थी.
उसको मजा आने लगा तो मैंने भी रफ्तार पकड़ ली. वो अब आह … आह … की आवाज के साथ चुदाई करवा रही थी. उसकी चूचियां भी मेरे धक्कों के साथ ही कूद रही थीं.
पोर्न मूवी देख देखकर मैंने चुदाई के कई आसन सीख लिये थे. मैं चाहता था कि आज साक्षी को चुदाई की पूरी संतुष्टि मिले.
कुछ देर एक पोजीशन में चोदने के बाद मैंने दूसरा आसन लिया. मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और फिर पूरी ताकत से उसकी चूत मारने लगा. इस पोजीशन में उसको और ज्यादा मजा आने लगा. उसके मुंह से और तेज तेज सिसकारियां निकलने लगीं.
कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा.
अब मैं उसकी चूचियों को पकड़ कर चोद रहा था. वो भी अपनी गांड के धक्के पीछे की ओर चला रही थी.
इस तरह से कई मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की और फिर मेरा माल भी निकलने को हो गया. साक्षी इस बीच पहले ही झड़ चुकी थी.
उसकी चूत में धक्के देते हुए मैंने कहा- मेरा होने वाला है, अंदर छोड़ दूं क्या? वो बोली- नहीं, तू पागल मत बन. अंदर नहीं गिराना है. मैंने कहा- ठीक है, तो फिर कहां निकालूं? वो बोली- मेरे मुंह में निकाल दे.
फिर मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाल लिया. मैंने एक कपड़े से लंड को साफ किया और फिर उसके मुंह में दे दिया. अब मैं उसके मुंह में लंड के धक्के देने लगा.
साक्षी भी मेरे लंड को मस्ती में आकर चूसने लगी. वो रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी जैसे कि पोर्न फिल्म की चुदक्कड़ हिरोइन चूसती है. मैंने देखा था कि वो उसके पति का लंड भी वैसे ही चूसती थी.
फिर मैं उसके मुंह में धक्के देते हुए झड़ गया. मुझे संतुष्टि मिल गयी. साक्षी की चूत अब सूजी हुई सी लग रही थी लेकिन वो बहुत खुश लग रही थी.
वो बोली- सच में यार, मेरा पति तो कुछ भी नहीं करता. चुदाई का असली मजा तो तेरे साथ आया है मुझे! उसके बाद वो जाने लगी और बोली- अब तूने जो ये मजा दिया है वो मुझे बार बार चाहिए।
मैंने कहा- ठीक है, जब भी तेरे पास मौका हो तो बता देना. उसके बाद वो चली गयी.
फिर वो एक हफ्ते तक अपने घर रही और इस बीच मैंने उसकी चूत उसके घर में ही दो बार चोदी.
जब उसका पति उसको लेने आया तो उसने मुझे उम्मीद भरी नजर से देखा. वो जाने से पहले मुझसे कहकर गयी थी कि मैं उसके ससुराल में आकर उसकी चुदाई करूं.
उसके बाद साक्षी अपने ससुराल चली गयी. वहां जाकर वो अपनी चुदाई की वीडियो मुझे दिखाती थी.
जब वो पति के साथ चुदाई करती थी तो अपने फोन को वीडियो कॉल पर रखती थी और मैं उन दोनों की लाइव चुदाई देखकर मुठ मारता था.
मैंने साक्षी की चुदाई के बहुत मजे लिये. अब मैं बस मौके की तलाश में था कि कब उसके पति के घर में उसकी चुदाई के लिए वो मुझे बुलायेगी. एक दिन फिर उसने मुझे बुलाया भी।
वहां पर जाकर कैसे मैंने उसकी चुदाई की वो मैं आपको अपनी स्टोरी के अगले अंक में बताऊंगा. आप तब तक अन्तर्वासना की गर्म चुदाई की कहानियों का मजा लीजिए. मेरी फ्रेंड सेक्स स्टोरी पर अपने सुझाव और राय के लिए मुझे नीचे दी गई ईमेल पर संपर्क करें. [email protected]
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