मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-16

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शायद जावेद चचा जोश में आ गये, या उन्होंने क्या किया कि सलोनी इतनी ज़ोर से सिसकार उठी… कहीं अन्दर डाल कर तो मजा नहीं लेने लगे थे?

अब जावेद चचा से क्या फ़र्क पड़ना था, उन चेले भी तो चोद ही चुके थे सलोनी को, अगर चचा भी चोद लेंगे तो कोई फ़र्क पड़ता।

मुझे तो सलोनी की पहली चुदाई की गाथा सुनने में रुचि थी कि कैसे उस के अंकल ने कमसिन सलोनी को गर्म किया होगा और फ़िर कैसे चुदाई शुरू की होगी।

सलोनी के मुख से निकले एक एक शब्द के लिए मुझे इन्तजार था… और मुझे ही क्या ये साले तीनों भी पूरे मज़े से सुन रहे थे। फ़र्क इतना था कि मेरे हाथ में मेरा ही लंड था जबकि वे तीनों असल में मेरी सलोनी के कोमल अंगों का रसास्वादन और मंथन सब कर रहे थे।

और उनके लंडों को सलोनी के नर्म गर्म हाथ सहला रहे थे। जब कि चचा का लंड तो सलोनी की चिकनी चूत पर ही था।

सलोनी आगे बोली- अंकल के हाथ मुझे अजीब सा मज़ा दे रहे थे और मैं चाह कर भी उन्हें रोक नहीं पा रही थी… उनका सहलाने का अंदाज भी बहुत उत्तेजक था, वे हल्के हाथ से स्तन की पूरी गोलाई पर घुमाते थे, फिर अपनी उंगली से मेरे चूचुक को भी छेड़ते थे।

और बीच बीच में तो मेरी चूची की पूरी गोलाई को अपनी मुट्ठी में लेकर मसलते थे जिससे मेरे होंठों से सीत्कार निकल जाती थी। मेरी चूची की पूरी गोलाई उनकी बड़ी हथेली में पूरी की पूरी समा जाती थी। मेरे स्तन उस वक्त ज्यादा बड़े भी नहीं थे पर सख्त बहुत थे जिन्हें वे अच्छी तरह से मसल रहे थे।

तब अंकल के हाथ नीचे सरकने शुरू हुये, पेट से होते हुये नाभि तक पहुँचे और थोड़ी देर उन्होंने मेरी नाभि को सहलाया। पता नहीं क्यों ऐसा किया उन्होंने?

अब मुझे डर लग रहा था कि अंकल मेरी गीली चूत न देख लें… पता नहीं क्या सोचें? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

पर यह तो मैं भी चाह रही थी कि जल्दी से जल्दी उन का हाथ मेरी नंगी चूत तक पहुँचे!

और अंकल कमर के उस हिस्से पर आ गये जहाँ पैन्टी कि एलास्टिक होती है। पता नहीं नाईटी उन्होंने अपने हाथ से नीचे की थी या खुद ही हो गई थी।

और वे मेरा पेट सहलाते हुए फिर से वही बात बोलने लगे- देख, तूने ये क्या कर लिया, अभी से यहाँ निशान बनने लगे। तू तो अभी से अपने बदन को ख़राब कर लेगी! फिर मॉडर्न फैशनेबल कपड़े कैसे पहनेगी?

मैंने कहा भी- अंकल, मैं तो अब भी पहनती हूँ..

पर उन्होंने मुझे चुप कर दिया- यह कोई फैशन है जो तुम पहनती हो? देखा नहीं क्या इन शहरी लड़कियों को? वे जितने छोटे छोटे कपड़े पहनती हैं, उतनी ही सेक्सी लगती हैं। तुम्हें तो सोचना पड़े करेगा कि क्या पहनूँ ..जिससे ये निशान ना दिखें!

तू खुद सोच… अगर तू लो वेस्ट जीन्स या शॉर्ट्स पहनेगी तो क्या ये निशान दिखेंगे? जरूर दिखेंगे! और अगर अन्दर पैन्टी भी पहनेगी तो वो भी सबको दिखेगी। जबकि मॉडर्न लड़कियाँ तो पैन्टी पहनती ही नहीं हैं।

मुझे उनकी बातों से शर्म आने लगी थी पर मजा भी आ रहा था, अंकल के हाथ चल रहे थे… और साथ साथ गर्मागर्म सेक्सी बातें भी! मैंने उनसे पूछा- पर अंकल, आप को कैसे पता कि लड़कियाँ आजकल पैन्टी नहीं पहनती?

उन्होंने एकदम से बता भी दिया- मैं जब भी पार्क या कहीं देखता हूँ तो… जब वो झुकती हैं तो जीन्स उनके आधे चूतड़ों तक आ जाती है तो सबको पता चल जाता है कि उन्होंने पैन्टी नहीं पहनी हुई।

मैंने अंकल को खुली छूट दे दी- अंकल आप ही मेरे ये सभी निशान साफ़ करेंगे… और अब से मैं भी पैन्टी कम से कम पहनूँगी… जब बहुत जरुरी होगी तभी!

अंकल ने मेरे कमर के उस हिस्से पर भी तेल लगा कर मलने लगे, उनकी उंगलियाँ अब मेरी नाईटी को छूने लगी, मुझे लगा कि उनके तेल वाले हाथों से मेरी नई नाईटी… गंदी हो जायेगी तो मैंने कहा- अंकल, मेरी नाईटी खराब ना हो, ध्यान रखना।

अब तो अंकल को मौका मिल गया, वे बोले- अर्र… अभी तो सब जगह तेल लगा कर मालिश करनी है! निशान तो नीचे तेरी जांघों पर भी होंगे, पैन्टी की एलास्टिक तो सब जगह निशान बना देती है।

ऐसा कर… तू नाईटी ही उतार दे जिससे मैं आराम से तेरे बदन के सारे निशान देख कर ठीक कर सकूँ। मैं लाईट भी जला लेता हूँ इससे निशान अच्छी तरह से दिख जाएँगे।

मैंने तुरन्त अंकल को रोका- नहीं अंकल, प्लीज़ अंकल… लाईट नहीं… ऐसे ही कर दीजिए!

वैसे देखा जाये तो उन्होंने काफी कुछ देख ही लिया था, इतना अंधेरा भी नहीं था। तो भी मुझे तेज रोशनी में शर्म आती। मैंने उनको इशारा भी कर दिया था कि ऐसे ही जो करना है कर लीजिए!

पर अंकल पता नहीं क्यों मेरी नाईटी मुझसे ही उतरवाना चाहते थे, उन्होंने कहा- मेरे हाथों में तो तेल लगा है, तेल से तेरे कपड़े ख़राब हो जाएँगे। ऐसा कर, तू खुद जल्दी से नाईटी उतार दे तो मैं तेरे सभी निशानों पर तेल लगा देता हूँ।

मैं सोचने लगी कि अब मैं क्या करूँ?

देखा जाए तो अब मेरे बदन का कोई भी अंग ढका नहीं था, मेरी ब्रा, पैन्टी वे उतार ही चुके थे, मेरी नाईटी ऊपर से पूरी नीचे कमर से भी काफी नीचे थी। और नाईटी का निचला हिस्सा भी जांघों तक सिमटा हुआ था।

मैं कोई फ़ैसला ही नहीं कर पा रही थी कि नाइटी को पूरी उतार दूँ या नहीं! तभी!

कहानी जारी रहेगी।

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