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मेरी रात की फ्लाइट कैंसल हो गयी तो मुझे मजबूरन होटल में रुकना पड़ा. मैंने अपनी भड़ास सेक्स के जरिये निकालनी चाही. होटल के जवान लड़को फंसाया मैंने!
सभी दोस्तों को नमस्कार! मेरे प्यारे रीडर्स! इंडियन सेक्स स्टोरीज पर आपका स्वागत करती हूं. मैं आपकी सिमरन एक बार फिर से अपने एक और बीडीएसएम सेक्स रोमांच के साथ आ गयी हूं. मेरी पिछली कहानी थी: शहरी लड़की की देहाती लड़कों से चुदवाने की ख्वाहिश
मैं जानती हूं कि काफी लम्बे समय से मैंने आपके लौड़ों को खड़ा नहीं किया है लेकिन वो सूखे का दौर अब खत्म हो गया है. पिछले कुछ महीनों में मेरे साथ बहुत सी सेक्स घटनाएं हुईं जो मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं.
ये घटना जो मैं अभी बताने जा रही हूं ये बिल्कुल ताजी है और हाल ही में हुई थी. इसलिए अपने लंडों को बाहर निकाल लो और मजा लो।
पिछले हफ्ते ही मेरी दिल्ली की रिटर्न फ्लाइट कैंसिल हो गयी थी.
वहां के एक पुरूष टिकट ऑफिसर ने फिर मुझे एक सलाह दी. वो बोला- आप एक रात यहीं गुजार लो और अगली सुबह दूसरी फ्लाइट से चले जाना.
मैं बोली- लग रहा है जैसे आप मुझे कोई ऑर्डर दे रहे हो. एक तो मेरी फ्लाइट कैंसल हो गयी है और आप मुझे ये सब सलाह दे रहे हो?
इस दौरान वो हरामी मेरी क्लीवेज और मेरी जांघों की सुडौल शेप देख रहा था. मेरी लैगिंग में मेरी जांघें साफ उभरी हुई थीं.
मुझे पता था कि वो कह रहा था कि एक रात उसके लंड पर बिता लूं मैं! मगर मैंने उसके इस वाहियात ऑफर का कोई जवाब नहीं दिया तो उसने अपनी कुर्सी दूसरी तरफ घुमा ली.
फिर मैं गुस्से में उस एयरपोर्ट से बाहर निकल आयी. मेरा दिमाग बहुत खराब हो गया था क्योंकि उस ऑफिसर ने मुझे रंडी सोच लिया था.
बाहर आकर मैंने एक कैब ड्राइवर से बात की (उसको अपने मोटे बूब्स की क्लीवेज झुककर दिखाई). उसकी लार गिरने लगी और उसने फ्री में ही मुझे एक तीन सितारा होटल में लाकर छोड़ दिया.
रूम में आने के बाद मैंने दरवाजे को जोर से पटका और अपने लग्गेज बैग को इस तरह से लात मारी जैसे कि वो बैग नहीं बल्कि उस टिकट ऑफिसर के टट्टे हों.
फिर मैं शीशे के सामने खड़ी हो गयी और अपनी मस्त सेक्सी फिगर को देखने लगी ताकि मेरा ध्यान गुस्से से हटकर दूसरी जगह लगे और मैं थोड़ी शांत हो जाऊं.
एयरपोर्ट पर हुई बदतमीजी मेरे अंदर की खूंखार औरत को बाहर आने पर मजबूर कर रही थी.
फिर मैंने शॉवर लेने का सोचा जिसके बाद अक्सर मैं किसी भी लड़के के साथ सेक्स के लिए उतावली हो जाती थी. उसको बांध कर उसके जिस्म का मजा लेने की सोचती थी.
मैंने अपने बैग से एक फ्रेश ब्रा-पैंटी, एक टीशर्ट, कॉटन के शॉर्टस् निकाले और उनको सही से बेड पर रख दिया. फिर जो कपड़े मैंने पहने हुए थे वो मैंने उतार डाले और बैग के पास में फर्श पर डाल दिये.
फिर मैं बाथरूम की ओर जा ही रही थी कि दरवाजे पर खटखटाने की आवाज हुई.
बिना अपने बदन को ढकने की परवाह किये मैंने दरवाजे को इतना खोल दिया कि ताकि मुझे दिख सके कि बाहर कौन खड़ा है.
उधर से- गुड आफ्टरनून मैम। रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि आपने कुछ देर पहले ही चेक-इन किया है. क्या आप डिनर के लिए कुछ ऑर्डर करना चाहेंगी?
सामने होटल स्टाफ का एक जवान लड़का खड़ा हुआ था. उसकी आंखें अंदर झांकने की कोशिश कर रही थीं और देखना चाहती थीं कि आखिर मैंने अंदर क्या छुपाया हुआ है.
मैंने उसकी स्लिम बॉडी को देखा और सोचा कि सेक्स का खेल करने के लिए इससे अच्छा शिकार और कौन मिलेगा? ये मेरा खूब मनोरंजन करेगा.
फिर मैं बोली- हां … हां … जरूर! अभी मैं शॉवर लूंगी. तुम दरवाजा खोलने का इंतजार मत करना. आराम से अंदर आकर खाना रख देना.
मैं पेट से भी भूखी थी और तन से भी. मगर पहले मैं अपनी सेक्स की भूख को शांत करना चाहती थी.
दरवाजा बंद करने के बाद मैं दूसरी तरफ खड़ी हो गयी. मैंने अपनी चूत को सहलाना और थपथपाना शुरू कर दिया ताकि ये गर्म होकर अपने उग्र अवतार में आ जाये और लंड को खाने के लिए मचल उठे.
मैं अंदर दरवाजे के पीछे छुपकर खड़ी थी.
जल्दी ही वो जवान लड़का ट्रॉली के साथ दरवाजे को धकेलता हुआ अंदर दाखिल हुआ. मैं उसको चुपके से देख रही थी.
उसने मेरे बैग के पास पड़े मेरे पहने हुए कपड़ों को देखा जो मैंने फर्श पर फेंक रखे थे. बाथरूम की ओर देखते हुए वो अपना सिर खुजलाने लगा.
फिर उसने चुपके से मेरी पैंटी उठाई और सहजता से उसे अपनी पैंट की जेब में ठूंस लिया. उसका मुंह विपरीत दिशा में था.
मैं कुछ और तरीका सोच रही थी लेकिन ये भी काफी उत्तेजित करने वाला था.
फिर मैंने दरवाजा हल्के से बंद किया और उसने पलट कर मुझे देखा.
उसकी तरफ मैंने शरारती मुस्कान के साथ देखा तो उसने एकदम से दूसरी तरफ मुंह फेर लिया जैसे कि उसने कुछ न देखा हो.
वो बोला- सॉरी मैम! अंदर आने से पहले मुझे दरवाजा नॉक कर लेना चाहिए था. मुझे माफ कर दीजिये प्लीज! वह गिड़गिड़ाने लगा.
मैं- माफ कर दूं? किसलिए? मेरी पैंटी चुराने के लिए या मुझे नंगी हालत में देखने के लिए?? कहते हुए मैं उसकी तरफ मस्तानी चाल से चलकर गयी.
हड़बड़ाहट में उसने जेब से मेरी पैंटी निकाली और उसको एकदम से फर्श पर फेंक दिया. मैं चिल्लाई- उठा उसे रंडी की औलाद! अपने कांपते हाथों से उसने फिर वो पैंटी उठाई.
मैं बोली- अगर तूने वो नहीं किया जो मैं तुमसे कह रही हूं तो तुम फिर सच में मुसीबत में पड़ जाओगे. कहते हुए मैं उसके चेहरे के एकदम पास आ गयी और उसकी आंखों में आंखें डालकर देखने लगी.
उसने अपनी गर्दन हिलाते हुए हामी भरी और उसकी सांसें बहुत तेजी से चलने लगीं.
तभी मैंने उसकी पैंट पर हाथ मारा और उसकी पैंट की चेन खोलकर अपना हाथ उसकी पैंट की जिप में दे दिया. मैंने हाथ में उसके लंड और अंडकोष को भर लिया.
उसका लंड हल्के तनाव में था लेकिन आंड बिल्कुल ठंडे लग रहे थे. मैंने जोर से उसके लंड को पकड़ लिया और मुझे महसूस हुआ कि उसके लंड में अब तनाव बढ़ता जा रहा है.
अब वो डर तो रहा था लेकिन लंड एक सेक्सी लेडी के हाथ में जाने पर उसके मुंह से एक उन्माद भरी आह्ह भी निकल गयी थी जो बता रही थी कि उसे कितना आनंद मिल रहा है.
मैंने उसकी गोटियों को भींच दिया और कहा कि उसे ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है. मैं बोली- ये तेरी सजा है, साले सूअर। तू एक हल्का छोटा मर्द है जिसको सेक्स के लिए मेरी मदद की जरूरत पड़ेगी. अब मेरे पैरों पर खड़े हो जाओ और मेरी गांड को अच्छे से पकड़ लो ताकि तुम खड़े रह सको।
वो स्टाफ बॉय मुझसे हल्का सा लंबा था. मैं उसे अपने आदेशों को मानते देखकर बहुत मजा लूट रही थी.
जब उसने मेरी गांड की दोनों पहाड़ियों को अपनी ठंडी हथेलियों में पकड़ा तो मेरी चूत के होंठ हल्के से खुल गये. मुझे मजा आया.
मेरे मुंह से एक कोमल सी सिसकारी निकली और मेरी गर्म सांसें उसकी सांसों के साथ अदला बदली हो गयीं. अब इस बिंदू पर उसका लंड काफी सख्त और गर्म हो गया था जो मेरी चूत को भेदने के लिए लगभग पूरा तैयार था.
मैंने कहा- कैसा महसूस हो रहा है कमजोर पिल्ले? वो बोला- जैसा कि आपने कहा मैम! बहुत कमजोर महसूस कर रहा हूं. मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूं कि आप मुझे बेड पर ले चलो. मेरे अंदर हिम्मत नहीं है कि मैं अपने लंड और गोटियों को आपके हाथ की कैद से छुड़ा सकूं. आपकी गांड को छूकर बहुत गर्म महसूस कर रहा हूं मैं. रुका नहीं जा रहा.
इतना बोलकर उसने मेरी गांड को और जोर से भींच लिया. वो मेरे खेल को समझ चुका था. वो अब डर नहीं रहा था और अपनी उत्तेजना भी नहीं दिखा रहा था. अब वो जान गया था कि मेरे चंगुल से छूटने का एक मात्र रास्ता उसके पास यही है कि वो मुझे खुश कर दे.
मैं उसके हल्के स्लिम शरीर को धकेलते हुए बेड के पास ले गयी और उसे खड़ा रखा. मैं अपनी बांहें पीछे फैलाकर सहारा लेते हुए नीचे बैठ गयी. फिर मैंने उसको उसके सारे कपड़े उतारने के लिए कहा और उससे कहा कि वो मेरी पैंटी पहन ले.
उसने शर्म से अपनी गर्दन झुका ली और तभी मैंने उसकी गोटियों को पकड़ कर खींच दिया. उसको तेज मीठा दर्द हुआ. मैं बोला- क्या मसला है पिद्दू आदमी? मैंने सोचा कि कम से कम तुम ये हल्का दर्द तो सहन कर ही लोगे. आखिर मेरी पैंटी को चुराने की काफी हिम्मत है तुम्हारी इन गोटियों में।
फिर मैं खड़ी हो गयी और अपनी टांगों को फैला लिया. मैंने उसको फर्श पर जांघों के सहारे से बैठने के लिए कहा.
मैं बोली- अब मैं चाहती हूं कि तुम मेरी गीली हो चुकी चूत को चाटो और मुझसे अपने लंड को शांत करवाने की भीख मांगो. मुझे उम्मीद है कि तुम समझ रहे होगे कि मैं कैसे करना चाहती हूं.
इससे ज्यादा आज्ञाकारी सेक्स स्लेव की मैंने उम्मीद भी नहीं की थी. वो जानता था कि इतनी हाइ क्लास चूत उसको अपनी जिन्दगी में कभी नसीब नहीं होगी इसलिए उसने अपना सारा हुनर लगा दिया मेरी चूत को खुश करने के लिए।
उसने मेरी चूत में जीभ डाली और प्यार से ऊपर नीचे करते हुए मेरी चूत में चलाने लगा. उसकी जीभ ने मेरी चूत से रिस रहे चिपचिपे पदार्थ को चाटकर साफ कर दिया.
मेरी चूत को चाटते हुए वो मेरे चेहरे को देखने लगा. मैं भी उसके चेहरे को देखने लगी और हमारी नजरों के बीच में मेरे तने हुए चूचे आ रहे थे. चूचों के नीचे से वो मुझे देखता हुआ मेरी चूत को चाट रहा था.
मैंने उसके आंडों पर हल्की लात मार दी ताकि उसको अपनी बात याद रहे. उसने वही किया और बोला- मैम, प्लीज मेरे लंड के तनाव का कुछ इलाज कर दो. मैं सेक्स के लिए मरा जा रहा हूं. आपकी चूत के रस ने मेरी वासना को भड़का दिया है. जितना मैं इसे चाटता हूं ये उतना ही और रस छोड़ देती है. प्लीज मेरे लंड का कंट्रोल आप ले लो.
मैं बोली- ठीक है, चूतिये। अब बेड पर आ जा और अपने हाथ और पैर फैलाकर लेट जा. उसने वैसा ही किया. उसकी गोटियां मेरे सामने बेड पर बिछी हुई थीं. मैं बेड पर जाकर खड़ी हो गयी और पंजे से उसकी गोलियों को दबा लिया.
पहले तो उसे दर्द हुआ लेकिन बाद में उसको मजा आने लगा. उसकी गोटियां मेरे पंजे और बिस्तर के गद्दे के बीच में थीं. फिर मैंने उसके मुंह पर थूक दिया.
मैं बोली- साले कायर लंड, तुझे मेरी चूत का रस इसलिए मिला क्योंकि मैंने तुझे ऐसा करने दिया. तू मुझे नहीं चोद रहा है बल्कि मैं तुझे चोद रही हूं. और हां … जब तेरे इस लंड से पानी निकले तो मुझे बताना मत भूलना … समझा?
स्टाफ ब्वॉय ने सिर हिलाया और मैं एक बार फिर से उसके मुंह पर थूका. मैं बोली- अगर तुमने मुझे टच किया तो मैं तेरी गोटियों पर तभी एक लात मारूंगी. इस सेक्स में मुझे तेरी शक्ल देखे बिना ही इंजॉय करना है.
फिर मैंने उसके लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर सेट करते हुए उस पर बैठ गयी. मैं उसकी टांगों की ओर मुंह करके बैठी थी और इस बात का ध्यान रख रही थी कि उसकी बॉडी का बाकी हिस्सा मेरे बदन से टच न हो ताकि उसको ज्यादा उत्तेजना न चढ़ पाये.
शुरू में तो मैंने धीरे धीरे उसके लंड पर अपनी बड़ी सी गांड को ऊपर नीचे करना शुरू किया और देखा कि कहीं मेरी गांड उसके शरीर पर टच न हो. मगर उसने अपने हाथ वहीं जमाये रखे और केवल मेरी गांड को ही देखता रहा.
मैं अब चुदते हुए सिसकारने लगी. उसका लंड मेरी चिकनी चूत में अंदर जा चुका था.
फिर मैं उसके लंड पर तेजी से उछलने लगी. मेरी चूत अब पच पच की आवाज करने लगी थी और मुझे इससे बहुत ज्यादा उत्तेजना होने लगी थी.
अंत में जब उससे रहा गया तो उसने मुझे अपने हाथों से पकड़ कर पीछे की ओर खींच लिया और मेरी चूचियों को जोर जोर से भींचते हुए मेरी चूत में नीचे से धक्के लगाने लगा.
मैंने भी अपना खेल बंद कर दिया और चुदवाने का मजा लेने लगी. फिर उसने मेरी गांड को मेरी जांघों के पास से पकड़ लिया और मेरी चूत में लंड को तेजी से ठोकने लगा. अब मुझे उसके अंदर अलग ही ऊर्जा महसूस हो रही थी.
मैं सिसकारने लगी- आह्ह … आह्ह … जोर से … चोदो मेरी चूत … आह्ह … मेरी पुस्सी … आह्ह … चोद डाल साले ठरकी लड़के … जोर से चोद ले!
उसने मेरे चूतडों पर एक जोर का चमाट मारा और बोला- मैं आने वाला हूं. फिर एकदम से उसने मेरी चूत से लंड निकाला और फर्श पर आ गया. उसने मुझे भी खींचा और मेरे मुंह में लंड दे दिया.
वो मेरे सिर को पकड़ कर मेरे मुंह को चोदने लगा. मैं भी उसके लंड को तेजी से चूसने लगी और उसका माल मेरे मुंह में गिरने लगा. उसका गर्म गर्म माल मेरे मुंह में मुझे पता चल रहा था.
फिर मैं तेजी से सांसें भरते हुए फर्श पर लेट गयी और मैंने उसके माल को अपने चूचों पर थूक कर फैला दिया. वो भी हाँफते हुए बेड पर बैठ गया.
हम दोनों ने एक दूसरे की ओर देखा और एक दूसरे की संतुष्टि को मुस्कान के जरिये जाहिर किया.
मेरे कमरे में से निकलने से पहले वो बोला- रिसेप्निश्ट ने मुझे कुछ नहीं बोला था. मैं तुम्हारी सेक्सी फिगर देखकर ही खिंचा चला आया था. मैं उसकी ओर देखती रह गयी.
अगले दिन वो मुझे जाते टाइम लिफ्ट में मिला. वो अपने एक और स्टाफ दोस्त के साथ था.
मैं से लिफ्ट ग्राऊंड फ्लोर पर पहुंची और लिफ्ट से बाहर निकलने से पहले मैंने उसके टट्टों को पैंट के ऊपर से पकड़ कर जोर से भींचा और उसको गुडबाय कहा.
तो दोस्तो, आपको इस स्टोरी में कैसा मजा आया? इस बीडीएसएम सेक्स घटना को मैंने तो बहुत इंजॉय किया था. क्या आपने भी किया? अगर हां तो मुझे आप वॉइस कॉल पर बता सकते हैं और गर्म सेक्स चैट का मजा ले सकते हैं.
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