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मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं इसमें प्रकाशित हर कहानी को पढ़ता हूँ और इन कहानियों को पढ़ते हुए मैंने सोचा क्यों न आज मैं भी अपनी कहानी यहाँ लिख भेजूँ ताकि आपको भी मजा आए।
कहानी लिखने से पहले मैं आपको अपने बारे में आपको बता दूँ, मेरा नाम मोनू (नाम बदला हुआ) है। अभी मेरी आयु 25 साल है.. और कुंवारा हूँ। लम्बाई 5 फुट 8 इंच और बदन औसत है। मैं सीधा-सादा सा इंसान हूँ, एक प्राइवेट कम्पनी मैं जॉब करता हूँ और जयपुर में रहता हूँ। मेरा लण्ड अच्छा खासा लम्बा और मोटा है.. जो किसी भी लड़की और भाभी या आंटी को मज़ा दे कर.. उनकी चीख निकलवा सकता है।
मैं एक सन्डे को घूमने गौरव टावर जा रहा था.. तो रास्ते में मोबाइल पर फ़ोन आ गया और मैं अपनी गाड़ी साइड में रोक कर बात करने लग गया।
बात करते हुए सामने देखा तो एक लड़की खड़ी थी। मैं बात करने में ध्यान न देकऱ उसको देखने लग गया और जल्दी से फ़ोन को बंद कर दिया। उधर लड़की भी मुझे देखने लग गई..
मैंने सोचा हो सकता है शायद आज चोदने को माल मिल जाए, मैं उसको आशा भरी निगाहों से देखता रहा.. शायद उसको भी पता चल गया था कि मैं उसको देख रहा हूँ।
वो खड़ी रही और अचानक मेरे पास आकर उसने कहा- क्या मुझे आप गौरव टावर छोड़ देंगे?
मैंने मन ही मन सोचा कि क्या किस्मत है यार.. मैंने उसको गाड़ी पर बिठा लिया, रास्ते में बात करने लग गया.. तो उसने अपना नाम दीपिका बताया।
मैंने पूछा- आप गौरव टावर क्या लेने जा रही हो? तो उसने बताया कि उसकी फ्रेंड को खरीददारी करवानी है.. इसलिए वो आई है।
मैंने उसको वहाँ पर छोड़ दिया और उसका मोबाइल नंबर ले लिया। फिर रात को मैंने उसको फ़ोन किया तो उसने पूछा- कौन? मैंने बताया- यार दिन में मिले थे ना..
फिर क्या था हमारी बातें होने लग गई और पता ही नहीं चला कि कब एक-दूसरे से घंटों फ़ोन पर बात करने लग गए।
एक दिन रविवार को मैंने उसको मिलने बुलाया और कहा कि फ़िल्म देखने चलते हैं।
वो मान गई और उस दिन क्या बन कर आई थी यार.. बता नहीं सकता। मैं उसका साइज़ बताना चाह रहा हूँ, उसका साइज़ 32-26-32 का था और वो एकदम कच्चा माल थी।
मैं उसको लेकर सिनेमा हॉल में लेकर चला गया। मुझे वहाँ पर साइड वाली सीट शायद किस्मत से मिल गई और किस्मत से सिनेमा हाल भी खाली था।
फ़िल्म चालू हो गई और फ़िल्म में एक सेक्सी सीन आ गया.. उसमें चल रहे किसिंग सीन को देखकर शायद वो शर्मा गई और मुझे पता चल गया। मैंने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया और दबा दिया।
उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.. मैं समझ गया कि आज काम बन सकता है। फिर क्या था.. मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया और उसको अपने पास उसको खींच कर एक चुम्बन कर दिया।
चुम्बन की तेज आवाज आई वो घबरा गई.. वो तो किस्मत अच्छी थी किसी ने देखा नहीं। फिर सारी फ़िल्म में एक-दूसरे को किस करते रहे और मैं उसके मम्मों दबाता रहा और वो ‘सी.. सीई..’ करती रही।
वो कहती रही- छोड़ो यार.. पर मैं कहाँ मानता.. यार बता नहीं सकता आपको और हमारे ऐसे करते-करते मूवी ख़त्म हो गई। मैंने उससे पूछा- अब क्या करें? तो उसने कहा- घर चलते हैं।
मेरा उसको जाने देने का मन नहीं था.. मैंने कहा- कहीं बैठते हैं। तो उसने कहा- कहाँ बैठेंगे यार? मैंने कहा- मेरे दोस्त का कमरा पास में ही है.. और उसकी चाभी भी मेरे पास है.. तो वहाँ चलें क्या?
पहले तो उसने मना किया.. फिर मेरे जोर देने पर मान गई। फिर क्या था.. मैंने दोस्त को मैसेज किया कि यार तू कहीं चला जा और कमरे की चाभी बाहर रख जा।
उसका रिप्लाई आ गया ‘ओके’
फिर क्या था उसको लेकर दोस्त के कमरे पर ले गया। वहाँ जाकर हम बैठे और मैंने उसको रसोई से लाकर पानी पिलाया और उसके बाजू में बैठ गया।
मैं उसका हाथ में हाथ लेकर बातें करने लग गया और बात करते-करते उसको मैंने किस कर दिया। पहले तो वो नानुकुर करने लग गई- यार.. ये सही नहीं है।
लेकिन मैं ये मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहता था और उसके होंठ पर एक किस कर दिया। बाद में वो भी मेरे किस का जवाब देने लग गई। हमारा वो किस काफी देर तक चला।
चूमाचाटी के साथ ही मैं उसके मम्मों को भी दबाता रहा और उसके टॉप को उतारने की कोशिश करने लगा। परन्तु वो मना करने लगी- नो.. ये सही नहीं है.. मैंने अब तक किसी के साथ ये नहीं किया है।
मैंने कहा- मैं केवल इनको बाहर निकाल कर इनको किस करूँगा.. और कुछ नहीं करूँगा। वो मान गई और मैंने सोचा पहले इसको गरम करता हूँ।
मैंने उसके कान की लौ को किस करना चालू कर दिया.. इससे वो और भी ज्यादा गर्म हो गई और ‘सी.. सी.. बस करो यार..’ कहने लगी।
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था और मैंने उसके टॉप को उतार दिया, उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मैंने उसके पीछे हाथ ले जाकर ब्रा के हुक को ज़ोर से दबा दिया.. जिससे उसकी ब्रा खुल गई और उसके मम्मे उछल कर बाहर आ गए। मैंने उनको दबाना चालू कर दिया और मुँह में ले लिया।
उसकी नाभि को उंगली से कुरेदता रहा जिससे वो और भी ज्यादा गर्म हो गई। मैं अपना एक हाथ उसकी पैंटी पर ले गया.. मैंने देखा तो उसकी पैंटी गीली हो गई थी।
मैं धीरे-धीरे उसको सहलाने लग गया जिससे वो और भी ज्यादा गर्म हो गई। उसके मुँह से ‘सी सी… सी सि..’ की आवाजें होनी चालू हो गईं।
उसने कहा- मुझे कुछ हो रहा है.. कुछ करो यार।
मैंने उसको किस करने के साथ उसकी जींस को उतारना चालू कर दिया। जब वो मना करती.. तो उसको किस करता रहता और ऐसे करते-करते उसकी जींस उतार दी। मैंने देखा तो अन्दर पिंक कलर की ही पैंटी थी.. जो उसके रस से गीली हो गई थी।
मैंने उसको ऊपर से ही चूमना चालू कर दिया.. वाह.. क्या खुशबू थी उसके रस की.. यार बता नहीं सकता।
मेरे लण्ड की पैन्ट के अन्दर हालत ख़राब हो रही थी, मैंने झट से अपने कपड़े उतारे और केवल अंडरवियर में उसके ऊपर लेट गया और उसके हर अंग को चूमता रहा और चूसता गया।
उसके पेट और उसकी नाभि और चूमना शुरू कर दिया.. जिससे वो पागल हो गई और कहने लगी- अब रहा नहीं जाता.. प्लीज कुछ करो।
लेकिन मैं उसको और ज्यादा गर्म करना चाहता था.. सो मैं उसको चुम्बन करता रहा और उसकी पैंटी को अपनी उंगलियों में फंसाकर एक ही झटके में उतार दिया, उसमें उसने अपने पैरों को मोड़ कर पैंटी को निकालने में भी साथ दिया।
जैसे ही मैंने उसकी चूत को देखा तो बिल्कुल गुलाबी रंग की.. जिसमें से पानी निकल रहा था। मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी.. जिससे वो चीख पड़ी और ‘सी.. सी..’ करने लगी।
मैं उसकी चूत को किस करने लग गया और उसके दाने को अपनी जीभ में लेकर चूसने लग गया.. जिससे वो पागल हो गई।
अब मैंने सोचा कि ज्यादा देर करने की जरूरत नहीं है। मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लण्ड को जो फुंफकार मारकर बाहर निकल आया था.. जिसको देखकर वो डर गई, बोली- उंगली डालने से ही दर्द होता है.. तो ये इतना मोटा अन्दर कैसे जाएगा?
मैंने उसको समझाया- शुरू में थोड़ा दर्द होगा.. फिर देखना मज़ा आएगा।
मैं उसको चूमता रहा और उसकी चूत के छेद पर मैंने ढेर सारा थूक डाल दिया और थोड़ा थूक अपने लण्ड पर मल लिया.. ताकि आसानी से अन्दर चला जाए।
फिर अपना लण्ड उसके छेद पर टिका कर उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होंठ को अपने होंठ में ले लिया, थोड़ा सा दबाव अपने लण्ड का उसकी चूत पर बनाया.. लेकिन लण्ड फिसल गया।
फिर मैंने सही निशाने पर लौड़ा रखकर एक जोरदार शॉट मारा.. जिससे दो इंच लण्ड उसकी चूत में घुस गया। वो जोर से चीखी.. लेकिन होंठ बंद होने के कारण आवाज निकल नहीं पाई और उसकी आँखों से आंसू आ गए और मेरी पीठ पर नाख़ून गाड़ने लग गई, वो मुझे धक्के देने लगी।
लेकिन मैं ऐसे ही पड़ा रहा और उसको किस करता रहा.. जिससे उसे कुछ राहत मिली। फिर मैंने थोड़ा सा ऊपर उठ कर एक जोर का शॉट मारा.. अब मेरा पूरा लण्ड अन्दर घुस गया और वो बेहोश सी हो गई।
मैं घबरा गया और उसको सहलाना चालू किया.. ताकि वो होश में आ जाए।
वो होश में आई और नीचे देखा तो उसकी झिल्ली फट चुकी थी.. मेरा लण्ड उसके खून से भीग चुका था।
मैंने अब हल्के-हल्के धक्के लगाना चालू कर दिए.. जिससे उसको अब मजा आने लगा और वो चिल्लाने लगी थी- और जोर से चोदो.. और और जोर से मेरे राजा.. फ़क मी हार्ड.. आह आ..आ मज़ा आ गया। ऐसी आवाजें निकालना चालू कर दीं.. जिससे मुझे जोश आ गया और मैं जोरदार धक्के मारता चला गया।
फिर कुछ देर तक उसको चोदने के बाद मैंने सारा माल उसके अन्दर ही छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया।
इस चुदाई में उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ा था। वो अब खुश लग रही थी। उसके बाद देखा तो चादर पर खून ही खून था.. जिसको देखकर वो घबरा गई। मैंने समझया कि पहली बार ऐसा होता है।
फिर उसको सहारा देकर उठाया और बाथरूम में उसकी चूत को धोया.. जो कि सूज कर कुप्पा हो गई थी। उसको अपने हाथ से कपड़े पहनाए और रास्ते में जूस पिलाया और एक पेनकिलर दी।
फिर एक लम्बा सा किस करके उसको घर के पास ड्रॉप कर दिया और अपने घर आ गया।
उसके बाद मैंने उसको कई बार चोदा और अभी तक चोद रहा हूँ।
दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी.. आशा है आपको पसंद आई होगी.. प्लीज अपनी राय जरूर दें। [email protected]
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