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लड़की की सेक्सी कहानी में पढ़ें कि मेरी बेस्ट फ्रेंड ने एक बॉयफ्रेंड बना लिया. वो अपनी चुदाई की बातें मुझे बताने लगी तो मेरा भी मन चुदाई के लिए करने लगा.
दोस्तो, मैं आनंद अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ। पहले अपना थोड़ा परिचय आपको दे दूँ। मेरी उम्र 24 साल है और मैं सूरत का रहने वाला हूँ। मेरे लंड का आकर सामान्य है. लंड की लम्बाई 6 इंच है और वो किसी चूत को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरी दो बड़ी बहनें और मम्मी-पापा हैं।
लड़की की सेक्सी कहानी तब की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था और मेरी एक दोस्त संजना के साथ मेरे शारीरिक सम्बन्ध बने।
यह कहानी बिल्कुल सच्ची है जो मेरे साथ मेरे कॉलेज के दिनों में सच में हुई थी. मुझे ज्यादा सुंदर कहानी लिखना तो नहीं आता लेकिन एक कोशिश की है. अगर मुझसे लिखने में कोई गलती हो तो मुझे माफ़ कीजियेगा।
तो दोस्तो, मैं और मेरी दोस्त संजना आपस में बहुत खुले हुए थे। उसका मेरे घर आना जाना लगा रहता था। हम हर तरह की बातें करते थे एक दूसरे से. कभी सेक्स के बारे में बात नहीं की थी हमने।
मेरे घर में भी उसको सब बहुत अच्छे से जानते थे. उसका मेरे घर लगभग रोज़ आना आम बात थी।
कुछ समय बाद उसका एक बॉयफ्रेंड बन गया और वह अपना ज़्यादातर वक़्त उसको देने लगी।
मैं एक तरह से उसके लिए खुश भी था लेकिन अब मैं उसको मिस करने लगा था। हमारी बातें तो रोज़ होती थीं लेकिन अब मिलना महीने में एकाध बार होता था।
फिर एक बार वह मुझसे मिलने आयी। हम लोग घर के नीचे पार्किंग में मिलते थे और वह मुझसे अपने बॉयफ्रेंड की बातें शेयर करने लगी।
वैसे तो यह आम बात थी लेकिन आज उसने अपने बॉयफ्रेंड को पहली बार किस किया था. उसने पहली बार अपने बूब्स दबवाये थे. वही सारा रोमांच वो मेरे साथ बांटने आयी थी.
उसकी बातें सुनते हुए मैंने सामान्य रिएक्ट करने की बहुत कोशिश लेकिन फिर भी मेरा लंड खड़ा हो ही गया.
उस दिन मैंने पहली बार संजना के शरीर को ध्यान से देखा। उसकी कमर पतली सी 28 इंच की थी. बूब्स 34 के और गांड का आकार 36 के आसपास था.
इतनी सेक्सी वह मुझे पहले कभी नहीं लगी थी. वैसे भी किसी लड़की के मुँह से ये सब कामुक बातें सुनना कितना अच्छा लगता है आप सब भी जानते ही होंगे.
मुझे उस दिन पता चला कि लड़कियों की बातों में ही कितनी कामुकता वाली भावनाएं आ जाती हैं. उसने भी मेरी पैंन्ट के ऊपर से मेरे तने हुए लंड को देख लिया था और मुस्करा दी थी।
अब तो मैसेज पर भी जब बातें होतीं तो वो मुझे अपने बॉयफ्रेंड के साथ के किस्से सुनाती और मैं मज़े लेता था। खैर उनका कुछ समय बाद ब्रेकअप हो गया.
एक बार इसी तरह हम दोनों मैसेज पर बातें कर रहे थे और मैंने उससे पूछा- ये फ़ोन सेक्स क्या होता है? उसने बोला- फ़ोन या मैसेज पर बात करते हुए खुद हस्तमैथुन करने को फ़ोन सेक्स कहते हैं।
मैंने हिम्मत करके उसको पूछ लिया- हम करें क्या? उसने हाँ बोला और कहा- यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए और सिर्फ फ़ोन तक ही रखना. अगर मिलकर कोई बदमाशी की तो देख लेना।
उसी हामी सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और हम दोनों ने लगभग डेढ़ घंटे तक मैसेज पर फ़ोन सेक्स किया और दोनों को ही खूब मज़ा आया। फ़ोन सेक्स पर क्या बातें हुई यह सब बताकर मैं आपका वक़्त बर्बाद नहीं करूँगा.
अब मैं ये जान चुका था कि आज नहीं तो कल मैं इसके साथ सेक्स ज़रूर करूँगा।
यह फ़ोन सेक्स का सिलसिला अच्छे से चल पड़ा था मगर हमको मिले हुए काफी वक़्त हो गया था।
एक दिन घर पर कोई नहीं था और मैंने उसको मिलने के लिए बुलाया। मैं यह सोच चुका था कि आज तो मैं उसको सेक्स के लिए पूछ ही लूंगा।
वह घर आई और उसने उस वक्त एक खुली टीशर्ट के नीचे शॉर्ट्स पहन रखे थे. मेरा मन हुआ कि अभी के अभी ही उस पर टूट पडूं लेकिन मैंने सब्र रखा।
मैंने उसको पानी दिया और हमने थोड़ी इधर उधर की बातें कीं। फिर मैंने हिम्मत करके उसके हाथ पर हाथ रखा।
इस हरकत पर वह बस मुस्करा दी लेकिन मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर उसने ही आगे बढ़कर मेरे गले पर किस किया और मेरी आँखों में आँखें डालकर मुझे देखती रही।
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी। अब मैंने उसके नर्म होंठों को चूमना शुरू किया और कुछ ही देर में हमारी जीभ आपस में खेलने लगी। वह किस करने में माहिर थी; मुझे यह नहीं पता था.
वहीं दूसरी तरफ मेरा तो यह पहला अनुभव था। अब मैंने बिना देर किये उसकी टी-शर्ट निकाली और उसका मुँह मेरी तरफ रहे ऐसी हालत में उसको अपने लंड पर बिठा दिया.
मैं अब उसके गले पर चूमने और काटने लगा. उसने नीले रंग की ब्रा पहनी थी हुई थी. उसके गले पर काटने के साथ साथ मैं उसकी गांड भी दबाने लगा और अब मैंने फिर से उसके होंठों को चूमते हुए उसकी गांड पर ज़ोर से एक चपत लगा दी।
मेरी यह हरकत उसको भी बहुत अच्छी लगी और उसने अपनी ब्रा के हुक खोल दिए. अब उसके दोनों बूब्स मेरे सामने थे जिनको मैं बारी बारी से मसलने और चूसने लगा।
मैंने उसके एक निप्पल को हल्के से काटना शुरू किया और दूसरे निप्पल को हल्के से भींच दिया। मेरे ऐसा करने पर वो मानो पागल सी हो गयी और अपने मुँह से कामुक आवाज़ें निकालने लगी।
फिर मैंने उसके बोबे पर भी धीरे से एक चपत लगाई. उसका चूचा हवा में झूल गया और ये देखकर मेरे लंड ने सलामी देनी शुरू कर दी.
काफी देर तक ऐसे खेलने के बाद मैंने भी अपनी टी-शर्ट और जीन्स निकाल दी।
अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था। उसने भी अपने शरीर से बाकी कपड़े निकाल दिए और मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी।
फिर मैं खड़ा हो गया और उसने मेरा अंडरवियर निकाल कर मेरा लंड हिलाना शुरू किया। उसके बॉयफ्रेंड के लंड से खेल खेलकर वह शायद सब कुछ सीख गयी थी.
वो मेरे लंड से भी मजे से खेल रही थी. फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। वह मेरा लौड़ा चूसते समय मेरी आँखों में देख रही थी.
लंड चूसते हुए उसके मुँह से चप चप की आवाज़ें निकल रही थीं जो मुझे पागल कर रही थीं। उसने मेरे लंड पर अपना ढेर सारा थूक लगाया और पागलों की तरह उसे चूसे जा रही थी।
मैं भी अपना लंड चुसवाते हुए उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा जिससे जोश में आकर वो और भी ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी।
कभी वह रुक जाती तो मैं अपने लंड से उसके मुँह को चोदने लगता।
फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसकी चूत एकदम चिकनी थी। मैंने पहले उसकी चूत के आसपास जीभ घुमाई और हल्के से काटना शुरू किया।
थोड़ी देर ऐसे चाटने के बाद मैंने अपनी जीभ की नोक को उसकी चूत में घुसा दिया और ज़ोर से अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा और साथ साथ उंगली से उसके दाने को भी मसलने लगा।
वह चिल्लाते हुए बड़ी ज़ोर से झड़ी और एकदम निढाल होकर कुछ देर तक पड़ी रही। अब हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे. हम दोनों ने एक दूसरे को बांहों में भरा हुआ था.
उसने मुझसे कहा- आज तो तुमने मज़ा ही करवा दिया. मैं इतने अच्छे से कभी नहीं झड़ी थी. उसकी इस बात से मैं खुश हुआ कि चलो पहली बार ही सही लेकिन लड़की को खुश तो कर सका।
अब तो यह मेरा नियम बन गया है कि पहले पार्टनर को एक बार संतुष्ट करके ही मैं खुद का पानी निकालता हूँ। तो दोस्तो, अब वह दूसरे राउंड के लिए तैयार थी और मेरा लंड भी ज़ोश में था।
मैंने उसको सीधा लेटा कर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। वह अपने बॉयफ्रेंड से चुद चुकी थी तो उसकी सील पहले से टूटी हुई थी।
थोड़ी देर मैंने ऐसे ही उसको तड़पाया तो वह खुद बोल पड़ी- अब डाल भी दो … क्यों तड़पा रहे हो?
मैंने अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में उतारते हुए हल्के धक्के मारना शुरू किया। उसकी गर्मा-गर्म चूत में जाते हुए मेरे लंड को इतना सुकून मिला कि क्या बताऊँ।
अब जब पूरा लंड अंदर जाने लगा तो मैंने थोड़े ज़ोर से चोदना शुरू किया. मेरे धक्कों के साथ अब वह भी अपने मुंह से आह्ह … उम्म … की आवाजें निकाल रही थी. दोस्तो, उसकी यह आवाज़ें मुझे और जोश दे रही थी।
थोड़ी देर बाद वह मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर कूदने लगी। मैं भी नीचे से अच्छे से धक्के लगा रहा था और उसकी निप्पल्स को अपनी उँगलियों से मसल रहा था।
ऐसे ही चुदवाती हुई वह फिर से एक बार झड़ी. उसके बाद मैंने उसको घोड़ी बनाकर पीछे से चूत चुदाई करने लगा। उसकी कमर का आकार बहुत कामुक लग रहा था तो मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया.
एकदम से कमसिन कमर थी उसकी. उसको पकड़ कर मैंने ज़ोर से धक्के मारने शुरू किये। हमारी चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थी।
मैंने उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए उसको चोदा. मैंने उसकी गांड एकदम लाल कर दी थी।
अब मैंने उसकी गांड के छेद पर ढेर सारा थूक लगाया और थूक लगाकर अपना अंगूठा उसकी गांड में डाल दिया जिससे उसको और मज़ा आने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत में ही था और चोद रहा था. अब उसकी गांड भी मेरे अंगूठे का मजा ले रही थी और इसी मजे में वो एक बार और झड़ गयी. उसके चेहरे पर संतुष्टि साफ दिख रही थी.
अब मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने उसको अपने लंड के सामने आने को कहा. मैं उसके सामने मुठ मारने लगा और एक दो बार लंड को हिलाते ही मेरा चरम आ गया.
मैंने अपना ढेर सारा गाढ़ा वीर्य उसके बूब्स पर गिराना शुरू कर दिया। यह हमेशा से ही मेरी फैंटसी रही थी कि किसी लड़की के बूब्स पर अपना पानी निकालूं।
पहली बार चुदाई की वजह से मेरा वीर्य बहुत ज़्यादा निकला और मेरे वीर्य में लिपटी हुई संजना और भी खूबसूरत लग रही थी। फिर मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर साफ़ किया।
हम दोनों का अब भी मन नहीं भरा था। अब चुदाई से भला किसका मन भरता है। जितनी बार करो कम ही लगता है।
उसने मुझसे कहा कि उसकी 69 पोजीशन की फैंटेसी है तो मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और हम 69 में आ गए।
संजना के थोड़ा चूसने से ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और थोड़ी देर बाद एक दूसरे को चूसते हुए हम दोनों फिर से झड़े। इस बार मैंने अपना माल उसके मुँह में निकाला।
उसको अपने मुँह से लंड झाड़ना बहुत अच्छे से आता था। जैसे ही मैंने झड़ना शुरू किया उसने अपनी स्पीड कम कर दी और धीरे धीरे आखिरी बून्द तक मेरा सारा वीर्य वो अपने मुँह में लेती गयी।
मैं मानो बिल्कुल खाली हो गया था। हम दोनों ही इस चुदाई के बाद बहुत संतुष्ट थे।
अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे को अच्छे से किस किया और वह घर चली गयी।
दोस्तो, अब तो मैं दूसरे देश आ गया हूं लेकिन अब भी हम दोनों फ़ोन सेक्स कर लेते हैं. जब मैं भारत देश जाता हूँ तो मौका निकालकर उसकी चुदाई ज़रूर करता हूँ।
ये थी मेरी दोस्त की चुदाई की कहानी. वो मेरी गर्लफ्रेंड भी थी और दोस्त भी. इसलिए मैं इस रिश्ते को कोई एक नाम नहीं दे सकता हूं.
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मैं आपके जवाबों का इंतजार करूंगा. लड़की की सेक्सी कहानी के बारे में कुछ और पूछना चाहते हैं तो आप मुझे बेझिझक मेल कर सकते हैं. किन्तु आपसे एक प्रार्थना करता हूं कि अपने ईमेल्स में किसी का फोन नम्बर न मांगें. यह किसी की निजता का सवाल है. धन्यवाद। [email protected]
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