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बीवी की चूत चुदाई कहानी में पढ़ें कि दो बहनें आपस में सेक्स की बातें कर रही थी. छोटी बहन ने बड़ी बहन की चुदाई देख अपनी चूत में उंगली की.
मैं सोनिया वर्मा आपको इन्सेस्ट सेक्स कहानी की रसधार में भिगोने फिर से हाजिर हूँ. पिछले भाग दीदी जीजू की चुदाई देखने की तमन्ना में अब तक आपने पढ़ा था कि छोटी बहन स्नेहा ने अपनी बड़ी बहन नेहा से उसकी चुदाई को लाइव देखने की इच्छा जाहिर की, जिस पर नेहा ने पहले तो उससे गुस्सा होने का ड्रामा किया, पर बाद में वो हंसने लगी.
अब आगे बीवी की चूत चुदाई कहानी:
नेहा- मैंने तेरी पिक्की (चूत) या तूने मेरी चिकनी चूत कभी नहीं देखी … या हमने एक दूसरे के मम्मे नहीं देखे. हम दोनों के बीच एक दूसरे के सामने कपड़े बदलना तो आम बात थी. वो भी पूरी नंगी होकर और हमने कई बार लेस्बियन भी किया था. पर तू आज इस तरह की बात करते हुए क्यों शर्मा रही है, पर एक बात है मेरी गुड़िया. स्नेहा- क्या दीदू?
नेहा- मैं उनको क्या कहूंगी? स्नेहा- दीदू मैं क्या कह रही … इस बात का जीजू को पता नहीं चलना चाहिए. ऐसा कोई जुगाड़ लगाओ दीदू, जिससे जीजू को पता ना चले और काम भी हो जाए.
नेहा- पर कैसे किया जाए? स्नेहा- एक रास्ता मेरे दिमाग में है, आप कहो तो बताऊं?
नेहा- क्या? स्नेहा- आप अपने कमरे की खिड़की थोड़ी सी खुली छोड़ देना … बस.
नेहा- ठीक है, पर बदले में मुझे क्या मिलेगा? स्नेहा- अंआंआं जब मेरी शादी हो जाएगी … तो मैं अपने पति से आपकी चूत की चटनी बनवा दूंगी. हाहाहा … पर दीदू एक बात समझ नहीं आ रही है?
नेहा- कौन सी बात? स्नेहा अपनी बहन नेहा के मम्मों को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली- आप हमेशा इतना डीप क्लीवेज शो क्यों करती हो?
नेहा- यार स्नेहा, आज कल तेरे जीजू मुझ पर ज्यादा ध्यान नहीं देते … इसलिए ये सब करती हूं. स्नेहा- हूंऊ … तभी मैं कहूँ कि क्या बात है.
उसने नेहा के निप्पल पकड़ कर कसके मसल दिए. नेहा- आईईई कुतिया … मर गई.
इसी झटके में नेहा ने भी स्नेहा के कच्चे टिकोरे जोर से मसल दिए. स्नेहा कराहते हुए हंस दी.
नेहा बोली- और हां … रात को मैं जैसे ही मिस कॉल दूं, तो तू जल्दी से खिड़की पर आ जाना … खिड़की खुली रहेगी पर्दे की ओट में खड़ी होकर मजे कर लेना.
फिर पूरा दिन कुछ खास नहीं हुआ, शाम को दोनों ने मिल कर रात का खाना पकाया.
मनीष नौ बजे तक वापिस आ गया … फिर सबने साथ बैठ कर डिनर किया.
स्नेहा- मुझे तो नींद आ रही है, गुड नाईट जीजू … मैं चलती हूँ. मनीष- गुड नाईट, माय स्वीट सिस्टर इन लॉ.
ऊपर आने के बाद स्नेहा ने जल्दी जल्दी अपने कपड़े बदले. उसने सिर्फ एक ट्रांसपेरेंट नाईट गाउन डाला, वो भी बिना ब्रा पैंटी के.
उधर नेहा ने किचन का पूरा काम निपटाया और वो अपने बेडरूम में चली गई. कमरे के अन्दर जाते ही उसने अपनी ड्रेस उतारी और नंगी ही बाथरूम में घुस गई. एक शॉवर लिया … फिर बदन पौंछते हुए नंगी ही बेडरूम में आ गई और अपनी चुचियां मसलने लगी.
मनीष उसे देख रहा था और मन में ही सोच रहा था कि हे भगवान इस छिनाल की चुत में फिर से आग लगी है. मगर वो सामने से बोला- क्या है ये हां … पास वाले रूम में स्नेहा है, कुछ तो सोच रंडी.
तब तक स्नेहा खिड़की पर आ चुकी थी और अन्दर का नजारा देख और सुन रही थी.
नेहा- कल भी मैं बिना चुदवाये ही सो गई थी. मनीष- आज रहने देते हैं, कल देखेगे आज मीटिंग में मैं बहुत थक गया हूँ.
नेहा- नहीं, मेरी चुत में आज आग लगी है. ये देखो … कुछ करो ना प्लीज. उसने अपनी एक उंगली अपनी चिकनी गीली चुत के अन्दर घुसा कर बाहर निकाली, जो खुद के पानी से तर हो रही थी. उसने मनीष को भीगी उंगली दिखाई और अपने मुँह डाल कर चूस ली.
मनीष- एक बात बता साली, क्या तेरी अम्मा भी इतनी चुदैल थी … जितनी कि तू है? कुछ तो सोच रंडी … पास वाले रूम तेरी वो छुटकी बहना अपनी मां चुदा रही है … उसका क्या? नेहा- हो सकता है मेरी मां मुझसे बड़ी चुदासी हो … तभी तो मैं उनके भोसड़े से इतनी बड़ी रंडी निकली … हा हा हा.
मनीष- हे भगवान, ये क्या अनाप शनाप बक रही हो तुम. वो तेरी मां है साली कुतिया … कुछ तो सोच कर बोला कर कमीनी.
नेहा- देखो मनीष, मैं शादी से पहले बहुत तड़पी थी चुदाई के लिए … लंड के लिए … इसीलिए मैं सुहागरात तक कुंवारी बनी रही थी. ये बात हम दोनों जानते हैं. मुझे पहली बार चुदाई में कितना दर्द हुआ था और मेरी कमसिन सी चुत फाड़ कर तुमने ही उसकी भोसड़ी बनाई थी. भूल गए क्या मेरे राजा.
मनीष समझ गया कि इसकी फुद्दी में खुजली बढ़ रही है … इसलिए अनाप शनाप बके जा रही है. उधर स्नेहा ने ये देखा, तो देखती रह गई. अन्दर से जोर जोर से आवाजें आ रही थी. वो वहीं खड़ी होकर सुनने लगी. स्नेहा ने जब उनकी बातें सुनी, तो उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और सोचने लगी कि दीदू को हुआ क्या है आज … ये मॉम डैड के लिए इतनी गंदी गंदी बातें क्यों कर रही हैं. उसे आज पता चला कि उसकी दीदू कितनी बड़ी रंडी है.
और उधर अन्दर:
मनीष- तो नहीं मानेगी साली … आज अपनी अम्मा ही चुदवाएगी तू … आज मेरा लंड लेगी ही. चल आज, बताता हूँ चुदाई क्या और कैसे होती मेरी कुतिया. एक काम कर चल साली, पहले मुझे नंगा कर और मेरा लंड चूस कर खड़ा कर. फिर देखना कैसे तेरा ये खसम आज तेरी चुत का तेरी मॉम के जैसा भोसड़ा ना बनाता है. न बनाया तो कहना, बहुत आग लगी है ना तेरी इस चुत में … साली रंडी!
नेहा ने फटाफट मनीष को नंगा किया और वहीं नीचे बैठकर मनीष के लंड की पहले 2-3 बार मुठ मारी, फिर मुँह खोल कर गप से लंड अन्दर ले लिया. इसी लिए स्नेहा को नेहा की पीठ नजर आ रही थी.
मनीष ने नेहा का सिर पकड़ लिया और उसका मुँह चोदने लगा- ले साली मादरचोद … ले अपने खसम का लंड … बहुत आग लगी थी ना तेरी चूत में कुतिया … ले.
मनीष ने नेहा पर जरा भी रहम नहीं किया और उसके गले तक अपना लंड घुसा घुसा कर मुँह चोदने लगा.
फिर एक झटके से उसके मुँह से लंड अपना निकाला तो खों खों खों और नेहा ने अपना चेहरा खांसते हुए ऊपर किया. मनीष ने उसकी तरफ देखा, तो उसका पूरा चेहरा लाल पड़ गया था और आंखों में आंसू भर गए थे.
मनीष ने नेहा को उठाया और बिस्तर पर पटक कर एक ही झटके में आधा लंड उसकी रस बहाती चुत में पेल दिया.
‘ले साली छिनाल चोदी … ले मां की लौड़ी … ले.
बस वो नेहा की चुत को घपा घप घपा घप चोदने लगा. नेहा भी तेज़ तेज़ चिल्लाने लगी- हां और जोर से मेरे साजन क्या चुदाई करता है रे तू … आह मेरे कुत्ते आह मेरे राजा … क्या मस्त लंड है तेरा … मेरे भड़वे उईईई.
वो ये जानते हुए आवाज निकाल रही थी कि बाहर स्नेहा ये सब देख सुन रही है.
इधर स्नेहा बाहर खड़ी खड़ी इस तरह की जंगली चुदाई देख कर गर्मा गई थी. कब उसका एक हाथ अपनी नाईटी उठा कर छोटी सी हल्के रोंये वाली चिकनी चूत पर चला गया, उसे पता ही नहीं चला.
स्नेहा अपनी छोटी सी कुंवारी बुर का छोटा सा लहसुन के जैसा दाना मसलने लगी और दूसरे हाथ से अपने जोबन के गुलाबी मटर के दाने जैसे निप्पल को मसलने लगी.
नेहा के मुँह से गाली सुन कर मनीष को और जोश आ गया. उसने नेहा की गीली भोसड़ी से सुपारे तक लंड बाहर खींचा … फिर एक झटके से उसकी गीली भोसड़ी में अपना लंड जड़ तक घुसा दिया और दनादन दनादन चोदने लगा.
नेहा अब झड़ने के करीब थी, तो उसने भी नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर उसके धक्कों का जवाब देना शुरू कर दिया. ‘आआह मेरे राजा मैं मै आ रही.’ ये कहते हुए नेहा झड़ने लगी.
पर मनीष नहीं रुका. वो दनादन चुत पेलता रहा. अभी नेहा की भोसड़ी से फच फच फच की आवाज पूरे कमरे गूंज रही थी.
इधर बाहर इतनी खतरनाक चुदाई से स्नेहा भी नहीं टिक पाई. वो भी भलभला गई और उसकी नाजुक चूत चू पड़ी.
कमरे के अन्दर नेहा एक फिर मनीष के धक्कों से गर्म होकर मनीष के ऊपर आ गई और उसका लंड पकड़ कर अपनी गीली चूत के मुँह पर लगा कर एक झटके में बैठ गई. एक ‘फच्च ..’ की आवाज के साथ एक बार फिर मनीष का लंड नेहा की चूत में जड़ तक पेवस्त हो गया.
तभी अचानक नेहा को कुछ याद आया. वो लंड पर बैठे बैठे खिड़की की तरफ घूम गई और जैसे ही दोनों की नजरें आपस में मिलीं, स्नेहा मुस्कुरा उठी.
नेहा जोर जोर से मनीष के लंड पर उछल रही थी. उसी अंदाज में उसकी चूचियां भी उछल रही थीं. अंत में दूसरी बार फिर से नेहा झड़ कर मनीष पर ढेर हो गई.
एक बार फिर से मनीष ने भी पलटी खाई और वो नेहा के ऊपर आ गया. पहले उसने नेहा की दोनों चूचियां चूस चूस कर लाल कर डालीं.
पर इस बार नेहा कुछ ढीली नजर आई. अब मनीष भकाभक अपना लंड नेहा की फुद्दी में अन्दर बाहर करने लगा.
फिर जब मनीष झड़ने को हुआ, तो उसने अपना लंड नेहा की चूत से निकाला और उसके मुँह के पास कर दिया. नेहा ने झट से मुँह खोला और गप से मुँह में लंड ले लिया. बस 2-3 शॉट मारकर मनीष के लंड ने पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी. नेहा के गले में उसने इतना माल छोड़ा कि उसके मुँह के दोनों कोरों से वीर्य बाहर आने लगा.
कुछ ही पल में दोनों लस्त होकर ऐसे ही नंगे पड़ गए.
उसके बाद स्नेहा भी अपने कमरे में आ गई. कमरे में आते ही उसने अपनी नाईटी उतार फेंकी. वो सटासट अपनी चूत में एक हाथ से उंगली करने लगी और दूसरे हाथ से अपनी निप्पल नौंच डाले.
जब उसकी मुनिया ने पानी छोड़ा, तब उसके मुँह से आआ… आ… आआह की लंबी सिसकारी निकली और वो नंगी पड़ी रही. पता नहीं कब में वो गहरी नींद के आगोश में चली गई.
सुबह जब स्नेहा की नींद खुली, तो देखा तो नेहा हाथ में चाय का कप लिए उसे उठा रही थी.
नेहा उसे देख कर मुस्कुरा रही थी.
स्नेहा- गुड मॉर्निंग दीदू. नेहा- वेरी गुड मॉर्निंग प्यारी बहना. कहो रात कैसी कटी? स्नेहा- शरमाते हुए, एकदम मस्त.
नेहा ने उसकी चूत का दाना मसलते हुए चुटकी ली- हां, वो तो मुझे भी दिख रहा है.
स्नेहा का अब जाकर ध्यान गया कि रात को चूत में उंगली करने के बाद वो नंगी ही सो गई थी. उसने झट से अपने ऊपर चादर खींची और अपने नंगे बदन को ढक लिया. वो शरमाते हुए चाय पीने लगी. नेहा ने भी उसे छेड़ा नहीं.
नेहा- चल जल्दी फ्रेश होकर आ जा, तब तक मैं नाश्ता बनाती हूँ.
स्नेहा मुस्कुराते हुए उठी और नंगी ही बाथरूम में चली गई. वहां से नहा कर ही बाहर आई और कपड़े पहन कर नीचे चली गई.
डाईनिंग टेबल पर सबने मिलकर नाश्ता किया. मनीष नाश्ता करके ऑफिस निकल गया. घर पर दोनों बहनें अकेली चाय का कप ले कर सोफे पर आ गईं.
नेहा- हां तो अब बता कैसा लगा हमारा प्रोग्राम … मजा आया? स्नेहा- बहुत मस्त दीदू … क्या हॉट चुदाई थी यार … मैं तो सोच भी नहीं सकती थी कि आप इतनी बड़ी चुदक्कड़ निकलोगी. और बाप रे … जीजू भी क्या मस्त चोदते हैं. जीजू का इतना बड़ा लंड आपकी छोटी सी चूत में कहां गुम हो गया … पता ही नहीं चला.
नेहा- मुझे पता है. तुझे कितना मजा आया. सुबह तुझे नंगी देख कर ही समझ गई थी कि तूने रात को अपनी चूत में उंगली की होगी और नंगी ही सो गई थी तू … है न!
स्नेहा शरमाते हुए अपनी दीदू की गोद में सिर रख कर सोफे पर ही लेट गई.
स्नेहा- दीदू एक बात पूछूँ? नेहा- हां बोल क्या पूछना है तुझे?
स्नेहा- ये भोसड़ी और भोसड़ा क्या है? चूत बुर तो जानती हूँ पर. नेहा ने हंसते हुए कहा- देख जैसे अभी तेरी जो चूत है … वो बुर या चूत है वर्जिन कुंवारी सील पैक … और मेरे जैसी चुदी चुदाई चूत को भोसड़ी कहते हैं. फिर जिस भोसड़ी से बच्चा पैदा हो जाए, तो वो भोसड़ी, भोसड़ा बन जाती है, जैसे मम्मी का, चाची का, मामी का, बुआ का या मासी का.
स्नेहा- दीदू एक बात और? नेहा चाय की चुस्की लेते हुए- हां हां वो भी बोल दे?
स्नेहा- आपने कितनी चूतें, भोसड़ी या भोसड़ा देखे हैं … सच सच बोलना! नेहा- हांआं ये तो याद तो नहीं … पर कई चूतें भी देखी हैं … और कई भोसड़ी और भोसड़े भी देखे हैं. साथ में कइयों के भोसड़े चाटे-चूसे भी हैं.
स्नेहा- किस-किसकी चूतें और किस-किसके भोसड़े देखे और चाटे हैं? नेहा ने बात को टालते हुए कहा- छोड़ ना यार!
स्नेहा- बताओ ना दीदू, कब और कहां देखा ये सब? नेहा- तू नहीं मानेगी. देख सबसे पहले मेरी तेरी चूत. स्नेहा- अपनी दोनों की तो मैंने भी देखी है. कोई नयी बात बताओ?
इस बीवी की चूत चुदाई कहानी के अगले भाग में बड़ी बहन अपनी छोटी बहन को परिवार के बाकी सदस्यों के बीच हुई चुदाई की कहानी को बताएगी. आप इन्सेस्ट सेक्स कहानी के अगले भाग में इसका मजा लीजिएगा. पर मेल जरूर करें.
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बीवी की चूत चुदाई कहानी का अगला भाग: लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 5
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