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अब तक आपने पढ़ा:
उसने पूछा- भैया आप कहाँ चले गए थे? मैंने कहा- वहीं से दोस्त के घर चला गया था.. धीरे से उससे मैंने कहा- मैं गोली ले आया हूँ। काजल मुस्कुराने लगी।
मैं अपने कमरे में फ्रेश होने चला गया और बेसब्री से रात का इन्तजार करने लगा।
अब आगे..
फिर मैं अपने कमरे में जाकर रात होने का इंतज़ार करने लगा। करीब 45 मिनट बाद हमें मॉम ने डिनर के लिए बुलाया। जैसे ही काजल आई.. मैंने उसे चुपके से इशारा करके मेरे पास बैठने के लिए कहा.. लेकिन उसके दिमाग़ में पता नहीं क्या चल रहा था.. वो मेरे से दूर जा कर बैठ गई।
मैंने उसे गुस्से से देखा और मन ही सोचने लगा कि पता नहीं रात को भी ये अपनी चूत देगी या नहीं.. या फिर ऐसे ही ड्रामा करेगी। लेकिन यह देखकर मुझे खुशी हुई कि काजल मुझे देखकर हल्की सी मुस्कुरा रही थी।
मैंने गम्भीर होकर चुपचाप डिनर किया और अपने कमरे में चला गया। करीब एक घन्टे के बाद जब सब लोग सोने चले गए। तब मैं लंड हिलाते हुए काजल का इंतज़ार करने लगा लेकिन 45 मिनट बाद भी काजल नहीं आई.. तो मैं उसे देखने उसके कमरे की तरफ गया।
मैंने देखा कि उसने दरवाजा बन्द किया हुआ था। यह देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो गया और मैं दरवाजा ठोकने लगा। करीब 5 मिनट तक मैं उसका दरवाजा ठोकता रहा.. लेकिन उसने नहीं खोला। मैं झुंझला कर अपने कमरे में चला आया।
मैं ऐसे ही सोच में बैठा था कि 15 मिनट बाद मेरे कमरे में काजल खुद आ गई। उसने उस वक़्त काले रंग की एक बहुत ही सेक्सी नाईटी पहनी हुई थी। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
उसने मेरा दरवाजा बन्द किया और मेरे पास बिस्तर पर बैठते हुए एक सेक्सी स्माइल देते हुए कहा- हाय भैया.. मैंने उससे कहा- तुझे क्या हुआ.. डिनर के वक़्त तू मेरे पास क्यों नहीं बैठी.. और अभी अपना दरवाज़ा क्यों बन्द कर रखा था?
उसने सेक्सी स्माइल देते हुए कहा- अगर डिनर के वक़्त मैं आपके साथ बैठती.. तो मुझे पता था कि आप मुझे छेड़ते.. और वो सब अगर मम्मी-पापा देख लेते.. तो दिक्कत हो जाती.. इसलिए मैं आपसे दूर बैठी.. और अभी मैं आपने भाई को तड़पा रही थी.. इसलिए दरवाज़ा बन्द कर लिया था।
मैंने उससे कहा- तू बहुत बुरी है.. जब देखो.. अपने भाई को तड़पाती रहती है। उसने सेक्सी स्माइल देते हुए कहा- तड़पने के बाद ही तो ज्यादा मज़ा आता है।
यह सुनते ही उसे मैंने ‘शैतान’ कहा और अपने दोनों हाथ उसके गालों पर रखकर उसके होंठों को अपने होंठों के पास ले आया। फिर पागलों की तरह उसे किस करने लगा, अपनी पूरी जीभ को उसके मुँह में डालता.. तो कभी उसकी पूरी जीभ को अपने मुँह में पूरा अन्दर तक लेकर उसकी जीभ को बड़े सेक्सी तरीके से चूसता। काफी देर तक मैं उससे ऐसे ही चुम्बन करता रहा।
फिर मैंने काजल से कहा- तू अपना थूक मेरे मुँह में डाल न.. वो मेरे मुँह में अपनी रसीली लार को छोड़ने लगी और मैं बड़े चाव से उसकी लार को चूसता रहा। करीब दस-बारह बार वो अपना पूरा थूक मेरे मुँह में अन्दर डालती रही और मैं पीता रहा।
फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसके चूचों पर रखे और नाईटी के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलने लगा।
फिर मैंने उसकी नाईटी के अन्दर हाथ डाला.. उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने उसका एक चूचा अपने हाथों में भर कर दबोच लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। उसने कराहते हुए कहा- आह्ह.. धीरे से भैया.. दर्द हो रहा है।
मैंने उसकी नाईटी को उतार फेंका और उसके उछलते चूचों को दबाने और चूसने लगा। काफी देर तक मैं उसके मम्मों को दबाता और चूसता रहा।
मैं नीचे बैठ गया.. उसने नीले रंग पैन्टी पहनी हुई थी। उसकी पैन्टी को एक तरफ सरका कर मैं अपनी जीभ को उसकी चूत में घुसेड़ कर उसकी चूत को चाटने लगा.. वो एकदम से सिहर गई। मैंने उसकी पैन्टी को उतार कर फेंक दिया और उसकी चूत को पूरे मनोयोग से चाटने लगा.. पूरी चूत को काफी देर तक चाटता रहा।
मैंने काजल से कहा- मैंने तेरे मुँह का पानी तो पी लिया.. अब मुझे तेरी चूत का पानी पीना है.. प्लीज़ मूत निकाल न.. उसने कहा- अभी निकालना मुश्किल है.. क्योंकि तुम्हारे पास आने से पहले में बाथरूम गई थी। मैंने उससे कहा- तू ज़ोर लगा.. जरूर निकलेगा। उसने कहा- ओके भैया..
मैं उसकी चूत चाटते हुए उसके पानी के निकलने का इंतज़ार करने लगा। काजल काफ़ी ज़ोर लगा रही थी। काफ़ी ज़ोर लगाने के बाद उस्का पेशाब निकल पड़ा। मैं उसका पूरा मूत पी गया और तब तक पीता रहा.. जब तक उसकी चूत से पानी से साफ़ नहीं हो गया।
मैंने काजल से कहा- ये पानी तो तेरे मुँह के पानी से भी ज्यादा टेस्टी था। काजल मुस्कुराती रही। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर मैं काजल की चूत के पास अपने लंड को लाया.. और काजल से पूछा- तुम रेडी हो? उसने कहा- हाँ भैया..
फिर मैंने अपना लंड काजल की चूत पर रगड़ा और फिर धीरे से उसकी चूत में पेल दिया। सुपारे के चूत में घुसते ही काजल जरा कसमसाई। मैंने एक झटका और मारा.. जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। काजल की चूत से खून निकलने लगा था।
वो बोल रही थी- दर्द हो रहा है भैया.. मैंने कहा- तेरी सील टूट गई है.. इसलिए दर्द हो रहा है.. पहली चुदाई में सबको पहले दर्द होता है.. फिर मज़ा आता है। मैंने अपने होंठ काजल के होंठों पर रख दिए और अपने लंड को काजल की चूत में आगे-पीछे करने लगा।
जब काजल का दर्द कम हुआ.. तो मैंने और एक जोरदार धक्का मारा.. जिससे मेरा पूरा लंड काजल की चूत में जड़ तक घुस गया।
एक पल को रुकने के बाद फिर मैं पागलों की तरह काजल की चूत को चोदने लगा। काफी समय तक मैं काजल को लिटा कर.. उसे घोड़ी बना कर.. अपने लंड पर बैठा कर.. मतलब हर पोज़ में काजल की चूत और गाण्ड को लगभग पूरी रात चोदता रहा।
आज की रात उसे चोदते हुए मैं कई बार झड़ा और अपना पूरा माल काजल की चूत और गाण्ड में डालता रहा।
फिर जब मेरा लंड पूरा मुरझा गया.. तब मैंने चुदाई बन्द कर दी और उसे गर्भनिरोधक और दर्द निवारक दोनों गोलियाँ खिला दी।
मैंने उसके दूध सहलाते हुए उससे पूछा- मज़ा आया रानी? उसने भी मेरा लौड़ा हिलाते हुए कहा- बहुत मज़ा आया भैया..
मैं पीछे से अपने हाथ से उसके बाल पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठ के पास लाकर उसे चुम्बन करने लगा। मैं बहुत देर तक उसे चुम्बन करता रहा फिर वो सोने चली गई।
उसके जाने के बाद मैंने अपने मोबाइल में समय देखा तो 4 बज चुके थे.. इसलिए मैं भी अपने कपड़े पहन कर बिस्तर पर लेट गया। फिर मैंने सोचा कि आख़िरकार मैंने अपनी इस सेक्सी बहन की सील तोड़ ही दी। मैं उसकी चूत के सपने देखता हुआ सो गया।
साथियो, आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. प्लीज़ आप ईमेल ज़रूर कीजिएगा। [email protected]
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