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हाय.. आई एम करण फ्रॉम करनाल.. सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा नमस्ते। मैं पहली बार आपको अपनी सच्ची कहानी सुना रहा हूँ.. आप को पसंद आई या नहीं, मुझे ईमेल ज़रूर करना।
यह एक साल पहले की बात है.. हमारा घर दो मंज़िल का है.. जिसका ऊपर वाला हिस्सा हम लोगों ने किराए पर दिया हुआ है और के नीचे हिस्से में हम लोग रहते हैं। हमारी फैमिली में पापा मम्मी और मैं हूँ। मेरी उम्र 21 साल की थी.. जब ये वाकिया हुआ। हमारे ऊपर वाली फैमिली में पति पत्नी और उनके दो बच्चे थे.. जिनकी उम्र छः और चार साल थी।
उनकी बीवी की उम्र तक़रीबन 28 साल की होगी.. उनको मैं भाभी कहता था।
वो अक्सर हमारे घर नीचे भी आती थीं.. वो देखने में बड़ी सेक्सी लगती थीं, उनके मम्मों का साइज़ 36 इंच था। वो अक्सर मेरे को देख कर मुस्कुराती थीं।
एक बार मैं दस बजे के करीब उनके घर गया.. जब उनके पति ड्यूटी पर गए हुए थे। उन्होंने मुझे बिठाया और कहा- मैं तुम्हारे लिए चाय लाती हूँ।
मैं बिस्तर पर बैठ गया.. कोई 5 मिनट बाद वो चाय ले आईं और चाय रखते वक़्त वो झुकी.. तो उसके मम्मे नज़र आने लगे। उसके मुम्मे देखते ही मेरा लण्ड खड़ा होना शुरू हो गया।
वो चाय रख कर मुड़ी.. तो देखा कि उसने पीछे से ज़िप वाली क़मीज़ पहनी हुई थी और उसकी ज़िप पूरी नीचे थी। उसकी ब्रा भी साफ़ नज़र आ रही थी। उसको देख कर तो मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया। मैंने उसको चोदने का मन बनाया कि किसी भी तरह उसको चोदूँगा ज़रूर।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरे पास ही आकर बैठ गई और हँसी-मजाक भी करने लगी, थोड़ी-थोड़ी सेक्स की बातें भी करने लगी। अचानक उसने बातों-बातों में मज़ाक से मेरे कंधे पर हाथ मारा। वो और मैं अब और बिंदास होकर बातें करने लगे, इसी दौरान उसने 2 या 3 बार मेरे कंधे पर हाथ मारा तो मैंने भी अचानक उसके कंधे पर हाथ मारना चाहा। उसी वक्त अनायास वो एकदम से नीचे की तरफ झुकी.. तो मेरा हाथ उसके मुँह पर लगा.. तो वो फ़ौरन रोने लगी।
मैं एकदम घबरा गया.. और जल्दी से उठ कर उसको चुप कराने लगा। इसी दौरान उसे चुप कराते हुए मैंने उसके माथे पर किस कर लिया।
तो वो कहने लगी- तुमको शरम नहीं आती.. तुमने मुझे किस क्यों किया? मैंने उसको बोला- मैंने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया है.. तुम रो रही थीं.. इसलिए तुमको मनाने के लिए मैंने किस किया है। तो कहने लगी- कमरे का दरवाजा भी खुला है.. और खिड़की भी खुली हुई है.. अगर कोई देख लेता तो?
अब मेरी जान में जान आई कि वो रोने का नाटक कर रही थी और अब उसने इशारा भी दे दिया कि अगर कुछ करो तो कमरे का दरवाजा और खिड़की बंद करके करना..
फिर हम बातें करने लगे.. थोड़ी देर बाद वो कहने लगी- मुझे आज अपनी मम्मी के घर जाना है.. और शाम को वापस आऊँगी। मैंने कहा- ठीक है..
वो कुछ देर में तैयार होकर जाने के लिए खड़ी थी, उसने खिड़की बंद कर दी थी। जाते वक़्त उसने बोला- करण तुमने मुझे किस किया और तुमको पता है कि मैं शादीशुदा हूँ.. तुम यह बात किसी को मत बोलना.. अगर मेरे पति को पता चल गया तो वो मुझे छोड़ देंगे.. मैंने कहा- तुम फिकर नहीं करो.. मैं किसी को नहीं बोलूँगा।
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसको अपने सीने से लगा कर उसके होंठों पर किस कर दिया। वो कहने लगी- छोड़ो न.. कोई देख लेगा।
मैंने फ़ौरन दरवाजे को बंद कर दिया और उसको पकड़ कर उसके होंठों पर किस करने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी गर्म होने लगी और जवाब में अब वो भी मुझे किस करने लगी।
मैंने अपने एक हाथ से उसके एक मम्मे को पकड़ा और दबाने लगा.. और मेरा दूसरा हाथ उसकी कमर पर था।
उसकी साँसें अब तेज़-तेज़ चल रही थीं और इधर मेरा लण्ड उसकी टांगों के बीच में उसकी चूत को टच करने की कोशिश कर रहा था। उसने अपने होंठ हटा कर कहा- बस इससे ज्यादा कुछ और नहीं करना. मैंने बोला- ठीक है इससे ज्यादा नहीं.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उसके गरम जिस्म की गर्मी को महसूस कर रहा था और उसको चोदने की सोच रहा था। तभी वो कहने लगी- अब मैं जा रही हूँ। मैंने बोला- बाद में चली जाना.. कहने लगी- नहीं.. बच्चों को स्कूल से लेकर सीधे ही चली जाऊँगी। मैंने कहा- ठीक है.. अब कब दोगी?
उसने बोला- कल सुबह इसी टाइम आ जाना.. मैं इंतज़ार करूँगी। वो चली गई.. रात को उसके नाम की मुठ मारी और मैं सो गया।
सुबह उठ कर मैंने नाश्ता किया और अपने कमरे से बाहर आया.. मैंने ऊपर की तरफ गैलरी में देखा.. तो वो उधर खड़ी थी। उसने मेरे को ऊपर आने का इशारा दिया और मैं बाहर गली में जाकर 5 मिनट बाद उसके घर चला गया।
मैंने देखा कि वो घर में अकेली थी। मैंने उससे बच्चों का पूछा तो उसने बोला- मैंने उनको अपनी मम्मी के घर छोड़ दिया है। मैंने फ़ौरन ही उसको अपनी बाँहों में ले कर किस करनी शुरू कर दी। चअब वो भी मज़े ले रही थी।
मैंने उसकी कुर्ती ऊपर करके उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उसकी कुर्ती भी उतार दी, उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी। उसको मैंने बिस्तर पर लिटाया और उसको प्यार करने लगा.. उसके मम्मों को चूसने लगा, अब मेरा लण्ड पूरी तरह से तैयार था, वो भी गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी सलवार उतारी और उसे सीधा लिटा दिया। मैं उसके मम्मे चूसने लगा.. और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा।
अब उसके मुँह से हल्की सी आवाज़ भी आ रही थी- आआआअह.. ऊऊहह.. बस करो मेरी जान.. आआईईई.. बस करो ना.. मैंने और तेज़ी से उसकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया।
अब उसने अपने एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी। मैं उसकी चूचियों को प्यार करते हुए नीचे की तरफ आया.. देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. उसकी चूत एकदम चिकनी हो रही थी। मैं उसकी चूत के चारों तरफ अपनी ज़ुबान फेरने लगा.. तो वो और मस्त हो गई।
अब मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर फेरनी शुरू की और फिर चूत को चूसना शुरू कर दिया। वो भी अब कामुक होकर ऊपर-नीचे होकर चूत चुसवाने का पूरा मज़ा लेने लगी और 10 मिनट बाद वो अपनी चूत चुसवाते हुई छूट गई।
उसका सारा नमकीन पानी मैं पी गया। अब वो मेरी पैंट उतारने लगी। मेरा लण्ड बाहर आ गया.. वो मेरा हल्ल्बी लौड़ा देख कर हैरान हो गई क्यों कि मेरे लण्ड की लंबाई 9 इंच और मोटाई 3 इंच है।
वो कहने लगी- तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा है.. मेरे पति का तो 6 इंच से भी छोटा है और पतला भी है। मैंने कहा- फिर तो तुमको मेरे इस बड़े लण्ड से और मज़ा आएगा..
वो मुस्कुरा दी और मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाते हुए उस पर एक जोरदार किस किया और फिर उसको मुँह में ले कर चूसने लगी। वो पूरा जोर लगा कर लण्ड को अन्दर तक ले जाती.. जिससे मुझको बहुत ही मज़ा आ रहा था.. क्योंकि यह मेरा भाभी के साथ फर्स्ट टाइम था। मेरे मुँह से भी आवाज़ निकलनी शुरू हो गई- आआहह… मेरी जान ऊऊ.. ईईईईई.. मेरी जान.. चूसो और जोर लगाओ..
अब वो और तेज़ी से लण्ड को चूसती जा रही थी.. जैसे लॉलीपॉप चूस रही हो। करीबन 15 मिनट लण्ड चुसाने के बाद मैं उसके मुँह में ही छूट गया और मेरा सारा पानी वो पी गई। वो कहने लगी- तुम्हारा पानी भी बड़ा मज़ेदार है मेरी जान..
अब मेरा लौड़ा छोटा हो गया था.. और मैं उसके साथ ही लेट गया। वो मुझसे कहने लगी- तुम्हारा लौड़ा तो बहुत बड़ा है.. ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा। मैंने उससे कहा- ये तुमको मज़ा भी तो बहुत देगा। तो कहने लगी- मुझे तो डर लग रहा है.. तुम्हारे लौड़े से.. मेरी चूत को बहुत दर्द होगा.. लगता है आज फिर मेरी मेरी चूत सुहागरात की तरह दोबारा फट जाएगी।
कुछ सोचने के बाद वो उठ कर किचन में गई और मेरे लिए गिलास में दूध लेकर आई.. वो मैंने पी लिया और मैं लेट गया। वो भी मेरे बराबर में ही लेट गई और मेरे लौड़े को हाथ में पकड़ कर खेलने लगी।
मुझे भाभी की चूत चोदने की जल्दी पड़ी थी और भाभी नखरे दिखा रही थी। बने रहिये मेरे साथ देखते हैं कि कब तक चूत सिकोड़ती है। कहानी जारी है। [email protected]
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