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गाँव की चूत चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने देखा कि मामी को मामा चोद कर सुख नहीं दे रहे थे. मुझे मामी पसंद आ गयी थी तो मैंने मामी को कैसे चोदा.
दोस्तो, मैं राहुल आपको अपनी कल्पना मामी की चुत चुदाई की कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ.
आपने गाँव की चूत चुदाई स्टोरी के पिछले भाग देसी मामी से लंड की मालिश करवायी में अब तक पढ़ा था कि कल्पना मामी मेरे साथ बिस्तर पर मस्ती कर रही थीं. मैं उनके दूध चूस रहा था और वो मुझसे जल्दी चोद देने के लिए कह रही थीं.
अब आगे की गाँव की चूत चुदाई स्टोरी:
मैं कल्पना मामी को तड़पाए जा रहा था. जब उन्होंने मुझसे चोदने के लिए कहा, तो मैंने तुरंत उनकी नाइटी निकाल कर फेंक दी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मैं कल्पना मामी के गालों को, उनके होंठों को चूमे जा रहा था. उनकी चूचियों को दबाए और मसले जा रहा था. एक हाथ से उनकी चूत को भी सहला रहा था.
जैसे ही मैंने मामी की चूत में एक उंगली डाली, उनके मुँह से बस आअहह की आवाज़ निकली. उनकी वासना भरी सिसकारियां तेज़ होती जा रही थीं- उम्म्म्म राहुल्ल … बहुत अच्छा लग रहा है.
मामी की चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी. वो राहुल राहुल करके मेरे लंड को सहला रही थीं.
मैं बोला- कप्पो रानी, तू अब बेड पर लेट जा और अपने पैर अलग कर ले.
मामी बोलीं- जल्दी डाल अपना लंड राहुल … अब बर्दाश्त नहीं होता है … मैं बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ. मैं बोला- अब बस देखती जाओ रानी.
मैंने उठ कर लाइट ऑन कर दी.
मामी किसी पोर्नऐक्ट्रेस की तरह अपनी दोनों टांगें चौड़ी करके चूत को खोल कर लेटी थीं.
लाइट जलते ही मामी कंबल से अपनी बॉडी को ढकने लगीं. वो बोलीं- राहुल, लाइट ऑफ कर दो मुझे शर्म आती है. मैं- इसमें शर्म कैसी मेरी जान … चुदाई के मज़े खुल कर लेना चाहिए जान.
मामी बोलीं- उंह.. प्लीज़. मैं बोला- मेरी बात मान ले मेरी जान … बड़ा मजा आएगा. अब मैं तेरी चूत को चाटूँगा.
मामी बोलीं- नहीं … ये गंदी है. इसे कोई चाटता भी है पागल! मैं बोला- मामा ने तेरी चूत को कभी नहीं चाटा क्या!
मामी- नहीं, कभी नहीं … वो मुझे किस करते हैं फिर सीधे लंड चूत में डाल कर मुझे चोदने लगते हैं. कुछ देर बाद अपना पानी मेरी चूत में डाल कर सो जाते हैं. मैं बोला- कप्पो डार्लिंग, तुम सोच भी नहीं सकती कि तुझे आज कितना मज़ा आने वाला है. अच्छा बता, मामा तेरी गांड मारी है या नहीं!
उस पर मामी ने ना बोला- मैंने आज तक कभी गांड नहीं मराई … बस अपनी चूत को ही चुदवाती हूँ.
मेरे तो मन में बस अब लड्डू फूट रहे थे. मैं सोच रहा था मुझे एक कुंवारी गांड मिलने वाली है, लेकिन उसके लिए मुझे बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे.
मैं मामी के पास आ गया और उनके ऊपर लेट कर उन्हें फिर से किस करने लगा.
मामी को किस करते करते मैं नीचे आ रहा था. उन्हें ये सब बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
पहले मैंने उनकी गर्दन पर क़िस किया. ‘उम्म्मह ..’
फिर उनकी दोनों चुचियों पर क़िस करते हुए उनकी नाभि पर किस करने लगा. ‘उम्म्म्माह ..’
मामी की बस मादक सिसकारियां ही निकल रही थीं- उम्म्म्म ह्म्म्मक … जल्दी से चोद दो राहुल.
मैंने मामी की चूत को किस किया. ‘उम्म्म्मममम आहह.’ उनकी सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
मैं दोनों हाथों से उनके दोनों चूचियों को दबा रहा था और धीरे धीरे मामी की चूत को चाट रहा था.
मैं मामी की चूत को चाटते चाटते उनके चूत के होंठों को खींच देता. इससे उनकी सिसकारियां और तेज़ होती ज़ा रही थीं- आअहह उम्म्म्म उम्म्म्मम!
मामी अपने होंठों को अपने दांतों से दबाए जा रही थीं.
थोड़ी देर में उनके दोनों हाथ मेरे सिर पर आ गए थे और वो उसे अपनी चुत पर दबाए जा रही थीं.
मामी बोल रही थीं- आह राहुल … मुझे पता नहीं था कि इतना मज़ा आता है चूत चुसवाने में … आह और ज़ोर से चाटो इसे … आह.
मैं ज़ोर ज़ोर मामी की चूत को चाट रहा था. जिससे मामी ज्यादा देर टिक नहीं पाईं … और दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूत पर दबाने लगीं.
फिर मामी ने हांफते हुए मेरे मुँह पर अपनी चुत का पानी निकाल दिया. मैं भी किसी कुत्ते की तरह उनकी बुर का पूरा पानी चाट गया और चुत को चाट कर साफ कर दिया.
चुत चटाई के बाद मैं उठ कर उन्हें किस करने गया, तो मामी बोलीं- मुँह में किस नहीं करना.
मैं बोला- साली … तेरी चुत का ही तो पानी है. स्वाद ले लो. मैं मामी को ज़बरदस्ती किस करने लगा.
वो मुझे अजीब गुस्से से देख रही थीं. मैं बोला- अच्छा कल्पना … ये बताओ आज तक पहले ऐसा मज़ा मिला था!
मामी- सच बोल रही हूँ … आज तक मैंने कभी बिना चुदे हुए कभी मेरा पानी नहीं निकाला था … लेकिन राहुल तुमने ऐसा मज़ा दिया है कि मत पूछो. मैं बोला- अच्छा मुझे भी अब मज़ा दो मेरे लंड को चूसो.
मामी- नहीं, मैंने आज तक नहीं चूसा. मुझसे नहीं हो पाएगा. मैं बोला- देखो ना … तुझे कितना मज़ा आएगा. मैंने भी तुम्हारी चुत चाट कर तुम्हें मजा दिया था. क्या तुम मुझे ये सुख नहीं दोगी? मामी बोलीं- आज नहीं … फिर कभी ट्राइ करूंगी.
मैंने भी मामी से ज्यादा फोर्स नहीं किया बस मन में सोचा कि तुझे मैं लंड का ऐसा आशिक बनाऊंगा कि तू चुदने से पहले हर बार मेरे लंड को चूसने की बात करेगी.
मैं मामी की चूचियों को चूसने लगा. वो भी मस्त होकर मुझे अपने हाथ से दूध दबा दबा कर पिलाने लगीं.
मैं एक दूध को चूस रहा था और अपने हाथ से दूसरी चूची को मसल कर मजा लेने लगा. इसी के साथ साथ मेरा दूसरा हाथ मामी की बुर को भी रगड़ रहा था.
मामी जबरदस्त गर्मा गई थीं और उनसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. वो लंड पेलने की बात कहने लगीं- आह अब देर न करो … प्लीज़ मुझे चोद दो.
मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उनकी चूत पर लगा दिया और चुत की फांकों रगड़ने लगा. उनकी कामुक सिसकारियां धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थीं.
वो गांड आगे को उठा कर लंड लेने की कोशिश कर रही थीं मगर मैं बार बार लंड पीछे कर लेता था. मामी तड़फ रही थीं और उनको लग रहा था कि मैं अभी कुछ देर तक उनको और सताऊंगा. वो मजे से गांड उठा कर लंड खाने को मचल रही थीं और आने वाले हमले से गाफिल थीं.
तभी मैंने अपना पूरा लंड एक ही बार में चुत में पेल दिया. मामी की चूत पहले से ही गीली थी. मेरा 6 इंच का पूरा लंड एक बार में अन्दर तक सरसराता चला गया.
एकदम से लंड घुसने से मामी के मुँह से एक ज़ोर की ‘आआहह मर गई ..’ निकल गयी. ये आवाज बहुत जोर से निकलती मगर मैंने पहले ही अपना एक हाथ उनके मुँह पर रख दिया था.
उनकी छटपटाहट बता रही थी कि उन्हें ज़ोर से दर्द हो रहा है. मगर मुझे क्या परवाह थी. मैं पहले ही लंड न चूसे जाने से गुस्से में था. मैं मामी को धकापेल चोदने लगा.
वो बेड के किनारे पर लेटी हुई थीं. मैं बिस्तर के नीचे खड़े होकर उन्हें ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.
दस बारह धक्के बाद मामी को मजा आने लगा और वो चुदाई का मजा लेने लगीं.
अब मैं अपनी चाची के सिखाए हुए तरीके से अपनी मस्त मादक मामी को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था.
मेरी चाची की चुदाई की कहानी का लिंक आपको अन्तर्वासना पर ही मिल जाएगा.
अब धीरे धीरे मैं मामी की चुचियों पर हाथ से चांटे मार रहा था और चूमे जा रहा था.
मैंने मामी को अब गाली देना चालू कर दिया- आह ले साली … रंडी बोलती है लंड मुँह में नहीं लूंगी. मां की लौड़ी तुझे मैंने अपनी रंडी नहीं बनाया … तो मेरा नाम भी राहुल नहीं. साली कुतिया तुझे लंड नहीं चूसना नाअ … तू बस देखती जा. साली मादरचोद … छिनाल लंड खा कमीनी.
मैं ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को उनकी चूत में पेले जा रहा था. मामी भी मस्ती से गांड उठा कर चुत में लंड के घस्से ले रही थीं.
मैं एकदम उत्तेजना में था और उनको गाली बके जा रहा था- आह साली … तू बस अब मेरे लौड़े से चुदने के लिए तरसेगी कमीनी. मामी बस मुझे देखे जा रही थीं कि राहुल उन्हें कैसी कैसी गालियाँ दे रहा है.
मैं अपनी धुन में अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाए जा रहा था और मामी को गालियां दिए जा रहा था.
पांच मिनट तक वैसे ही चोदने के बाद मैंने कहा- मेरी कल्पना रंडी … चल अब घूम कर कुतिया बन जा.
मामी सेक्सी सिसकारियां लेते हुए घूम गईं और कुतिया बन गईं. मैं उन्हें पीछे से चोदने लगा. पूरा लंड चुत से निकाल कर ज़ोर से एक ही बार में पूरा लंड पेल रहा था. पूरे कमरे में हमारी चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी.
मैं कल्पना मामी की कमर ज़ोर से पकड़ ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और उन्हें अनाप शनाप गालियां दिए जा रहा था- साली रंडी तेरी चुचियां बहुत मस्त हैं … आह तेरी गांड तो और भी मस्त है. इसकी सील भी मैं ही तोड़ूँगा.
मामी चुपचाप अपनी चुत चुदाई का मजा ले रही थीं.
लगभग 15 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैं बोला- आह कप्पो रानी … मेरा निकलने वाला है. मामी बोलीं- अन्दर ही निकाल दो … बहुत दिन से इसके अन्दर पानी नहीं गया है. मैं भी झड़ चुकी हूँ.
मामी अब तक 2 बार झड़ चुकी थीं. उनकी चुत में पानी लेने की बात सुनकर मैं आंख बंद करके धकापेल चालू हो गया. कोई आठ दस झटकों में मेरा पानी निकल गया. लेकिन मैं लंड ढीला होने तक मामी को वैसे ही चोदता रहा.
इससे हुआ ये कि मामी की चुत से एक बार फिर से पानी निकल गया. झड़ने के बाद हम दोनों निढाल होकर गिर गए और अलग अलग हो कर वहीं बेड पर लेट गए.
दो मिनट बाद मैं बोला- कल्पना डार्लिंग, मेरी चुदाई कैसी लगी? मामी बोलीं- मुझे बहुत मज़ा आया. मैं आज तक पहले कभी एक बार में तीन बार नहीं झड़ी थी. मैं तेरे चूत चाटने के तरीके से पागल हो गयी हूँ. आज तक मुझे इतना मज़ा नहीं आया था.
मैंने उनको चूमा और कहा- अब कब दोगी कप्पो रानी? मामी- तू जब तक यहां है. मैं रोज़ कम से कम दो बार अपनी चूत का पानी ज़रूर पिलाऊंगी.
मैं बोला- मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है … आप दो बार बोल रही हैं … मैं तो कहता हूँ कि आप बोलो तो सही, मैं हमेशा आपकी चूत में मुँह लगाए रहूँगा.
वो मेरे लंड को एक हाथ से सहला रही थीं और बोल रही थीं- तू बहुत एक्सपीरियेन्स चुदाई वाला है. सच सच बता तूने आज तक कितनी लड़कियों को चोदा है. मुझे लगता है तूने कई चुत चोदी हैं … बिना इतनी चुत चोदे तू इतनी जबरदस्त चुदाई नहीं कर सकता.
मैं बस ये बोला- एक शादीशुदा जंगली बिल्ली ने मुझको चोदना सिखाया है. उसी की सिखाई कला से मैं तुझे रोज नए नए तरीकों से चोदूंगा … तू बस देखती जा … और मेरा साथ देती जा.
मामी- मैं वो सब करूंगी, जो तू बोलेगा. जब तुझसे चुद ही रही हूँ तो सब मज़े तेरे साथ ही करूंगी. जानता है, तेरे छोटे मामा मुझ पर कई बार चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं … लेकिन उन पर मुझे बिल्कुल भरोसा नहीं था. वो बिन पैंदी का लोटा है साला … जिधर मन हुआ, उधर लुढ़क जाएगा. वो दारू के नशे में किसी को भी बोल सकता था, इसलिए मैंने उसे हाथ ही नहीं रखने दिया. पर तुझमें पता नहीं मुझे क्या दिखा … जो मैं तेरे लंड से चुद गयी.
मामी ये सब बोल ही रही थीं कि इधर मेरा लंड फिर से हरकत में आने लगा. मैं बोला- कप्पो रानी … चल अब मेरा लंड चूस दे.
मामी ने फिर से लंड चूसने से मना कर दिया और बोलीं- प्लीज़ मुझे आज मत बोलो … मैं कल पक्के में तेरा लंड चूसूंगी … लेकिन आज नहीं प्लीज़. मैं बोला- ठीक है.
मैं मामी को फिर से किस करने लगा. मामी मेरे लंड को सहलाने लगीं. लंड फिर से अपने पूरे आकार में आ गया.
मैं बोला- मामी अब आप मेरे ऊपर आ जाओ. मामी मेरे ऊपर आकर दोनों पैरों को चौड़ाकर लंड पर बैठ गईं और मेरे लंड पर कूदने लगीं.
दस मिनट बाद मामी थकने लगीं, तो मैं उन्हें नीचे से चोदने लगा. मामी ऊपर से कूद रही थीं और मैं नीचे से गांड उठा कर उन्हें मस्त चोद रहा था.
मैं मामी से बोला- मामी, आप बस मेरे लंड पर बैठी रहो. मामी ने वैसा ही किया.
मैं बोला- अब तुम अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर रखो और अपनी कमर को धीरे धीरे आगे पीछे करो. मामी वैसा ही करने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मामी को भी ऐसा करने का पहला अहसास था. उन्हें भी बहुत मज़ा आ रहा था- उम्म्म्मम आअहह ओह उम्म्म्म राहुल बहुत मज़ा आ रहा है.
मैं उन्हें अपनी ओर झुका कर उनकी चुचियों को चूसने लगा और उनके होंठों को किस करने लगा.
फिर मैं धीरे से उठ गया. अब मामी मेरी गोद में बैठी थीं. मेरा लंड मामी की चूत में मस्ती कर रहा था.
मामी ने भी अपने दोनों पैरों से मुझे लॉक कर लिया और मेरी बांहों में अपने जिस्म को थमा कर मजा लेने लगीं.
मेरे दोनों हाथ मामी की पीठ को सहला रहे थे और मामी मेरे सिर मेरे पीठ को सहला रही थीं. हम दोनों पूरा चिपके हुए थे और किस करते हुए चुदाई कर रहे थे.
थोड़ी देर वैसे ही रहने के बाद मैं लंड निकाल कर बोला- अब तुम नीचे खड़ी हो जाओ. कल्पना मामी ने वैसा ही किया.
मैंने उनका एक पैर उठा कर बेड पर रखा और मामी से लिपट कर उनको खड़े खड़े चोदने लगा. मैं मामी को इसी पोज में काफी देर तक चोदता रहा.
फिर मैंने कहा- कल्पना अब तुम अपने दोनों हाथ बेड पर रख कर कुतिया बन जाओ. वो कुतिया बन गईं.
मैं मामी को पीछे से चोदने लगा. रूम में बस उनकी कामुक सिसकारियों की आवाज़ गूंज रही थी.
डॉगी पोज में लगभग 20 मिनट की चुदाई में मामी एक बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैं बोला- आह कल्पना मैं आ रहा हूँ. मामी बोलीं- आह मेरा भी दुबारा होने वाला है.
करीब बीस झटकों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. मामी चुदने के बाद बहुत खुश थीं.
अब तक सुबह के 4 बज चुके थे. सब कोई उठने वाले ही थे. मामी ने जल्दी से अपनी नाइटी पहनी और अपने रूम में जा कर सो गईं. मैं भी थक चुका इसलिए मैं भी सो गया.
सुबह मैं देर से उठा. जब उठा तो देखा कि मामी आज कुछ ज्यादा ही खुश नज़र आ रही थीं. मामा जा चुके थे.
मैं मामी से चिपक गया और उन्हें चूमने लगा.
आज रात मामी की फिर से झमाझम चुदाई की बारिश होगी. उनकी कुंवारी गांड का छेद भी मेरे लंड को मिलेगा. ये सब आपको दूसरी सेक्स कहानी में लिखूंगा कि कैसे मैंने मामी को लंड चुसाया और उनकी गांड मारी.
तो दोस्तो कैसी लगी आप लोगों को मेरी गाँव की चूत चुदाई स्टोरी. मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा. आपका राहुल [email protected]
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