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अब तक आपने पढ़ा..
रात में गरमी बहुत थी.. तो हम चारों यानि मैं नीलम.. और उसके भाई-बहन रोशनी और अंकित ऊपर छत पर सोने चले गए।
रात के करीब 12 बज गए। नीलम के भाई-बहन तो सो गए थे.. पर हम दोनों अभी भी बातें कर रहे थे। मैंने देखा कि उसके भाई-बहन सो गए हैं अब रास्ता साफ है.. तो मैंने अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा.. वो एकदम से मेरे पास आ गई।
मैंने फ़ौरन ही उस को अपनी बांहों में ले कर चुम्बन करना शुरू कर दिया। वो भी मज़े ले रही थी पर जल्दी ही नीलम ने मुझसे कहा- यहाँ कुछ मत करो.. अगर रोशनी और अंकित जाग गए तो दिक्कत हो सकती है। मैंने भी उसकी बात मान ली और हम दोनों वहाँ से उठ कर छत पर ही बने एक कमरे में चले गए।
अब आगे..
वहाँ नीलम ने एक गद्दा बिछाया और वो उस पर लेट गई। मैं भी नीलम के ऊपर ही लेट गया और उसे फिर से किस करने लगा। नीलम भी मजे ले-ले कर मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने धीरे से उसकी कुर्ती को उतार दिया और उसकी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बार उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
अब मेरा लण्ड पूरी तरह से तैयार था और अब तक वो भी गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी सलवार भी उतार दी और मम्मों को चूसे जा रहा था। इसी के साथ मैं एक हाथ उसकी पैन्टी के अन्दर डाल कर उसकी चूत सहला रहा था।
उसके मुँह से हल्की सी आवाज़ भी आ रही थी- आआ.. आह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह.. बस करो मेरी जान.. अआह्ह्ह.. बस करो न! मैं और तेज़ी से उसकी चूचियों को चूसने लगा। फिर उसने भी अपने हाथों से मेरे लोअर को नीचे किया और अन्डरवियर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
मैं उसकी चूचियों को प्यार करते हुए नीचे की तरफ आया और उसकी पैन्टी भी उतार दी। मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. एकदम चिकनी चूत थी। मैं उसकी चूत के चारों तरफ अपनी ज़ुबान फिराने लगा.. इससे वो और मस्त हो गई।
अब मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर फेरना शुरू की और फिर चूत को चूसना शुरू किया। वो भी पूरा मजा लेने लगी और दस मिनट बाद वो अपनी चूत चटवाते चटवाते अकड़ उठी और उसकी चूत से पानी निकल गया। उसका सारा मस्त नमकीन पानी मैं पी गया।
अब वो थोड़ी सुस्त हो गई थी.. तो मैं भी उससे थोड़ा दूर हट गया और अपनी शर्ट और बनियान उतार दी।
नीलम ने मेरा लोअर आधा नीचे तो कर ही दिया था.. तो मैंने उसे पूरा निकाल दिया। अब मैं सिर्फ अन्डरवियर में था और नीलम मेरे सामने नंगी पड़ी हुई थी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखा.. तो उसने मुझे अन्डरवियर भी उतारने का इशारा किया। मैंने देर न करते हुए अपनी अन्डरवियर भी उतार दी।
जब मेरा लण्ड बाहर आया.. तो उसे देख कर वो हैरान हो गई और कहने लगी- तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा भी है। मैंने कहा- ये बड़ा और मोटा है.. तभी तो मजे देगा। नीलम मेरा लण्ड देख कर मुस्कुरा दी और मेरे लण्ड को अपने हाथ से दबाते हुए उस पर एक ज़ोरदार चुम्बन कर दिया, फिर उसको अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। कुछ ही पलों में वो पूरा ज़ोर लगा कर लण्ड को अन्दर तक ले जाती। मुझको बहुत ही मज़ा आ रहा था क्योंकि यह मेरा फर्स्ट टाइम था।
मेरे मुँह से भी आवाज़ निकलनी शुरू हो गई- आआ..ह्ह्ह्ह.. मेरे जान चूसो.. इसे.. और जोर से चूसो.. आअह्हहहह.. ऊऊऊऊओह.. नीलम और तेज़ी लण्ड को चूसते जा रही थी मानो लॉलीपॉप के जैसे लवड़े को चूस रही हो।
कुछ देर बाद मेरा पानी भी नीलम के मुँह में ही छूट गया और वो भी मेरा सारा पानी पी गई। अब मेरा लण्ड भी छोटा हो गया था और हम दोनों लेट गए।
फिर नीलम कहने लगी- तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा है.. ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा। मैंने उससे कहा- ये तुमको मज़ा भी बहुत देगा। वो कहने लगी- मुझे तो डर लग रहा है.. बहुत दर्द होगा तुम्हारे लण्ड से.. आज तो मेरी इस छोटी से चूत का हाल बुरा बन जाएगा।
हम दोनों नंगे ही थे.. नीलम उठी और नंगी ही नीचे किचन से जा कर पानी ले कर आई। मैंने पानी पिया और मैं लेट गया.. वो भी मेरे पास ही लेट गई और मेरे लण्ड को अपने हाथ में लेकर खेलने लगी। अब मेरा लण्ड भी उसको चोदने के लिए दोबारा तैयार हो गया।
मैंने उसको अपना लण्ड चूसने के लिए बोला.. तो वो इस पर झुक गई और मुँह में लेकर ऊपर-नीचे करके लण्ड चूसना शुरू कर दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
कुछ देर चुसवाने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत को थूक से गीला किया और अपने लण्ड की टोपी उसकी चूत पर फेरने लगा। वो बोली- मेरी जान अब डाल भी दो अन्दर.. अब इंतज़ार नहीं हो रहा मुझसे।
यह सुनने के बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत में रख दिया और दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा ज़ोर लगाया तो टोपी अन्दर चली गई और वो चीखने लगी- ओओ.. ओह्ह्ह्ह्ह्.. मर गई मैं तो.. ओह्ह्ह्ह्ह्..
अब मैंने और जोर लगाया.. तो आधा लण्ड नीलम की चूत में घुस चुका था और वो एकदम से चीखने लगी। मैंने उसका मुँह दबाया और उससे कहा- थोड़ा धीरे चिल्लाओ.. नहीं तो रोशनी और अंकित जग जाएंगे। वो हल्के स्वर में चिल्लाने लगी- जल्दी से बाहर निकालो इसे.. नहीं तो मैं मर जाउंगी.. ऊऊह्ह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है ऊऊहह.. आज तो मेरी चूत फट गई.. मुझे नहीं चुदना।
मैंने नीलम की एक न सुनी और एक ज़ोरदार धक्का मारा.. तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसता चला गया। अब उसकी आँखों में आँसू भी थे और वो चिल्ला भी रही थी। ‘छोड़ दो मुझको.. नहीं चुदवाना है मुझे.. बहुत दर्द हो रहा है ऊऊह्ह्ह्ह्ह्.. बस करो.. मुझ पर रहम करो.. निकालो इसे बाहर..’
वो ये सब बोले जा रही थी और मैंने आधा लण्ड बाहर निकाल और उसको बोला- नीलम मेरी जान, दर्द अभी थोड़ी देर में खत्म हो जाएगा।
मैंने एक झटका से फिर से मार दिया.. और पूरा लौड़ा चूत में अन्दर पेल दिया। कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम होने लगा था.. तब मैंने आहिस्ता-आहिस्ता हिलना शुरू कर दिया। अब उसको भी मज़ा आने लगा और उसने भी आगे-पीछे हिलना शुरू कर दिया.. जिससे हम दोनों को ही मज़ा आने लगा। वह कहने लगी- और ज़ोर से चोदो।
मेरी स्पीड अब और बढ़ गई। कुछ ही देर में उसका पानी छूट गया.. उसकी चूत में से पानी बाहर आने लगा.. लेकिन मैं अभी छूटने वाला नहीं था।
मैंने उसको सीधे लिटा दिया और उसकी गांड के नीचे तकिया रखा और उसकी चूत में लण्ड पेल दिया।
मेरा लण्ड अब आसानी से उसकी चूत में चला गया.. उसको भी दर्द नहीं हुआ.. अब मैंने झुक कर उसके होंठों पर चुम्बन करना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा। साथ ही मैं अपने लण्ड को अन्दर-बाहर भी कर रहा था.. जिससे उसको मज़ा आ रहा था।
अब मैंने उसकी मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। नीलम फिर से गरम होने लगी और उसकी आवाजें निकलनी शुरू हो गईं। ‘ऊऊऊह्ह्ह.. आहहह..’ वो कहने लगी- जरा तेज़-तेज़ चोदो.. बहुत मज़ा आ रहा है..
मुझे भी आज पहली बार इतना मज़ा आ रहा था। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी पूरे कमरे में हमारी आवाजें गूंज रही थीं। नीलम को चोदते हुए मैंने नीलम से पूछा- मज़ा आया मेरी जान? तो वो बोली- हाँ राजा.. इतना मज़ा तो पहले कभी नहीं आया था.. आज तो तुमने कमाल ही कर दिया। मैं तो झड़ चुकी हूँ.. और तुम्हारा तो अभी झड़ने का कोई इरादा भी नहीं लगता।
मैं बोला- हाँ.. अभी तो मैं तुमको और चोदना चाहता हूँ.. मेरी जान। वो बोली- चोद लो.. जितना जी चाहे किसने मना किया है राजा तुमको..
तो मैंने फिर से उसको घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया, कुछ देर तक मैं उसको जोर-जोर से चोदता रहा, वो भी मजे से चुदवाती रही। उसने कहा- मेरी जान अब मैं लेटता हूँ और अब तुम मुझे चोदो। तो वो बोली- मैं तुम्हें कैसे चोद सकती हूँ? मैंने कहा- आओ.. मैं तुमको सिखाऊं। वो बोली- हाँ.. बताओ कैसे चोदूँ तुमको..?
मैंने बोला- देखो.. मैं सीधा लेटता हूँ और तुम मुझ पर आकर घुटनों को नीचे करके मेरे लण्ड पर बैठ जाओ और मेरे लण्ड को अपनी चूत में पूरा ले लो और फिर ऊपर-नीचे होकर मुझे चोदो।
फिर नीलम ने ऐसा ही किया। शुरू में तो वो डिसबैलेंस हो गई.. लेकिन बाद में उस ने अपनी पकड़ बना ली और लण्ड को अपनी चूत में लेने के बाद उसने ज़ोरदार शॉट लगाने शुरू कर दिए।
वो मेरे लण्ड पर उछल रही थी.. तो उसके मम्मे भी इतनी जोर से हिल रहे थे कि मेरी पकड़ाई में नहीं आ रहे थे। मुझको भी अब और मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- मैं थक चुकी हूँ..
मैंने उससे कहा- कुछ देर और चोदो.. बस मेरी जान.. मैं अब छूटने वाला ही हूँ। ‘ओके..’ फिर मैंने उससे पूछा- पानी कहाँ निकालूँ?
उसने बोली- तुम जहाँ चाहो.. वहाँ निकाल दो। मैंने उसे नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर आकर अपनी स्पीड बढ़ा दी और जब छूटने ही वाला था.. तो मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में से निकाल लिया और मेरे लण्ड का सारा पानी उसके पूरे शरीर पर छूट गया। मेरा बड़ा बुरा हाल हो गया था और नीलम भी बुरी तरह थक चुकी थी।
हम दोनों वहीं पर लेट गए.. आधे घंटे तक हम दोनों वैसे ही लेटे रहे.. फिर नीलम उठी और नीचे बाथरूम में जाकर उसने खुद को साफ किया और वापिस आकर मेरे पास लेट गई।
वो मुझसे बात करने लगी.. वो कहने लगी कि उसे आज जैसा मजा पहले कभी नहीं आया। मैंने नीलम से कहा- नीलम मैं तुम्हें और भी मजा देना चाहता हूँ। उसने कहा- नहीं.. अभी और नहीं.. मैं बहुत थक चुकी हूँ।
हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए। उस रात मैंने नीलम को दो बार चोदा और जब सुबह हुई.. तो हम दोनों नंगे ही सो रहे थे। नीलम ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और अपने भाई बहन के पास जाकर लेट गई। इसके बाद तो गाहे बगाहे नीलम की चूत मेरे लवड़े से चुदती रही।
तो दोस्तो, यह था मेरा सेक्स का पहला अनुभव.. आप सबको कैसा लगा.. बताइएगा जरूर..
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