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नीलेश बोला- यार, शायद इंटरवल होने वाला है, अपन थोड़ा सीधे बैठ जाते हैं। हमने अपने अपने कपड़े सही किये और चारों अच्छे से अपनी अपनी जगह बैठ गए। नीता नीलेश के बगल में उसके कंधे पर सर रखकर बैठ गई और मधु मेरे बगल में बैठ कर मेरे कंधे पर सर रखकर बैठी रही।
10 मिनट बाद ही इंटरवल हो गया, मैं और नीलेश जाकर पॉपकॉर्न, ड्रिंक्स और पानी ले आये।
इंटरवल खत्म होते ही जैसी ही लाइट्स बंद हुई, मैंने मधु को अपनी गोद में बैठाया और टी शर्ट ऊपर करके उसके स्तन दबाने लगा। नीता ने मौके की नजाकत को देखते हुए मेरे और मधु के जीन्स का बटन खोला, ज़िप खोली और जीन्स और घुटनों तक उतार दिया। मधु अपने हाथ से मेरे लौड़े को अपनी चूत पर सेट करके उस पर बैठ गई, पूरा लंड जब चूत में चला गया मेरे से टिक के धीरे धीरे उछलने लगी।
मेरी तरफ मधु की पीठ थी, मधु मूवी देखने आये लोगों को साफ़ दिख सकती थी। सभी लोग मूवी देख रहे थे और वो अपने पति से मूवी हॉल में चुद रही थी, शायद ऐसा ही सोच कर मधु की चूत में थोड़ा और गीलापन आ गया। मधु अब चुदने के आनन्द के चरम पर थी, वो अपनी आवाज़ पर संयम नहीं बरत सकी और उसके मुंह से ‘आह उह आह ओह्ह ऊंह्ह आह उह आह ओह्ह…’ निकल गया जिसकी ध्वनि थोड़ी ज्यादा थी।
जब तक मैं मधु के मुंह पर हाथ रखता, तब तक लोग पीछे पलट कर देख चुके थे। सभी लोग दुबारा से मूवी देखने लगे पर मूवी में इतना मज़ा कहाँ जो लाइव सेक्स देखने में है इसलिए लोग अब बार बार मुड़ कर देखने लगे। मधु अब आराम से चुदवा रही थी उसके मुंह से बीच बीच में सिसकारियाँ भी निकल रही थी।
नीलेश और नीता भौचक्के से हम दोनों को सिनेमा हॉल में सबकी नज़रों के सामने चुदाई करते देख रहे थे। कुछ मनचले युवक को जी बिना किसी लड़की के आये थे, वो हमारी तरफ आने लगे। मधु बोली जानु डोंट वरि तुम बस चुदाई करते रहना, रुकना मत।
4 लड़के आकर हमारे आगे वाली सीट पर घुटनों के बल हमारी तरफ मुंह करके बैठ गए। मधु उनकी आँखों में आँखें डाले उन्हें देख रही थी। लड़के बोले- देखो इस मादरचोद को कोई शर्म ही नहीं है। एक बोला- चल अपन भी इसके बदन का मज़ा लेते हैं, इसके बूब्स दबा लेते हैं। एक बोला- अबे चूतिये, तेरी लौडिया इतनी गर्म हो रही थी तो रूम पे ले जाता, यहीं चुदाई मचाने लगा?
आगे बैठे 4-5 कपल्स भी हमारी चुदाई का लाइव नज़ारा देखने पीछे आ गये।
मधु बोली- मेरा जहाँ मन करा, मैं चुदवा रही हूँ और ये कोई मेरा बॉय फ्रेंड नहीं मेरा पति है। मैंने तुम्हे किसी चीज़ के लिए नहीं रोका पर मेरे बदन को हाथ लगाने के लिए तुम्हे मेरे पति से परमिशन लेनी होगी। मैंने मधु को गोद से उठाया, उसका मुंह अपनी तरफ करके दुबारा अपने लौड़े पे बैठा लिया और बोला- तू बस चुद… इनको जवाब मैं दे दूंगा।
मैं चुदाई करते करते ही बोला- हाँ भाई, किसको क्या समस्या है। लड़के बोले- हमें भी इसे चोदना है। मैंने कहा- माँ के लौड़े, ऐसे कैसे चोदना है? लड़के बोले- मादरचोद गाली दे रहा है। मारो इसको मारो…
नीलेश खड़ा हुआ, मैंने मधु के बैग से एक जर्मन मेड पिस्टल निकाली और बोला- हाँ मारना है, कौन आ रहा है मारने? आओ मादरचोद! पिस्टल मैंने नीलेश को दी और बोला- जो हमारी तरफ बढ़े उसे बेधड़क गोली मार देना, मैं सब निबट लूंगा। नीलेश पिस्टल ताने रहा, हम चुदाई करते रहे।
सामने सेक्स हो रहा हो और वो कुछ न करें ऐसा तो हो नहीं सकता, इसलिए 7-8 लड़कों ने हमारे सामने अपने अपने लंड बाहर निकाल लिया, मधु को चुदते देख मुठ मारने लगे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने फिर से मधु को उठाया और उसका मुंह स्क्रीन की तरफ कर दिया। मैंने कहा- यह ठीक है कि तुम अपने पास जो है, उससे खेलो, मेरे पास जो है उससे मुझे खेलने दो। तुम लोग अच्छे से मुठ मारने का मज़ा ले सको इसलिए इसका मुंह तुम्हारी तरफ कर दिया है, अब इसके बूब्स पर अपनी अपनी मुठ गिरा सकते हो।
कुछ लोग तो हॉल छोड़ कर चले गए, कुछ कपल्स में उनकी लड़कियों ने अपने साथ आये लड़कों की मुठ मारी। मधु जब मुझसे अच्छे से चुद गई तो वो जाकर सीढ़ियों पर लेट गई सभी ने उसके ऊपर अपना मुठ गिरा दिया, मधु पूरी तरह मुठ से भीग गई थी।
सभी लोग मुझे थैंक्स बोले और सॉरी मांगी, बोले- आप बहुत अच्छे हैं, हमने आपको गलत समझा। मैंने मन ही मन सोचा- माँ के लौड़े, पिस्टल के सामने अच्छे घुटने तक देते हैं तुम तो अभी पैदा हुए हो।
मधु के बैग में एक तौलिया था, उससे उसके बदन पर पड़ा हुआ सारा वीर्य पौंछा और हम लोग वापिसी में खाना पैक करा कर आ गये।
घर पहुंचते पहुंचते हमें 2:30 बज गए थे। घर पर आने के बाद सभी लोग वापस से नंगे हो गए।
मैंने मधु से पूछा- तुझे वहाँ किसी और लौड़े का लेने का मन तो नहीं था न? मधु बोली- नहीं, तुम लोगो ने मेरी जो हालत कर दी थी उसके बाद तो मेरी किसी और लौड़े को लेने की इच्छा नहीं बची थी। नीलेश बोला- लेकिन नज़ारा देखने लायक था, इतने मर्द एक साथ किसी लड़की को देखकर मुठ मार रहे थे, यह नज़ारा अब ज़िन्दगी भर के लिए दिमाग में छप गया है।
नीता बोली- भाभी, आपकी डर्टी फंतासी वाकई लाजवाब थी। नीलू, मुझे भी कभी न कभी ऐसे ही किसी सिनेमा हाल या पार्क या मॉल में चोदना। नीलेश बोला- हाँ डार्लिंग, पहले राहुल की तरह एक पिस्टल ले लूँ, फिर चोदूँगा वर्ना मेरे अलावा कितने लौड़े तेरे मुंह, नाक, गांड, चूत और जहाँ जहाँ छेद हैं, वहाँ जायेंगे कि शायद तू बैंडिट क्वीन बन जाये। सभी लोग हंसने लगे।
मैंने कहा- वो कोई असली पिस्टल नहीं है, वो सिर्फ दिखने में पिस्टल जैसी है, वैसे वो लाइटर है पर डराने का काम अच्छा करती है। नीलेश बोला- ओह्ह तेरी की बेहनचो… मेरे हाथ में भी थी पर इतनी भार लगी कि लगा असली पिस्टल ही है। मधु बोली- मैंने इतना चुदवाया है आज कि मुझे थोड़ी थकान हो रही है, मुझे थोड़ी देर आराम करना है। और बोलते बोलते मधु बिस्तर पर गिर गई, जल्दी ही वो सो गई।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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