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मैं बंटी आपके सामने फिर से अपनी कहानी
गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई-1 को आगे बढ़ाने के लिए हाजिर हूँ। आप सभी के मेरे पास बहुत से ईमेल आये लेकिन सभी ईमेल का जवाब देपाना किसी भी प्रकार से संभव नहीं है, फिर भी मैंने सभी ईमेल का जवाब देने का प्रयास किया है।
सबसे ज्यादा ईमेल मुझको नौकरी दिलाने या चूत दिलाने के लिए ही आये है जो किसी भी प्रकार से मेरे लिए संभव नहीं है। मेरे कुछ दोस्त जूही को रंडी टाइप लड़की समझ रहे है लेकिन वो ऐसी नहीं है।
अब कहानी पर आता हूँ।
उस दिन के बाद मैं जूही की ही कम्पनी में ही नौकरी करने लगा। वह बहुत बड़ा ऑफिस था, वहाँ पर करीब 100 लोगों का स्टाफ था जिसमें जूही की बहन पूजा ऑफिस की इंचार्ज थी, वह अभी अविवाहित थी।
मैं अपना काम मन लगा कर रहा था और जूही के पास भी लगातार ही जा रहा था, जूही मुझको 2-3 दिन में एक बार बुला लिया करती थी और हम लोग हमेशा की तरह एक ही काम किया करते थे। अब मुझको भी जूही की चुदाई करने की आदत सी हो गई थी, जूही का भी फ़ोन अब मुझको ऑफिस टाइम में आने लगा था और पूजा मुझको अपने आप ही ऑफिस से फ्री कर दिया करती थी जिससे मैं जूही के घर पर चला जाया करता था।
जूही ने मेरे ऑफिस के पास में ही एक फ्लैट भी किराये पर ले लिया था।
एक दिन शाम को मैं ऑफिस से अपने घर के लिए निकला ही था कि एक कार मेरे पास आ कर रुकी जिसको जूही खुद चला रही थी, उसने गेट खोल कर मुझको बैठने के लिए कहा। मैं उसकी कार में बैठ गया, उस दिन भी जूही बहुत सुंदर लग रही थी, शायद वो सीधे ब्यूटी पॉर्लर से ही आ रही थी, उसने नीले रंग की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी, उस साड़ी में बहुत गजब की लग रही थी, स्लीवलैस ब्लाउज़ पहन हुआ था, उसने शायद आज पूरा मेकअप कराया था।
कुछ मिनट बाद मैंने ही ख़ामोशी को तोड़ा और जूही से पूछा- हम लोग कहाँ जा रहे हैं? उसका जवाब बहुत ही आसान सा था- जहाँ हम लोग हमेशा जाते हैं, आज भी हम लोग वहीं जा रहे हैं।
लेकिन अब उसके साथ रह रह कर मुझको अमीरी की आदत पड़ चुकी थी, मैंने ही जूही से कहा- आज कुछ अलग सा करने का मन कर रहा है! जूही भी मेरी फीलिंग को बहुत अच्छे से समझती थी तो हम लोग सीधे वहाँ से साउथ एक्स के एक पब में चले गए और वहाँ हमने साथ साथ पैग लगाने शुरू कर दिए, वहाँ पर हमने बहुत डांस भी किया और बहुत मस्ती भी की।
जूही ने बहुत हल्के से मेरे कान में कहा कि आज बहुत दिनों के बाद वो इतना खुश है।
अब हम लोग बहुत नशे में आ चुके थे और रात के 11बज रहे थे, मेरे से ज्यादा जूही नशे में आ चुकी थी, उससे अब खड़ा होना भी मुश्किल हो गया था, जूही को इतना भी होश नहीं रह गया था कि उसके कपड़े कहाँ जा रहे हैं। किसी तरह से मैंने ही जूही को कार तक पहुँचाया और कार के अंदर बिठा कर खुद ही कार को ड्राइव करना शुरू कर दिया। मैं उसको कार में 2 घंटे तक सड़कों पर ऐसे ही घुमाता रहा क्योंकि मैं चाहता था कि किसी तरह जूही का नशा कम हो जाये तो ही हम लोग घर की तरफ जायें।
रात को एल बजे जूही का नशा कुछ कम हुआ और अब वो ठीक लग रही थी, उसने मुझको तुरंत ही नॉएडा की तरफ चलने को कहा जहाँ उसने एक नया घर लिया था। हम लोग सीधे नॉएडा उसके घर पहुँच गए, जूही को मैंने कार से उतारा। वो ताला खोलने लगी और मैं कार पार्क करने लगा।
उसके बाद मैं सीधे घर की तरफ गया, गेट खुला हुआ था लेकिन फ़िर भी मैंने गेट को बजाना ही ठीक समझा क्योंकि मैं वहाँ पर पहली बार ही गया था। अंदर से खनकती हुई आवाज़ मेरे कानो में वापस आई- बंटी अंदर आ जाओ!
अंदर घुसते ही मेरी आँखें खुली की खुली रह गई, जूही ने अपनी साड़ी उतार फेंकी थी, वह सोफे पर सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज़ पहन कर बैठी हुई थी, उसका पेटीकोट भी उसके घुटनों से ऊपर ही था। मैंने जूही को कहा- अगर मेरी जगह कोई और आ जाता तो?
उसने बहुत कातिल मुस्कान के साथ जवाब दिया- आ तो जाता लेकिन मुझको चोद नहीं सकता क्योंकि चोदने का हक़ मैंने सिर्फ तुमको ही दिया हुआ है। मैं जूही के साथ सोफे पर बैठ गया और बहुत देर तक उसके दूधों से खेलता रहा और साथ ही साथ मैंने उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया, अब वो सिर्फ मेरे सामने ब्रा और पेटीकोट में ही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब शायद जूही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने मुझसे कहा- पहले मेरी चूत को चाट चाट के इसका पानी निकाल दो! शायद उसको बहुत ज्यादा जोश चढ़ गया था, उसके निप्पल भी बहुत ज्यादा ही टाइट हो गए थे।
मैंने तुरंत उसका पेटीकोट उतार फेंका, पैन्टी थी ही नहीं, उसकी चूत को अपने मुंह में भर लिया। मुझको भी जूही की चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था, उसकी चूत का स्वाद बहुत नमकीन सा लग रहा था। जूही की सिसकारियाँ मुझको मदहोश किये जा रही थी। आज तक जूही की चूत को चाटने में मुझको उतना मजा नहीं आया जितना कि मुझको उस दिन आ रहा था।
15 मिनट चूत को चाटने के बाद जूही ने मेरा मुँह अपनी चूत पर बहुत जोर से दबा दिया और उसके मुख से जोर जोर की आवाज़ें निकलना शुरू हो गई कि बंटी आज इस चूत को खाली कर दो कैसे भी! इस चूत ने मुझको बहुत परेशान किया हुआ है, इस चूत की तड़प को कैसे भी ख़त्म करो!
इतना कहते कहते वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं हमेशा की तरह उसका पूरा का पूरा पानी पी गया। अब उसके चेहरे पर अलग तरह की संतुष्टि महसूस हो रही थी।
मैं जूही को उठा कर बैडरूम में लेकर चला गया जो पूरी तरह से फूलों से सजा हुआ था, कमरा बहुत ही खूबसूरत लग रहा था। मैंने जूही से पूछा- आज इस कमरे को इतना सजाया हुआ क्यों है? तो उसने बताया कि आज उसकी शादी की सालगिरह है और हमेशा की तरह आज भी उसका पति उसके साथ नहीं है इसलिए अब वो मुझको ही अपना सब कुछ मानती है।
यह बात बोलते बोलते जूही बहुत ही ज्यादा इमोशनल हो गई, साथ ही साथ मैं भी बहुत इमोशनल हो चुका था। फिर हम दोनों एक दूसरे के बहुत ज़ोर से गले लग गए, मैंने जूही को चूमना शुरू कर दिया, 5-7 मिनट की चूमाचाटी के बाद हम लोग एक दूसरे से अलग हो गए और फिर जूही ने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया, वो उसको बहुत बुरी तरह से चूस रही थी जैसे कि किसी प्यासे को पानी मिल गया हो।
अब हम लोग 69 की पोजीशन में आ चुके थे, वो मेरे लण्ड को और मैं उसकी चूत को चूसे जा रहा था। थोड़ी देर बाद हम लोग एक दूसरे के मुँह में झड़ गए। फिर थोड़ी देर हम लोग एक दूसरे से ऐसे ही चिपक कर लेटे रहे, जूही अब भी मेरे लण्ड से लगतार खेले जा रही थी।
थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर से तैयार हो गया और जूही ने मुझसे कहा- अब मुझसे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मेरी चूत में अपना लण्ड घुसाओ। मैंने भी देर न करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर सेट कर दिया और एक जोर के धक्के में मैंने अपना आधा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया और जूही के मुँह से एक ज़बरदस्त चीख निकल गई।
लेकिन मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे मैंने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया, फिर हम लोग मस्ती में डूब कर धक्के लगाने लगे। थोड़ी देर के बाद मैं बिस्तर पर नीचे लेट गया और जूही मेरे ऊपर आ गई, अब धक्के लगाने की बारी जूही की थी और वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रही थी, लगातार बोले जा रही थी- मुझको चोदो और मेरी चूत का पूरा पानी निकाल दो! यह चूत तुमको देख के ही परेशान होती है!
जूही बोलती जा रही थी और धक्के लगाती जा रही थी। दस बारह मिनट की चुदाई के बाद जूही ने कहा कि अब वो झड़ने वाली है तो तुरंत ही मैंने अपनी पोजीशन को बदल दिया और मैंने बहुत तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए, फिर हम लोग साथ साथ झड़ गए।
थोड़ी देर हम लोग नंगे ही लेटे रहे और फिर एक और दौर चूत चुदाई का चला और उसके बाद हम लोग नंगे ही सो गए।
कहानी जारी रहेगी.. [email protected]
कहानी का अगला भाग: गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई -3
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