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हैलो फ्रेंड्स.. मेरा परिचय.. नाम- प्रिंस, रंग- गेहुँआ.. उम्र- 23 साल.. कद- 5.7इंच.. लण्ड- 8.5 इंच का है। मैंने अन्तर्वासना.कॉम में बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मैं हर बार यही सोचता था कि मैं भी अपनी आपबीती आप सबके साथ शेयर करूँ और आप सबको एक एहसास दिलाऊँ.. एक मज़ा दिलाऊँ और उत्तेजित करूँ.. ताकि आपको कहानी पढ़ने के साथ-साथ किसी और चीज़ का भी मज़ा मिल सके।
बस.. आप मेरी यह आपबीती पढ़िए और अपने आपको इस कहानी में इमेजिन कीजिए.. ज्यादा वक्त न लेते हुए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
आप सबने यह लाइन तो सुनी ही होगी ‘नर्स की चूत को दुनिया तरसती..’ आखिरकार मैंने अपनी यह ख्वाहिश नर्स की चूत मार कर पूरी कर ली। पढ़िए कैसे..
यह बात उन दिनों की है.. जब मैं चंडीगढ़ में ग्रेजुएशन कर रहा था.. तब मैं 22 साल का था। चंडीगढ़ में एक-एक से आईटम बम्ब लड़कियाँ हैं.. जिसको देखो तभी दिल में यही बात आती कि बस इसकी चूत मिल जाए और कुछ नहीं चाहिए.. पर वो कहावत है न कि ‘हर चूत पर लिखा है लण्ड खाने वाले का नाम..’
फिर अंततः जिस दिन का मुझे इंतजार था आखिर वो आ ही गया। वो 31 दिसम्बर 2012 को मैं अपने घर से चंडीगढ़ से आ रहा था मैं रात 7 बजे चंडीगढ़ बस स्टैंड पहुँचा.. वहाँ से मैंने लोकल बस ली.. अपनी जगह जाने के लिए जहाँ पर मेरा रूम था।
मेरे पास बहुत सामान था.. रास्ते में एक लड़की बस में चढ़ी.. उसने मुँह पर कपड़ा बाँधा हुआ था, मैंने उसकी तरफ देखा तो मुझे सिर्फ उसकी आँखें दिखी और उसने भी मुझे देखा। फिर वो मेरी साथ वाली खाली सीट पर बैठ गई।
कुछ ही पलों बाद वो जानबूझ कर मुझसे बातें करने लगी, बातों-बातों में उसने बताया कि वो एक हस्पताल में नर्स है। फिर जाते-जाते उसने मेरा फोन नम्बर मांग लिया। मैं तभी समझ गया कि यह लड़की अब मेरे लण्ड का शिकार होने वाली है।
उसी रात को हमारी बात हुई और अगले दिन का मिलने का प्रोग्राम बन गया। मैं भी एकदम स्टाइलिश बन कर गया। जब वो आई.. तो मैंने देखा कि उसने पंजाबी सूट पहना था और वो एकदम स्लिम सेक्सी फिगर 32-28-30 की थी।
उसके आधे उभार उसके सूट से दिख रहे थे। उसको देखकर ही मेरे मन में आया कि कब इसकी चूत मिलेगी। वो जब मेरे पास आई तो मुझे देख कर इतनी फ़िदा हो गई कि वो मेरे गले लग गई और बोली- तुम तो बहुत ही स्मार्ट हो।
मेरे हाथों में हाथ डाल कर वो मुझे पार्क में ले गई.. वहाँ हमने बातें की और मैंने बातों ही बातों में उससे पूछा- कल हम दोनों मेरे कमरे में मिल सकते हैं? उसने एकदम से ‘हाँ’ कह दिया।
उसकी इस हाजिर जबावी से मुझे लगा कि मुझसे ज्यादा तो इसे चुदने की जल्दी थी। उसके अगले दिन हम कुछ काम के कारण हम मिल नहीं पाए.. फिर हम 3 दिन बाद मिले.. शायद वही दिन उसकी चुदाई का दिन था।
उसको मैं अपने कमरे में सबकी नजरों से छिपाकर ले आया। ठंड का महीना था.. तो हम रजाई में बैठ गए.. बातों-बातों में हमने एक-दूसरे के होंठ चूसे।
मैंने पहले ही मन में ठान लिया था कि शुरूआत मैं नहीं करूँगा। वो बातों-बातों में बहाने से मेरे हाथ अपने उभारों पर ले जाती और बोलती- मेरी दिल की धड़कनें तो देखो.. मेरा दिल तो ऐसे करता था कि उसके गोल-गोल उभारों को अभी बाहर निकाल कर मुँह में लेकर चूस डालूँ.. परन्तु मैं शुरूआत नहीं करना चाहता था।
फिर बातों ही बातों में वो बोली- मैं तुम्हें मार दूँगी.. मैंने बोला- मार दो.. तो वो बोली- मैं तुम्हें काटूँगी.. मैंने बोला- काट दो..
तो उसने मेरे गाल पर काटा.. फिर मैंने बोला- बस इतना ही कर सकती हो? वो बोली- बहुत कुछ कर सकती हूँ.. तो मैंने बोला- क्या? वो बोली- मैं तुम्हें किस कर सकती हूँ.. तुम्हें काट सकती हूँ.. मार सकती हूँ.. तुम्हारा गला दबा सकती हूँ।
मैंने कहा- बस? तो वो बोली- ज्यादा मत बोलो.. मैं तुम्हारी पैंट की बेल्ट भी खोल सकती हूँ। मैंने बोला- खोल कर दिखाओ तो जानें।
उसने मेरी पैंट की बेल्ट खोल दी।
मैंने कहा- बस.. इतने से क्या होता है? तो वो बोली- मैं पैंट भी खोल दूँगी। मैंने कहा- खोल दो..
उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और उसकी चूचियाँ फूलने लगी थीं। फिर मैंने बोला- बस निकल गई हवा? वो बोली- ज्यादा मत बोलो.. नहीं तो हाथ अन्दर डाल दूँगी। मैंने बोला- डाल दो न.. रोका किसने है।
उसने जैसे ही अन्दर हाथ डाला और मेरा साढ़े आठ इंच का लौड़ा.. जो कि पहले से ही चोदने को तैयार था.. जब उसके हाथ में आया.. तो उसके चेहरे पर एक चमक और एक अजीब सी ख़ुशी थी।
हाथ में सामान आते ही उसने मेरा लौड़ा हिलाना शुरू कर दिया और मैं भी उस पर टूट पड़ा.. उसके होंठ चूसने लगा। उसकी चूचियां दबाने लगा। वो मेरा लौड़ा और तेज से हिलाने लगी और मैं झड़ गया। माल लगने से एकदम से मैंने उसका हाथ पीछे कर दिया और मेरा सारा वीर्य मेरे अंडरवियर पर ही गिर गया। मैं जल्दी से उठ कर साइड हो गया ताकि उसको पता न चले।
वो मुझसे पूछने लगी- क्या हुआ? मैंने उसको बोला दिया- मैं कन्ट्रोल कर रहा हूँ। वो बोली- मत करो कन्ट्रोल.. प्लीज..
उसके इतना कहते ही मेरे लण्ड में कुछ हरकत हुई और मैं उसको बोला- रुको.. मैं वाशरूम जाकर आता हूँ।
वहाँ जाकर पहले तो मैंने अपने लण्ड को बहुत गालियाँ दीं.. फिर मुझे एहसास हुआ कि बहुत महीनों से मैंने न तो सेक्स किया है और 2-3 हफ्तों से मुठ्ठ भी नहीं मारी.. शायद जल्दी निकलने का यही कारण था। मैंने उसको साफ किया और उसको बोला- चल मेरे लौड़े.. नर्स की चूत चोदने के लिए तैयार हो जा।
फिर मैं कमरे में वापिस गया और जाते ही नर्स पर टूट पड़ा। उसके होंठ चूसने लगा.. उसकी चूचियां दबाने लगा। उसकी सलवार के ऊपर से ही चूत पर उंगली रगड़ने लगा। वो पागल होने लगी और मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी, मेरा लौड़ा फिर से जोश में आने लगा।
फिर मैंने उसका कमीज उतारा, उसने पैड वाली ब्रा पहनी हुई थी। मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसकी चूचियां दबाने लगा। क्या चूचियाँ थीं उसकी.. एकदम फिट और गोल और टाइट और दबाते-दबाते ऐसे लग रहा था कि जैसे पानी का गुब्बारा है.. इतनी मुलायम कि दिल करता.. बस खा जाऊँ।
मैंने जैसे ही नर्स की चूचियों को मुँह में लिया.. नर्स तो पागल ही हो गई। वो मेरे सर को कस कर पकड़ कर दबा रही थी। फिर मैंने उसकी चूचियाँ चूसते-चूसते उसकी सलवार खोलनी शुरू की.. पर नहीं खुली.. उसने मेरा हाथ पीछे करके खुद खोल दी और पैंटी के साथ पूरी सलवार उतार दी।
मैंने उसकी चूत पर उंगली डाल दी.. उंगली डालते ही वो कसमसा सी गई थी। उसके मुँह से आवाज़ निकल रही थी- ओह प्रिंस… ओह प्रिंस.. मेरी जान.. उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, इधर मेरा लण्ड भी पैंट को फाड़ने की कोशिश कर रहा था।
मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और मेरा लौड़ा देखते ही नर्स ने मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से उसके कान में कहा- मेरा लण्ड चूसो न प्लीज़.. उसने बिना कुछ कहे मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया।
मैंने उससे कहा- कुल्फी की तरह चाटो न.. जैसे ही उसने चाटना शुरू किया.. मैं तो जैसे जन्नत में चला गया।
हाय क्या चाटा था उस नर्स ने मेरा लण्ड.. बस आप आँखें बंद करके सोचो शायद आपको कुछ एहसास हो.. फिर मैं उसकी चूचियां चूसने लगा.. तो वो बोली- प्लीज अब और कन्ट्रोल नहीं होता प्रिंस.. मुझे चोद दो.. नहीं तो मुझे कुछ हो जाएगा।
फिर मैंने अपने बैग में से कंडोम निकाला जो कि मेरे पास पड़े रहते हैं.. तो उसने मुझसे बोला- प्लीज.. कंडोम मत डालो.. तो मैंने उसको कहा- नहीं.. रिस्क नहीं लेना चाहिए। फिर वो बोली- अच्छा जो मर्जी करो.. पर मुझे अब बस चोद डालो।
जल्दी मैंने कंडोम निकाला और लौड़े पर चढ़ा कर उसकी चूचियाँ चूसते हुए उसकी टांगें उठा कर अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ा.. पर नर्स को इतनी जल्दी थी कि उसने मेरा लण्ड पकड़ कर उसे चूत का रास्ता दिखा दिया।
चूत के मुँह में मेरा लण्ड लगते ही मुझमें एक अजीब सा जोश आया और मैंने एक झटका मारा, मेरा पूरा लण्ड नर्स की चूत में चला गया और वो मझसे लिपट गई। ऐसा लग रहा था जैसे कि वो एक अरसे से नहीं चुदी थी। फिर मैंने एकदम फुल स्पीड के साथ चोदना शुरू कर दिया।
वो मुझसे बोली- थोड़ा धीरे.. जब मैं बोलूँगी.. तब फुल स्पीड से करना। मैं धीरे-धीरे लण्ड आगे-पीछे करते-करते उसकी चूचियां भी चूसने लगा, वो सिसकियाँ लेने लगी- आह्ह..आह्ह.. फिर वो बोली- अब थोड़ा तेज..
मैंने स्पीड तेज की तो.. उसकी सीत्कारें निकलने लगीं- अआह्हह.. अआह्हह.. ओ.. ऊह्ह.. प्रिंस.. थोड़ा और तेज.. हम्म्म्म.. आह्ह.. वो अपनी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी.. और उसकी आवाज़ मुझमें और जोश भर रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर वो एकदम से बोली- अआह्हह..ऊह्ह्ह.. ओह्ह..प्रिंस फुल स्पीड के साथ.. जितनी ताकत है.. पूरी लगा दो आज मुझे चोदने में.. आज मेरी प्यास बुझा दो.. चोद डालो मुझे.. फाड़ डालो मेरी चूत.. प्रिंस.. ऊह्ह्ह प्रिंस.. ओह्ह..प्रिंस आह्ह्ह..ह्ह.. मैंने भी.. जितना मुझमें जोर था.. एकदम फुल स्पीड से नर्स को चोदता रहा।
ठीक 10 मिनट बाद नर्स के मुँह से आवाज़ आई- ओह्ह्ह.. मेरी जान प्रिंस.. मैं झड़ रही हूँ.. उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने नाखूनों से मेरी पीठ को नोंच डाला। इन हरकतों से मैं भी झड़ने वाला था।
पूरे कमरे में ‘छप.. छप..’ चुदाई की आवाजें गूंज रही थीं। फिर एकदम सन्नाटा छा गया और हम दोनों झड़ गए, हम दोनों अब तेज-तेज साँसें ले रहे थे।
फिर उसने बोला- कुछ देर उसको अन्दर ही रहने दो.. थोड़ी देर बाद हम उठे.. हमने कपड़े पहने। नर्स ने मुझसे कहा- आज तो मैंने जन्नत की सैर कर ली। उसने मुझे एक किस दी।
फिर उसको मैंने चुपके से कमरे से निकाला और उसको उसके घर भेज दिया।
दोस्तो.. कैसी लगी मेरी यह आपबीती आप सबको.. प्लीज अगर मज़ा आया हो तो मेल करना.. ताकि मैं आपको मेरे और नर्स की अगली चुदाई के बारे में बता सकूँ कि होटल के कमरे में कैसे मैंने उसके मुँह में वीर्य निकाला और कैसे उसकी गाण्ड मारी..। email id- [email protected]
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