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मेरी बीवी ने मेरी तरफ देखते हुए उसके लण्ड को धीरे से छूने के लिए हाथ बढ़ाये, फिर पूरा मुट्ठी में भर लिया। मधु बोली- भैया, आपका लंड बहुत अच्छा और तना हुआ है। नीलेश बोला- भाभी, क्या आप मेरे लंड को चूस कर मेरा पानी निकाल सकती हैं।
मधु बोली- हाँ भैया, क्यूँ नहीं। पर अभी थोड़ी देर आप अपने लंड को ऐसे ही रखिये, आप आराम से हम दोनों को प्यार करते हुए देखेंगे तो आपको चुसवाने में और भी मज़ा आएगा। फिर बीवी ने हम दोनों के लंड को पकड़ के खेलना शुरू किया, मेरे लंड को चूमती कभी नीलेश के लंड को। नीलेश भी आहें भर रहा था और मैं भी।
मैं नीलेश से बोला- बहनचोद, तूने अपना लंड पकड़वाया हुआ है और वो देख, तेरे लंड को चूम भी रही है और तू है कि मेरी बीवी को प्यार भी नहीं कर रहा! चल तू भी अपना हाथ चला… मेरी बीवी को आज तक किसी और मर्द ने नहीं छुआ है। तू मेरी बीवी के किसी भी अंग को चूम और छू सकता है। नीलेश बोला- भाई थैंक यू, तूने तो दिल की बात कर दी।
फिर नीलेश मेरी बीवी के बूब्स को सहलाने लगा और निप्पलों के साथ खेलने लगा। मधु की साँसें गहरी होती जा रही थी, मधु बोली अब तो आप अपना लंड मेरे अंदर डाल दो, मैं मरने वाली हूँ, कब से तड़प रही हूँ आपके लंड के लिए! मैंने कहा- चाहो तो आज इसका लंड ले सकती हो। मधु बोली- नहीं, मुझे आपका ही लौड़ा अपने अंदर डलवाना है।
अब मधु को सोफे पे लिटाया और मैं उसके ऊपर आ गया। पर जगह कम थी इसके कारण स्ट्रोक्स अच्छे नहीं लग पा रहे थे, मैंने कहा- चल अंदर बिस्तर पे ही तेरी चुदाई करता हूँ। मधु बोली- हाँ, यहाँ अच्छे से लेट भी नहीं पा रही मैं।
हम तीनो नंगे ही बिस्तर पे चले गए। नीलेश ने बोला- भाई क्या मैं तेरी बीवी की चूत चाट सकता हूँ? बहुत देर से इनकी खुशबू ने मुझे दीवाना बनाया हुआ है। मैंने कहा- मुझसे क्या पूछता है, मेरी बीवी से पूछ! उसने फिर कहा- भाभी, क्या मैं आपकी चूत चाट लूँ? मधु बोली- नहीं भैया, अभी नहीं अभी मुझे लौड़े की ज़रूरत है, प्लीज आप माइंड मत करना।
मैंने कहा- एक काम कर, तू मेरा लंड चूस ले! मधु बोली- ओह्ह… आप किसी मर्द से लंड चुसवा सकते हो, और ये किसी और लंड चूस सकते हैं? मैंने कहा- अभी उसे चढ़ी हुई है, अभी वो कुछ भी कर सकता है। और मुंह तो औरत का हो या आदमी का रहेगा तो वैसा ही न!
मधु बोली- नहीं, मुझे अभी आपका लौड़ा अपनी चूत में चाहिए। और मुझे उठाने की कोशिश करने लगी। मैं उठकर उसके ऊपर चढ़ गया और दो ही बार में उसकी चूत में अपना पूरा लंड पेल दिया। अब नीलेश मेरी बीवी के बूब्स के ऊपर अपने लंड से मार रहा था और मुट्ठ मार रहा था।
मैंने नीलेश से बोला- तू अपना मुंह लंड के पास लेकर आ। नीलेश उल्टा लेट गया, अब उसकी टाँगें बीवी के मुंह की तरफ और उसका मुंह मेरी बीवी की चूत और मेरे लंड के करीब था, नीलेश की गर्म साँसे में अपने टट्टे पर महसूस कर रहा था।
मैंने अपना लंड मधु की चूत से बाहर निकला और नीलेश के मुंह पे रख दिया, नीलेश को जैसे ही गीला गीला महसूस हुआ, उसने तुरंत उसे अपने मुंह में ले लिया। मैंने फिर उसके मुंह से बाहर निकाला और बीवी की चूत में डाल दिया, फिर 2 धक्के बीवी की चूत में और 2 धक्के नीलेश के मुंह में मारने लगा।
नीलेश को मधु का पानी पीना था, उसका इससे अच्छा उपाय नहीं था। जब मैं मधु की चूत में धक्के मारता तो नीलेश कभी मेरी गांड चाटता और कभी मधु की।
इधर जब मधु को उसकी गांड पे जीभ महसूस हुई तो और ज्यादा उत्साहित हो गई और उसने भी नीलेश के लंड को सहलाना और मुट्ठ मारना शुरू कर दिया, मैं मधु की चुदाई के साथ साथ उसके बूब्स भी मसल रहा था। हम तीनों की सिसकारियाँ और आहें कमरे में गूंजने लगी।
मधु बोली- भैया, आप वहाँ से हट जाओ, मैं आने वाली हूँ। नीलेश बोला- भाभी, आप आ जाओ, पूरा पानी मेरे ऊपर निकाल दो, कोई बात नहीं, मुझे अच्छा लगेगा। मैंने कहा- मधु, तुम किसी की चिंता मत करो, बस चुदो मुझसे, मैं भी आने वाला हूँ।
मेरी आवाज़ें तेज़ होती जा रही थी, मैंने कहा- रंडी साली कुतिया, दूसरे लंड को कैसे मसल रही है? तेरी माँ की चूत। तेरी चूत को मार मार के भोसड़ा बना दूंगा माँ की लौड़ी। मधु बोली- और चोदिये न, आपकी ही चूत है, जितना मर्जी आये, उतना इसे चोदिये, मैं तो आपसे चुदने के लिए ही बनी हूँ, आपकी रंडी बनकर ही रहना चाहती हूँ।
हम दोनों का लगभग एक साथ स्खलन हो गया। इधर नीलेश लगातार मेरी और मधु की गांड चाटे जा रहा था। फिर जब मैं पूरी तरह मधु की चूत में झड़ गया तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला जिसे नीलेश ने बहुत अच्छे से साफ़ किया। फिर उसने मेरी बीवी मधु की चूत को भी अच्छे से चाट के साफ़ कर दिया।
इधर मधु ने नीलेश को भी हिला हिला के पागल सा कर रखा था। मैंने अपनी बीवी से उसका लंड छुड़ाया और नीलेश के लंड को अपनी बीवी के सामने ही चूसने लगा। मधु बोली- आप? मैंने कहा- जिसने तुम्हें इतना अच्छी अनुभूति दी है, उसके लिए ये क्या मैं कुछ भी कर सकता हूँ।
मधु बोली- आप हटो, मैं चूस लेती हूँ। आदमी का लंड औरत चूसे तो ज्यादा अच्छा लगता है। मैंने कहा- ठीक है, पर नीलेश को बहुत अच्छे से तृप्त कर देना। मैंने कहा- तुम उसके ऊपर लेट जाओ, अपने बदन से उसके बदन को रगड़ कर उसकी मलाई का कतरा कतरा निकाल दो।
नीलेश के नंगे बदन पर मधु लेट गई और मछली की तरह उसके बदन पर फिसलने लगी। नीलेश ने मधु को बाँहों में जकड़ा और बोला- भाभी आप ग्रेट हो, आप जिस तरह मेरे बदन की आग भड़का रही हो, मुझे मन कर रहा है कि मेरी मलाई कभी न निकले और मैं आपके साथ आपके पति के सामने ऐसे ही नंगा पड़ा रहूँ। भाभी अपनी चिकनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ दीजिये प्लीज!
मधु बोली- भइया, आप मुझे जकड़े हुए हैं, मैं हिल भी नहीं पा रही। आप छोड़िए तो मुझे, मैं आपका दिल खुश कर दूंगी। मैंने कहा- नीलेश, मज़ा आ रहा है मेरी बीवी के साथ? नीलेश बोला- यार ये ज़िन्दगी का सबसे सुहाना पल है, मैं इसे कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर बोला- भाभी, आप तो सेक्स की देवी हो। कितने अच्छे से सारे काम करती हो। मधु बोली- थैंक यू!
नीलेश बोला- भाभी में थोड़े अपशब्द का उपयोग कर लूँ, मेरे लंड की मलाई का फव्वारा बस निकलने ही वाला है। मधु बोली- भइया, आप कुछ भी बोलिए, अब तो मैं आपके साथ नंगी ही पड़ी हूँ, मुझे जैसे चाहे उपयोग करिये। आपका लंड बहुत प्यारा है, बिल्कुल राहुल जैसा लंड। क्या आप मेरी चूत में अपना ये लंड डालना चाहेंगे?
नीलेश ने मेरी तरफ देखा, मैंने कहा- तेरी और मधु की इच्छा होनी चाहिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। चूत क्या है, सिर्फ एक छेद है उसमें कोई और लंड चला जायेगा तो वो बर्बाद थोड़े ही हो जाएगी? 4 दिन की ज़िन्दगी है, हंस खेल कर गुज़ार लें। मैंने मधु से कहा- तुम दोनों को खेलते देख मेरा फिर से खड़ा हो गया है।
मधु तब तक फिसल कर नीलेश की टांगों की बीच अपना मुंह ला चुकी थी, वो उसके टट्टों को चाट चाट के लाल कर चुकी थी। उसने वहीं से अपना हाथ बढ़ाया और मेरे लंड को भी हिलाने लगी। मैंने कहा- मधु, दो लंड लोगी? नीलेश तुम्हारी चूत मार देगा, मैं तुम्हारी गांड मार देता हूँ। मधु बोली- मैं तैयार हूँ, पर पहले आप दोनों मुझे मेरे पूरे बदन को चूमो और चाटो।
मधु धीरे धीरे बहुत खुल गई थी। नीलेश उठ गया, मधु लेट गई। अब नीलेश मधु की टांगों के बीच अपना मुंह ले गया और एक हाथ से एक बूबे को रगड़ने लगा। मैंने उसके दूसरे बूबे को मुंह में लिया और चूसने लगा और एक ऊँगली से मधु के चूत के दाने को रगड़ने लगा।
मधु बोली- कितना अच्छा लग रहा है, आप दोनों कितने अच्छे हो, कितने प्यार से मेरे साथ खेल रहे हो। मधु ने एक हाथ मेरे सर पे और दूसरा नीलेश के सर पे रख हुआ था, वो धीरे धीरे पर कड़क हाथों से हमारे सर को सहला रही थी। मधु फिर बोली- भइया, आप बहुत अच्छे से चाट रहे हो। क्या मैं आपके मुंह में अपना पानी निकाल सकती हूँ? नीलेश बोला- भाभी मैं तो कब से आपका पानी पीने के लिए मरा जा रहा हूँ। आप एन्जॉय करो और निकाल दो पूरा पानी मेरे मुंह में। विश्वास मानो मुझे बहुत अच्छा लगेगा।
मधु बोली- सुनो, क्या आप भी मेरे नीचे जा सकते हो? मेरे दूसरे छेद को प्लीज चाट दो। जब हम चुदाई कर रहे थे और भैया चाट रहे थे तो बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने कहा- ओके डार्लिंग, तुम्हारे लिए में कुछ भी कर सकता हूँ।
अब मधु डॉगी स्टाइल में बिस्तर पर उलटी लेट गई नीलेश उसकी चूत के नीचे आ गया और मैंने अपना लंड नीलेश के लंड पे रख दिया और मधु की गांड पे अपना मुंह रख दिया। चाटने की आवाज़ और मधु की सिसकारियों से कमरे में माहौल और भी ज्यादा सेक्सी हो गया था। मधु की कमर से झटके महसूस होने लगे जैसे वो अपने पानी को बाहर की और ठेल रही हो। मधु ने 2-3 मिनट में ही पूरा बिस्तर और नीलेश का मुंह पूरी तरह गीला कर दिया। इतना वो नॉर्मली कभी पानी नहीं निकालती आज तो बहुत पानी निकला उसका।
मधु बुदबुदाती हुई बोली आप दोनों अपने अपने लंड को मेरे अंदर डाल दो जल्दी। नीलेश अपनी ही जगह पर ऊपर सरक गया, अब उसका तनतनाता हुआ लंड मधु की चूत के बिल्कुल सामने था और मैंने उठ कर मधु की गांड पर अपना लौड़ा तैनात कर दिया। मैंने और नीलेश ने मधु को सैंडविच बना लिया था।
मैंने कहा- नीलेश, एक साथ लंड डालेंगे, जब मैं 3 बोलूँ तो तू भी डालना, मैं भी डालूंगा… मेरी प्यारी जानेमन मधु को पता न चले कि दर्द हो कहाँ हो रहा है। नीलेश बोला- ओके! मैंने कहा- 1 – 2 – 3
तीन बोलते ही दोनों ने एक साथ उसके अलग अलग छेदों में लंड डाल दिए। मैं मधु की गांड कम ही मारता हूँ इसलिए वो अभी भी कड़क है।
मधु के मुंह के सामने नीलेश था, मधु बोली- भइया, जी भर के चोदो अपनी भाभी को। आपका लंड अंदर जाकर और भी अच्छा लग रहा है। नीलेश मधु को किस करने के लिए अपना मुंह आगे लेकर आया तो मधु पीछे हट गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
नीलेश बोला- भाभी, आपने सब कुछ किया पर लिप टू लिप किस में आप पीछे हट गई, ऐसा क्यूँ? मधु बोली- आपके पूरे मुंह में मेरा पानी है, मैं आप दोनों की मलाई तो खा जाती हूँ पर अपने खुद के पानी का टेस्ट मुझे ठीक नहीं लगता। सॉरी। आप अभी चुदाई कर दो मेरी, फिर मुंह धोकर मैं आपको किस भी कर दूंगी।
नीलेश हंसते हुए बोला- ठीक है भाभी डार्लिंग! फिर 2-3 धक्कों के बाद ही नीलेश बड़बड़ाने लगा- ले माँ की लौड़ी ले, अपनी चूत में ले मेरा लौड़ा… मादरचोद! राहुल तेरी बीवी तो माल है, साली कुतिया, क्या मस्त उछल उछल के लेती है। रंडी मेरी रंडी, चोद चोद के तेरी चूत मेरी मलाई से भर दूंगा बहन की लौड़ी।
मधु नीलेश के बालों को पुचकारते हुए बोली- भइया, आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं। आपका कड़क लंड ऐसा लग रहा है जैसे लोहे की रॉड अंदर डाल दी हो। आप तो… आह ओह्ह्ह आह… भर दो ओह्ह्ह आह आह मेरी चूत को!
इधर मैं भी स्पीड बढ़ा चुका था। मधु बोली- राहुल, आज प्लीज आह ओह्ह्ह… मेरे ऊपर कोई रहम मत करो, मेरी गांड फाड़ डालो। आपका लंड गांड में आह ओह्ह्ह आह आह ओह्ह्ह आह… चोद डालो।
नीलेश बोला- मैं आ रहा हूँ। भाभी आपकी चूत में ही डाल दू या मुंह में लोगी? मैं बोला- भर दे इसकी चूत को, साली ज़िन्दगी भर याद रखेगी तुझे। मधु और नीलेश दोनों कराहते हुए एक दूसरे में समां गए।
मैं अभी भी मधु की गांड तेज़ तेज़ मार रहा था, मधु बोली- राहुल, प्लीज निकाल लो, मुझे दर्द हो रहा है। मैंने कहा- अभी तो तू बोल रही थी कि मुझ पर कोई रहम मत करना? अब ले! नीलेश हंसने लगा। मैं हांफते हांफते बोला- एक शर्त पे छोड़ सकता हूँ, अगर तुम दोनों साथ में मेरा लंड चूसोगे? मधु बोली- हाँ बाबा हाँ, प्लीज छोड़ दो मुझे, मेरी गांड फट गई है।
मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया, मधु बोली- भैया, आप मुंह धोकर आ जाओ। नीलेश बिना कुछ बोले मुंह धोने चला गया, मधु ने मेरा लंड पहले कपड़े से अच्छे से साफ़ किया फिर मेरे लंड पे जीभ फेरने लगी।
इतनी देर में नीलेश भी मुंह धोकर आ गया और वो भी जीभ से मेरे लंड को सहलाने लगा। दोनों की जीभ बीच में टकरा रही थी। अब दोनों ने मेरे लंड को बीच में रखकर एक दूसरे को लिप तो लिप किस करना शुरू किया।
मेरे लंड के टोपे पर दोनों के ऊपर के होंठ थे और जीभ जब एक दूसरे के मुंह में डालने की कोशिश करते वो मेरे लंड से होकर ही गुज़रती। मैं तो पहले ही बहुत उत्तेजित था कि मैंने उन दोनों के मुंह में अपनी मलाई उड़ेलना शुरू कर दिया, 3-4 पिचकारी निकली, दोनों के किस में कोई फर्क नहीं पड़ा, वैसे ही स्लो मोशन में वो एक दूसरे को किस करते रहे और मेरी मलाई मधु अपने मुंह से उसके मुंह में रखती नीलेश अपने मुंह से मधु के मुंह में।
नीलेश और मधु एक एक हाथ मेरे अंडकोष पर और मधु को दूसरा हाथ नीलेश के अंडकोष पर और नीलेश का एक हाथ मधु के बूब्स पर था।
मुझे अब बहुत तेज़ नींद आ रही थी। यही आखरी बात याद है मुझे उस रात की! मैं कब नींद की ख़ामोशी में सो गया, मुझे याद नहीं।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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