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अब तक आपने पढ़ा..
कोमल- अच्छा ठीक है.. ठीक है.. यह नया मुर्गा कौन है.. पहले तो नहीं देखा मैंने कभी.. ये कुछ बोल क्यों नहीं रहा.. गूंगा है क्या? अर्जुन- मेरा नाम अर्जुन है और मैं तुम्हें देख कर तुम्हारे हुस्न में खो गया था.. इसलिए चुप था। कोमल- तेरे जैसे मुझे देख कर ऐसे ही सपनों की दुनिया में खो जाते हैं मगर ये कोमल ऐसे ही किसी के हाथ नहीं आती.. समझे.. सन्नी- कोमल इससे पंगा मत ले.. नहीं तो फार्म पर तू लंगड़ाती हुई जाएगी.. यह तेरी चाल बदल देगा।
कोमल बड़ी अदा के साथ अर्जुन के पास जाकर खड़ी हो गई और उसकी पैन्ट के उभार को देखते हुए बोली- अच्छा.. ऐसा क्या खास है इसके पास.. जो मेरी चाल ही बदल देगा।
अब आगे..
अर्जुन- अब यहाँ सब के सामने दिखाऊँ या अकेले में देखना पसन्द करोगी मेरी जान? टोनी- अरे यार ऐसे माहौल को गर्म ना करो.. एक तो साली तू इतनी सेक्सी लग रही है.. साला लौड़ा पहले ही तुझे सलामी दे रहा है.. अब तेरी ये बातें माहौल को और गर्म कर रही हैं। कोमल- इतनी आग लगी है लौड़े में.. तो आजा मेरे राजा.. अभी तुझे ठंडा कर देती हूँ.. मगर रोकड़ा जेब में है ना?
सन्नी- अरे बस-बस.. तू यहा धन्धा लेकर मत बैठ.. अब वहाँ जाना भी है.. पहले वो काम हो जाए उसके बाद जिससे चाहे चुदवा लेना। कोमल- अच्छा अच्छा.. चलो मगर मुझे इसका हथियार देखना है.. इसने ऐसा क्यों कहा कि मेरी चाल बदल देगा ये.. सन्नी- अरे इस सोए हुए नाग को मत छेड़.. एक बार इसने फन उठा लिया ना तो काटे बिना नहीं मानेगा।
अर्जुन- अरे यार सन्नी डरो मत.. कुछ नहीं करूँगा.. बस 5 मिनट इसको दिखा दूँ.. नहीं ये सारे रास्ते परेशान रहेगी कि मेरा कैसा है। सन्नी- जाओ वो सामने कमरे में जाओ यहाँ रहोगे तो हमारी भी नियत बिगड़ जाएगी।
अर्जुन ने कोमल का हाथ पकड़ा और उसको कमरे के अन्दर ले गया और अन्दर जाते ही उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
कोमल भी अर्जुन का साथ देने लगी.. कुछ देर ये किस चलता रहा उस दौरान अर्जुन ने कोमल के मम्मों का और गाण्ड का अच्छे से जायजा ले लिया।
कोमल- अब बस भी करो.. जिस काम के लिए आए हो वो करो.. दिखाओ तो ज़रा अपना साँप.. मैं भी तो देखूँ कितना ज़हरीला है वो? अर्जुन- अब मैं क्या दिखाऊँ.. तू खुद अपने हाथों से उसको आज़ाद कर ले।
कोमल नीचे बैठ गई और अर्जुन की पैन्ट को खोल दिया और एक ही झटके में अंडरवियर समेत पैन्ट नीचे को खींच दी।
अर्जुन का लंबा लौड़ा एकदम से तना हुआ उसकी आँखों के सामने आ गया।
कोमल- हाए राम.. ये क्या है.. इतना लंबा और मोटा..! ये तो किसी घोड़ी को भी चिल्लाने पर मजबूर कर दे। अर्जुन- अरे डरती क्यों है.. मैं तुझे घोड़ी बना कर ही चोदूँगा। कोमल- ना बाबा ना.. मैं नहीं लेती इसको.. मेरी चूत तो फट ही जाएगी।
अर्जुन- अरे कुछ नहीं होगा.. तू तो खेली खाई है.. मैंने तो कुँवारी लड़की की सील तोड़ी इससे.. कोमल- बाप रे… वो तो मर गई होगी। अर्जुन- अरे पागल.. लौड़े से कोई मरता है क्या.. अब बातें बन्द कर.. तूने साँप को बाहर तो निकाल दिया है.. अब जल्दी से चूस कर इसका जहर भी निकाल दे।
कोमल- हाँ ये तो मैं करूँगी.. इतने प्यारे लौड़े को में चूसे बिना कैसे रह सकती हूँ। इतना कहकर कोमल ने अपनी जीभ सुपारे पर घुमानी शुरू कर दी.. वो बड़े प्यार से लौड़े को चूसने लगी।
अर्जुन- अहहा.. चूस.. मेरी जान.. तेरे होंठ ऐसे हैं तो चूत कैसी होगी.. कोमल- इतना बड़ा लौड़ा मेरे मुँह में ठीक से नहीं जा पा रहा.. तो मेरी छोटी सी चूत में कैसे जा पाएगा। अर्जुन- बुरा मत मानना.. मगर तेरा तो पेशा यही है ना.. जाने कितने लौड़े खा चुकी अब तक तू..
कोमल- हैलो.. मैं कोई रंडी नहीं हूँ.. कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. वो तो मेरी कुछ जरूरतें है.. जिन्हें पूरा करने के लिए चुदवाती हूँ.. और रही बात बहुत लौड़े खाने की.. तो तुमको बता दूँ आज तक 7″ से बड़ा कभी नहीं लिया मैंने.. और इतनी भी नहीं चुदी जितना तुम सोच रहे हो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अर्जुन- अरे 7 इन्च का ले लिया तो इसमें क्या डर.. चल मान जा तुझे मज़ा ना आए तो कहना..
कोमल- वैसे एक बात कहूँ.. इसको देख कर मन तो मेरा बहुत मचल रहा है.. लेकिन बाहर जो बारात खड़ी है उनका क्या? अर्जुन- तू उनकी फिकर मत कर.. बस हाँ बोल.. बाकी मैं देख लूँगा। कोमल- नहीं अभी नहीं.. वहाँ फार्म पर कर लेना.. ओके अब चलो यहाँ से!
अर्जुन- अरे इसे जगाया है.. अब चूस कर ठंडा तो करो। कोमल- अब इसको खड़ा ही रखो.. वहाँ वो लड़की की चुदाई करनी है। अर्जुन- अरे उसकी याद मत दिला.. साली उसको तो ऐसे चोदूँगा कि क्या याद करेगी वो..।
बाहर से आवाज आई.. सन्नी- अरे बस बहुत दिखा दिया.. अब आ भी जाओ बाहर.. देर हो रही है। अर्जुन ने कोमल से कहा- बस 2 मिनट रूको.. मैं अभी आता हूँ.. सन्नी को समझा कर.. आता हूँ.. आज तो यहाँ से तेरी ठुकाई करके ही जाऊँगा।
अर्जुन बाहर आ गया और सन्नी से कहा- कैसे भी करके मुझको कोमल के साथ थोड़ी देर रहने दो.. मेरा मन आ गया है उस पर। सन्नी- एक बात कहूँ.. साली राण्ड है तो मस्त.. मन तो मेरा भी आ गया है इस पर.. अब ये तीन लंगूर भी यहीं हैं इनका कुछ इंतजाम करके दोनों साथ में साली की ठुकाई करेंगे।
अर्जुन- वाह.. दोस्त.. ये हुई ना बात.. चल तू उनको रास्ते लगा.. तब तक मैं उसको चोदने के लिए रेडी करता हूँ। सन्नी- ठीक है मैं उनको भेज कर आता हूँ.. तब तक तू साली को नंगी कर.. आज शुरुआत इसी से करते है और एंड पायल पर करेंगे ओके..
सन्नी हँसता हुआ वहाँ से चला गया और अर्जुन वापस अन्दर कोमल के पास चला गया।
टोनी- बॉस क्या हो रहा है.. अब हमें निकलना है या नहीं। सन्नी- विवेक और सुनील तुम दोनों सीधे फार्म जाओ.. टोनी और कोमल एक साथ आएँगे.. समझ गए ना? टोनी- यह नया फंडा क्या है बॉस? सन्नी- मैंने जितना कहा उतना सुनो.. अब तुम दोनों निकलो.. बाकी हम बाद में आते हैं तब देखते हैं।
उन दोनों के जाने के बाद सन्नी ने टोनी को कहा- तुम जाकर शराब का बंदोबस्त करो.. एक घंटे बाद यहीं वापस आ जाना। टोनी- बॉस क्या लफड़ा है.. एक घंटा आप यहाँ क्या करोगे? सन्नी- अर्जुन को तेरी बहन ने छेड़ दिया है.. अब वो उसकी ठुकाई करे बिना जाने वाला नहीं.. तो अब तू यहाँ से जा.. और आराम से वापस आना।
टोनी- बॉस ये क्या अपने बहन-बहन लगा रखा है.. उस साली रंडी को मेरी बहन ना बोलो आप.. सन्नी- अच्छा नहीं बोलता.. अब निकल भी यहाँ से। टोनी- बॉस वो साली आज बहुत मस्त लग रही है.. एक चान्स मेरे को भी दे दो ना.. सन्नी- अबे तेरे को पायल नहीं चाहिए क्या.. अब ज़्यादा बहस ना कर.. चल निकल यहाँ से..
टोनी समझ गया अब ज़्यादा बोलने से कोई फायदा नहीं और वो वहाँ से निकल चुपचाप निकल गया।
इनकी ये बहस जब चल रही थी तब अर्जुन ने क्या किया वो भी देख लो।
अर्जुन वापस अन्दर गया और कोमल को बाँहों में लेकर किस करने लगा.. उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।
कोमल- अरे हटो भी.. क्या हुआ बाहर.. उन सबको क्या बोलकर आए हो? अर्जुन- बारात को भेज दिया है मेरी जान.. बस अब मैं दूल्हा और तू मेरी दुल्हन.. चल अब देर ना कर.. तेरे मस्त चूचे और चूत के दीदार करा दे।
कोमल तो पहले ही गर्म हो गई थी.. ऊपर से अर्जुन का लंबा लौड़ा उसको मदहोश किए जा रहा था। उसने देर ना करते हुए एक-एक करके सारे कपड़े निकाल दिए।
कोमल- ले राजा.. तेरी दुल्हन तैयार है सुहागरात के लिए.. अब तू भी तो नंगा हो जा.. ताकि दो जिस्मों का मिलन अच्छे से हो सके।
कोमल की 34″ नाप की मस्त चूचियां और 36″ की जबरदस्त गाण्ड को देख कर अर्जुन पागल हो गया, उसने भी कपड़े निकाल दिए और बिस्तर पर कोमल को लेकर चूमने लगा।
सन्नी जब अन्दर आया तो अर्जुन और कोमल किसी साँप के जोड़े की तरह एक-दूसरे से लिपटे हुए थे।
सन्नी- वाह.. भाई तूने तो बहुत जल्दी नंगा कर दिया इस छमिया को..
सन्नी की आवाज़ सुनकर कोमल थोड़ा सा चौंक गई और जल्दी से अर्जुन से अलग होकर बैठ गई।
कोमल- ओह्ह.. तो आप नहीं गए बारात के साथ.. मुझे तो पहले ही आपकी नियत पर शक हो गया था कि आपके मन में भी मेरे लिए कुछ काला है। सन्नी- अब ये काला-पीला तो मैं जानता नहीं.. हाँ एक बात है.. आज तेरी चूत को हम दोनों मारकर लाल जरूर कर देंगे हा हा हा हा हा.. कोमल- ऐसी बात है.. तो दूर क्यों खड़े हो.. आप भी नंगे होकर आ जाओ.. मैदान में..
कोमल की जवानी देखकर सन्नी का लौड़ा भी पैन्ट में अकड़ा हुआ था। सन्नी ने देर ना करते हुए फ़ौरन अपने कपड़े निकाल दिए.. जब कोमल की नज़र लौड़े पर गई.. तो उसके होश उड़ गए क्योंकि यह भी छोटा-मोटा लण्ड नहीं था.. पूरे 8″ का मूसल था।
कोमल- हाय राम.. आज तो लगता है मैं मर ही जाऊँगी.. तेरा भी बहुत बड़ा है और इसका तो तेरे से भी बड़ा है.. अब मेरा क्या होगा!
आप जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिख र मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]
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