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थोड़ी ही देर में हम दोनों ने बहुत सारी मलाई छोड़ दी, फिर मेरे पुराने टॉवल से उसे साफ़ कर दिया। मैंने उसको बोला- अब तू सो जा… मैं भी सोने जा रहा हूँ। और मैं वापस अपने कमरे में आकर अपनी नंगी बीवी से नंगा ही चिपक कर सो गया।
सुबह जब आँख खुली तो मधु मेरे लिए चाय लिए मेरे सर पे ही खड़ी थी। मैंने चाय ली और उठ कर तकिए का टेका लगाया, पूछा- नीलेश उठ गया? तो बोली- नहीं अभी नहीं उठे, आप उठा दो, मैंने उनके लिए भी चाय बनाई है।
मैं बिस्तर से उठ कर जाने लगा तो बोली- रुको, कुछ पहन तो लो। मैंने देखा कि मैंने रात भर से कुछ पहना ही नहीं था, मैंने जल्दी से कपड़े पहने और नीलेश को उठाने चला गया। उसने केवल अंडरवियर ही पहना था। मैंने उसको उठाया और बोला- अंदर आ जा, चाय बन गई है। वह एक शॉर्ट्स और बनियान पहन कर बैडरूम में आ गया।
बैडरूम में जाने का रास्ता किचन से होकर ही है, तो वह से निकलते हुए उसने मधु को गुड मॉर्निंग बोला और मेरे कमरे में आ गया। पीछे पीछे ही मधु भी चाय लेकर आ गई। बीवी ने पूछा- आप लोग कितने बजे सोये? मैंने कहा- पता नहीं टाइम ही नहीं देखा।
सब चाय पीकर अपने अपने काम में लग गए, नीलेश वाशरूम चला गया, बीवी किचन में और मैं न्यूज़पेपर लेकर बाहर वाले कमरे में! आज सुबह मैंने नीलेश का मधु के लिए व्यवहार में अंतर पाया, उसका देखने और बात करने के तरीके से मुझे अंतर महसूस हुआ। मैं अभी अखबार पढ़ ही रहा था और रात के ख्यालों में खोया हुआ था कि बीवी ने पीछे से आकर मुझे पकड़ा और मेरे मुंह को चूम लिया और बोली- रात को जब अंदर आये तो जगाया क्यू नहीं? और पता है, मैं भी ऐसे ही सो रही थी और आप भी… और आपने दरवाज़ा भी बंद नहीं किया था। कभी भैया ने रात को वाशरूम use किया होगा तो?
मैंने अपने चेहरे पर आश्चर्य के भाव दिखाए और कहा- ओह्ह सॉरी सॉरी… मैं भूल गया होऊँगा। और थोड़ा मजाकिया अंदाज़ में बोला- अभी आने दो उसको… पूछता हूँ, रात को क्या क्या देखा कमीने ने।मधु बोली- धत्त !!! और मेरे छाती पर धीरे धीरे से वार कर दिया।
मैंने उसे वहीं से पकड़ा और आधा सोफे पे लटका के उसके होंठों पे चुम्बन करने लगा। इतने में खराश की आवाज़ आई, हम दोनों फटाफट नार्मल हुए, नीलेश ही था, वाशरूम से वापस आ गया था। मधु थोड़ा सा शर्मा गई और किचन की तरफ चली गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
नीलेश ने कोई रिएक्शन नहीं दिया जैसे उसने कुछ देखा ही न हो। नीलेश समझदार है उसे पता है कब और क्या करना चाहिए। मुझे इशारे से पूछा- सिगरेट? मैंने इशारे से बोला- छत पे।
फिर मैं बोला- मधु, मैं ऊपर जा रहा हूँ, थोड़ी देर में आता हूँ। अंदर से आवाज़ आई- आपका लाइटर तो यही पड़ा है। रुको मैं आती हूँ। हम गेट पर ही खड़े थे, लाइटर लेकर हम छत पर चले गए।
सिगरेट जलाते ही मैंने पूछा- तू साले थोड़ी और देर नहीं बैठ सकता था वाशरूम में, इतनी जल्दी क्यूँ आ गया? और आ भी गया था तो खांकरा क्यूँ? नीलेश बोला- मैं थोड़ी देर से देख रहा था पर मेरे वाशरूम में होने की वजह से तुम इससे आगे बढ़ते नहीं और भाभी की आँखें शायद खुलने ही वाली थी।
मैंने कहा- अच्छा, किस करते समय आँखें बंद थी क्या उसकी? नीलेश ने कहा- हाँ! नीलेश फिर बोला- और बता आज का क्या प्रोग्राम है? मैंने कहा- तू बोल, वही करते हैं। उसने कहा- तेरी बड़ी स्क्रीन पे कोई मूवी देखते हैं, खाना खाते हैं और घर में पड़े रहते हैं। कहीं जाने का मन नहीं है, अभी थकान मिटी नहीं है। मैंने हाँ में सर हिला दिया।
मैंने नीचे आकर बीवी को भी आज के प्रोग्राम से अवगत करा दिया। हम दोनों की मूवीज देखने में एक्सपर्ट्स (मोटी खाल) है। चाहे कैसी भी सड़ी मूवी दिखा लो, हम अपना टाइम पास कर ही लेते थे।
हम दोनों ही सोफे पर बैठकर मूवी देख रहे थे, हमने कमरे में परदे और दरवाज़े बंद करके अँधेरा कर लिया था, AC ऑन कर रखा था तो एक चादर भी ओढ़ ली थी। उस चादर की आड़ में उसने मेरी चड्डी में हाथ डाला हुआ था और मैंने उसकी चड्डी में। बीच बीच में मधु हमे कभी चिप्स कभी कोल्ड ड्रिंक्स देने भी आई पर उसे कुछ पता नहीं चला।
अब जब भी वो बीच में आती तो मुझे अच्छा लगता… डर और सामने चोरी करने का एक्साइटमेंट ही कुछ और है। अब मैं मधु को जान कर के बार बार बीच बीच में किसी न किसी काम से बुलाता, आवाज़ लगाता।
इस बार जब मैंने रिमोट के लिए मधु को बुलाया और वो जब रिमोट के लिए हमारी तरफ पीठ करके झुकी तो उसके चूतड़ों की गोलाई बिल्कुल आँखों के सामने थी। मैं बिना नीलेश की तरफ देखे हुए ही समझ गया कि उसे गोलाई बहुत अच्छी लगी है क्योंकि शायद आँखों से और शक्ल से वो छुपा भी लेता पर अभी तो उसका हथियार मेरे हाथ में ही था जो झूठ बोल ही नहीं पाता।
जब रिमोट देने के लिए हमारी साइड झुकी तो उसके बूब्स भी आँखों की चमक बढ़ा गए नीलेश की।
जब वो वह से चली गई तो मैंने नीलेश से पूछा- यार, एक सुट्टा ब्रेक तो बनता है। नीलेश बोला- हाँ यार! अंदर से मधु बोली- इतनी बकवास मूवी देखते ही क्यूँ हो जो खुद से ही नहीं झिलती! और हंस पड़ी।
बालकनी में सिगरेट जलाते ही मैंने पूछा- क्यूँ बे, तेरी मधु पे नियत ख़राब लगती है मुझे। साले उसे देखते ही तेरा लण्ड बेहद अकड़ जाता है। नीलेश के चेहरे पर थोड़ा डर था, वो बोला- नहीं भाई, ऐसी तो कोई बात नहीं है। मैं थोड़ा मुस्कुराया जिससे वो डरे नहीं और जो मन में है, वो बोले। नीलेश बोला- देख भाभी है तो खूबसूरत… इसमें तो कोई दो राय नहीं है, और कल जब उनका पानी टेस्ट किया तो देखने का नजरिया तो बदलता ही है। सॉरी भाई, प्लीज बुरा मत मान यार!
मैंने अपनी मुस्कराहट और बड़ी कर दी, मैंने बोला- तू चूतिया है क्या? मैं बुरा नहीं मान रहा हूँ। पर मुझे अच्छा सा नहीं लगा पर जितना बुरा लगना चाहिए, उतना बुरा भी नहीं लगा। कुछ अजीब तो है पर सच यही है।
अब हम सिगरेट खत्म करके अंदर आ गये, नीलेश मूवी प्ले करके सोफे पर बैठ गया और मैं अंदर अपनी बीवी के पास आ गया। मैं आकर बोला- मधु, क्या तुम अपनी ब्रा उतार कर रह सकती हो? मुझे अच्छा लगेगा। मधु लगभग गुस्से में बोली- आपके सामने तो ठीक है, पर भैया भी तो हैं, उनके सामने ऐसे कैसे काम करुँगी? मैंने कहा- अरे, उसे क्या पता चलेगा। तो मधु बोली- नहीं, मैं नहीं करने वाली ऐसा कुछ! आप जाओ टीवी देखो, मुझे खाना बनाने में लेट हो रहा है।
मैं मुंह बनाकर आकर सोफे पे बैठ गया, दुबारा से हमने चादर ओढ़ ली और एक दूसरे की चड्डियों में हाथ डाल लिए। मधु अंदर से बोली- आप कालीन पर प्लास्टिक बिछा लो, मैं खाना ला रही हूँ।
हम दोनों हाथ धोकर कालीन पर प्लास्टिक बिछा के बैठ गए। खाना खाने का मजा तो जमीन पे ही आता है। डाइनिंग टेबल तो हम सामान रखने के लिए लाये हैं। जैसे ही मधु खाना लेकर रखने लगी तो मैंने ध्यान दिया कि उसने ब्रा उतार दी है और बार बार झुक कर खाना रखने और परोसने के कारण उसके बूब्स बहुत अच्छे से हिल रहे हैं।
मैंने मधु को आँख मार के थैंक्स बोल दिया। खाना परसने में जब भी वो झुकती, पूरा अंदर तक का अच्छा सा नज़ारा दिख जाता। नीलेश और में दोनों ही सुबह से लण्ड सहला ही रहे थे इसलिए वो खड़े तो थे ही और ऐसे नजारा देख कर वो और झटके खाने लगते थे।
खाना खाकर हम दोनों साथ में वाशरूम में हाथ धोने चले गए। उसने हाथ धोए और मूतने के लिए कमोड की तरफ मुड़ा, मैं भी हाथ धोकर उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया, मैं साइड से उसका लण्ड पकड़ के बोला- मूत!
नीलेश मुस्कुराने लगा और आँख बंद करके मूतने की कोशिश करने लगा। मैं धीरे धीरे उसका लौड़ा जो की आधे से ज्यादा खड़ा था हिलाया जिससे उसमें से मूत गिरने लगे। धीरे से 4 बूँद मूत निकला, फिर रुक कर फिर तेज़ धार निकलना शुरू हो गई। मैंने उसका लण्ड ऐसे पकड़ा हुआ था कि उसका मूत मेरे हाथ पर भी गिरे।
वो कराह रहा था। उसके मूतने के बाद मैंने उसके लण्ड को झड़ाया जिससे बचा कुचा पानी भी गिर जाए। फिर नीचे झुक कर उसके लण्ड पे किस किया और टोपे से थोड़ी खाल ऊपर करके उसके लण्ड को थोड़ा सा चूस भी लिया।
इतने में कमरे में कोई आवाज़ हुई, मैं फटाफट से बेसिन पर हाथ धोने में लग गया और नीलेश अपना मूतने के बाद का जो हिलाना होता है, वो करने लगा क्योंकि हम वाशरूम का दरवाज़ा बंद करना भूल गए थे।
मधु ने देखा तो बाहर चली गई। हम दोनों भी सरपट बाहर आ गये। मुझे शक था कि मधु ने कुछ देख न लिया हो।
नीलेश वापस सोफे पर बैठ गया, मैं बीवी के पास गया और बोला- खाना लाजवाब था। उसने मुझे इशारे से बैडरूम में आने को बोला, मैं उसके पीछे पीछे चला गया। मधु ने पूछा- आप दोनों वाशरूम में एक साथ?
मैं उसकी बात खत्म होने से पहले ही बोला- यार, तुम भी न… लड़कों के वाशरूम देखे है कभी? वहाँ ऐसा ही होता है! हाथ से इशारा करते हुए कहा- उसका मुंह उस तरफ था मेरा मुंह इस तरफ।
मधु बोली- लेकिन यह घर है। यहाँ ऐसा करने की क्या ज़रूरत है। आप थोड़ी देर रुक नहीं सकते थे क्या? कितना एम्ब्रेस्सिंग लगता है। अभी उनसे नज़र मिलाना भी मुश्किल होगा मेरे लिए! कम से कम दरवाज़ा तो बंद किया होता। वो भी ऐसे बेशरम हैं और आप भी।
मैं क्या कहता, चुपचाप सुनता रहा, दिल में दिलासा था कि कम से कम उसने वो नहीं देखा जो वाकयी मुश्किल में डाल देता। मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज़ चल रही थी कि अगर ये ज्यादा गुस्सा हो गई तो आज नीलेश को इसकी चूत का स्वाद कैसे चखाऊँगा।
मैंने उसको कंधे से पकड़ा और कहा- देखो, इतना गुस्सा मत करो, यह इतनी बड़ी बात नहीं है। हम लोग तुम्हें यहाँ एक्सपेक्ट ही नहीं कर रहे थे। खैर जो हुआ वो छोडो, मुझे तो नींद आ रही है, कल रात भर नहीं सोये, अभी खाना खाकर नींद आ रही है। तुम भी थोड़ी देर लेट लो जिससे फ्रेश हो जाओगी और इतना गुस्सा नहीं आएगा।
वो थोड़ा मुस्कुराई, मैंने सोचा यही मौका है, मैंने कहा- तुमने मेरी बात मान के मुझे खुश कर दिया। खाना खाने में और भी बहुत मज़ा आया, खाने का ज़ायका और बढ़ गया था तुम्हारे मस्त मस्त बूब्स देखकर। और मैंने बोलते बोलते टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स दबा दिए। मैंने मधु को बोला- मैं अभी उसको भी सोने के लिए बोल के आता हूँ जिससे बीच में डिस्टर्ब करने नहीं आएगा।
में नीलेश के पास आया और उससे बोला- यार, अच्छे खाने के बाद एक एक सिगरेट हो जाये। बालकनी में सिगरेट पीते हुए उससे बोला- तेरी भाभी का मूड सही नहीं है। ज़रा प्यार कर आऊँ, थोड़ी देर में आता हूँ, तुझे बेहतरीन पानी का टेस्ट कराने को। उसके चेहरे पर चमक आ गई, वो बोला- भाई जल्दी जा। मेरे लण्ड को शॉर्ट्स के ऊपर से ही टच करके बोला- ज्यादा से ज्यादा पानी निकालना।
मैं कमरे में आया दरवाज़ा बंद किया, नाईट लैंप ऑन किया और आकर बिस्तर पे मधु के बगल में लेट गया। उसने मुझे बिना कुछ बोले ही अपने और करीब आने के लिए अपनी बाँहों में भर लिया। मुझे समझ आ गया था कि कल रात से भूखी है इसलिए चूत कुलबुला रही होगी।
हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने में एक दूसरे की मदद की, उसने मेरे लण्ड को चूस के थोड़ा गीला कर दिया। मैंने भी उसकी चूत को चाट कर गीला कर दिया। उसकी चूत पहले ही इतना पानी छोड़ रही थी कि चाटने की ज़रूरत नहीं थी। जब उसकी पैंटी उतारी थी तब ही वो काफी गीली थी।
वो अपनी टाँगें चौड़ी करके लेट गई और मुझे अपने ऊपर आने का न्योता दे रही थी। कामाग्नि में जलती हुई मेरी बीवी मधु बहुत ही खूबसूरत लगती है। मैंने 3-4 धक्कों में ही पूरा लण्ड अंदर डाल दिया और फिर हम पागलों की तरह एक दूसरे को प्यार और चूमाचाटी करने लगे।
चूत में अंदर बाहर होता हुआ लण्ड बिल्कुल चिकना हो चुका था, मधु की साँसें बहुत तेज़ और सिसकारियाँ बहुत तीखी हो गई थी, मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा जिससे उसकी आवाज़ें बाहर तक न जायें। पर उसे पता नहीं क्या हो गया था, उसने मेरा हाथ अपने मुंह से हटा दिया। मैंने भी सोचा की मधु को पूरा एन्जॉय करने देना चाहिए।
वो मेरे कूल्हों को पकड़ कर और ज़ोर से हिलाने लगी, शायद वो आने ही वाली थी, उसकी आवाज़ें अब और भी तेज़ हो गई थी। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई। हम दोनों थोड़े ठिठक गए।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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