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आज आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। हो सकता है कि बहुत लोगों को इस पर विश्वास न हो, लेकिन यह एक सच्ची घटना है और इस बात का मैं आप लोगों को यकीन दिलाता हूँ।
यह एक सच्ची कहानी है.. बात आज से लगभग कुछ महीने ही पहले की है। मेरी नई-नई नौकरी लगी थी.. रियल एस्टेट में.. रोज ही अपने काम पर जाता था।
मेरे दफ्तर में कुछ लोग बड़े अच्छे थे लेकिन कुछ लोग शुरू से ही मेरे को डांटते रहते थे.. पर मैं हमेशा की तरह अपने काम में लगा रहता था। मेरे दफ्तर में एक गोलू नाम का सीनियर कर्मचारी भी था वो मुझको रोज-रोज घूरता रहता था। कभी बहाने से मेरे लौड़े को छूता.. तो कभी गाण्ड को.. लेकिन मैं भी शान्ति से सब झेल लेता था.. गोलू को कुछ भी नहीं कहता था।
धीरे-धीरे गोलू मेरे पास आने लगा, एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे पूछा- सर आपको मुझसे क्या चाहिए? तो वो हँस पड़ा.. मेरे को उसका स्टाइल पसंद आया तो मैंने उसकी गाण्ड पर हाथ मारा। वो अपना नंबर मुझे दे कर चला गया।
मैंने अपने दोस्त राज को गोलू का नंबर दिया.. तो राज ने गोलू से बात की.. दोनों का टाइम फिक्स हो गया। सोमवार को सुबह के समय हम दोनों गोलू के घर गए.. तो उसने खूब खातिरदारी की.. फिर बोला- व्हिस्की? मैंने तो मना कर दिया.. लेकिन राज ने कहा- दो पैग बना लो।
राज और गोलू दोनों पीने लगे। धीरे-धीरे राज और गोलू पास-पास आने लगे..
तभी गोलू की बीवी आई… क्या बदन था उसका.. देखने लायक.. मैंने उससे नमस्ते की.. तो वो हँसने लगी।
कुछ देर बाद गोलू ने उसे बाहर जाने को कहा.. बस फिर क्या राज और गोलू दोनों शुरू हो गए एक-दूसरे को किस करने लगे थे। कुछ देर में दोनों नंगे और 69 की अवस्था में आ गए थे। लेकिन मेरा तो ध्यान गोलू की वाइफ में था।
राज गोलू की गांड को चोद रहा था.. तभी मेरे दिमाग में एक विचार आया.. क्यों न गोलू की वाइफ को भी यहीं बुला लूँ। मैंने राज से पूछा- भाभी को भी बुला लें? उसने हाँ का इशारा किया।
फिर क्या था.. मैंने भाभी को आवाज मारी और गेट खोल दिया। अपने पति को गाण्ड मराते हुए देख कर वो रोने लगी। मैंने उसे समझाया- यह सब होता है दुनिया में.. पर वो तो रोये जा रही थी।
मैंने उसको दूसरे कमरे में आने को कहा और पूछा- आप क्यों रो रही हो? तो उसने बताया- मेरा पति कई सालों से मुझको चोदता ही नहीं है। तो मैंने कहा- कोई बात नहीं.. आज से आपकी हर इच्छा मैं पूरी करूँगा। और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
तक़रीबन दस मिनट तक रसपान करने के बाद मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। मैंने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और साड़ी हटा कर पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
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अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी। भाभी ने एकदम नई स्टाइल की ब्रा-पैन्टी पहन रखी थी। ब्रा को हटाते ही उसके दो गोरे-गोरे तीखे कड़क उरोज उछल पड़े।
मैंने पास जाकर उसके नरम होंठों को चूसना चालू किया.. तो उसके मुँह से ‘आहें..’ निकलने लगीं। अब वो भी अपनी जुबान से मेरी जुबान को चाट रही थी। क्या बताऊँ कि क्या मस्त मुलायम जुबान थी।
फिर शुरू हुआ चुदाई का खेल.. मैंने उस दिन 5 बार भाभी को चोदा और बाद में गोलू की गाण्ड भी मारी। इसके बाद तो गाहे-बगाहे गोलू और उसकी बीवी दोनों ही मुझसे चुदाई करवाने लगे।
आपको मेरी यह संक्षिप्त कहानी कैसी लगी.. मुझे इस पते पर ईमेल करें। [email protected]
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