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कहानी का पिछला भाग : सेक्सी बीवी और दोस्त के साथ लम्बी ड्राइव-1
अब तक आपने मेरी डायरी में लिखे मेरे उस कामोत्तेजक अंश को जाना जो मैंने अपने दोस्त और अपनी बीवी के साथ सेक्स करते हुए लिखे थे.. कि चाँद की रोशनी में मैंने अपनी बीवी नंगी चूचियों को देखा तो मस्त हो गया।
मैंने उसकी तरफ मुड़ कर उसका दुपट्टा उसके सीने से खींच कर हटा दिया और चाँद की रोशनी में उसकी नंगी चूचियों को देखा तो मस्त हो गया।
उस दिन चाँद काफी बड़ा और तेज रोशनी वाला था और गाड़ी की खिड़कियों से चाँद की बहुत रोशनी अन्दर आ रही थी। उस रोशनी में मेरी टॉपलेस बीवी बहुत मस्त लग रही थी और वो बिना किसी झिझक या शर्म के विलास के सामने अपनी चूचियाँ उभार कर बैठी थी। मैंने आगे बढ़ कर उसकी चूची थाम ली और उनको जोर से मसला, वो मस्ती से बोली- हाय.. और जोर से..
अब आगे..
इस बात से विलास भी बहुत मस्त हो गया। मैंने उसकी फ्रॉक पूरी नीचे सरका कर कमर तक नंगी कर दिया और उसकी सीट भी पीछे को झुका दी।
विलास भी पूरी मस्ती में लग रहा था, उसने उसकी एक चूची थाम ली और झुक कर उसको चूसने लगा। वो मेरे लौड़े को नंगा करके अपने मुलायम और गर्म हाथ से मसल रही थी। मैं उसकी दूसरी चूची पर टूट पड़ा।
हम दोनों मस्ती से भरे जानवरों की तरह उसकी चूचियों को मसल रहे थे.. चूस रहे थे.. निप्पलस को नोंच रहे थे.. बीच-बीच में अपने दांतों से निप्पल पर हल्के-हल्के काट भी रहे थे और वो और ज्यादा मस्त होती जा रही थी।
मैंने उसकी उस चूची को.. जो मेरे हिस्से में आई थी.. जोर-जोर से दबा-दबा कर मसला.. जिससे वो और गर्म हो गई। फिर मैंने उसके निप्पल तो अपनी उंगली और अंगूठे के बीच पकड़ कर चूची को जोर से जो खींचा.. तो वो लम्बी होकर ‘कोन’ जैसी दिखने लगी.. और मैंने उसके निप्पलों को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया।
उसकी चूची पानी से भरे गुब्बारे की तरह मचल रही थी और मेरी सेक्सी बीवी और ज्यादा मस्त हो रही थी।
मैंने उसको उसकी सीट पर थोड़ा ऊपर करके उसकी फ्रॉक उसकी कमर से नीचे खिसकानी शुरू कर दी और उसने इसमें मेरी सहायता की। इस बीच मुझे बेल्ट के खुलने की आवाज़ आई.. तो मैंने विलास की तरफ देखा, वो जल्दी-जल्दी अपनी पैन्ट की बेल्ट खोल रहा था। मैं समझ गया कि विलास बहुत गर्म हो रहा है.. क्योंकि इससे पहले उसने इस तरह मेरी पत्नी के सामने अपने लौड़े को नंगा नहीं किया था।
मैंने अपना ध्यान अपनी पत्नी को नंगी करने में लगाया और उसको अपने दोस्त के सामने पूरी नंगी कर दिया। मेरी मस्त बीवी ने नंगी होने में पूरा सहयोग दिया और विलास के सामने नंगी होकर वो बहुत गर्म हो गई।
मेरी बड़ी इच्छा रहती थी कि वो हर वक्त अपना मंगलसूत्र पहने रहे.. और इसी लिए वो मंगलसूत्र पहना करती.. तो उसको उस समय तुम्हारे सामने केवल मंगलसूत्र पहने हुए पूरी नंगी देखने में और ज्यादा मज़ा आता। लेकिन वो बिना मंगलसूत्र के भी बहुत सेक्सी लग रही थी और किसी रंडी की तरह लग रही थी।
इस बीच विलास ने अपने लौड़े को नंगा कर दिया और उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया। वो शायद धीरे-धीरे तुम्हारा लौड़ा सहलाने लगी।
विलास मस्ती से भर कर उसकी चूची मसलने लगा, उसको चूमने लगा। वो मस्ती से भर चुकी थी और एक हाथ से विलास का और दूसरे हाथ से मेरा लौड़ा सहला रही थी।
यह ज़िन्दगी में पहली बार था कि उसने मेरे अलावा किसी दूसरे लौड़े को छुआ था। मैं भी आज बहुत मस्त हो गया था और विलास द्वारा अपने लौड़े को नंगा करके मेरी इतने सालों से ब्याही बीवी के हाथ में देने पर मैंने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया।
थोड़ी देर उसकी चूचियों को मसलने चूसने और उसकी चूत को सहलाने के बाद.. मैंने उसको इस तरह घूमने को कहा कि उसकी लटकी हुई चूचियाँ हम दोनों चूस सकें। वो फ़ौरन मस्ती से घूम गई और उसने अपनी सेक्सी मस्त चूचियाँ लटका कर हमारे सामने पेश कर दीं।
हम दोनों उसको गाड़ी में पूरी नंगी देख कर और चाँद की रोशनी में उसकी लटकती और झूलती हुई मोटी-मोटी चूचियाँ देख कर और ज्यादा मस्त हो गए।
विलास ने कहा- चाँद की रोशनी में तुम्हारा नंगा जिस्म बहुत सेक्सी लग रहा है.. प्रिया ने भी मुस्कुरा कर अपने हाथों में दोबारा से हमारे लौड़े थाम लिए और मसलने लगी। मैं सोच रहा था कि काश मेरे पास कैमरा होता.. तो मैं हम तीनों की मस्ती करते हुआ फोटो ले लेता।
इस बीच मैंने उसको झुक कर उसका मुँह अपने नंगे लौड़े पर लगाया.. तो उसने नीचे झुक कर मेरा लौड़ा अपने मुँह में भर लिया और किसी रंडी की तरह चूसने लगी।
नीचे झुकने से उसकी गाण्ड ऊपर उभर आई और विलास ने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। तुमने फ़ौरन झुक कर उसकी गाण्ड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और उसकी गाण्ड और चूत को चूमने लगे।
मैं पक्का था कि तुम जरूर उसकी गाण्ड को सूंघ कर उसकी मदमस्त महक का मजा ले रहे होगे। हालांकि मेरी बीवी उस वक्त एक अजीब सी स्थिति में थी जिससे वो थोड़ा दिक्कत भी महसूस कर रही होगी पर तब भी वो उस स्थिति में भी मेरा लौड़ा चूसने के साथ-साथ तुम्हारा लण्ड भी सहलाने का मजा ले रही थी।
कुछ ही पलों में मेरा माल छूटने वाला था मैं बहुत तेज आवाज में ‘उह्ह..आह्ह.. मैं गया.. ओह्ह..’ सिसकारने लगा। मैं चाहता था कि मेरा माल मेरी बीवी के मुँह में ही छूटे पर मैंने जल्दी से अपना लौड़ा अपनी बीवी के मुँह से बाहर खींच लिया ताकि इतनी जल्दी मेरा माल न छुट पाए।
मेरा ऐसा करने से मेरा लवड़ा मेरी बीवी के मुँह से ‘प्लॉप’ की आवाज करते हुए निकल आया.. मेरी बीवी पूरी मस्ती से मर लौड़ा चूस रही थी उसने बड़ी अनिच्छा से मेरा लौड़ा अपने मुँह से छोड़ा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब मैं कुछ देर के लिए थम गया था.. और मेरी बीवी एक दो टके की रण्डी की तरह धीरे से बोल उठी- मुझे चोद दो.. मैंने उसकी तरफ देखा जैसे मैंने उसकी मांग को सुना ही नहीं तो उसने अपनी चूत को सहला कर कहा- मुझे चोदो न.. मुझे उम्मीद है कि विलास ने भी उसकी चुदने कि मांग को सुना होगा।
इस पूरे समय में वो हम दोनों के लौड़े पकड़े हुए थी और लगातार मुठिया रही थी। मुझे यह महसूस हो रहा था कि मेरी बीवी मेरा लण्ड बहुत ही रफ तरीके से मुठिया रही थी.. विलास क्या महसूस कर रहा था.. यह मुझे नहीं मालूम था। उस वक्त तो लण्ड सहलवाने के मजे के कारण मेरी आँखें मुंदी हुई थीं.. और मैं उसे बहुत बेदर्दी से चोदने की सोच रहा था।
मुझे लग रहा था कि आज इसे एक सड़कछाप रंडी की तरह खूब हचक कर चोदूँ। मैंने अपनी आँखें बन्द किए किए उससे पूछा- तुम कौन हो? ‘रण्डी..’ ‘क्या कहा.. मुझे सुनाई नहीं दिया?’ ‘मैं रण्डी.. तुम दोनों की..’
मुझे उसकी बात सुन कर बहुत जोश चढ़ गया और मैंने नीचे झुक कर उसकी चूत को अपनी हथेली से भर लिया.. और एक उंगली उसकी चूत में डाल कर चूत में उंगली करने लगा.. वो एकदम से गनगना गई। वो अब भी विलास के लौड़े को मुठियाए जा रही थी.. जबकि मैंने उसकी चूत में उंगली करने के साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके मस्त चूचों को भींचना चालू कर दिया। बीच-बीच में मैं उसके चूचों को अपने मुँह से पीता भी जा रहा था।
तभी विलास झड़ गया.. और एकदम से सीट से टिक गया.. इसके बाद उसने मेरे लौड़े को मुठियाना शुरू कर दिया और कुछ ही पलों में मैं भी झड़ने को हो गया।
अब कार में हम तीनों की गर्म साँसों से माहौल एकदम गर्म हो उठा था सो मैंने कार का एसी ऑन कर दिया। समय मेरी बीवी एक हीट पर आई हुई कुतिया जैसी हो चुकी थी उसको हर हालत में उसकी चूत में लवड़ा चाहिए था.. अब वो किसी का भी हो चाहे मेरा हो या तुम्हारा लण्ड हो..
मगर बजाए लण्ड के मेरी उंगलियाँ ही उसकी चूत का मर्दन करने में लगी थीं। उसका जिस्म एकदम से ऐंठने लगा और उसके मस्त बदन की गर्मी हम दोनों के अंगों में मचलने लगी और तभी एकदम से एक तेज ‘आह्ह…’ के साथ वो झड़ गई। उसी के साथ मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया।
कुछ देर तक मैंने महसूस किया कि वो झड़ते समय कितना थिरक रही थी। अब वो एकदम से निढाल हो कर मेरी बाँहों में गिर गई.. और तेज-तेज साँसें लेने लगी। उसकी धड़कन मुझे साफ़ सुना दे रही थी, उसके निस्तेज हुए जिस्म से साफ़ महसूस हो रहा था कि अब उसकी प्यास फिलहाल शान्त हो चुकी है।
कुछ पल हम सब एकदम शान्त मजे से पड़े रहे.. फिर तभी मैंने देखा कि वो अपनी सीट पर उठ कर बैठ गई और अपनी चूचियाँ मेरी तरफ तानती हुई बोली- लो.. चूसो.. मुझे उसकी बात सुन कर मजा आ गया.. और मैंने उससे कहा- क्या.. मुझे सुनाई नहीं दिया तुमने क्या कहा? जरा फिर से कहो? उसने मुस्कुराते हुए कहा- नीचे से हाथ डालो.. और उसने अपनी टॉप एडजस्ट किया।
मुझे लगा कि शायद विलास ने नीचे से उसके टॉप में हाथ डाल कर उसकी नंगी चूची सहलानी शुरू कर दी थी। मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया। मैं मन ही मन सोच रहा था कि काश मेरी पत्नी वहाँ दोबारा नंगी होकर अपनी चुदाई के लिए हमें कहे। पर उसने ऐसा कहा नहीं और पूरे रास्ते हम दोनों से अपनी चूची मसलवाती रही।
फिर हम विलास को ड्राप करके वापिस आ गए।
दोस्तो, मेरी इस कामवासना से भरी कहानी के विषय में आप अपने कमेन्ट मुझे लिख भेजिए। [email protected]
इसी कहानी से सम्बन्धित आगे की कहानी : बीवी की चुत चुदाई मेरे दोस्त से
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