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मैं चंद्रशेखर एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी कहानी लेकर… मेरी पिछली कहानियों टाईटैनिक पर रश्मि और बेरोजगारी ने बनाया चूत सेवक को पढ़कर बहुत सारे पाठकों ने ईमेल किये, कई औरतों ने मुझसे अपनी चूत चुदवाने की इच्छा जताई, पर मेरी जॉब बेंगलुरु में लग गई थी तो सबके यहाँ जाना संभव नहीं था।
एक दिन मुझे बेंगलुरु की ही शिल्पी नाम की युवती ने मेल किया, बताया कि वो मुझसे चुदना चाहती है और उसने मेरा मोबाइल नंबर और फीस पूछी। मैंने उसे जवाब लिख दिया, अपना मोबाइल नंबर दे दिया और कहा- अब मेरी जॉब लगी हुई है तो मुझे फीस की ज़रूरत नहीं है।
उसी दिन शाम को उसका कॉल आया और उधर से उसकी प्यारी सी आवाज़ सुनकर ही समझ गया कि यह शिल्पी ही है। उसने मुझसे मिलने का समय पूछा और कहा- यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने उसे निजता का वादा किया और शनिवार को मैं उसके कहने पर शहर से बाहर एक होटल पर पहुँच गया और उसे कॉल किया।
उसने मुझे कमरा नंबर बताया, मैं पहुँचा तो देखा दरवाजा खुला ही था। मैंने देखा तो वो एक बहुत ही खूबसूरत और जवान लड़की थी। मेरी पहली नज़र उसके उभारों पर पड़ी जो इतने गोल मटोल थे और ऊपर से उसके गुलाबी और रसीले होंठ जिन पर तो मैं पहली नज़र मे फिदा हो गया।
अंदर आकर हम दोनों बिस्तर पर बैठे और बात करने लगे। उसने बताया कि उसकी शादी दो साल पहले ही हुई है और उसका पति अमेरिका में ऑनसाइट गया हुआ है तो उनकी फ़ोन या स्काइप पर ही बात होती है। यहाँ वो अपने सास ससुर के साथ रहती है। पिछले एक साल से वो सेक्स के लिए तड़फ़ रही है और ऊपर से यह मौसम रोज ही सेक्सी हो जाता है इसीलिए वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है।
वो मेरी पिछली कहानियो में बताई चूत चटाई से काफ़ी प्रभावित थी, उसने बताया कि वो अपने सास ससुर को मार्केट जाने का बहाना करके आई है तो हमें जल्दी ही करना होगा।
ऐसा कहते ही वो मुझ पर जन्मों से प्यासी और भूखी की तरह टूट पड़ी और मुझे चूमने लगी और मैं भी एक तरफ उसके होंठों का रसास्वादन कर रहा था तो दूसरी तरफ उसके चूचों को भी मसल रहा था।
देखते देखते ही हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए और शरीर पर अब केवल अंतर्वस्त्र रह गये थे, उसने गुलाबी रंग की ब्रा और काली पैंटी पहनी हुई थी, मैं तो उसके हुस्न को देखकर ही पागल हो गया था कि कैसे कोई इतनी सुंदर बीवी को अकेला छोड़ सकता है।
किस करते हुए हम दोनों पूरी तरह से चिपक गये थे, उसने बहुत कसकर मुझे पकड़ा हुआ था जिससे उसकी चूचियाँ मेरी छाती पर गड़ रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके चेहरे से लेकर पेट तक चूमना शुरू कर दिया और वो तो मदमस्त आहें भरे जा रही थी, पूरे कमरे में उसकी आहें गूँज रही थी पर मैंने पहले ही फोन पर इन्स्ट्रुमेंटल म्यूज़िक बजा रखा था जिससे आवाज़ बाहर ना जाए और उत्तेजक संगीत उसे भी काफ़ी गर्म कर रहा था।
काफ़ी देर तक की होंठ और चूची चूसने के बाद मैं उसकी नाभि के साथ खेलने लग गया और एक हाथ मैंने उसकी भट्टी की तरह जलती हुई चूत पर लगा दिया और चूत के आसपास जांघों में सहलाने लगा।
कुछ देर तक सहलाने के बाद वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो मैंने सोचा गर्म चूत में लंड डालने का मज़ा लिया जाए। उसकी पैंटी को उतारते ही जो नज़ारा दिखा मेरे लंड महाराज तो पहले से ही बेकाबू थे और ऊपर से चिकनी और साफ गोरी चूत को देखकर रुक नहीं पाया।
उसने जल्दी से मेरे लंड को एक प्यारी सी चुम्मी दी और कहा- अब जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो। पर तभी मुझे शरारत सूझी और मैं लंड को उसके चूत के उपर और आसपास रगड़ने लगा। इससे उसकी आग और भड़क रही थी और वो मुझसे लंड को चूत में डालने की भीख माँगने लगी और कहने लगी- अब और मत तड़फा, फाड़ दे इस चूत को और बुझा दे मेरी प्यास!
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और धक्का लगाया तो पहली बार में लंड फिसल गया क्यूंकि उसकी चूत चुदाई ना होने के कारण बहुत तंग और कसी हुई थी। तो पहले मैंने उसकी चूत चाट कर गीली की, उसकी चूत का स्वाद सच में अमृत लग रहा था, उसकी मादक गंध मुझे पागल किए जा रही थी।
अब मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए फिर से जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में उसके अंदर चला गया और शिल्पी ज़ोर से चीखी और बोली- धीरे करो यार! मैंने कहा- मैं क्या करूँ, तुम्हारी चूत ही कुछ ज़्यादा कसी है।
उसके दर्द को कम करने के लिए मैंने उसके होंठों को चूसा और चूचों को दबाया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर में ही वो अपने चूतड़ उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी और 15 मिनट में हम दोनों एक साथ झड़ गये। चुदने के बाद उसके चेहरे पर जो खुशी थी सच में ब्यान नहीं की जा सकती।
कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे के उपर पड़े रहे और फिर थोड़ी देर में दूसरे राउंड के लिए तैयार हो रहे थे। इस बार उसने मुझे बोला- डॉगी स्टाइल में करते हैं। मैंने कहा- जो आपकी इच्छा!
वो डोगी स्टाइल में बिस्तर पर खड़ी हो गई और मैंने उसके चूतड़ सहलाए, बहुत मुलायम और गोल मटोल चूतड़ थे उसके… मैंने कुछ देर उसके चूतड़ चाटे और फ़िर लंड को सही पोज़ीशन में लगाया। कुछ देर तक उपर ऊपर ही उसकी गुदा के आसपास और चूत के आस पास रगड़ने से वो फिर से गर्म हो गई और मैंने भी ज़्यादा देर ना करते हुए उसकी चूत पेलना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में जब मैं झड़ने वाला था तो उसने कहा- अब मेरे मुँह में झड़ो। और मैंने पूरा लंड उसके मुँह में दे डाला। उसकी कोमल जीभ का स्पर्श पाते ही मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया और वो पूरा रस गटक गई। फिर हमने बाथरूम में भी एक बार और चुदाई की, नहाने के बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया, फिर हम वहाँ से निकल गये और उसने निकलने से पहले मुझे 5000 रुपये थमाए और कहा- इसे रख लो।
मैंने रुपये अपनी जेब में डाले और वो चली गई।
उसके बाद भी उसने मुझे तीन बार बुलाया और हमने अलग अलग तरीके से चुदाई की। अब उसका पति अमेरिका से वापिस आ गया है तो उसने मुझे बुलाना बंद कर दिया है।
मेरी कहानी पर आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेल कर सकते हैं। [email protected]
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